मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 1 DINESH DIVAKAR द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 1

हर दिन की तरह आज भी मैं अपने सभी कामों को पूरा करके सोने जा रहा था कि तभी मेरा मोबाइल बज उठा...
मैं सोच में पड़ गया कि आखिर यह महान प्राणी कौन है जो रात के 11:00 बजे फोन कर रहा है मैंने मोबाइल उठाया और स्क्रीन पर देखा तो मेरे एक अजीज दोस्त दिनेश दिवाकर का फोन था मेरे चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई दरअसल जब से मैं कॉलेज के बाद मेडिकल लाइन में घुसा हूं तब से किसी को भी ठीक से टाइम नहीं दे पा रहा था, खैर जिंदगी का शायद यही दस्तूर है या उनका कोई पिछले जन्म का कोई पाप......

मैं यही सब सोच रहा था कि कॉल कट हो गया मैं अपने सपनों की दुनिया से बाहर आया और तुरंत दिनेश के नंबर पर कॉल किया घंटी जा रहा था बट वह रिसीव नहीं कर रहा था फिर थोड़ी देर घंटी जाने के बाद कॉल रिसीव हुआ

मैंने हेलो दिनेश बोला लेकिन सामने से कोई आवाज नहीं आया मैं थोड़ा सोच कर बोला- हेलो दिनेश.. आर यू देयर.. कुछ बोलो भी मेरे भाई.... नाराज हो क्या मुझसे...?

उधर से हल्की सी आवाज आई- भै‌इया.......

उसके बाद दिनेश जोर जोर से रोने लगा मैं परेशान हो गया कि दिनेश को क्या हुआ वह रो क्यों रहा है

क्या हुआ मेरे छोटे भाई तुम ऐसे रो क्यों रहे हो....? सब ठीक तो है ना... मेरे भाई प्लीज रोना बंद करो और मुझे बताओ सब ठीक तो है ना....!

दिनेश रोते हुए बोला- वह मुझे छोड़ कर चली गई भैया

'कौन छोड़कर चली गई' मैंने सवाल किया

दिनेश- "मुस्कान"... वह मुझे छोड़ कर चली गई भैया... मैं उसके बिना नहीं रह पाऊंगा यह कह कर वह रोने लगा

मुझे समझने में देर नहीं लगी कि यह लैला मजनू की कहानी है जिसमें लैला अपने मजनू को छोड़कर चली गई है और अपना मजनू जल बिन मछली की तरह तड़प रहा है

दिनेश मेरे भाई तू रोना बंद कर ठीक है... वो वापस आ जाएगी तू चिंता मत कर... वह अभी गुस्सा होगी तुमसे जब गुस्सा शांत हो जाएगा वह तुम्हारे पास आ जाएगी मैंने शाम को शांत कराने के लिए बोला हालांकि हम सभी को पता है कि जैसे तीर कमान से... बात जुबान से और प्राण शरीर से निकलकर कभी वापस नहीं आते वैसे ही एक बार छोड़कर गई गर्लफ्रेंड भी दुबारा वापस नहीं आती यह कहकर मैं ग्लास का पानी उठाकर पीने लगा

दिनेश रोते हुए बोला- नहीं भैया... आप समझ नहीं रहे वह.... वह इस दुनिया को ही छोड़ कर जा रही है...

क्या.....? यह सुनकर मेरे हाथ से गिलास छूटकर नीचे गिर गया मैं वही शाक्ड होकर बिस्तर में धम्म से बैठ गया मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था

दिनेश रोते हुए बोला- हां भैया मैं भी उसे नहीं रोक पाया... बस उसकी एक आखिरी ख्वाहिश है कि हमारी प्रेम कहानी बनें आप मेरी मदद करेंगे ना भ‌इया..... आप मेरी मुस्कान की आखिरी ख्वाहिश पूरी करेंगे ना..... आप हमारी इस अधूरी प्रेम कहानी को लिखेंगे ना....?

मैं बिना कुछ बोले बस दिनेश की बातें सुनें जा रहा था.... मन में बहुत सारे सवाल घूम रहे थे कि कौन है मुस्कान.....! वह दिनेश से कैसे मिली.... क्या हुआ था दिनेश और मुस्कान के बीच जो मुस्कान इस दुनिया को छोड़ कर जा रही हैं......!!

