Wah Badnam Aurat - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

वह बदनाम औरत - भाग 2

 

Part 2 - अभी तक आपने पढ़ा चंदा और मोहन दोनों गांव छोड़ कर शहर आये और शीला के साथ रहने लगे  . अब आगे  … 


                                              वह बदनाम औरत 2    

               
चंदा ने धीरे से सर हिला कर सहमति जताई  . पर चंदा को इतने से संतोष नहीं हुआ   .एक दिन जब  उसने शीला के यहाँ काम करने वाली नेपाली औरत से शीला के बारे में जानना चाहा तब उसने कहा “  शीला मैडम  को बहुत कम उम्र में ही नेपाल से यहाँ अच्छी नौकरी  का प्रलोभन दे कर लाया गया था  . इसके लिए उनके माता पिता को मोटी रकम मिली थी  . यहाँ आने पर उन्हें  जबरन अपने देह का सौदा करने के लिए मजबूर किया गया  . भाग्यवश कुछ दिनों बाद एक सेठ उसके पास आया  और  एक मोटी रकम दे कर उन्हें अपने साथ ले आया  , उसके परिवार में और कोई नहीं था  . पर कुछ ही महीने बाद उसे लकवा मार गया  . शीला ने उसकी बहुत सेवा की पर वह बच नहीं पाया  . मरते वक़्त उसने अपनी पूरी सम्पत्ति और यह बंगला उनके नाम कर गया   . अब कुछ गिने चुने लोग यहाँ आते हैं वो भी सिर्फ उनके नाच गाने के लिए  . “ 


इसके पहले की वह औरत कुछ और बोलती शीला ने उसे आवाज दे कर बुला लिया पर जाते जाते उसने चंदा से कहा “ मुझे तुम्हें यह सब नहीं बताना चाहिए था  . अगर मैडम को पता चला तो हम दोनों की छुट्टी हो जाएगी  . तुम किसी और को कुछ नहीं बताना , अपने पति को भी नहीं  . “ 


पर चंदा यह बात अपने पेट में नहीं छुपा सकी , उसने मोहन को बता दिया  . मोहन ने उसे डांटते हुए कहा “ तुम्हें कहा था न कि तुम अपने काम से मतलब रखो , औरों के पचड़े में नहीं पड़ो  . “ 


कुछ दिनों बाद चंदा एक कोने में उदास बैठी रो रही थी , उसे देख कर शीला ने पूछा “ रो क्यों रही हो ? अब तो तेरा मर्द भी ठीक हो गया और काम पर जाने लगा है  . अगर यहाँ कोई तकलीफ है तो बोलो  . “ 


“ नहीं , आपके यहाँ हमें कोई तकलीफ नहीं है  . आपने हमारे लिए जितना कुछ किया है वह हमारे लिए आशातीत है  . “ 


“ फिर क्या बात है ? “ 


चंदा रोते हुए बोली “ मैं बाँझ हूँ  . बुढ़ापे में हमलोगों का कोई सहारा नहीं होगा  . हम क्या करेंगे , कहाँ जायेंगे ? यही सब सोच कर मन बहुत घबराता है  . “ 


“ कितने साल हुए तुम्हारी शादी के  ? “ 


“ छह साल से ज्यादा ही  . “ 


“ तुम लोगों ने डॉक्टर को दिखाया है ? “ 


“ हाँ मैडम  , एक बार अपनी कुछ जमीन बेच कर शहर के डॉक्टर से दिखाया था  . बहुत खर्च भी किया था हमने  . “ 


“ तब डॉक्टर ने क्या कहा था ? “ 


“ डॉक्टर ने कहा कि मैं माँ नहीं बन सकती हूँ  . “   


शीला ने फिर पूछा “ आजकल बांझपन का बहुत तरह से इलाज हो सकता है  . कोई उपाय बताया था डॉक्टर ने ? “ 


चंदा कुछ शरमा कर कुछ सहम कर बोली “ डॉक्टर ने कहा मेरे गर्भाशय में गर्भधारण की क्षमता नहीं है  . मुझमें अंड  कोशिका ( एग्स ) की कमी है  . “ 


“ पर आजकल इसका इलाज तो है  . “ 


“ हाँ , उसने बताया था कि किसी सरोगोद माँ की बात बताया था  . पर मैं नहीं चाहती कि मेरे मर्द का बीज किसी गैर  औरत  के गर्भ में पड़े  .” 


“ सरोगोद नहीं सैरोगेट मदर कहा जाता है  . “ 


“ हाँ , वही कहा था  . मुझे ठीक से बोलने नहीं आता है  . “ 


इसके बाद दोनों कुछ देर तक चुप थीं  .


