यह कहानी किसी भी जाति वर्ग स्थान भाषा धर्म लिंग से मैच नहीं खाती है इसे लिखने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और इसे मनोरंजन के लिए ही लिखा गया है फिर भी अगर कुछ तथ्य मिलते हैं तो वह संयोग होगा,, आप इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पढ़ें
चुड़ैल जाग गई,,भाग-1
शंकर और विष्णु दो जिगरी दोस्त और दोनों ही इस वक्त बेरोजगार,, दोनों ने हीं फर्स्ट क्लास से डिग्री हासिल की है पर फिर भी इन दोनों को ढंग की नौकरी नहीं मिल रही,,
शाम के 5:00 बजे दोनों दोस्त थके हारे एक चाय की दुकान पर आकर बैठ गए हैं,, जहां हर रोज शाम को यह दोनों आकर बैठना पसंद करते थे, और सड़क पर चलने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ियों को देखकर खुश हो लेते थे।
कल्लू चायवाला ,,"आ गए ,क्या जुगाड़ नहीं हुआ आज भी नौकरी का",
विष्णु ,"अरे नहीं कल्लू भाई साला सारी दुनिया मिल गई पर नौकरी नहीं मिली,",
शंकर ,""चल भाई दो कप चाय ले आ,,",
कल्लू ,"हां हां क्यों नहीं आराम से बैठो तो सही बस 2 मिनट में चाय हाजिर करता हूं"",,
विष्णु और शंकर वहां लगे स्टूल पर बैठ गए थे और एक तरफ पड़े सुबह के पेपर को उठाकर देखने लगे थे।
कल्लू ,,"अब तो पेपर पुराना हो गया है कुछ नहीं बचा इसमें, सुबह से सैकड़ों लोग चाट गए हैं इसके एक-एक शब्द को",
विष्णु हंसते हुए ,"हमें कौन सा पढ़ना है इतना पढ़कर बेरोजगार घूम रहे हैं अब इस अखबार को पढ़कर दिमाग खराब थोड़ी ना करना है,"'
शंकर ,"बस हम तो इसमें फोटो देख रहे हैं यह रोनाल्डो बड़ा जबरदस्त फुटबॉलर है,,",,
विष्णु जो अखबार पर जल्दी-जल्दी ऐसे ही नजर मार रहा था अब एक खबर पर नजर पड़ते ही वह बड़ी जोर से हंस पड़ा था।
"लो भाई शंकर इतनी जबरदस्त खबर आंखों में चिपक गई है तुम भी पढ़ो",
शंकर," अबे छोड़ यार तू ही पढ़ कर बता दे क्या खबर है,",
विष्णु हंसते हुए ,""चुड़ैल जाग गई'",,
शंकर अब यह बात सुनते ही एकदम से अपनी सीट से खड़ा हो गया था ,"अबे क्या बोल रहा है चुड़ैल जाग गई कहां है चुड़ैल"',,,
विष्णु उसका हाथ पकड़ कर उसे वापस बेंच पर बैठा देता है ,"अबे यार तू बहुत डरता है,, मैं इस अखबार में लिखी खबर की बात कर रहा हूं,, चुड़ैल जाग गई ",,
और फिर बड़ी जोर से हंसता है,, ""पता नहीं अखबार वालों को भी ऐसी ही खबर मिलती है छापने के लिए, कोई ढंग की खबर नहीं मिलती"",,
शंकर ,,""ठीक कह रहा है भाई ,यह साले अखबार वाले बस जो मन में आया छाप देते हैं तभी तो मैं पढ़ता नहीं हूं"",, और अपने हाथ में पकड़े अखबार को एक तरफ फेंक देता है।
कल्लू चाय वाला ,उनके आगे चाय के कप रखते हुए," 'क्या बात कर रहे हो शंकर भाई ,,असली की खबर है हमारे गांव के पास वाले जंगल में यह घटना घटी है,,"",,
शंकर चाय का कप उठाते हुए ,"अच्छा तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे तुमने इस चुड़ैल को देखा हो"",,
कल्लू अब यह बात सुनते ही अपने चेहरे और आंखों में डर का भाव ले आया था ,"हां भाई मैंने देखा है उस वक्त में 5 साल का था",,
विष्णु और शंकर अब उसके चेहरे की तरफ देखने लगे थे जिस पर भय के भाव नजर आ रहे थे,।
कल्लू अपनी आंखों को फैला कर बड़ी करते हुए ,"बहुत ही भयानक चुड़ैल है 21 साल में जागती है सिर्फ 1 हफ्ते के लिए,",,
विष्णु उसकी आंखों में देखते हुए ,"अच्छा तुमने उसे कैसे देखा,, ,,और फिर अखबार में चुड़ैल जाग गई खबर को पढ़ने लगा था।