नमस्कार मेरा नाम है मिस्टर स्ट्रेंजर मुझे पता है आपके मन में भी बहुत सारे सवाल पैदा हो रहे होंगे आखिर कौन है यह दिनेश और मुस्कान.....? और उनके बीच में मैं क्या कर रहा हूं....! मैं जो भूतों के साथ बैठकर भूतिया कहानियां लिखता हूं वह आज इस प्रेम कहानी के बीच में खड़ा है.....?

इसके पीछे भी एक बहुत बड़ा कारण है यह सिर्फ एक कहानी नहीं है.... यह दो प्यार करने वालो‌ की एक सच्ची प्रेम कहानी है जिसका अंत बहुत दुखद है........

प्रतिलिपि में मैं काफी समय से हूं यहां मुझे बहुत सारे दोस्त मिले जिनमें से कुछ मेरे लाइफ से जुड़ गए उन्हीं में से एक हैं दिनेश....... दिनेश दिवाकर

मेरे दोस्त का मुझसे निवेदन है कि उसका नाम पता गुप्त रखा जाए इसलिए उसके जगह में मैंने अपना नाम जोड़ दिया है हालांकि मैंने कभी प्रेम कहानी नहीं लिखी लेकिन इन दोनों के प्रेम कहानी को देखकर मेरे आंखों में आसूं आ ग‌ए... अपने आप को रोक नहीं पाया... मैंने अपने भाई से वादा किया है कि मैं मुस्कान की‌ आखिरी ख्वाहिश को जरूर पूरा करूंगा...... इस कहानी को मैंने अपने नजरिए से लिखा है इसलिए इस कहानी को थोड़ा सूटेबल बनाने के लिए मैंने अपनी लाइफ भी इसमें जोड़ दि है अगर कुछ गलती हो जाए तो माफी चाहता हूं...... तो आइए शुरू करते हैं एक सच्ची प्रेम कहानी को.......

दिनेश पूरा नाम दिनेश दिवाकर, 22 साल का दिनेश आजकल के बच्चों जैसा मॉडल नहीं है जो किसी लड़की के पीछे अपना जीवन बर्बाद करें... उसके लाइफ का सिंपल सा फंडा था कि अच्छे से पढ़ाई करके जॉब पाए और परिवार की पसंद से शादी करके एक सुखी जीवन व्यतीत करें

कॉलेज पूरा होने के बाद वह एक कोर्स करने के लिए अपने परिवार से दूर अकेले रहने जयपुर शहर आया हुआ था जिंदगी की भी यही सच्चाई थी कि हमें यह सफर अकेले ही तय करना होता है। दिनेश बहुत बोला था उसे दुनियादारी की कोई समझ नहीं थी मम्मी पापा ने उनसे एक वादा लिया... कि बेटा हमने तुम्हारी हर इच्छा पूरी की... तुम्हें जो चाहिए था वह लाकर दिया... किसी चीज की कमी नहीं होने दिया इसके बदले हमें कुछ नहीं चाहिए बस एक वादा करो कि तू किसी लड़की के चक्कर में नहीं पड़ेगा अच्छे से पढ़ाई पर ध्यान देगा शादी का क्या है जब तू बोलेगा हम तेरे लिए एक अच्छी सी सुंदर लड़की ढूंढ कर लाएंगे और पूरे धूमधाम से शादी करेंगे कि दुनिया देखती रह जाए।

तुम्हें तो पता ही है कि सब हमसे कितना जलते हैं हम इतने गरीब होकर भी तुम तीनो भाई बहनों को पढ़ा रहे हैं ऊपर से तुम लोग आजकल के बच्चों जैसा कोई भी नशा आदि नहीं करते शुद्ध शाकाहारी है हमारा परिवार इसलिए ऐसा कोई काम मत करना जिससे हमारी नाक कटे। दिनेश ने वादा किया- मां मैं वादा करता हूं कि शादी आप सभी की मर्जी से ही करूंगा इसके बाद दिनेश जयपुर आ गया

दिनेश के पापा उसे लेकर जयपुर आए थे कॉलेज में एडमिशन दिलवाया और उसके कुछ दूर पर ही एक रूम का भी इंतजाम करवा दिया। उसके पापा 2 दिन साथ रहे फिर वापस जाने का बोले तो दिनेश की आंखों से आंसू निकल गए इससे पहले उसे उसके पापा देखे वह तेजी से पीछे मुड़ा और बाथरूम की ओर दौड़ गया और रोने लगा आज से पहले दिनेश कभी भी अपने परिवार से दूर नहीं गया था लेकिन आज से यह सोचकर दिनेश का दिल बैठा जा रहा था कि वही यहां अकेला हो जाएगा.....

