ईश्क है सिर्फ तुम से - 7 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ईश्क है सिर्फ तुम से - 7

सुलतान पार्टी के बाद घर की ओर जा रहा था। वह कॉल पर किसी के साथ बात करते हुए कार चला रहा था । वह एक साइड लाइट करते हुए ... बाई ओर कार को मोड़ने वाला था की सामने से तेज गति में एक ट्रक आ रहा था । सुलतान जल्दी से कार की स्टीयरिंग को बाई और घुमाते हुए दूसरी ले जाने की कोशिश करता है। जिस वजह से सड़क की दूसरे किनारे कार टकरा जाती हैं । और ट्रक कार के पिछले भाग को उड़ाते हुए.... दूसरी और निकल जाता है । सुलतान ... सिर पर से खून को पोछते हुए... गन को लोड करते हुए कार से बाहर निकलता है। और जैसा ही वह एक कदम जमीन पर रखता है। गोली चलने की आवाज आती है। गोली सुलतान के दाए हाथ के पास से निकल कर सामने रोड पर जा टकराती है। सुलतान गुस्से में देखता है... पेड़ के पीछे छिपा हुआ एक आदमी दिखता है। अपने पांव में से चाकू निकालते हुए... सुलतान इंतजार में कोई भी हरकत किए बिना खड़ा था । और जैसे ही वाह आदमी फिर से शूट करने के लिए मुड़ा था की... सुलतान चाकू... उसकी और फेकता है जो सीधा गले के बीचों बीचों लगता है। वह आदमी वही अपनी जगह पर तड़पते हुए गिर जाता है। सुलतान मुस्कुराते हुए... एक नज़र चारो और घुमाता है । और उसे समझ आ जाता है की कौन कहां छुपा है। वह धीरे धीरे कदम बढ़ाते हुए... रोड की दूसरी और आगे बढता है । तभी पीछे से किसी के दबे हुए कदमों की आवाज आती है । जिसे वह साइड में होते हुए.. उसके हाथ की हड्डियों पर वार करते हुए तोड़ देता है... जिस वजह से छुरा उसके हाथ में गिर जाता है। सुलतान उसके सिर को पकड़कर तोड़ते मरोड़ते हुए.... उसके हड्डियों को तोड़ देता है। और फिर पीठ में से चाकू निकालते हुए सीधा उसकी गरदन पर वार करता है। जिस वजह से खून की धार सीधा उसके मुंह पर आती है । सुलतान पलके जपकाए बिना उस आदमी की गर्दन पर वार करता ही रहा जब तक... उसकी गर्दन में गड्ढे जैसे बिल ना हो गया।
सुलतान मुस्कुराते हुए अपनी बांह से मुंह साफ करता है। थूकते हुए वह फिर कहता है ।

" चलो अब बहुत हो गया यह खेल अब जल्दी से निकलो खेल खत्म करते है तुम्हारे पास ( घड़ी में देखते हुए ) १० मिनिट है! खेलने के लिए... । उसके बाद वैसे भी मेरे आदमी के हाथो मरोगे ही इससे अच्छा सुलतान मल्लिक के हाथो मरो थोड़ा नाम तो होगा ! । "

" पांच तक गिनुगा अगर तुम खुद आ गए तो ठीक वर्ना अगर मैने तुम्हे ढूंढा तो खुदा कसम जानवर से भी बदतर मौत दूंगा। तुम्हारे साथी की मौत तो सिर्फ एक नजारा था। असली पिक्चर तो तुम्हारी मौत के साथ होगी। "

एक...

दो..... ( तभी सामने जंगल में से कुछ हलचल होने की आवाज आती है ।) ।

सुलतान मुस्कुराते हुए... तीन...

चार....