कल्लू,"" मैं कुछ नहीं बताने वाला"", और फिर अपने काम पर लग गया था।
विष्णु खबर को पढ़ते हुए ,,""अहंकारा जंगल में 21 साल में एक चुड़ैल एक हफ्ते के लिए जागती है और चुड़ैल जिस पर प्रसन्न हो जाए उसे वह मालामाल कर देती है इसी चक्कर में मालामाल होने के लिए बहुत से लोग अपनी जान दांव पर लगा देते हैं और चुड़ैल का भोजन बन जाते हैं,,"",,
विष्णु खबर पढ़ते-पढ़ते अब चुप हो गया था।
शंकर जिससे चेहरे पर हैरानी थी ,,""चुप क्यों हो गया भाई ,,आगे खबर पढ़, क्या लिखा है,""
विष्णु एक गहरी सांस लेते हुए ,""लिखा है कि चुड़ैल जिसे भी देख लेती है उससे वह कुछ सवाल पूछती है अगर वह व्यक्ति उनका उत्तर दे देता है तो वह मालामाल हो जाता है,, वरना उस चुड़ैल का भोजन बन जाता है,,,"'
शंकर अब बड़ी जोर से हंसते हुए ,,""क्या अमिताभ बच्चन का केबीसी शो चल रहा है जंगल में",
विष्णु ,,"'लग तो ऐसा ही रहा है और इस शो को होस्ट करने वाली है चुड़ैल"",
कल्लू चाय बनाते हुए,,"" बिल्कुल ठीक लिखा हुआ है इसमें हमने खुद अपनी आंखों से देखा है,, खबर का माखौल उड़ाने की कोशिश मत करो"",
विष्णु ,,"अच्छा क्या देखा तुमने और अगर तुमने उस चुडेल को देखा है तो तुम बचकर कैसे आ गये'",,
कल्लू फिर से अपनी आवाज को रहस्यमय बनाते हुए ,"'यह बात तब की है जब मैं सिर्फ 5 साल का था, मैं अपने पिताजी के साथ जंगल के रास्ते से दूसरे गांव में जा रहा था,
'' उस वक्त वह चुड़ैल जागी हुई थी और हमें इस बात का पता नहीं था चुडैल की आवाज सुनकर मैं और मेरे पिताजी झाड़ियों में छुप गए
''फिर हमने देखा कि उस चुड़ैल ने एक आदमी को पकड़ रखा है और उससे वह कुछ सवाल पूछ रही है पर वह आदमी सवालों के जवाब नहीं दे पाया तो उस चुड़ैल ने उस आदमी का सिर धड़ से अलग कर दिया और उसका मांस नोच कर खा गई"",,
शंकर अपनी जगह से खड़े होते हुए ,,""तो तुम बाप बेटे जिंदा बचकर कैसे आ गए उस जंगल से,, क्या यहां खड़े होकर हमें मनगढ़ंत कहानी सुनाने के लिए",
कल्लू ,""मैं कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं सुना रहा हूं जो हमारे साथ बीता वही बता रहा हूं, वैसे भी मैं और मेरे पिताजी लालच के कारण जंगल में नहीं गए थे बस हम तो वहां से गुजर रहे थे, और तब हमारे सामने यह सारा दृश्य आ गया"",,
विष्णु अब हस्ते हुए ,""अच्छा तो तुम बाप बेटे रात के वक्त ही जंगल से गुजर रहे थे,, तुम्हें कोई और वक्त नहीं मिला,, बेवकूफ किसी और को बनाना,,,""''
कल्लू ,,"अरे यार कैसी बात कर रहे हो,, मैं बेवकूफ नहीं बना रहा हूं दरअसल जंगल के पास जो गांव है बबलू पुर, वहां मेरे मामा जी रहते हैं,, उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी ,,
'"मेरे पिताजी जब शाम के वक्त घर आए तब उन्हें इस बारे में पता लगा और फिर वे उसी वक्त मुझे लेकर जंगल के रास्ते बबलू पुर गांव की तरफ बढ़ गए थे तब रास्ते में ही हमें रात हो गई थी,,,,,,
विष्णु ,,,""और फिर तुम्हारे सामने वह चुड़ैल आ गई जो 21 साल में 1 हफ्ते के लिए जागती है,",,, और अपने हाथ में पकड़ी अखबार को टेबल पर पटक देता है।
कल्लू आंखें फाड़कर ,,""हां भाई बहुत भयानक चुड़ैल है पर बहुत से लोगों को राजा बना चुकी है,, और यह बात बोलते हुए उसकी आंखों में भी एक बड़ा लालच नजर आने लगा था।
क्रमशः
क्या किस्सा है इस चुड़ैल का, क्या करेंगे विष्णु और शंकर जानने के लिए बने रहे इस रियल हॉरर के साथ