तभी उसे अपने पापा की कही हुई बात याद आई बेटा हम लोग मिडिल क्लास लोग हैं आज कल की दुनिया में जीने के लिए पैसा जरूरी है जब तक हमारे अंदर ताकत है तब तक तुम तीनो भाई बहनों को कोई कमी नहीं होने देंगे लेकिन कुछ सालों में हम लोग भी बूढ़े हो जाएंगे तब हम भी एक तरफ से बच्चे बन जाएंगे जिनका ख्याल तुम्हें ही रखना होगा

अभी तुम्हारे दादा दादी की पेंशन और रिटायरमेंट के पैसे से बहुत मदद हो जा रही है तुम्हारी मम्मी की नौकरी से तुम तीनो भाई बहनों की पढ़ाई का खर्चा चल रहा हैं हम किसान है बेटा आज के जमाने में किसान होना एक श्राप से कम नहीं है... साल भर जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी हाथ में कुछ नहीं आता। तुम्हारे दादा दादी की भी उम्र होती जा रही हैं तुम तीनों भाई बहनों के पास बस 5 साल का टाइम है जितने समय में तुम तीनों पढ़ लिख कर कोई अच्छा सा जॉब ढूंढ लो तो हम सभी के लिए अच्छा होगा हमारे लिए ना सही तुम्हारे परिवार के लिए अच्छा होगा

उसके बाद तुम तीनों की शादी कर देंगे बेटी तो पराया धन है एक दिन चली जाएगी फिर तो तुम दोनों भाइयों को ही घर चलाना होगा दादा दादी को संभालना होगा अपने बीवी बच्चों का भरण पोषण करना होगा हम दोनों भी थक जाएंगे फिर हमारा भी ख्याल रखना होगा शादी हो जाएगी घर में बहू आ जाएगी उसके कुछ समय बाद नन्हा मेहमान भी आ जाएगा उन सभी का भरण पोषण तुम्हें ही करना होगा।

इसलिए अगर तुम अच्छे से पढ़ाई करके जॉब करते हो तो कोई परेशानी नहीं होगी हम नहीं चाहते कि तुम्हारी जिंदगी भी हमारी तरह गरिबी में गुज़रे और तुम बस एक किसान बन कर रह जाओ

दिनेश ने अपनी आंखें पोंछ ली चेहरे को पानी से धोया और बाथरूम से बाहर आया तो देखा पापा तैयार हो गए थे थोड़ी देर बाद वह दिनेश को समझा कर जाने लगे दिनेश ने उनके पांव छुए फिर चले गए दिनेश उन्हें दूर तक जाते हुए देखता रहा फिर वापस रूम में आ गया। वह बेड पर लेट गया उसके आंखों से आंसू बहने लगे वह सुबह-सुबह कर रोने लगा तभी दरवाजे पर दस्तक हुई पापा की आवाज आई- बेटा दरवाजा खोलो तो, यह साइकिल की चाबी तो देना ही भूल गया था

दिनेश झट से उठ बैठा.... जी कर रहा था पापा से लिपट जाऊं पर उसने किसी तरह खुद को कंट्रोल किया.. आंसू पोछे और हां पापा कह कर दरवाजा खोला पापा ने उसे चाबी दिया और वापस जाने लगे दिनेश उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था एक बार उनके जाने के बाद दिनेश खुद को रोक नहीं पाया। बहुत समय तक रोता रहा... रोते-रोते ही कब उसकी आंख लग गई उसे पता ही नहीं चला उठा तो देखा रात हो चुकी हैं घर में फोन करने का बहुत मन था पर वह फिर से कमजोर नहीं होना चाहता था भूख नहीं लगी थी फिर भी खाना बनाया लेकिन मुंह के अंदर नहीं गया वह वैसे ही सो गया।

सुबह हुई वह जल्दी से तैयार होकर साइकिल से कॉलेज जाने के लिए निकला और क्लास अटेंड करने लगा। वहां पर उसके बहुत सारे दोस्त बने जिससे उसके चेहरे में थोड़ी खुशी आई कॉलेज से घर आया तो घर में फोन किया और ढेर सारी बातें की फिर नहाने चला गया खाना बनाया और खाकर अपने बिस्तर में लेट गया

उसके बहुत सारे बेस्ट फ्रेंड जिनसे वह अपने सारी बातें शेयर करता था जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही थी दिनेश भी अब उस नई लाइफ मैं एकजस्ट हो चुका था और खुश था कि तभी वह आई जिससे उसकी जिंदगी बदल गई......