 फिर चंदा ने आगे कहा “  इसके अलावा कोई औरत अगर अपने एग्स दान करे तो उसे मैं अपने गर्भ में रख बच्चे को जन्म दे सकती हूँ  . पर इसमें लाखों का खर्च है  . हमारी हैसियत से बाहर , इसलिए हम बाँझ ही रहेंगे  . “ 


शीला यह सुन कर बहुत सीरियस हो गयी और कुछ देर खामोश रही  . फिर बोली “ ठीक है , तुम अभी जाओ  . सोचते हैं किस तरह तुम्हारी मदद की जाए  . “ 


कुछ महीने बाद शीला ने मोहन और चंदा से कहा “ एक जगह रहते रहते बोर हो गयी हूँ  . मन ऊब गया है  . जी करता है चेंज के लिए कहीं सैर पर निकल जाऊं  . “    


चंदा बोली “ हाँ मैडम , जाईये कुछ दिनों के लिए घूम  आइये   . आपका मन बहल जायेगा  . “ 


“ सोच रही हूँ कि क्यों न शहर की भीड़भाड़ से दूर कुछ दिन शांति  से  किसी  पहाड़ी वादियों में गुजारूं  . “ 


“ हाँ , अच्छा रहेगा  . आप बोलिए सफर की तैयारी के लिए हमलोग क्या कर सकते हैं ? “  इस बार मोहन ने कहा 


“ क्यों न हम चंडीगढ़ घूम आएं  ? “ 


मोहन बोला “ चंडीगढ़ भी तो शहर ही है मैडम  . “  


“ हाँ , वह तो मैं जानती हूँ  . पर शिमला , कुलु , मनाली आदि हिल स्टेशन भी वहां से बहुत नजदीक ही हैं  . “ 


“ यह ठीक रहेगा  .” चंदा बोली 


“ तो हमलोग तैयारी करें ? “ 


“ हमलोग का मतलब क्या हुआ ? “  चंदा ने पूछा 


“ मैं तुम और मोहन  . “ 


यह सुन कर मोहन और चंदा आश्चर्य से शीला की ओर देखने लगे  . तब शीला ने कहा “ इस तरह क्यों घूर कर मुझे देख रहे हो तुम दोनों  . “ 


“ जब हम तीनों जा ही रहे हैं तब आप अपनी नेपाली कामवाली को भी साथ ले लें  . “  चंदा ने कहा 


“ नहीं , वह घर की साफ़ सफाई , देखभाल करेगी  . तुमलोग तैयारी करो  . साथ में गर्म कपड़े जरूर रख लेना , वहां काफी ठंड पड़ती है  . मैंने एजेंट से पहले ही तीन लोगों  के लिए टिकट और होटल आदि बुक करने के लिए कह रखा है  .  “


चंदा और मोहन फिर ख़ामोशी से शीला को देख रहे थे  . “ तुमने सुना नहीं , मैंने क्या कहा है ? हो सकता है हम लोगों को कल ही यात्रा पर निकलना पड़े  . जाओ अपनी तैयारी करो  . “ 


दो दिनों के बाद शीला , मोहन और चंदा तीनों  यात्रा पर निकले  . शीला ने सभी के लिए ट्रेन की एयर कंडीशन कोच में बुकिंग किया था  . चंदा और मोहन के लिए यह किसी अजूबे से कम नहीं था  . अगले दिन वे चंडीगढ़ पहुंचे  . 


चंडीगढ़ में शीला ने होटल में दो कमरे बुक करवाए थे , एक खुद के लिए और दूसरा मोहन और चंदा के लिए  . उस दिन सभी ने होटल में आराम किया  . अगले दिन वे चंडीगढ़ के दर्शनीय स्थल गए  . शाम को जब वे लौट कर आये और शीला का  सामान उसके रूम में रख रहे थे तभी दो लोग आये  . मोहन ने उन्हें एक कार से निकलते  देखा था जिस पर डॉक्टर का लाल क्रॉस का निशान था  .उसमें  एक पुरुष था और दूसरी  औरत थी  . 


करीब एक घंटा के बाद शीला के दोनों गेस्ट चले गए  . जाते समय मोहन ने शीला को  उनसे कहते सुना   “ ओके डॉक्टर कल मैं आप के क्लिनिक में मिलती हूँ  . “ 


अगले दिन सुबह शीला ने चंदा से कहा “ तुम दोनों यहीं होटल में रहो , मैं बाहर जा रही हूँ लौटने में कुछ समय लगेगा  . “ 


शीला डॉक्टर के यहाँ गयी  . लेडी डॉक्टर ने पूछा “  अब बताओ  तुम्हारा क्या प्लान है ? “ 


“ डॉक्टर , फिलहाल तुम मेरा टेस्ट कर बताओ कि माँ बनने के योग्य हूँ कि नहीं  . “ 


“ जहाँ तक मुझे पता है तुमने शादी नहीं की है तब क्या अब शादी कर घर बसाने का इरादा है ? “ 


“ नहीं , दोनों में कुछ भी नहीं  . पर मेरा टेस्ट कर बताओ फिर मैं आगे का प्लान बताऊंगी  . “ 


टेस्ट करने के लिए डॉक्टर शीला को ले कर अंदर गयी  . कुछ देर बाद दोनों बाहर आयीं  , तब डॉक्टर बोली “ मेरे ख्याल से तुम माँ बन सकती हो  . पर मैंने कुछ सैंपल लिए हैं उसे टेस्ट कर एक दो दिनों में कंफर्म कर दूँगी  . “

 

क्रमशः 

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