Hold Me Close - 2 - Contract Marriage Harshu द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Hold Me Close - 2 - Contract Marriage

कुछ देर बाद जब रेवा की नींद खुली तब उसने देखा की चारो ओर सिर्फ अंधेरा था । उसके सिर मैं तेज दर्द हो रहा था। रेवा को पहले से ही अंधेरे से बहुत डर लगता था वो अपने बेड से नीचे उतरी और दरवाजा खोलकर बाहर की ओर भाग गई ।

तो नीचे हॉल मैं अर्जुन अपने हाथो में गन लेकर अपने सामने खड़े आदमी को गुस्से से देख रहा था जिसकी उम्र लगभग ३० साल होगी ।

"प्लीज मुझे जाने दो , मैं फिर से ऐसी हरकत कभी नही करूंगा लेकिन इस बार प्लीज मुझे छोड़ दो", उस आदमी ने अर्जुन के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा लेकिन अर्जुन को इस सबसे कोई फर्क नही पड़ रहा था ।

अर्जुन ने उस आदमी के ऊपर गन प्वाइंट की और कहा – ये सब ऐसी घिनौनी हरकत करने से पहले सोचना चाहिए था ।

लेकिन ...वो आदमी इसके आगे कुछ बोल पाता ,अर्जुन ने एक गोली चलाई जो उस आदमी के सीने पर जा लगी ।

जैसे ही अर्जुन ने गोली चलाई पीछे से रेवा जोर से चिल्लाई ।

"ये क्या किया आपने उसे मार दिया !! जान ले ली उसकी ... आपने खून कर दिया उसका.. ये सब देखकर रेवा के दिमाग ने मानो काम करना ही बंद कर दिया । फर्श उस आदमी के खून से सनी हुई थी। रेवा अब सिर्फ उस घर से बाहर निकलना चाहती थी । रेवा वहा से भागने लगी लेकिन अर्जुन के बॉडीगार्ड्स ने उसे पकड़ लिया और अर्जुन के सामने खड़ा कर दिया ।

"मुझे मेरे घर जाना है प्लीज मुझे जाने दीजिए ...मैने क्या बिगाड़ा है आपका ! में इसके बारे मैं किसीको कुछ नही बताऊंगी लेकिन प्लीज मुझे जाने दीजिए ", रेवा ने उसके सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा ।

"घर जाना है तुम्हे ?? अर्जुन ने सपाट लहजे में पूछा उसके चहरे पर किसी तरह के कोई एक्सप्रेशंस नही थे ।

अर्जुन की इस बात पर रेवा ने किसी छोटी बच्ची की तरह अपना सिर हा मैं हिला दिया।

अपनी सौतेली मां के पास फिर से जाना है जिसने तुम्हे एक आदमी को बेच दिया था ? जिसने तुम्हारा सौदा किया था ? मैं बचाकर लाया हूं तुम्हे । जैसे ही अर्जुन के मुंह से रेवा ने ये बात सुनी उसके आंखों से आसू बहने लगे।

अर्जुन ने रेवा के सामने कुछ पेपर्स रखे और कहा – sign the papers

रेवा ने सवाल भरी नजरो से अर्जुन की ओर देखा ।

हमारी शादी के पेपर्स ...i mean हमारे शादी के कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स अर्जुन ने जवाब दिया।

"क्या ?? शादी वो भी मेरी और आपकी !! R U OUT OF YOUR MIND ? मुझे नही साइन करना मुझे बस यहां से बाहर जाना है ...प्लीज मुझे छोड़ दीजिए मैं आप जैसे आदमी के साथ अपनी पूरी जिंदगी नही बिता सकती", रेवा ने जवाब दिया ।

"कॉन्ट्रैक्ट का मतलब समझ आता है तुम्हे ? कहा जाओगी ? तुम अपने घर तो जा नही सकती ! होटल में रुकने के लिए पैसे नही है तुम्हारे पास और वैसे भी तुम्हारे पीछे जो आदमी पड़ा था उससे तुम्हे अभी भी खतरा है ...इस सिचुएशन मैं सिर्फ में तुम्हारी हेल्प कर सकता हूं ...तुम साइन करके मेरी हेल्प करो मैं तुम्हारी हेल्प करूंगा ! so sign the papers! Decision is yours...2 मिनिट है तुम्हारे पास डिसिजन लेने के लिए वरना अगर तुमने पेपर साइन नही किए तो मेरे पास लड़कियो की कोई कमी नही है। कोई भी लड़की राज़ी हो जायेगी । नुकसान तुम्हारा है । अर्जुन ने सपाट लहजे में कहा ।

रेवा को कुछ समझ नही आ रहा था की क्या डिसिजन लिया जाए । लेकिन वो अब और उसके सौतेली मां को नही झेल सकती थी और ये जानने के बावजूद भी की वो उसके जिस्म का सौदा कर रही थी रेवा का फिर से वहा जाना उसके लिए सेफ नही था । इस बार अपने घर जाने से ज्यादा सेफ रेवा को किसी अजनबी के साथ रहना लग रहा था ।

रेवा ने पहले ही अपनी जिंदगी में बहुत कुछ से लिया था अब उसे इसकी फिक्र नही थी की उकसे इस फैसले के बाद उसकी लाइफ कैसी होगी। वो बस अपनी सौतेली मां के घर फिर से नहीं जाना चाहती थी ।

उसने मजबूरी में ही सही पेपर्स पर साइन कर ही लिए । पेपर पर साइन करने के बाद रेवा के आसू पेपर पर गिर गए । सिर्फ एक रात में उसकी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी जिंदगी कभी ऐसा भी मोड़ लेंगी।

Good girl ... अर्जुन ने कहा और वो पेपर्स तुषार को दे दिए जो उसका बचपन का दोस्त था।

अर्जुन ने एक राहत भरी सांस ली और रेवा को देखा जो अभी भी अपना मुंह छुपाए रोए जा रही थी। अर्जुन रेवा के सामने बैठा और अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया । लेकिन इससे पहले की वो रेवा को छू पाता रेवा ने अर्जुन को जोर से धक्का देते हुए कहा – stay away from me ! Don't touch me आपने ये अच्छा नही किया । मेरे मजबूरी का फायदा उठाया है आपने ।

पहली बार किसी लड़की ने अर्जुन से इस तरह से बाद की थी । अर्जुन ने अपनी मुट्ठियां कस ली मानो वो अपने गुस्से पर कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा हो ।

तुमसे प्यार से पेशा रहा हूं इसका मतलब ये नहीं की तुम मुझे कुछ भी बोलदोगी। फायदा नही उठाया है मैने तुम्हारा ...इसके पीछे मेरी खुद की वजह थी । और रहा सवाल तुम्हारे पास आने का तो तुम ही मेरे करीब मत आना । तुम दूर रहो मुझ से । समझी ? और आइंदा से मेरे साथ बत्तमीजी मैं बात करने की सोचना भी मत , तुम्हे पता नही है की में क्या क्या कर सकता हूं . अर्जुन ने गुस्से मैं आकर रेवा से बोल दिया । पहले ही रेवा ने बहुत कुछ सहे लिया था अब उसे ये सब और बरदाश नही हो रहा था ।

रेवा अभी भी हॉल के कोने में बैठकर रोए जा रही थी । अर्जुन ने उसे नजर अंदाज किया और ऊपर अपने रूम में चला गया ।

"ये लड़की पागल है क्या ! ऐसे रो रही है मानो इसकी जिंदगी बर्बाद की हो मैंने ! Just impossible ... ", अर्जुन बड़बड़ाया ।