मेरे कहने पर दिनेश ने प्रेम कहानी लिखना शुरू किया था वह वाकई काफी बेहतरीन होता था प्रतिलिपि एप्प पर उसके अच्छे खासे फालोवर्स हो गए थे काफी समय तक एक ही DP लगाए रखने से वह बोर हो गया था इसलिए एक ANIME लड़के की फोटो लगा दी।

25 मार्च 2022 का दिन था दिनेश कॉलेज से आकर खाना आदि खा कर आराम से बेड पर लेटे लेटे मोबाइल चला रहा था की तभी प्रतिलिपि से किसी का मैसेज आया दिनेश ने देखा तो किसी मुस्कान नाम की लड़की ने मैसेज किया था कि "आप की स्टोरी बहुत प्यारी हैं" दिनेश के चेहरे में हल्की सी स्माइल फैल गया

उसने रिप्लाई किया- धन्यवाद मिस 🙃

उधर से मुस्कान का रिप्लाई आया- क्या मैं आपकी फोटो देख सकती हूं जानना चाहती हूं इतनी प्यारी कहानी लिखने वाला कैसा दिखता है

दिनेश बोला- अरे आप कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रही हैं😅

मुस्कान- सच कह रही हूं 😌 आप अपनी फोटो दिखाएंगे

दिनेश बचपन से ही शरारती था वह बोला- हां क्यों नहीं यह रहा मेरा नंबर आप मैसेज कीजिए मैं आपको फोटो व्हाट्सएप करता हूं

मुस्कान बोली- माफ कीजिए मैं व्हाट्सएप पर मैसेज नहीं कर सकती

दिनेश बोला- डोंट वरी मैं मजाक कर रहा था DP मे मैंने अपनी फोटो डाल दिया हूं आप देख लीजिए

कुछ देर बाद मुस्कान का रिप्लाई आया- यू आर सो हैंडसम

दिनेश- ओह थैंक यू सो मच😊

मुस्कान- आपकी उम्र क्या है ?

दिनेश- जी 22 साल

जिसके बाद मुस्कान बोली- हम्म एक और सवाल प्लीज😁

दिनेश- हां वह भी पूछ लीजिए

मुस्कान- आपकी शादी हो चुकी हैं या नहीं ? कोई गर्लफ्रेंड तो नहीं है ? सॉरी मैं कंफर्म करना चाहती हूं

दिनेश बोला- ना बाबा अभी तो मैं 22 साल का बच्चा हूं😋

मुस्कान- वाह सही है

दिनेश- कंफर्म करना जरूरी है मतलब !

मुस्कान- नहीं कुछ नहीं

दिनेश- आप बता सकते हैं इसके लिए आपको फांसी की सजा नहीं दी जाएगी😝

मुस्कान- नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया

दिनेश- हम्म

मुस्कान- क्या करते हैं आप ?

दिनेश- लेखक, गेमर, पेंटर, स्टूडेंट, लवर और भी बहुत कुछ

मुस्कान- वाह क्या बात है, बाकी सब तो ठीक है यह लवर का क्या सीन है 🤔

दिनेश- हां एक ही लाइफ है अगर सब काम एक-एक कर करूंगा तो सारी जिंदगी बीत जाएगी इसलिए सब काम एक साथ करता हूं

मुस्कान- सही है बाॅस लगे रहो👍

दिनेश- हम्म... वैसे लवर का काम अभी पेंडिंग में चल रहा है

मुस्कान- अच्छा जी मतलब कोई मिली नहीं अभी तक

दिनेश- आजकल सच्ची गर्लफ्रेंड मिलना भगवान मिलने से ज्यादा मुश्किल है

मुस्कान- हम्म.. ये तो है पर आपको ढूंढनी ही क्यूं हैं ?