और.... तुम होंगे मेरी पिक्चर का क्लाइमेक्स ( दाई ओर इशारा करते हुए ) ।

पांच.... ।

सुलतान अपने शर्ट की बांह मोड़ते हुए... चलो अब जल्दी से आओ... इतना समय नहीं है की हम बैठ के गुफ्तगू करे! । लेट्स स्टार्ट बेबी.... ।

तभी दो लोग सुलतान की ओर गोली चलाते है सुलतान जुकते हुए दोनो पांव में से चाकू निकालते हुए सीधे उनके हाथ में मारता है । जिस वजह से उन लोगो के हाथ से बंदूक गिर जाती है। दूसरी और दो लोग... सुलतान की दाई और बाई और से वार करने आ ही रहे थे की सुलतान नीचे पड़ी हुई गन को उठाते हुए... उनके दोनो पैर पर शूट करता है..! । दोनो आदमी वही पर गिर पड़ते है।

सुलतान... " जब मैं खेल रहा था तो तुमने जुर्रत कैसे की मेरे काम में दखल अंदाजी करने की। "

बाकी आदमी जहां थे वहीं थम जाते है। सुलतान मुस्कुराते हुए दोनो आदमी के हाथो में से चाकू खीच के निकालता जिस वजह से वह दोनो दर्द के मारे कराह उठाते है। सुलतान चाकू को गर्दन के साइड में चुभाते हुए... दोनो के हाथ पैर को ऐसे मरोड़ रहा था मानो जैसे कोई कला का काम हो... दोनो की हड्डियों की टूटने की आवाज ऐसे आ रही थी मानो जैसे दोनो आदमी को कोई इंसान नही बल्कि कोई जानवर चबा रहा हो। दोनो जमीन पर गिरते है। सुलतान दोनो के पैर को तोड़ मरोडते हुए.... चाकू गर्दन में से निकालता है। और सीधा सीने पर वार करता है। और करता ही जाता है। मानो जैसे उसके सिर पर पागल पन चढ़ गया हो। फिर जब तक उन दोनो आदमी के सीने में बिल ना हो गया तब तक वह वार करता गया। दोनो आदमी चीखते और चिल्ला रहे थे। लेकिन किसी एक आदमी में भी हिम्मत नहीं थी की वह सुलतान को जाकर रोके। उल्टा वह सभी खुद का सोचते हुए थरथरा रहे थे। सुलतान दोनो आदमी के दिल को चाकू से चीरते हुए... सीने में से निकल लेता है । यह देख के मानो सभी के चेहरे डर के मारे पीले पड़ चुके थे। क्योंकि वह लोग भी माफिया का हिस्सा थे लेकिन इतनी बेरहमी से आज तक किसी ने नही मारा । टॉर्चर किया जाता है लेकिन इतनी हद तक नही .. वह भी बिना किसी हावभाव के। सुलतान दोनो के दिल को हाथ में लेते हुए बाकी आदमियों की ओर घूमता है। उसका पूरा सफेद शर्ट लाल रंग में बदल चुका था। उसके हाथ चेहरा खून से रंगा हुआ था। मानो वह इंसान ना होके जंगली जानवर हो। सुलतान दो आदमी को उसके पास आने का इशारा करता है। लेकिन दोनो एक कदम भी नहीं बढ़ा पाते जिस वजह से सुलतान एक गुस्से भरी नजर से उनकी और देखता है। वह दोनो कपकपाते हुए.... सुलतान के पास आते है। सुलतान दोनो दिल उन आदमी के हाथ में रखते हुए... कहता है । " अगर इस में से एक भी दिल को कुछ हुआ... तो तुम दोनो की मौत इससे भी बदतर होगी। " इतना कहते ही वह दोनो गोली लगी हुए आदमी के पास चला जाता है। और हाथ पकड़ते हुए तोड़ने मरोड़ने लगता है। पहले दोनो हाथ को मरोड़ते हुए फिर दोनो की गर्दन की हड्डियों को मरोड़ता है। फिर पांव को मरोडते हुए तोड़ रहा था जैसे मानो दोनो के चिल्लाने की आवाज कोई मधुर संगीत हो । फिर चाकू से पैर से वार करते ही सीधा .... वह सिर तक वार करते जा रहा था । और जैसे ही सिर तक पहुंचा वह सिर के बीचोबीच... चाकू से वार करने लगा जब वहा से खून की धार फूटने नहीं लगी तब तक.... वह एक ही जगह पर वार करते ही रहा । आखिर में जब दोनो आदमी तड़पते हुए मर रहे थे। तब सुलतान खड़े होते हुए...! जिन दोनो आदमी के हाथ ने दिल था उनकी और देखता हैं। वह दोनो डर के मारे सुलतान की और देख रहे थे । सुलतान की एक नजर जमीन पर पड़ती है। तो दोनो डर के मारे पिशाब कर
बैठे थे। और खड़े खड़े कांप रहे थे जैसे मानो! बर्फ में खड़े हो! । सुलतान मुस्कुराते हुए ... घड़ी में देखता है तो.. अभी ४ मिनिट बाकी थे । वह दोनो के पास से गुजरते हुए सीधा जंगल की ओर जाता है। जहां वह एक आदमी छुपा हुआ था । जैसे ही सुलतान बंदूक को निकालते हुए वार करने वाला था । देखता है तो वहा कोई नही था। सुलतान मुस्कुराते हुए कहता है। आहान.... हाईड एंड सी... ! । यह अच्छी गेम है चलो फिर अगर तुम ने मुझ पर वार कर दिया मैं तुम्हे ढूंढू उससे पहले.. तो मैं एक भी वार नहीं करूंगा.. ना ही मेरे आदमी... तुम जिस तरह चाहो उस तरह मार सकते हो! लेकिन बेबी... अगर मैने तुम्हे उससे पहले ढूंढ लिया तो आई स्वेर काफी मजा आने वाला है लेकिन सिर्फ मुझे। वो सामने पेड़ तो दिख रहा होगा चाकू पेड़ के बीचों बीच वार करते हुए। वहा तक पहुंचना है अगर तुम पहुंच गए तो समझ लो तुम्हारी किस्मत खुल गई। चलो फिर ... ।

