वह बदनाम औरत - भाग 3 S Sinha द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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वह बदनाम औरत - भाग 3

 

Part 3  - अभी तक आपने पढ़ा कि शीला ने चंदा और मोहन की मदद के लिए उन्हें साथ ले कर चंडीगढ़ आयी  . अब आगे  … 


                                              वह बदनाम औरत 3  

 


शीला मोहन और चंदा के साथ शिमला घूमने गयी   . शीला तो पहले भी शिमला आ चुकी थी  . मोहन और चंदा के लिए शिमला स्वर्ग जैसा सुंदर लग रहा था  . शिमला में ही डॉक्टर ने फोन कर शीला से कहा “ गुड न्यूज़ . तुम माँ बनने के लिए हंड्रेड परसेंट फिट हो  . “ 


“ थैंक्स डॉक्टर अब मैं  चंडीगढ़ लौट कर तुम से बात करती हूँ  . “ 


वे तीनों लौट कर चंडीगढ़ आये  . शीला डॉक्टर से मिलने गयी , डॉक्टर ने पूछा “ अब बताओ , आगे तुम्हें क्या करना है ? “ 


“ मैं अपने एग्स डोनेट करना चाहती हूँ  . “ 


“ किसे ? “ 


“ यह मैं बाद में बताऊंगी  . तुम बोलो मुझे क्या करना होगा  . “ 


डॉक्टर ने शीला से उसके पीरियड साइकिल की जानकारी ले कर कहा “ तब तुम जब भी तैयार हो आ  सकती हो  . आज कल या परसों  . इस सिलसिले में तुम्हें कुछ बातें जान लेनी चाहिए  .  “ 


“ क्या है , बताओ  . “ 


“ तुम जिसे भी एग डोनेट करोगी होने  वाला बच्चा  कानूनन उसी का होगा  . तुम्हारा उस पर कोई अधिकार नहीं होगा  . तुम बच्चे की बायोलॉजिकल मदर जरूर होगी पर एग्स डोनेशन के बाद बच्चा तुम्हारा नहीं होगा  , यहाँ तक कि बच्चे से मिलने जुलने का भी अधिकार नहीं होगा  . यह एग्स पाने वाले दंपत्ति की मर्जी पर है कि तुम उस से मिल सको  . सोच लो भावनात्मक रूप से तुम उस बच्चे से जुड़ी रहोगी पर तुम्हें उसका मोह त्यागना होगा तभी तुम शांति से जी सकोगी  . हो सकता है कि शक्ल सूरत रंग रूप से बच्चा बिल्कुल तुम्हारे जैसा हो  . इसलिए उस से मिलने पर तुम्हारा उसके प्रति खिंचाव नेचुरल है  . इसके अलावा कुछ कानूनी प्रक्रियाएं हैं जो पूरी करनी होगी  . एक बार तुम मानसिक रूप से तैयार हो जाओ तब मुझ से मिलो  . “ 


“ ठीक है , मुझे तैयार ही समझो  . “ 


“ क्या एग्स प्राप्त करने वाली  के बारे में तुम्हारी कोई प्राथमिकता है या हम अपनी मर्जी से जिसे चाहें उसे डोनेट कर दें ? “ 


“ नहीं , मेरे  एग्स किसी ख़ास औरत के लिए है  . “ 


“ उस औरत की मर्जी भी जानना जरूरी है कि वह इसे स्वीकार करे या न करें  . “ 


“ ओके , मैं समझ गयी  . मैं बाद में इस विषय पर बात करती हूँ  . मैं एक दंपत्ति को कल तुम्हारे पास भेजती हूँ , तुम पहले उनका चेक अप कर लो  . “ 


शीला ने मोहन और चंदा को अगले दिन डॉक्टर से मिलने को कहा  . चंदा ने पूछा “ हमें वहां क्यों भेज रहीं हैं ? “ 


“ इस शहर में बड़े बड़े डॉक्टर हैं जिनमें कुछ मेरी जानपहचान वाले भी हैं  . यहाँ सभी तरह के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है  . तुम दोनों  का कुछ टेस्ट कर डॉक्टर बताएँगे कि चंदा  किस तरह माँ बन सकती है   . “ 


“ पर आप हमलोगों पर इतना सारा पैसा क्यों खर्च कर रहीं हैं , हमलोग नहीं समझ पा रहे हैं  . “ 


“ मैंने पहले भी कहा था न , कुछ इंसानियत के नाते और कुछ पड़ोसी होने के नाते  . “ शीला बोली 


मोहन बीच में बोल पड़ा “ आपके जैसी  दया की मूर्ति हमारे जैसे गरीबों को मिले तब दुनिया में गरीबी ही न रहे  . इंसानियत तो ठीक है  पर आप बार बार पड़ोसी  की बात कैसे कर रहीं हैं  . “ 


“ वो ऐसे कि हम भी नेपाल बिहार सीमा के निकट के रहने वाले हैं  . जैसा कि तुम लोग जानते होगे बॉर्डर के दोनों तरफ से आना जाना फ्री है , लोग कहीं भी नौकरी या बिजनेस कर सकते हैं  . एक दूसरे के इलाके में शादियां भी करते हैं  . और सबसे बड़ी बात यह है कि मेरी बड़ी बहन की शादी भी तुम्हारे गाँव में हुई है  . “ 


मोहन और चंदा चुपचाप शीला को देख रहे थे  . शीला बोली “ इसके अलावा भी एक खास कारण है  . “ 