दिनेश- कोई सामने से तो आने नहीं वाला ना

मुस्कान- हां यह बात भी है

दिनेश- हम्म..

मुस्कान- कहां से हैं आप

दिनेश- जयपुर से

मुस्कान- नाइस

दिनेश- सब कुछ मैं ही बताऊं मिस अजनबी मुस्कान

मुस्कान- हां पुछिए ना क्या पूछना है

दिनेश- आप ही बताइए सबकुछ ?

मुस्कान- मेरा नाम मुस्कान गिल हैं मैं 25 की हूं, जॉब करती हूं प्राइवेट स्कूल में

दिनेश- वाह कौन सा कोर्स किया है आपने

मुस्कान- कोई भी नहीं 12TH के बाद आगे स्टडी करने का मौका ही नहीं मिला

दिनेश- सही है जाॅब मिल जाए तो और क्या चाहिए

मुस्कान- प्राइवेट जॉब किसे चाहिए यार बहुत प्रॉब्लम होती है

दिनेश- प्रॉब्लम तो सभी जगह होती हैं यही तो जिंदगी है जिस दिन प्रॉब्लम खत्म जिंदगी खत्म

मुस्कान- जी बाबा जी 😅

दिनेश- हां बच्चा

मुस्कान- ☺️

दिनेश- और कहां की हैं आप

मुस्कान- जी पंजाब से

दिनेश- ओह... की हाल सोनियो

मुस्कान- साडे हाल दा बढ़िया तुडी दासो

दिनेश मुस्कुराते हुए- तुसी कृपा है

मुस्कान- नहीं ऐसे नहीं तुहाडी कृपा है बोलते हैं

दिनेश- अच्छा... मुझे पंजाबी बोलने का बहुत शौक है

मुस्कान- अच्छा जी। कभी आए हैं पंजाब

दिनेश- नहीं अभी तक तो मौका नहीं मिला.. अभी तो मैं बच्चा हूं ना

मुस्कान- ओह हां 😅 खैर जब से आप की स्टोरी पड़ी है तब से सोचा था कि आपसे बात करूंगी पर थोड़ा बिजी थी इसलिए बात नहीं कर पाई

दिनेश- कोई बात नहीं

मुस्कान- पर आज फ्री हूं मैं

दिनेश- हम्म वैसे आपने कौन सी कहानी पढ़ी है

मुस्कान- वासना की भूखी चुड़ैल (यह मेरी कहानी के प्रमोशन के लिए हैं वह कहानी कुछ और थी)

दिनेश- 😅😅😅😅

मुस्कान- नहीं मतलब कैसे लिख दी वह स्टोरी

दिनेश- क्यों क्या हुआ ! अच्छी नहीं लगी आपको

मुस्कान- नहीं बहुत अच्छी स्टोरी हैं, पर आप सिर्फ 22 साल के हैं और इतनी अच्छी कहानी लिखी थी

दिनेश- ओह थैंक यू

मुस्कान- मोस्ट वेलकम, लव स्टोरी आपको पसंद है

दिनेश- लव स्टोरी तो मेरी जान है

मुस्कान- हारर स्टोरी के बारे में क्या ख्याल है

दिनेश- वह काम तो मेरे स्ट्रेंजर भैया का है, क्या बताऊं क्या लिखते हैं मेरे भैया

मुस्कान- अच्छा तब तो पढ़ना ही पड़ेगा

दिनेश- मैं भी लिखने की सोच रहा हूं लेकिन टाइम नहीं मिल रहा

मुस्कान- क्यों क्या हुआ

दिनेश- सुबह सुबह जल्दी से उठकर खाना बनाओ जल्दी जल्दी नहाकर खाना खाकर तैयार होकर कालेज जाओ वहां से आकर फिर खाना आदि बनाकर कोचिंग सेंटर जाओ फिर शाम को आकर थोड़ा आराम करो फिर रात को खाना बनाओ खाओ फिर थोडी पढ़ाई करो 11 बज जाते हैं कहानी लिखने के लिए टाइम कहां से मिलेगा....

