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अछूत लड़की राधा

कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव धरमपुर की धरमपुर गाँव के एक अछूत घर में पैदा हुई लड़की राधा की ।जब वह पैदा हुई तो उसकी माँ दुनिया की मोह-माया छोड़ चल बसी ।
गाँव-घर के लोग राधा को अशुभ मानते थे ।वे कहते थे:-कोई भी राधा के पास मत जाना,कोई उसके साथ मत रहना । वरना मारे जाओगे ।अशुभ है वह तरह-तरह के बात राधा को सुनने के लिए मिलते थे ।
राधा धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी, और वह अंदर ही अंदर घबरा रही भी रही थी,पर उसके पिताजी उसका साथ देते थे ।
राधा के पिता जी दसवीं तक पढ़े हुए थे ।और वे हीं राधा को घर पर पढ़ाते थे ।समाज के लोग उसी स्कूल में नहीं पढ़ने देते थे । वे कहते थे:-सभी बच्चों के साथ तुम नहीं बैठ सकती,हमारे बच्चों के स्कूल में नहीं पढ़ सकती । इत्यादि-इत्यादि । तरह-तरह के बाद राधा को सुनने को मिलते थे । वह अंदर ही अंदर घुट रही थी । जब वह चौदह साल की हुई,तो उसके पिताजी भी उसका साथ छोड़ चले गए ।अब राधा बिल्कुल अकेली हो गई ।उसके साथ गम बाँटने वाला कोई नहीं था ।गांव के सभी लोग राधा को अब और परेशान करने लगे ।
राधा अकेले-अकेले अंदर से टूट जा रही थी ।पर उसके स्कूल के एक सर उसका मदद करते थे ।वे राधा के लिए किताबें-कॉपी और कलम खरीद कर ला देते थे ।साथ ही वे राधा को बहुत अच्छे से पढ़ाते भी थे ।
कुछ दिनों तक वे राधा की मदद करते रहें और उसे पढ़ाते रहे तब तक राधा नवीं कक्षा में चली गई ।
पर गाँव के कुछ लोग मिलकर सर का बदली दूसरी जगह करवा दिए । राधा अब थोड़ी बड़ी हो चुकी थी,और वह अपना हौसला मजबूत रखती थी ।
राधा अपने घर और पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए शहर में रहने लगी और वहीं पर दूसरों के घर में काम करने लगी ।
वह जब भी शहर से गाँव से आती,तो गाँव के लोग उसे दुदकारते थे,और कहते थे:-यह अशुभ है यह अपने माँ-बाप को मार दिया ।इसके साथ मत रहना, इससे दोस्ती मत करना । राधा को अभी भी तरह-तरह के बात सुनने के लिए मिलते थे ।पर वह अंदर से मजबूत थी,उसकी हौसला हमेशा बरकरार रहती थी । वह इन सभी बातों को नजरअंदाज कर देती थी ।और अपने काम पर ध्यान देती थी ।
जब मैट्रिक का परीक्षा हुआ,और रिजल्ट आया तो राधा स्टेट टॉपर बनी ।पेपर में उसका नाम आया,टीवी पर उसका नाम आया । गाँव के लोग तो स्तब्ध रह गए,की यह अछूत लड़की स्टेट टॉप की है । वे लोग तब यह समझ पाएं,की किसी को भी अछूत नही कहना चाहिए । लड़कियाँ सब कुछ कर सकती हैं । गाँव के लोग राधा के इस खुशी को मनाने के लिए गाँव में एक कार्यक्रम भी किए,जिसमे राधा को सम्मानित किया गया ।
अब राधा को पूरे गाँव का सपोर्ट मिलने लगा,उसका हौंसला और मजबूत हो गया ।अब वह और तैयारी के साथ आगे की पढ़ाई करना चाही,गाँव के लोग भी उसका साथ दिए ।फिर वह आई.एस.सी की तैयारी करने लगी,सभी उसका साथ दिए,इस बार भी वह स्टेट टॉपर बनी । वह कुछ बड़ा बनना चाहती थी । इसलिए वह आई.ए.एस की तैयारी करने लगी ।वह आई.ए.एस. का प्रथम श्रेणी में पास की,और कलेक्टर बनी । वह गाँव पहली अकेली लड़की थी जो कलेक्टर बनी ।
जिस राधा के पास पहले कोई नहीं जाना चाहता था,आज वह कलेक्टर बनी । गाँव के लोग भी राधा के हौंसला और जज्बे को दाद देने लगे । राधा अपने सपने को साकार की ।
गाँव के लोग बोले:-राधा अगर आज तुम्हारे पिताजी जीवीत होते तो वे बहुत खुश होते ।
राधा यह बात सुनकर अपने पिताजी को याद करके रोने लगी । गाँव के मुखिया बोले:-बेटी तुम्हारा हौंसला बहुत मजबूत है,तुम रोते हुए अच्छी नही लगती । तुम और आगे बढ़ो,और नाम कमाओ यही हमारा आशीर्वाद है ।
शायद राधा उस दिन अगर हौंसला मजबूत नही रखती,तो आज वह कलेक्टर नही बन पाती ।।।

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