ईश्क है सिर्फ तुम से - 5 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ईश्क है सिर्फ तुम से - 5

सुलतान कार लेकर अपने घर की ओर जा ही रहा था। उसके माथे पर ना ही सिकन थी ना ही कोई अफसोस। यह उसके रोजमरा के कामों में से एक था । जैसे सभी लोग ऑफिस जाते है.... बिजनेस संभालते है वैसे ही उसके लिए था। उसके दिमाग में एक भी बार ख्याल नहीं आया की वह अभी अभी एक इंसान.... और वो भी जिंदा इंसान के साथ खेलकर या फिर कहे की चौंट पहुंचाकर आया है। शायद उसके अंदर जो भी इंसानी जज्बात थे वह रहे ही नहीं। क्योंकि ना ही उसे अभी खुशी का अहसास होता है और ना ही गम का । शायद पन्द्रह साल पहले जो हुआ उसके बाद तो वह वो सुलतान रहा ही नहीं जो वह हुआ करता था । उसके मां बाप की मौत का जो असर ऐसा हुआ की वह भूल ही गया की वह एक जिंदा इंसान है ।

अभी सुलतान महरीन से शादी कैसे रोकें उसके बारे में सोच रहा था... क्योंकि ना तो वह एक आखिरी रिश्ता बाकी है उसे तोड़ना चाहता था और ना ही वह उन्हें चोंट पहुंचे इसी कोई हरकत करना चाहता था। सुलतान अच्छी तरह जानता था की उसके अम्मी अब्बू की मौत का वाक्या और उसके बाद गम का माहोल जैसे मानो थम ने का नाम ही नहीं ले रहा था..... जैसे मौत ने उसके घर के दरवाजे पर ठहर सी गई थी। लोग जाते तो थे घर से लेकिन वापस लौट कर नहीं आते थे.... जैसे उसके मां बाप के गम से वह लोग उभर रहे थे की उसके दादा दादी चल बसे.... जिसने सुलतान में बची हुई इंसानियत भी चल बसी ...... फिर उसके छोटे चाचा चाची की अचानक हादसे में मौत..... उसके साथ साथ सारे परिवार को हिलाके रख दिया था...... जैसे तैसे बड़ी अम्मी ने उसे संभाल रखा था.... मानो जैसे अगर .... वह सुलतान को ना संभालती तो बिखर के चूरचूर हो जाता ..... पर सुलतान ही जानता था की वह तो कब का मर चुका था..... क्योंकि वह दस साल का बच्चा... तो इतने सारे जनाजे के साथ.... हर बार खुद का एक टुकड़ा कब्र के साथ दफन करता गया। और कब वह इंसान में से सिर्फ एक जिंदा लाश बन गया उसे पता हीं नहीं चला जिसे ना ही किसी के रोने से फर्क पड़ता है ना ही किसी के हंसने से । कोई जिंदा हो या मर रहा हो.... उसके लिए जैसे कोई माइने ही नहीं रखता था....! । इनफेक्ट उसकी खुद की जात भी उसके लिए मायने नहीं रखती थी । सुलतान इसी ख्यालों में खोया था की तभी उसका फॉन बजता है। वह हेडसेट से कॉल उठाते हुए कहता है ।

सुलतान: हैलो...! ।
राहिल: हैलो.... मल्लिक साहब आप आ गए और बंदे को बताना जरूरी भी नहीं समझा ।
सुलतान: ( मुस्कुराते हुए ) राहिल.... कहां हो!? ।
राहिल: ये तो मुझे पूछना चाहिए की तुम कहां हो.... खैर.... मैं तो यहां हॉटल की ओपनिंग में हूं... और जहां तक मुझे याद है.... मैने तुम्हे भी इनवाइट किया था..... अब ये अलग बात है की आप के लिए शायद खास बात नहीं है तभी तो आप भूल गए...! ।
सुलतान: राहिल... राहिल.... ये तंज कसना बंद कर.... मेरे दिमाग से कैसे निकल गया ये पता ही नहीं चला... शायद काम का स्ट्रेस है इसलिए.... ।
राहिल: हां.... हां मैं समझ सकता हूं... की आप भूल गए होंगे..... अब आपको इतने सारे काम है मल्लिक साहब... इतने बड़े बिजनेसमैन थोड़े ही है हम... जैसे तो याद भी नहीं रहते होंगे! ।
सुलतान: राहिल खुदा का वास्ता है.... भेजा फ्राई करना बंद कर.... और मुझे एड्रेस भेज मैं रास्ते में ही हूं.... ।
राहिल: ( खुश होते हुए ) ठीक है.... मैं मैसेज कर रहा हूं... जल्दी से आजा ... बाय ।
सुलतान: ( सिर को ना में हिलाते हुए... कॉल काट देता है। और रग्गा को कॉल करता है.... ! ) हैलो।
रग्गा: जी बॉस..... ।
सुलतान: में तुम्हे एक एड्रेस भेज रहा हूं.... कुछ अच्छा सा तोहफा भिजवा दो..... राहिल के लिए..... सो अच्छे से.... ।
रग्गा: समझ गया बॉस आपसे पहले गिफ्ट पहुंच जाएगा ।