मुस्कान- आप खाना खुद क्यों बनाते हैं ? रहते कहां हैं आप

दिनेश- मैं घर से बहुत दूर रहता हूं रूम किराए में लिया है, तो खाना खुद ही बनाना पड़ेगा ना

मुस्कान- हां सच में बहुत व्यस्त रहते हो आप, पर प्लीज टाइम निकाल कर एक लव स्टोरी लिखिएगा

दिनेश- हम्म कोशिश करूंगा

मुस्कान- जी प्लीज लिखना जरूर

दिनेश- हम्म अभी होली की छुट्टी में घर आया हूं

मुस्कान- हम्म

दिनेश- इंस्टा में आइए ना देवी जी

मुस्कान- अभी नहीं पहले आपको जान तो लो अच्छे से फिर सीधा कॉल पर बात करूंगा

दिनेश- बाप रे कॉल पर बात

मुस्कान- क्यों नहीं करना क्या

दिनेश- दरअसल मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म आती है

मुस्कान- अच्छा सीधा सीधा बोल सकते हैं कि बात नहीं करनी हमसे, कोई बात नहीं

दिनेश- अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है

मुस्कान- रिलैक्स, मैं मजाक कर रही थी

दिनेश- ओके चलिए आपसे बात कर लेंगे

मुस्कान- अच्छा जी, कोई बात नहीं अगर आप कंफर्टेबल नहीं हो तो मैसेज में बात कर लेंगे

दिनेश- नहीं मन तो बहुत करता है लेकिन वहां बोलती बंद हो जाती है

मुस्कान- आपसे बात करके अच्छा लगा

दिनेश- थैंक्य😊 चलिए मैं आता हूं थोड़ी देर में

मुस्कान- जी जरूर पर जल्दी आइएगा

अगले दिन.......

'क्या हाल है टीचर जी' दिनेश ने मुस्कुराते हुए बोला

मुस्कान- हम्म बढ़िया हैं आप बताइए

दिनेश- बस घर के कामों में व्यस्त हूं, अभी फ्री हुआ हूं।डिनर हुआ आपका

मुस्कान- जी

दिनेश- क्या बना था

मुस्कान- मटर पनीर के साथ रोटी

दिनेश- वाह बढ़िया

अगले दिन

मुस्कान- गुड मॉर्निंग जी कहां बिजी है जनाब

दिनेश- गुड मॉर्निंग मैडम जी, कहीं नहीं बस यहीं कहीं

मुस्कान- हम्म क्या कर रहे हैं आप

दिनेश- बैठा हूं मोबाइल चलाते हुए

मुस्कान- ओके

दिनेश- आप बताइए आप क्या कर रहे हो

मुस्कान- मूवी देख रही हूं

दिनेश- कौन सी मूवी

मुस्कान- कबीर सिंह

दिनेश- ओके आप मूवी देख लो मैं डिस्टर्ब नहीं कर रहा

मुस्कान- नहीं आप बात कर सकते हैं

दिनेश- काम से बाहर जाना पड़ रहा है आकर बात करता हूं

मुस्कान- जी

कुछ समय बाद

दिनेश- देख लिए मूवी

मुस्कान- हम्म देख लिए

दिनेश- आपने पुष्पा मूवी देखा है

मुस्कान- हां देखा है ना

दिनेश- मुस्कान बी लाइक- अच्छा लगा ना मैं

मुस्कान- हां अच्छे लगे आप मुझे

दिनेश- सच्ची थैंक यू 🙈

मुस्कान- मोस्ट वेलकम

दिनेश- बट मैं बिल्कुल भी अच्छा नहीं हूं

मुस्कान- वाह आपको कैसे पता

दिनेश- सच में मैं बहुत बुरा हूं नर्क के रास्ते मेरे लिए पहले से ही तैयार है

मुस्कान- ऐसा क्यूं बोल रहे हैं आप खुद अपने बारे में बुरा सोचेंगे तो बाकी लोग भी बुरा समझेंगे इसलिए खुद अच्छा समझो क्योंकि आप अच्छे हो

दिनेश- कोशिश करूंगा अच्छा बनने की

मुस्कान- कोशिश क्यों करना आप अच्छे हैं बस बात खत्म.. मुझे लगता है आपको किसी के साथ की जरूरत है

दिनेश- छोड़िए इन सब बातों में क्या रखा है, वैसे भी कौन साथ देने वाला है

मुस्कान- नेगेटिव क्यों सोच रहे हैं कोई ना कोई मिल जाएगी

दिनेश- वेटिंग उस 'कोई ना कोई की'

