सात फेरे हम तेरे - भाग 41 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 41

कुछ कुछ सामान खरीदने लगे और जहां पर ताजमहल भी मिल रहा था तो विक्की ने एक खरीद लिया।
नैना ने कहा ताजमहल कभी खरीदना नहीं चाहिए।

विक्की ने कहा हां पता है पर मैं ये तो दादी के लिए ले रहा हूं। दादी मां ने कहा था कि ताजमहल जरूर लाना।

नैना खुब हंसने लगी और फिर विक्की उसको देखता रहा। ऐसे ही हंसती रहा करो ना।। जैसे कही खो सा गया था तुम्हारी हंसी।

नैना ने कहा हां ठीक है।
अब चलते हैं।

तभी दूर से वो गाइड अहमद फ़ैज़ आता हुआ नजर आ गया।
सर जी ओ,सर जी नमस्कार जा रहे हो क्या?

विक्की ने कहा हां तो क्या रूक जाए।ताज महल में रहने देगा क्या?
बिमल ने कहा हां ठीक है।
अहमद फ़ैज़ ने कहा नहीं नहीं, ऐसा नहीं है पर मुझे कुछ और बताना चाहता हूं।।

विक्की ने कहा हां ठीक है चलो यहां पर बैठते हैं क्यों माया दी।

माया ने कहा हां ठीक है चलो अब।


फिर सब लोग वहां बैठे।
अहमद फ़ैज़ बोलना शुरू किया।

साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से[2] ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था।[1] उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है।[3]

ताजमहल प्रत्येक वर्ष 20 से 40 लाख दर्शकों को आकर्षित करता है, जिसमें से 200,000 से अधिक विदेशी होते हैं। अधिकतर पर्यटक यहाँ अक्टूबर, नवंबर एवं फरवरी के महीनों में आते हैं। इस स्मारक के आसपास प्रदूषण फैलाते वाहन प्रतिबन्धित हैं। पर्यटक पार्किंग से या तो पैदल जा सकते हैं, या विद्युत चालित बस सेवा द्वारा भी जा सकते हैं। खवासपुरास को पुनर्स्थापित कर नवीन पर्यटक सूचना केन्द्र की तरह प्रयोग किया जाएगा।[24][25] ताज महल के दक्षिण में स्थित एक छोटी बस्ती को ताजगंज कहते हैं। पहले इसे मुमताजगंज भी कहा जाता थ॥ यह पहले कारवां सराय एवं दैनिक आवश्यकताओं हेतु बसाया गया था।[26] प्रशंसित पर्यटन स्थलों की सूची में ताजमहल सदा ही सर्वोच्च स्थान लेता रहा है। यह सात आश्चर्यों की सूची में भी आता रहा है। अब यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों में प्रथम स्थान पाया है। यह स्थान विश्वव्यापी मतदान से हुआ था[27] जहाँ इसे दस करोड़ मत मिले थे।

सुरक्षा कारणों से[28] केवल पाँच वस्तुएं – पारदर्शी बोतलों में पानी, छोटे वीडियो कैमरा, स्थिर कैमरा, मोबाइल फोन एवं छोटे महिला बटुए – ताजमहल में ले जाने की अनुमति

वाह क्या बात है बहुत खूब जनाब हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है क्योंकि सबकुछ तो भगवान ने सबके लिए बनाया है।

कुछ देर बाद ही वहां और भीड़ पहुंच गई। फ़ैज़ मियां इतने सलीके से बोलते हैं कि यहां से जाने का मन नहीं है।
वहां पर तभी किसी की आवाज सुनकर थोड़ी सी असामान्य हो गई।
विक्की ने कहा अरे क्या हुआ माया दी ‌
माया ने कहा अब हमें चलना चाहिए।

माया ओ माया। क्या हुआ।
माया उस आवाज को अनसुना करके जाने लगीं। नैना समझ गई कि ये वही हैं जो माया दी को सगाई वाले दिन हमेशा के लिए चले गए थे। और फिर वर्षों के बाद यहां।


विक्की को समझते देर नहीं लगा।
वो उसके पास जाकर बोला कि हम जरूर बात करेंगे क्यों न कल का दिन हमारे साथ बिताए होटल आ जाईए। आपका नम्बर दे दिजिए।

माया ने कहा अरे विक्की तुम इनको क्यों बुला रहे हो क्या तुम जानते हो?

विक्की ने कहा नहीं जानता तो नहीं हुं पर जानना चाहता हूं।
माया ने कहा इस इन्सान ने बहुत ही रूसवा किया है।


मुझे वादा करके वादा तोड़ दिया। इसने क्या किया।
विक्की ने कहा सारे गिले-शिकवे भुलाकर एकजुट होकर हम कुछ कर सकते हैं।हम मिले।

फिर सागर ने कहा हां मैं जरूर आऊंगा।मेरा नम्बर ले लिजिए।


सागर वहां से चला गया।
नैना ने माया को सम्हाल लिया और फिर बोली दीदी आप चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा।
विक्की ने कहा हां ठीक है अब हमें चलना चाहिए।

फिर सब लोग बस में जाकर बैठ गए और फिर बस निकल गई।।

होटल में पहुंच कर माया बहुत ही अपसेट हो गई थी। और फिर नैना उसे समझाने लगीं। देखो दी एक बार मौका तो देना होगा तुम्हें।कल आने दो फिर सारी बात समझ आ जाएगा।
माया ने कहा नहीं मुझे अब इतने बरसों के बाद कुछ भी पुछने का मन नहीं है।


नैना ने कहा अच्छा ठीक है चलो खाना खाने चले। माया ने कहा नहीं , नहीं मन नहीं है।

अच्छा ठीक है चलो सो जाते हैं।
फिर दोनों सो गई।
कुछ देर बाद ही नैना का फोन बजने लगा नैना ने फोन उठाया तो विक्की ने कहा अरे बाबा कब आ रहे हो। नैना ने कहा आपलोगो खाना खा लो हम लोग नहीं आ रहे हैं।
विक्की ने कहा हां ऐसे कैसे।।
कुछ देर बाद ही विक्की, बिमल, अतुल ऊपर खाना कमरे में मंगवा लिया।

विक्की ने कहा क्या दीदी चलो खाना खाने उठ जाओ।
माया ने कहा अरे भाई तू भी ना‌।।
विक्की ने कहा दीदी आपके पसंद का छोले भटूरे।।

फिर सब मिलकर खाना खाने लगे और फिर विक्की ने कहा।

कल का घुमाना नहीं हो पाएगा।कल हम लोगों पुरी समय सागर के साथ बात करने में बिता देंगे।

चलो अब खाना खा कर सब सो जाओ।

बिमल ने कहा सागर कब आएंगे। अतुल ने कहा वो तो दोपहर तक आएगा।

फिर सब मिलकर खाना खाने के बाद सोने चले गए।

नैना और माया ने कहा कि वह कल आएगा तो क्या बात करना है क्या उसने शादी कर ली।

शायद मैं कुछ भी नहीं पुछ पाऊंगी। नैना ने कहा दीदी ऐसा क्यों आपके दिल में जो भी सवाल होगा उसका दबाव तो देना होगा है ना।

माया ने कहा नहीं नहीं मुझे कोई शिकायत नहीं है अगर उसने शादी कर ली है तो वो खुश रहें। वैसे भी मैं कुछ भी नहीं जानना चाहती हुं।

क्रमशः


फिर सब मिलकर खाना खाने लगे।

क्रमशः