The Accidental Marriage - Part 12 ss ss द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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The Accidental Marriage - Part 12

अरूण जो सो रहा था अलार्म की आवाज सुनकर उठता है और रेडी होकर सीढ़ियों से नीचे आता है वो आते हुए देखता है उसके सामने माही खड़ी है .... माही ने अपने दोनों हाथो को फोल्ड कर गुस्से वाले एक्सप्रेशन से अरूण को घुर रही थी । तभी अरूण माही के पास आते हुए कहता है........ क्या हुआ चीकू ऐसे क्यों देख रही हो?
माही : भाई में आपसे गुस्सा हुं माही ये कहने के बाद अपने मुंह में हवा भरकर फुलाते हुए दुसरी तरफ देखने लगती है ।
अरूण : अरे वाह ये तो अच्छी बात है आज मैं बिना बक बक सुने आराम से नाश्ता कर सकता हु। कहते हुए डायनिंग टेबल के पास रखी चेयर को पिछे करके बैठ जाता है। माही : भाई मेरी बाते आपको बक बक लगती है। माही तेज आवाज से कहती है ।
तभी पिछे से अर्पना खुराना ( अरूण और माही की मां ) आते हुए कहती है ......... चलो अब नाश्ता करो बाद में लड़ लेना दोनों । अरूण : पर मां ये चीकू (माही) मुझसे नाराज़ क्यों है ?
माही : भाई आप भूल कैसे सकते है ?
अरूण : मैं क्या भूल गया ? माही की तरफ़ देखते हुए कहता है ।
माही : आपने लास्ट वीक मुझसे प्रोमिस किया था,, आप नेक्स्ट वीक मुझे शॉपिंग के लिए ले जाएंगे? अरूण हड़बड़ाते हुए कहता है........ मैं भूला नहीं हु मुझे याद है, हम आज ही शॉपिंग के लिए चलेंगे। कहने के बाद खुदसे ही मन में कहता है... मैं भूल कैसे गया ?
तभी अरूण पाखी की तरफ देखते हुए कहता है तुम रेडी रहना मैं साम को तुम्हें लेने आऊंगा ।
माही खुश होते हुए छोटे बच्चो की तरह कहती है..... सच्ची भाई हम आज ही जायेंगे । अरूण हां में अपना सर हिलाता है ।
ब्रेकफास्ट करने के बाद अरूण ऑफिस के लिए चला जाता है
अरूण जब ऑफिस पहुंचता है तो अपने कैबिन की तरफ़ जाते हुए पाखी को अपने कैबिन में बैठा देखता है,,,,,,,,,पाखी ने आज ब्लैक कॉलर का सूट पहना था वो उसमे बहुत खुबसूरत लग रही थी माथे पर काली छोटी सी बिंदी उसकी खुबसूरती को और बढ़ा रही थी पाखी को ऐसे देख अरूण की आंखे जेसे पाखी पर ठहर सी जाती है वो कुछ सोचते हुए अपने ख्यालों से बाहर आता है और एक नज़र पाखी को देख कर अपने कैबिन में चला जाता है,,,,,,, कैबिन में आकर वो पाखी को कॉल करके अपने कैबिन में आने के लिए कहता है ।
पाखी नॉक करके अंदर आती है ।
पाखी : सर अपने बुलाया ।
अरूण : हा मेरे लिए एक कॉफी लेकर आओ ।
ये सुनते ही पाखी अपनी मुठ्ठी बंद करते हुए मन में ही कहती है..... कल नमक वाली कॉफी पीने के बाद भी इन्हें अक्ल नहीं आई क्या ? जो फिर से ये हमे कॉफी लाने के लिए कह रहे है। ये सब कहते हुए पाखी वहा से जानें के लिए पिछे पलट ही रही होती है की ....अरूण उसे रोकते हुए कहता है...... कॉफी पीनी है मुझे लेकिन बीना नमक के ।
पाखी अरूण को घुरते हुए हां में अपना सर हिलाती है और वहा से चली जाती है।थोड़ी देर बाद जब पाखी कॉफी लेकर आती है तो अरूण उसे वही बैठने के लिए कहता है। और उसे एक प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहता है.... नेक्स्ट वीक हमे देहरादून जाना होगा एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में पाखी अरूण को बीच में ही रोकते हुए कहती है......हमे भी आपके साथ जाना होगा क्या ? अरूण पाखी की बातो का जवाब देते हुए कहता है.... सोच रहा हू आलिया भट्ट को अपने साथ ले जाता हु।
पाखी अरूण को आंखे बड़ी करते हुए देख कर कहती है.... शक्ल देखी इन्होंने अपनी बड़े आए आलिया भट्ट को अपने साथ ले जानें वाले पाखी मन में ही कहती है तभी अरूण कहता है..... सेक्रेटरी तुम हो मेरी तो तुम्हें ही ले जाऊंगा न मुंह बनाते हुए कहता है,,,,,,,पाखी ओके कहती हुए उठ कर जानें लगती है ।
अरूण आज तुम जल्दी जा सकती हो मुझे कहीं जाना है तो में थोरी देर बाद चला जाऊंगा।
पाखी ओके सर कह कर वहा से चली जाती है
पाखी अपने कैबिन में पहुंचकर काव्या को कॉल करती है ।
काव्या : हा पाखी बोलो। पाखी : आज हम घर जल्दी अजायेंग। तो तुम खाने में क्या खाओगी बता दो हम तुम्हारे लिए वही बना देंगे।
काव्या खुश होते हुए कहती है...... सच में तुम्हारी जल्दी छुट्टी हो जाएगी आज ?