एक...

दो....
तीन.... एंड स्टार्ट ।

सुलतान धीमे कदमों से कदम आगे बढ़ाता है। वह आसपास आवाज सुन रहा था। किसी के कदमों की आवाज उसे सुनाई दे रही थी। हालाकि वह आदमी भी फूक फूक कर कदम बढ़ा रहा था। सुलतान उसकी इस नाकाम कोशिश पर मुस्कुरा उठता है। क्योंकि आखिर जिस तरह से सुलतान उसके जिस्म के एक एक अंग की जख्मी करेगा यह सोच कर सुलतान को एक अलग ही खुशी मिल रही थी। सुलतान मन ही मन गिनती करते हुए।

दस...
नौ...
आंठ....
सात....
छह...
पांच...
चार....!
तीन...
दौ...
चलो मेरी जान आ जाओ मरने के लिए ... ।
एक...! ।

तभी एक आदमी भागते हुए पेड के पास आता है। और कहता है। मैं जीत गया सुलतान मल्लिक अब तुम्हारी बारी है मरने की... ऐसी मौत दूंगा की दोबारा जन्म लेने से पहले तुम्हारी आत्मा भी कापेगी! *किंग., तुम्हे क्या लगा मैं तुम्हारे जैसे **** के आगे झुकुगा! । हां ***** में डरने वालो में से नहीं हूं।

तभी किसी के हसने की आवाज आती है! । सुलतान पेड़ की दूसरी और हंसते हुए खड़ा था। और चाकू उसके हाथ में था । यह देखकर रोकी गुस्से में सुलतान की ओर देख रहा था। सुलतान मुस्कुराते हुए उसके सामने आते हुए... हां तो रोकी.... उर्फ आर..के.. काफी वफादार हो आई मस्ट से... पर क्या फायदा जोकरो की टीम में हो! तो मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

रोकी: हहाहाहा... मौत तो होगी लेकिन मेरी नहीं तुम्हारी! । सुलतान की ओर आगे बढ़ता है वार करने के लिए ।
सुलतान: सुलतान हाथो से उसके वार को रोकते हुए एक मुक्का उसके पेट में मारता है। जिस वजह से वह कराहते हुए दो कदम पीछे चला जाता है। " अभी बच्चे हो... इतनी औकात नहीं मुझे उंगली भी लगा सको। " ।
रोकी: सुलतान मल्लिक...! ( चिल्लाते हुए फिर से एक लात सुलतान की ओर मारने की कोशिश करता है। )
सुलतान मुस्कुराते हुए उसके.... पैर को पकड़ते हुए.... दूसरी और मरोड़ देता है। जिस वजह से वह मुंह के बल जमीन पर गिर जाता है । रोकी फिर से जमीन का सहारा लेते हुए... एक बार और सुलतान की और वार करता है ।लेकिन फिर से सुलतान उसके वार को नाकाम करते हुए... उसके गर्दन पर हाथ से वार करता है जिस वजह से उसका शरीर मानो हिलना बंध कर देता हैं। वह सीधा जमीन पर गिर जाता है।
रोकी: सुलतान **** तुम्हारी यही औकात है... अगर हिम्मत है तो लड़ना । ( वह अपनी बॉडी को हिलाने की कोशिश कर रहा था लेकिन नहीं हिला पा रहा था। मानो जैसे उसकी बॉडी फ्रिज हो गई हो। ) ।
सुलतान: ( हंसते हुए ) हाहाहाहा.... मुझे लड़ने में कोई ऐतराज नहीं पर क्या है ना एक तुम मेरे लेवल के नहीं हो और दो अभी खेलने का मूड नहीं है मेरा... तो अब काम की बात करते है।