सुलतान कुछ कहे बिना कॉल काट देता है.... तभी उसके मोबाइल में एक मैसेज आता है.... जिससे वह सीधा.... रग्गा को भेज देता है और एड्रेस को कार की सिस्टम में डालते हुए.... कार की गति तेज करता है । वह १५ मिनिट बाद एक आलीशान होटल के सामने पहुंचता है । कार को गेट के सामने रोकते हुए उतरता है की तभी वैलेट ( कार को पार्क करने वाला ) आता है... सुलतान उसे कार की चाबी देते हुए.... हॉटल में दाखिल होता है । काफी आलीशान.... तरह से बनाया था.... आखिर कार वह राहिल था... । द राहिल खान.... पूरे इंडिया में सुलतान के बाद .... बिजनेस वर्ल्ड में जानी मानी हसती में से एक..... था । सुलतान मैइन हॉल में दाखिल होते हुए..... राहिल को ढूंढने की कोशिश कर रहा था । जैसा की राहिल की पार्टी में होता है..... हर एक बड़ी हस्ती हाजिर थी.... कभी कभी तो सुलतान को समझ नहीं आता की यह इंसान इतने बड़े मकाम में होने के बावजूद सबसे इतने अच्छे ताल्लुकात कैसे रख पाता है । पर अब उसने सुलतान को अपने अजीज में से एक बना लिया तो जाहिर सी बात है की कुछ तो खास बात है की वह किसी भी इंसान को अपनी बातों में उलझा लेता है । सुलतान की नजर तभी राहिल पर पड़ती है.... । वह कदम बढ़ाते हुए.... राहिल की ओर आगे बढ़ता है । वह राहिल के पास पहुंचा ही था की एक लड़की सुलतान के रास्ते में आते हुए कहती हैं।

लड़की: मिस्टर मल्लिक....! ( फ्लर्टी आवाज में ) ।
सुलतान: ( उसकी इग्नोर करते हुए राहिल की ओर आगे बढ़ता है वह आखिरीबार घुर्राते हुए देखता है। ) मिस्टर राहिल खान!? ।
राहिल: ( मुस्कुराते हुए ) सुलतान..... ( कसके गले लगाते हुए ) ।
सुलतान: ( मुस्कुराते हुए उसकी पीठ थपथपाते हुए ).... बहुत बहुत बधाई..... एक और सक्सेसफुल बिजनेस हां..! ।
राहिल: ( वेटर को हाथ दिखाते हुए.... सुलतान के लिए शैंपेन का ग्लास मंगवाता है ।) तो तुम आ ही गए.... मुझे तो लगा की तुम... मुझे उल्लू बना रहे हो।
सुलतान: ( शराब का ग्लास उठाते हुए ) अब इतने बड़े बिजनेसमैन ने बुलाया था आता कैसे नहीं....!? ।
राहिल: हां.... बॉल कौन रहा है..... वह इंसान जो खुद नंबर वन लिस्ट से हटने का नाम नहीं ले रहा ।
सुलतान: ( हंसते हुए ) तुम तो जानते हो! हारना मेरी पर्सनलीटी को शूट नहीं करता.... ।
राहिल: हां... हां.... आखिरकार सुलतान मल्लिक जो ठहरे तुम.... ।
सुलतान: हां... तो मिस्टर खान तुम कौन से कम हो.... हर बार मेरे लिए एक नई चुनौती पैदा करते हो.... ।
राहिल: हां तो! मैं वह तो करूंगा ही.... जब तक तुम्हे हरा नहीं देता तब तक मैं भी हार नहीं मानने वाला ।
सुलतान: ( हंसते हुए ) हाहाहाहा.... उस दिन का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं... ( मजाक करते हुए ) ।
राहिल: तुम बस नमक छिड़को... मेरी नाकाम कोशश पर... ।
सुलतान कुछ कहने ही वाला था की तभी आवाज आती है । " एक्सक्यूजमि जेंटलमैन.... ।" सुलतान और राहिल मुड़ते हुए देखते है तो लड़की खड़ी थी.... । दिखने में बिलकुल किसी मॉडल की तरह.... । घुटनो तक की वेस्टर्न ड्रेस पहनी थी और ओपन सोल्डर ड्रेस थी.... । अगर देखा जाए तो उसने सिर्फ नाम की ही ड्रेस पहनी थी क्योंकि जिस तरह की डिजाइन थी उसके अंग को कम ही ढक रहे थे । चेहरे पर लगा हुआ मेकअप..... उसे देख कर साफ साफ दिखाई दे रहा था.... की वह होटल की ऑपनिंग में कम और किसी को अपने जाल में फसाने के लिए आई हो।

