Bhuli Bisri Khatti Meethi Yaade - 29 books and stories free download online pdf in Hindi

भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे - 29

मै बांदीकुई गया तब ताऊजी से बात करने पर पता चला।वह बांदीकुई में कई जगह गया और एक दूसरे से रिश्तेदारियों का जिक्र करके
और मेरी पत्नी मेरे पास आ गयी थी।तब मैं रावली में रहता था।पहले कमरा पहली मंजिल पर था।पर शादी से पहले सबसे ऊपर एक कमरा था वह किराए पर ले लिया था।।
बात पत्नी के पहली बार नाराज होने की
उस दिन मेरा रेस्ट था।रेस्ट वाले दिन हम पिक्चर देखने जाते थे।घर से आते समय नुक्कड़ पर एक पान की दुकान थी।कभी कभी मैं पान खा लेता था।मैंने उससे पान लिया और खा लिया।पत्नी से नही पूछा तो वह नाराज होकर चली गयी।
मै समझ नही पाया कि पत्नी वापस क्यो लौट गई।मैं उसके पीछे गया
,क्या हुआ पिक्चर चल रही थी।वापस क्यो आ गयी
मुझे नही जाना
मैं उससे पूछता रहा और बहुत देर बाद पता चला कि उसे मैने पान नही खिलाया
और बहुत मिन्नते की पर वह नही मानी फिर मेरा एक मित्र घर आ गया था।मैंने बड़ी मुश्किल से उसे मनाया था।उस दिन सबक लिया
पत्नी को इग्नोर मत करो कभी।
फिर कई दिन बाद हम उस पिक्चर को देखने के लिए गए थे।
कुछ भूल सुधार
शादी के बाद में आगरा आ गया तब पत्र के माध्यम से ही हमारी बात हो पाती थी।यहा में कुछ बाते बता दूं।शादी के बाद मैने अपने पास खर्च नही रखा।अक्सर पति ही कमाई अपने पास रखते है और खर्च के लिए पत्नी को पैसे देते है।मैने शादी के बाद घर खर्च की जिम्मेदारी पत्नी के हाथ मे दे दी।हर महीने वेतन मिलने पर मैं उसके हाथ मे दे देता। कैसे खर्च करना है,वह जाने।मैंने जैसे दूसरे मर्द अपनी पत्नी पर प्रतिबंध लगा देते है।किस से बात करनी है और किस से नही।यह मैने पत्नी से कभी नही कहा।शादी से पहले मैं जिस मकान में रहता था।पहली बार उसी में आई थी।मेरा किसी बात पर मकान मालकिन से झगड़ा हो गया और मेरी उससे बोल चाल बन्द हो गयी थी।लेकिन मेरी पत्नी उससे बात करती थी।मैने कभी नही इस बात पर एतराज नही किया।
पैर छूने की हमारे यहाँ प्रथा है।एक तरफ पति पत्नी को बराबर माना जाता है।दूसरी तरफ माना जाता है कि पति बड़ा है और पत्नी उसके पैर छूती है।विशेषत करवा चौथ या ऐसे ही अन्य अवसरों पर
जब शादी के दूसरे दिन यानी 25 जून 1973 को बेटी को विदा करने से पहले मेरी सास हमे पूजा के कमरे में ले गयी।और उस समय उन्होंने बेटी से कहा था,"बेटी पैर छू।"
और तब पत्नी ने मेरे पैर छुए थे।उस समय मै कुछ नही बोला था।लेकिन
जब करवा चौथ का व्रत आया।तब व्रत यानी चांद देखने के बाद पत्नी मेरे पैर छूने लगी तो मैं उसके हाथ पकड़ कर गले लगाते हुए बोला,"पति पत्नी में कोई छोटा नही होता।हम दोनों बराबर है।"
पत्नी को पैर की जूती या अपनी बांदी मत समझो।उसे बराबर समझो और अधिकार भी दो।दाम्पत्य में सबसे जरूरी है,विश्वास।विश्वास दाम्पत्य का आधार है।जहाँ पति पत्नी का विश्वास टूटा और शक पैदा हुआ तो फिर आजीवन पति और पत्नी के बीच मे तनाव पैदा हो जाएगा।उनके सम्बन्ध मधुर नही रहेंगे।दाम्पत्य सम्बन्धो में दरार पड़ जाएगी।खिंचाव हो जाएगा

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