इतना कहते ही वह रोकी के दोनो पांव मोड़ देता है जिससे वह कराह उठता है। सुलतान बैठते हुए उसकी पांव की उंगलियों को पकड़ते हुए .... चाकू से एक एक उंगली के नाखून को निकाल रहा था। और फिर एक एक उंगलियों को ऐसे काट रहा था मानो जैसे... वह कोई कलाकारी का काम कर रहा हो अगर जरा सा भी ध्यान भटका तो... जैसे पूरा नक्श बिगड़ जाएगा। फिर वह उसी तरह से हाथ के नाखून और उंगलियां काटने लगता है । धीरे धीरे वह। उसके चेहरे की और देखता है । तो सुलतान की नजर उसकी आंखो पर पड़ती है। रोकी को समझ आ गया वह डर के मारे सुलतान की ओर देखते हुए ... देखो.... सुलतान मुझे जाने दो... मैं कभी भी तुम्हारे सामने नहीं आऊंगा.... ना ही भाऊ के साथ तालुकात रखूंगा... बस मुझे जाने दो... मैं... यह शहर.... नहीं में यह कंट्री छोड़ कर चला जाऊंगा ।

सुलतान: ( मुस्कुराते हुए ) डील तो अच्छी.... मेरे लिए भी एक सिर दर्द कम होगा... अगर भाऊ मर गया तो।
रोकी: मैं तुम्हे हेल्प करूंगा ।
सुलतान: पर... क्या है ना में कोई काम अधूरा नहीं। छोड़ता... इतना कहते ही वह रोकी का सिर पकड़ते हुए एक एक करके दोनो आंखे निकाल लेता है। और रोकी की जो चीख निकली है। मानो जैसे पूरे जंगल में गूंज रही थी। सुलतान फिर उसकी बॉडी में से एक एक अंग निकाल रहा था। एक पसलियों की हड्डी... फिर एक हाथ... को चीर रहा था। फिर एक पाव... एक कान... और आखिर में उसके जीभ को काटते हुए ... कहता है। परफेक्ट ये हुई ना बात.... नाऊ पिक्चर फिनिश । वह खड़ा ही हुआ था की । बॉस... की आवाज आती है।
सुलतान पीछे मुड़ के देखता है तो ... रग्गा उसके आदमियों के साथ था।

सुलतान: ( घड़ी में देखते हुए ) काफी जल्दी दस मिनिट बीत गए... पर खैर... ( जेब में से रुमाल निकलते हुए... हाथ पोंछते हुए ।) यह सब ले लो और मेरी और से भाऊ को तोहफा भेज देना.... और हां दो दिल भी भेज देना... उन्हें भी तो पता चले की सुलतान मल्लिक के वह कितने अजीज दुश्मन है।
रग्गा: जी बॉस ( इतना कहते ही वह आदमियों को इशारा करता है । ) ।

सुलतान: ( हाथ पोंछते हुए... रुमाल रग्गा को देते हुए कहता है... ) और कोई अपडेट।
रग्गा: नो बॉस.. सीसीटीवी की फुटेज हटा दी गई है और पोलिस ने जानवरो की वजह से मौत हुई है ऐसा केस दाखिल कर लिया है। और उस ड्राइवर को भी पकड़ लिया है। उसका क्या करना है!? ।
सुलतान: तुम देख लो... ।

इतना कहते ही... वह अपने कार की और आगे बढ़ता है। रग्गा कार का दरवाजा खोलते हुए... खड़ा था की सुलतान बंदूक निकालते हुए... दोनो आदमी के सिर के बीचों बीच गोली मार देता है। और कार में बैठ जाता है।
रग्गा कार को चालू करते हुए.....ऑफिस कहते हुए चलाने लगता है। सुलतान सिर्फ सिर को हां में हिलाते हुए सो जाता है।


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