राहिल: जी!? ।
लड़की: हाय! सनाया शिंदे... ( सुलतान की और हाथ बढ़ाते हुए ) ।
सुलतान: ( लड़की को इग्नोर करते हुए ) राहिल एक और ग्लास मंगवा सकते हो.... काफी अच्छी क्वालिटी है बाय द वे ।
राहिल: ( वेटर को हाथ से इशारा करते हुए शराब मंगवाता है...सनाया की ओर देखते हुए! ) आप कुछ लेगी मिस सनाया...!? ।
सनाया: ( सुलतान ने उसे फिर से इग्नोर किया उस बात से खुद को संभालते हुए ) अम..... शैंपेन....! ।
राहिल: ओके.... ( दो ग्लास मंगवाते हुए ) तो!? ।
सनाया: तो!? ।
राहिल: मेरा मतलब है आप किस के साथ आई है यहां!? और क्या करती है आप!? ।
सनाया: मिस्टर... अहिकांत शिंदे.... ए.एस.. ग्रुप उनकी बेटी हूं मैं! ।
राहिल: ओह माय गॉड.... आप है ए.एस. ग्रुप की एक लौती वारिस.... पहली बार आप नजर आई है... । एधरवाइज आप के नाम के चर्चे ही सुने है आज तक ।
सनाया: जी! वैसे ये जेंटलमैन कौन है इन्हे कभी देखा नहीं...! ( सुलतान की और इशारा करते हुए ) ।
राहिल: अरे! इन्हे कौन नहीं जानता.... सुलतान मल्लिक है.... बिजनेस वर्ल्ड के किंग....! बड़ी अचरज की बात है आप इन्हे नहीं पहचानती ।
सनाया: नहीं.... वो दरअसल....! ।
सुलतान: ( सनाया की बात काटते हुए ) जानती नहीं या फिर जान कर भी अनजान बनने का नाटक कर रही है... मिस शिंदे....! । राहिल।
राहिल: ( धीरे से हंसते हुए ) कभी तो लड़कियों से सीधे मुंह बात कर लिया कर.... जब देखो तब उल्टे जवाब और अकड़ से बात करते हो ।
सुलतान: मुझे जैसे लॉग होते है.... उन्हें वैसे ही ट्रीट करना आता है.... और यहीं बिजनेस वर्ल्ड का रुल्स है जितनी तुम्हारी औकात उतना तुम्हारी इज्जत..... ( सनाया की और सिर से पांव तक देखते हुए ) है ना मिस शिंदे!? ।
सनाया: ( सुलतान की एक नजर से मानो जैसे उसके पूरे बदन में सिहरन सी लगती हैं।) जी मिस्टर मल्लिक..... बाय द वे... आपने शायद मुझे अभी तक नहीं पहचाना!?। ( बालो को कान के पीछे करते हुए ) ।
सुलतान: ( मुस्कुराते हुए.... सनाया की आंखों में देखते हुए ) नहीं...! जब आप पहली बार मेरे रास्ते में आई तभी मैने आप को पहचान लिया था.... ( शराब की घुट लेते हुए ) ( तंज के साथ ) ।
सनाया: ओह.... रियली!? ।
राहिल: ( धीरे से ) तू कभी नहीं सुधरेगा... क्यों बिचारी को बेइज्जत कर रहा है...!?।
सुलतान: ( घमंड के साथ ) बेइज्जत वह होते है जिनकी कोई इज्जत होती हो.... यहां तो हर कोई खुद की इज्जत बेच रहा है इसी के दम पर तो यह एंपायर खड़ा है। ... मुझे लगा ये बात तुम अच्छी तरह जानते हो..! ।
राहिल: आई नो! पर...! ।
सुलतान: पर.... वर.... कुछ नहीं होता.... अगर तुम इज्जतदार हो तो हो!? अगर नहीं तो नहीं.... इसमें इतना तोड़मरोड़ ने वाली बात कहां से आई !? ।
सनाया: मिस्टर मल्लिक वैसे आप को क्या लड़किया पसंद नही। क्या!? ।