मुस्कान- 😅😅

दिनेश- आप बताइए कुछ

मुस्कान- क्या बताऊं पूछिए

दिनेश- मैं तो नासमझ हूं, आप अपने हिसाब से कुछ बताइए

मुस्कान- वाह नासमझ... सही है बॉस बहुत आगे जाओगे

दिनेश- जी 😅

मुस्कान- कुछ भी पूछ सकते हैं आप

दिनेश- आपकी तो ब्वॉयफ्रेंड की लिस्ट काफी लंबी होगी ना

मुस्कान- वाह आपको कैसे पता चला

दिनेश- बाबा जी को सब पता है बच्चा

मुस्कान- नहीं ऐसा कुछ नहीं है, मेरा कोई BF नहीं है। मुझे बस खुद से प्यार है

दिनेश- हां हां बोलने में क्या जाता है

मुस्कान- सच में यार अगर कोई BF होता तो आपसे बात नहीं कर रही होती

दिनेश- हां यह बात भी सही है

मुस्कान- जी बाबा जी

दिनेश- क्रश तो जरूर होगा

मुस्कान- हा है ना

दिनेश- बताइए फिर

मुस्कान- बारुण सोबती

दिनेश- यह कौन है ससुरा

मुस्कान- सीरियल में है मैं उसे बहुत पसंद करती हूं

दिनेश- क्या गुंडा बनोगे मुस्कान

मुस्कान- मतलब

दिनेश- मतलब रियल वर्ल्ड में मैडम रियल वर्ल्ड में कौन है

मुस्कान- अभी तक तो नहीं है आपकी कोई क्रश है

दिनेश- हां भी और नहीं भी

मुस्कान- मतलब

दिनेश- बचपन में ही उससे प्यार हो गया था पर वह कौन है ? कहां रहती है ? क्या नाम है ? कुछ पता नहीं ? एज भी पता नहीं ?

मुस्कान- और अब कोई पसंद है

दिनेश- नहीं अभी तक तो वैसे कोई मिली नहीं

मुस्कान- होप जल्दी मिल जाए

दिनेश- वैसे वो आपकी ही एज की होगी

मुस्कान- कहीं मैं ही तो नहीं

दिनेश- हां हो सकता हैं आप अपना चेहरा तो दिखाओ तब पता चलेगा ना

मुस्कान- डीपी में मेरी फोटो डाली है देख लीजिए

दिनेश फोटो को देखकर- अरे वाह आप ही तो हो मेरे सपनों की राजकुमारी

मुस्कान- हां हां वेरी फनी

दिनेश- 😁😁

दिनेश- चलिए शाम को मिलते हैं

मुस्कान- कहां मिलते हैं

दिनेश- फ्लाइट पकड़ के आ रहा हूं आपके पास

मुस्कान- मजाक मत किजिए

दिनेश- मजाक नहीं कर रहा सच में आपसे मिलने आ रहा हूं पंजाब

मुस्कान- आर यू सीरियस

दिनेश- यस बच्चा

मुस्कान- नो

दिनेश- क्यों

मुस्कान- ऐसे ही! आपको क्यों आना है मुझसे मिलने

दिनेश का कोई जवाब नहीं आया

कुछ देर बाद

मुस्कान बार बार दिनेश को मेसेज करती है

हेलो कहीं सच में तो मिलने नहीं आ रहे हैं ना... हेलो मिस्टर दिवाकर ? मैं नहीं मिलने वाली आपसे! क्यूं आ रहें हैं आप ऐसे ! कुछ तो बोलिए! हे भगवान यह लड़का सच में मुझसे मिलने आ रहा है ? मुस्कान परेशान होते हुए बोली

लेकिन दिनेश का कोई रिप्लाई नहीं आया वही मुस्कान परेशान हो रही थी

To be continue...............

®®®DINESH DIVAKAR'MASTER'

प्रोफेशनल लव राइटर की तरह तो नहीं लिख पाया पर कोशिश पुरी की है अपनी पहली लव स्टोरी लिखने को बेहतर बनाने के लिए इस कहानी को थोड़ा सूटेबल बनाने के लिए मैंने अपनी कहानी भी जोड़ दी है क्योंकि इस कहानी को मैं अपने नजरिए से लिख रहा हूं और यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है।