शोहरत का घमंड - 31 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 31

आलिया आर्यन की बातों से काफी हर्ट हो जाती हैं इसलिए वो एक जगह बैठ कर रोने लगती है और सोचती है कि। इस लडके में कितना घमंड है अपनी शोहरत का, जिसकी वजह से मुझे ये रोज नीचा दिखाता रहता है। अगर मेरी मजबूरी न होती तो मैं इसका काम कबका छोड़ चुकी होती। और ये मेरी इसी मजबूरी का फायदा उठाता है। ये तो इंसान कहलाने के लायक भी नही है।

तभी आलिया देखती है कि एक आदमी जिसका एक हाथ नही है, वो कितनी मेहनत से सड़क पर झाड़ू लगा रहा है और उसके पास दो बच्चे हैं जो उसे पकड़े हुए हैं। आलिया काफी देर तक ये देखती रहती हैं। फिर थोड़ी देर बाद वो आदमी कुछ खाने के लिए ले कर आता है और अपने बच्चो को अपने हाथों से खिलाता है । और बच्चे उसके हाथो से खान खा कर बहुत ही खुश होते है।

ये सब देख कर आलिया को बहुत ही अच्छा लगता है और वो इन सब में अपना दर्द ही भूल जाती हैं और वो उनके पास चली जाती हैं। तब आलिया उस आदमी से बोलती है, "क्या मैं यहां पर बैठ सकती हूं"।

तब वो आदमी बोलता है, "क्यो मुझ गरीब आदमी को शरमिंदा कर रही हो, ये सड़क मेरी थोड़े ही है जो मै किसी को मना कर सकता हूं"।

तब आलिया बोलती है, "ये आपके बच्चे हैं"।

तब वो आदमी बोलता है, "जी ये मेरे ही बच्चे है"।

तब आलिया बोलती है, "इनकी मम्मी नही है"।

तब वो आदमी चुप हो जाता हैं और कुछ भी नही बोलता है। तब आलिया दोबारा बोलती है, "मैने कुछ पूछा आपसे"।

तब वो आदमी बोलता है, "मैं क्या बोलूं मेरे पास आपके सवाल का जवाब ही नही है"।

तब आलिया बोलती है, "मेने ऐसा भी क्या पूछ लिया आपसे जो आप ऐसा बोल रहे हैं"।

तब वो आदमी बोलता है, "समझ लिजिए की नही है "।

तब आलिया बोलती है, "मतलब क्या समझ लू आप अच्छे से बताईए "।

तब वो आदमी बोलता है, "आप क्यो पूछ रही है ये सब, क्या सिर्फ एक मां ही अपने बच्चे से प्यार करती है कोई बाप अपने बच्चे से प्यार नही कर सकता है क्या "।

तब आलिया बोलती है, "नही नही आप गलत मत समझिए, वो तो मे इसलिए पूछ रही हु क्योकी एक तो आपके पास एक ही हाथ है और आप उस पर भी काम कर रहे हैं, और तो और बच्चे भी बीच सड़क पर आपको पकड़ कर खडे है इस तरह "।

तब वो आदमी बोलता है, "क्योंकि ये मेरे बच्चे हैं और मुझसे प्यार करते हैं "।

तब आलिया बोलती है, "मगर आप इस तरह अकेले सब कुछ केसे कर लेते हैं काम भी करना और बच्चो को भी संभालना, मूझसे तो एक काम करने मे ही मेरी जान जा रही है "।

तब वो आदमी बोलता है, "इंसान इस दुनिया में सिखा सिखाया कुछ भी नही आता है, वक्त और हालात इंसान को सब कुछ सिखा देते हैं, मै भी ऐसा नही था मगर वक्त और हालात ने मुझे सब कुछ सिखा दिया "।

तब आलिया बोलती है, "वैसे आपका एक हाथ पहले से ही नही है या फिर कुछ हुआ है "।

तब वो आदमी बोलता है, "जब किस्मत बिगड़ती है तो फिर सब कुछ बिगड़ जाता हैं, मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है "।

तब आलिया बोलती है, "क्या हुआ है आपके साथ "।

तब वो आदमी बोलता है, "सुनने की हिम्मत है आपमे "।

तब आलिया बोलती है, "जी बिल्कुल बोलिए.................