पाखी : हा।
काव्या : ठिक है तो हम भी जल्दी अजायेंगे और आज का खाना हम बाहर खायेंगे। उससे पहले हम शॉपिंग के लिए जाएंगे बहुत दिन हो गए यार पाखी शॉपिंग नही की । पाखी काव्या को रिप्लाई देते हुए कहती है..... ठिक है तो हम पहले शॉपिंग के लिए ही जाएंगे।
काव्या : हम तुम्हें एक मॉल का एड्रेस सेंड कर रहे है, हमे वही मिलना तुम । पाखी हा कह कर कॉल कट कर देती है।
थोड़ी ही देर बाद पाखी के फोन पर एक मैसेज आता है पाखी वो मैसेज देखती है और फोन रख कर अपना काम करने लगती है।
पाखी जल्दी से अपना काम खत्म कर के अरूण के कैबिन में जाती है । पाखी : सर आपने आज सुबह कहा था हम घर जल्दी जा सकते है?
अरूण : हम्म कहा था ।
पाखी : सर हमने अपना सारा काम कर दिया है आज का तो क्या अब हम जा सकते है ।
अरूण : ठिक है तुम जाओ ।
पाखी अरूण से परमिशन लेने के बाद अपने कैबिन में आती है और अपना बैग लेती है और मॉल के लिए निकल जाती है वो जाते हुए काव्या को कॉल कर के इन्फॉर्म कर देती है। काव्या जब मॉल पहुंचती है तो देखती है पाखी उससे पहले ही पहुंच गई थी और उसके आने का इंतजार कर रही थी।
दोनो ही मॉल के अंदर जाते है मॉल काफी बड़ा था पाखी को वहा आकर बहुत अच्छा लग रहा था।। काव्या पाखी का हाथ पकड़ उसे गारमेंट शॉप की तरफ ले जाती है,,,,
काव्या और पाखी दोनों ही अपने लिए कपड़े सेलेक्ट कर रहे थे तभी पाखी की नजर एक सफेद रंग की लॉन्ग फ्रॉक सूट पर जाती है पाखी पास जा कर उसे लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाती है ठिक उसी टाईम एक दुसरा हाथ भी उस ड्रेस को लेने के लिए आगे बढ़ता है। पाखी अपने सामने खड़ी लड़की को देखती है जो बहुत ही प्यारी और मासूम लग रही थी ब्लू टॉप और ब्लैक जींस में वो लड़की बहुत खुबसूरत लग रही थी। दोनों ही उस ड्रेस पर एक साथ हाथ रखने के वजह से एक दुसरे को देख कर मुस्कुराने लगते है।
तभी पाखी उस लड़की से कहती है..... आप ले लीजिए ये ड्रेस आप पर बहुत अच्छी लगेगी। वो लड़की न में अपना सर हिलाते हुए कहती है..... नही ये मुझसे ज्यादा आप पर अच्छी लगेगी। तभी काव्या पाखी को ढूंढ़ते हुए वहा आ जाती है।
काव्या : क्या हुआ? पाखी से पुछती है ।
पाखी : कुछ नहीं हम बस इनसे कह रहे थे ये ड्रेस हमसे ज्यादा इनपर अच्छी लगेगी। काव्या उस लड़की की तरफ़ देखते हुए कहती है... आप कोन क्या आप एक दुसरे को जानते है... वो लड़की न में अपना सर हिलाते हुए कहती है... नहीं हम एक दुसरे को नही जानते पर अब जान जायेंगे।
तभी वो लड़की अपना एक हाथ पाखी की तरफ़ बढ़ाते हुए कहती है.... माय सेल्फ माही खुराना। पाखी उससे हाथ मिलाते हुए कहती है... हमारा नाम पाखी दास है। तभी काव्या कहती है..... कोई हमसे भी जान पहचान कर लो और मुस्कुराते हुए कहती है.... हम काव्या सिंह है।
माही: आप दोनों से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
पाखी : हमे भी और तीनो हसने लगती है।
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