“ वो क्या है ? “ 


“ उसके बारे में  मैं बाद में बताऊंगी  , पहले तुम दोनों डॉक्टर से मिल कर आओ  . “ 


मोहन और चंदा दोनों डॉक्टर से मिले  . दोनों के टेस्ट अलग अलग डॉक्टरों ने किया  . उनका टेस्ट करने के बाद  डॉक्टर ने कहा “ मोहन तो पिता बन सकता है पर चंदा तुम अपने बल पर माँ नहीं बन सकती हो  . “ 


“ इसके लिए सस्ता और आसान तरीका क्या है ? “ चंदा  ने पूछा 


“ अगर तुम किसी अन्य स्वस्थ औरत के एग्स लेना पसंद करो तब तुम माँ बन सकती हो  . यह तरीका थोड़ा खर्चीला है पर तुम्हारी मैडम पैसा देने के लिए तैयार हैं  . अब तुम लोग अपनी मैडम से बात कर लो , अगर दोनों पार्टी तैयार हो तब हम बाकी की कानूनी और डॉक्टरी पहलू तुम्हें समझा देंगे  . जा कर मैडम से बात करो फिर वे जैसा बोलेंगी हम वैसा करेंगे  . “ 


चंदा और मोहन ने होटल आ कर शीला को डॉक्टर के यहाँ की पूरी बातें बताई  .  चंदा ने कहा “ मैडम , डॉक्टर ने बताया है कि मैं किसी अन्य औरत के एग्स से गर्भ धारण कर सकती हूँ  . “ 


“ क्या ऐसा संभव है ? “


“ डॉक्टर ने बिल्कुल सही कहा है  . “ 


“ दूसरी बात यह कि यह प्रक्रिया खर्चीला है और पैसे आप देंगी  . “  मोहन ने बीच में टोका 


शीला बोली “ मोहन , तुम अपने कमरे में जाओ  . मैं पूरी बात विस्तार से चंदा को समझा  दूँगी और चंदा बाद में तुम्हें  . तुम दोनों सोच कर अपना फैसला तुरंत बता देना ताकि आगे का काम शुरू हो  . “ 


मोहन के जाने पर शीला ने बोलना शुरू किया “ चंदा , तुम माँ बनना चाहती हो या नहीं ? “ 


“ कौन औरत माँ नहीं बनना चाहेगी मैडम  . पर आप इतना खर्च मुझ पर क्यों करेंगी ? “ 


“ मैंने एक बार तुमसे कहा था न इसमें मेरा भी खास मकसद है  . ‘ 


“ भला हम गरीब कैसे आपके काम आ सकते हैं  ? “ 


“ दुनिया में छोटा से छोटा जीव भी बड़े जीव के काम आ सकता है  . माँ तो मैं भी बनना चाहती  हूँ  . मैं क्या करती हूँ यह तुमसे छिपा नहीं है  .  मैं नहीं चाहती हूँ कि मेरा बच्चा किसी कोठे  वाली का बच्चा कहलाये  . इसलिए मैं अपने एग्स तुम्हारे लिए  डोनेट करने को तैयार हूँ  . मेरा अंश और मोहन का अंश दोनों मिल कर तुम्हारे गर्भ में पलेगा  . ऐसे में मेरा अंश भी मेरे मरने के बाद दुनिया में मौजूद रहेगा  . जहाँ तक खर्चे की बात है यहाँ की लेडी डॉक्टर मेरे साथ स्कूल में पढ़ चुकी है  . दूसरे जेंट्स डॉक्टर की पढ़ाई में मैंने मदद की थी  . वे अपनी फीस तो नहीं लेंगे बाकी दवा दारू और कुछ अन्य खर्च हैं जो मैं करने को तैयार हूँ  . अब तुम और मोहन ठीक से सोच विचार कर कल सुबह बता देना  . अब तुम जा सकती हो  . मुझे आराम करने दो   .  “ 


उस रात चंदा और मोहन काफी देर तक तर्क वितर्क करते रहे  . कभी उनके मन में शंका  भी उठती कि शीला की मदद ली जाए या नहीं  . इस बात को ले कर कभी दोनों में तीखी बहस भी हो जाती  . मोहन शुरू में नहीं चाहता था पर चंदा को मंजूर था , वह बोली “ मत भूलो मैडम के कितने एहसान हैं हम दोनों पर और इसके लिए लाखों का खर्च आता है जो मैडम ही दे रहीं हैं  .  मैडम चाहती हैं कि उनके बाद भी दुनिया में उनका अंश रहे और हमें भी बुढ़ापे का सहारा मिल जायेगा  .  “ 


अंततः दोनों राजी हुए और सुबह में चंदा ने अपना फैसला शीला को बता दिया  . शीला बोली “ अच्छी बात है , मैं डॉक्टर को भी बता देती हूँ  . जब वो बुलाएंगी तब हमें जाना होगा  . “  

 

अगले दिन शीला मोहन और चंदा को ले कर डॉक्टर के क्लिनिक गयी  . डॉक्टर ने शीला से पूछा “ तब आपने क्या सोचा है ? “ 


“ अब सोचना नहीं है , तुम जल्दी से जल्दी अपना काम पूरा करो  . “


“ तुम अपने एग्स फ्रेश डोनेट कर रही हो या फ्रीज़ करना है  . वैसे फ्रेश अच्छा रहेगा  . “ 


डॉक्टर ने शीला के एग्स और मोहन के स्पर्म को ले कर कहा “ शीला तुमको कुछ आराम करना होगा  . एम्ब्रायो डेवलप करने में चार से पांच दिन लगते हैं  . उसके बाद जब मैं फोन करूंगी चंदा और मोहन को भेज देना  . तुम फ़िलहाल क्लिनिक में आराम करो , कुछ देर मेरे ऑब्जर्वेशन में रहोगी  . तब तक मैं इन दोनों से बातें कर लेती हूँ  

. “  


क्रमशः  


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