आप मुझे ऐसे देखिए मत ", रेवा ने कहा ।
"अच्छा ..तो तुम बताओ कैसे देखू ? ",अर्जुन ने रेवा के थोड़े नजदीक जाते हुए कहा जिस वजह से रेवा के शरीर मैं एक सिरहन सी दौड़ गई।
"वो...मेरे कहने का मतलब था की....",रेवा ने अपनी बात पूरी भी नही की थी तभी उसने महसूस किया कि अर्जुन की पकड़ उसके ऊपर और भी ज्यादा मजबूत होती जा रही थी।
"बोलो ! क्या था तुम्हारे कहने का मतलब ?", अर्जुन ने रेवा को अपने ओर करीब खींचते हुए पूछा ।
रेवा: "what are you doing! leave me । कोई देख लेगा "
"I am holding my whole universe in my arms " अर्जुन ने धीमी आवाज मैं कहा ।
"क्या कहा आपने ? बारिश की वजह से सुनाई नही दिया ", रेवा ने कहा ।
"..पूरा रोड खाली पड़ा हैं । और देखे कोई भी i don't care at all । तुम्हे एक पल के लिए भी खुद से दूर करता हूं तो तुम प्रोब्लम मैं आ जाती हो । मैने कहा था ना मैं तुम्हे एक पल के लिए भी अपने से दूर नही करूंगा । हमेशा प्रोटेक्ट करूंगा...", अर्जुन ने रेवा के आंखो मैं देखते हुए कहा ।
"हमे शायद अब जाना चाहिए ...आप भीग गए है बीमार पड़ जायेंगे ",रेवा ने अपने आप को अर्जुन के बाहों से छुड़ाते हुए कहा । लेकिन रेवा जितनी ज्यादा कोशिश करती अर्जुन के बाहों से छूटने की,अर्जुन उसे और भी ज्यादा कसकर पकड़ लेता।
"I don't care ", अर्जुन ने फिर से जवाब दिया ।
"आपको किसी भी care नही है ... दूसरो की भी नही और खुद की हेल्थ की भी नही .. क्या हुआ है आपको आज ! ऐसे क्यों बिहेव कर रहे है ", रेवा ने अर्जुन की ओर देखकर मासूमियत से पूछा ।
"हां क्योंकि मुझे सिर्फ तुम्हारी केयर है । मिल गया जवाब?", अर्जुन ने कहा और रेवा को अपनी बाहों से आजाद कर दिया ।
अर्जुन : याद है तुम्हे ! दो दिन पहले तुम इसी बारिश मैं मुझे मिली थीं ।
"हां और जब मैं आपके गाड़ी के सामने आई थी तब आप चिल्लाए थे मुझ पर as usual... वैसे भी आपको सिर्फ चिल्लाना आता है मुझ पर ", रेवा ने हंसते हुए कहा ।
"ऐसा नही हैं! तुम अभी तक मुझे जानती नही हो...जिस दिन जान जाओगी ना तब तुम्हारा ओपिनियन पूरी तरह से बदल गया होगा ।तुम्हे क्या लगता है मेरे सीने मैं दिल नाम की कोई चीज नहीं है क्या ? और.... अर्जुन इसके आगे कुछ बोल पाता तभी उसने छींकना शुरू कर दिया ।
रेवा: आप बीमार पड़ जायेंगे ऐसे ... हमे अब जाना चाहिए ! चलिए .. यहां से घर ज्यादा दूर नही है आधे घंटे मैं पहुंच जाएंगे "
रेवा की बात सुनकर अर्जुन ने अपना सिर बस हां मैं हिला दिया । दोनो भी गाड़ी मैं बैठ गए । लेकिन अर्जुन की नजर अभी भी रेवा पर थी । वो अभी भी रेवा को निहारे जा रहा था।
ऐसे क्यों देख रहे है आप ? रेवा ने पूछा ।
अर्जुन ने अपना सीट बेल्ट निकाला और रेवा के करीब जाने लगा । तो अर्जुन को अपने करीब आता देख रेवा का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था । अर्जुन रेवा के इतने करीब था की उसकी गर्म सांसे रेवा अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी । अनजाने मैं रेवा ने अपनी आंखे बंद कर दी । रेवा को ऐसा करता देख अर्जुन के ओंठो पर एक डेविल स्माइल आ गई । अर्जुन ने रेवा को सीटबेल्ट लगाया और रेवा से दूर हो गया ।
रेवा को अपनी ही सोच पर शर्म हा रही थी ।
"क्या हुआ ? आंखे क्यों बंद की? ", अर्जुन ने पूछा ।
"कुछ नही वो...शायद आंखो मैं कुछ चला गया ", रेवा ने सिचुएशन को संभालते हुए कहा।
"पक्का ? तुमने कुछ उल्टा सीधा तो नही सोचा ना मेरे बारे में ? I know I am handsome । तुम भी कब तक कंट्रोल करोगी खुद पर! " ,अर्जुन की इस बात पर रेवा ने कहा–"ऐसा कुछ नही है .. आप गाड़ी स्टार्ट कीजिए जल्दी "
अर्जुन ने गाड़ी स्टार्ट की । कुछ देर बाद रेवा ने अचानक से कहा – "विंडो बंद कीजिए ना.."
"क्या करने का इरादा है तुम्हारा ?? ", अर्जुन ने शरारती अंदाज मैं पूछा।
"आप अपना दिमाग कुछ ज्यादा तेज नही चला रहे ! आप जैसा सोच रहे है वैसा कुछ नही है मेरे दिमाग मैं .. मुझे ठंड लग रही है इस लिए बोल रही हूं ", रेवा ने अपने आप को एक्सप्लेन करते हुए कहा ।
"हा लेकिन मैने कुछ कहा ही नहीं!! और मैने कुछ सोचा भी नही था । जो भी सोचा वो तुमने सोचा !! मैने बस पूछा की इरादा क्या है तुम्हारा ! बाकी आगे का तुमने ही सोच लिया .. कितनी गंदी सोच है तुम्हारी रेवा । ये सब सोचती हो तुम मेरे बारे में ? ", अर्जुन की इस बात पर रेवा ने अपनी गर्दन झुकाली ।
"मेरा दिमाग !! कुछ भी सोचती है रेवा ! हो क्या गया है तुझे ! ", रेवा ने अपने आप को कोसते हुए मन मैं ही कहा ।