राहिल: ( आश्चर्य में सनाया की और देखते हुए ) जी!? ।
सनाया: नहीं! मिस्टर खान... वो मैने जितनी भी बात सुनी है.... कभी मिस्टर मल्लिक की मिस्ट्रेस या गर्लफ्रेंड के बारे में नहीं सुना!? ।
सुलतान: मुझे मेरे मसले खुद तक रहे वही पसंद है... और उतना एतमाद मुझे दुनिया पर है नहीं की उनसे निजी वाकयात जाहिर करू ..... और सबसे बड़ी बात आप अपना.... ये कोशिश कहीं और करे क्योंकि ना तो मुझे आप पसंद आने वाली है और ना आप जैसी लड़किया पसंद है।
राहिल: ( मुस्कुराते हुए ) मुझे लगता है ..... इसे चढ़ गई है..... अरे! आपके डेड आपको बुला रहे है....! जल्दी जाए अभी आपको इशारा करके उस और गए ।
सनाया: ( मुड़ते हुए देखती है.... पर उसके डेड उसे कहीं नजर नहीं आते । ) लेकिन.....! ।
राहिल: जल्दी जाइए.... वह अभी अभी उस दरवाजे की और गए..! ।
( सनाया राहिल के दिखाए हुई दिशा की ओर चली जाती है ।) ।
राहिल: ( गहरी सांस लेते हुए ) क्या!? पागल हो गए हो!? ऐसे कौन बात करता है!? और कितने लोगों को तुम्हारे दुश्मन बन ने से रोकता रहूंगा!? तुम थोड़ा जूठ ही सही बोल लोगे तो कौन सा पहाड़ टूट जाएगा!? ।
सुलतान: ( चेयर पर बैठते हुए.... टेबल पर ग्लास रख देता है ।) तुम मुझे जानते हो.... मुझे *** बिलकुल पसंद नहीं और ये तो तुम्हारी खातिर इतनी तमीज से पेश आया हूं! जब उसे कुछ शर्म हया नहीं.... कचरे की तरह खुद की कीमत करवा रही थी तो मुझे जो वह है उसे कहने में कैसी शर्म!? और वैसे भी.... इनमे और एक धंधे वाली में यहीं फर्क है की यह लोग खुशी खुशी रात बिताते है और वह खुद का पेट भरने के लिए....। और जो लॉग मुझे पसंद नही वह पसंद नहीं है! बस ।
राहिल: तुम और तुम्हारा मुफ्ट मुंह किसी दिन मुसीबत में फसोगे... सब से दुश्मनी लेकर तुम बिजनेस नहीं चला सकते ।
सुलतान: सबको पटाकर भी बिजनेस नहीं चला सकते! क्योंकि.... जितना तुम आगे बढ़ोगे उतने दुश्मन बनेंगे और जितने दुश्मन ज्यादा उतना तुम्हारा नाम ज्यादा.... यह बात समझ जाओ... उस दिन तुम मुझे ओवरटेक करोगे।
राहिल: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) खैर! उस लॉकेट के लिए शुक्रिया..... पर तुम्हे कैसे मिला वह तो मार्केट में था भी नहीं और ब्लैक ऑक्शन ( इलीगल ऑक्शन ) में आने वाला था!? ।
सुलतान: बस मिल गया! तुम्हे सिर्फ आम से मतलब रखना चाहिए गुठलियों से नहीं ।

इतना कहते ही वह दोनों कुछ बातो में व्यस्त हो जाते है ।दूर से सनाया सुलतान और राहिल को देखे जा रही थी....! । वह एक नजरों से सुलतान को देख रही थी । "सुलतान मल्लिक एक दिन अगर मैने तुम्हे काबू में नहीं किया तो मेरा भी नाम सनाया नहीं! आज जो भी बेइज्जती तुमने की है.... उन सबका हिसाब तुम से लूंगी जस्ट वैट एंड वॉच। " ।