Khofnaak Haweli - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

खौफनाक हवेली - 1

खौफनाक हवेली 1

नमस्कार दोस्तों मैं शायर मुस्ताक अली आप सभी का स्वागत करता हूं ।

भैरव सिंह एक शूर , पराक्रमी , निडर राजा था।।
जितना वह पराक्रमी था उससे कहीं ज्यादा निर्दयी , क्रूर , अत्याचारी था।।
भैरव सिंह राजा का साम्राज्य
भैरव नगर गांव में था।।
भैरव नगर गांव का पहले नाम कुछ और था।।

भैरव सिंह राजा अपनी हुकूमत आते ही
गांव का नाम बदलकर भैरव नगर रखता है
भैरव नगर गांव बहुत ही खूबसूरत गांव था।।
भैरव नगर गांव पहाड़ों के बीच बसा हुआ था।।
पहाड़ों के बीच में से बहती नदी
भैरव नगर गांव के खूबसूरती में चार चांद लगाये थे।।

भैरव सिंह राजा के अत्याचार से
सारा पीड़ित था।।
भैरव सिंह राजा के अत्याचार के सामने
भैरव नगर गांव की खूबसूरती कहीं खो गई थी।।
हर जगह सिर्फ डर ही डर था।।

राजा अपने प्रजा पर बहुत जुर्म करता था।।
उनके साथ बहुत ही बेरहमी से पेश आता था।।
प्रजा के दुख दर्द से उसे कुछ लेना-देना नहीं था।।
भैरव सिंह है राजा बहुत ही खुदगर्ज मतलबी था।।
उसने सारे गांव को अपना गुलाम बना रखा था।।

उसके हुकुम के बिना किसी को सांस लेने की भी इजाजत नहीं थी।।
कोई उसके खिलाफ जाता
तो वह बहुत ही निर्दयी तरीके से उसकी जान लेता था।।
राजा के इस डर की वजह से कोई उसके खिलाफ नहीं जाता।।

भैरव सिंह राजा निर्दयी होने के साथ-साथ बहुत ही रंगीन वासना अधीन किस्म का इंसान था।।
हर समय उसके दिलो-दिमाग में सिर्फ हवस ही होती।।
वह हर रोज गांव की लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता।।
छोटी हो या बड़ी हो हर नारी को भोग विलास से ही देखता।।
न जाने कितनी लड़कियों औरतों की उसने जिंदगी बर्बाद कर दी थी।।
भैरव नगर गांव का हाल बहुत बुरा नर्क के समान हो गया था।।

एक रोज की बात है
भैरव सिंह राजा गांव में घूमने निकल पड़ता है।।
घूमते घूमते राजा की नजर गांव में रहने वाले रामलाल की बेटी पूनम पर पड़ती है।।
पूनम सोलाह साल की जवान खूबसूरत कमसिन लड़की थी।।
पूनम खूबसूरती देखकर राजा के अंदर का हवस का दरिंदा जाग जाता है।।
उसके सर पर हवस का भूत हावी हो जाता है।।

भैरव सिंह राजा पूनम को जबरदस्ती
उठाकर अपनी हवेली पर ले आता है
और सारी रात उसे अपनी हवस का शिकार बनाता है।।
सोलाह साल की पूनम को दर्द बर्दाश्त नहीं होता
को राजा से मिन्नते मांगने लगती है कि उस पर रहम करें
उसे अपने घर जाने दे।।

लेकिन राजा बहुत ही निर्दयी था ।।
उसने पूनम की एक नहीं मानी।।
राजा चार दिन तक उस पर अत्याचार करता रहा।।
इतनी सी ही उसका दिल नहीं भरा
उसने पूनम को अपने सिपाहियों के हवाले कर दिया।।

सिपाही पूनम पर भूखे भेड़ियों की तरह टूट पड़े।।
सोलाह साल की मासूम लड़की पूनम
इन दरिंदों के हवस के आगे कमजोर होकर अपना दम तोड़ देती है।।

पूनम की मौत की खबर राजा को लग जाती है।।
राजा पूनम की लाश को उसी हालत में ले जाकर उसके घर के बाहर फेंक देता है।।
अपनी बेटी की लाश देखकर
रामलाल गुस्से से पागल हो जाता है।।
वह जोर-जोर से सीना पीट कर रोने लगता है।।
भैरव सिंह राजा को गाली गलौज करने लगता है।।

रामलाल की गालियां सुनकर
राजा भैरव सिंह गुस्से से आगबबूला होता है।।
राजा भैरव सिंह कहता है
तेरी इतनी हिम्मत तू मुझे गालियां दे रहा है
अभी मैं तुझे तेरी औकात दिखाता हूं।।
सिपाहियों पकड़ लो इसे और इसी की झोपड़ी में ले जाकर
इसके पूरे परिवार के साथ जिंदा जला दो।।

राजा का हुकुम आते ही सिपाही रामलाल और उसके सारे परिवार को पकड़कर
उसी के झोपड़ी में ले जाकर बांध देते है।।
और मिट्टी का तेल डालकर झोपड़ी को आग लगा देते।।
झोपड़ी के साथ साथ रामलाल और उसका पूरा परिवार जलने लगता है।।

सारा गांव वहां इकट्ठा होता।।
रामलाल और उसके परिवार की चीजें सुनकर
गांव की रूह तक कांप जाती है।।
राजा का यह जुल्म देख कर
गांव वालों के दिलों में उसकी दहशत और ज्यादा बढ़ जाती है।।

कुछ ही देर में रामलाल और उसके सारे परिवार के समेत झोपड़ी जलकर खाक हो जाती है।।
भैरव सिंह राजा गांव वालों से कहता है
अगर मेरे खिलाफ जाओगे तो सब का हाल यही होगा।।
इतना कहकर राजा वहां से चला जाता है।।

सारे गांव में खौफ का माहौल छा जाता है।। सारे खामोश खड़े होते हैं
ऐसा लग रहा था मानो सबको सांप सूंघ गया हो।।
एक-एक कर के धीरे-धीरे सारे लोग
चुपचाप अपने घर चले जाते है।।
डर के मारे उस रात किसी को नींद तक नहीं आती।।
सबकी आंखों में डर ही डर था।।

क्रमश:

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