Merry Christmas Shali Iffat fatma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

Merry Christmas Shali

मुझे क्रिसमस से सख्त नफरत है , " हां " आपने सही सुना मुझे क्रिसमस से नफरत है ।

मैं हूं शैली , मैं अभी 22 साल की हूं.... क्रिसमस का दिन मुझे अंदर से डरा जाता है..... आज से 10 साल पहले मैं जब 12 साल की थी।

25 दिसंबर कि वह श्याम.. जब चारों तरफ ठंडी थी और हर बार स्कूल में छुट्टी होती थी लेकिन उस दिन हमारे प्रिंसिपल ने हम सभी बच्चों के लिए क्रिसमस पार्टी अरेंज की थी.. मैं अपने पेरेंट्स के साथ स्कूल पहुंच चुकी थी...

चारों तरफ बच्चे खेलने और खाने में ही व्यस्त थी अभी मैंने अपने पेरेंट्स की ओर देखा और उनसे जाने की इजाजत मांगी तभी मेरे पापा ने मुझे बहुत प्यार से देखा और कहा...." हां शैली जाओ पर ध्यान से ज्यादा शैतानी मत करना "

मैंने उनकी बातों को ध्यान से सुनना और खुशी से उनकी तरफ देखा और अपनी गर्दन हां में हिला दी और वहां से भाग कर अपने दोस्त के पास पहुंची जो साइड में खड़े होकर चॉकलेट खा रहे थे और फिर जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो मेरे पेरेंट्स भी बाकी लोगों से बातें करने में लग गए और मैं भी खुशी से अपने दोस्तों के साथ खेलने लगी।



मैं अपने दोस्तों से बात ही कर रही थी कि तभी अचानक से मेरे कंधे पर किसी ने अपना हाथ रखा और जब मैंने पीछे देखा तो वहां एक सेंटा खड़ा था जो मुझे देख कर हंस रहा था मैंने भी उनकी तरफ देखा और उन्हें मुस्कुराते हुए " हेलो " कहा.... लेकिन उनकी तरफ से मुझे कोई भी जवाब नहीं मिला तो मैं वापस से अपने दोस्तों के साथ खेलने में लग गई लेकिन वह वहां से नहीं गया और खुशी से मुझे ही देखता रहा जिससे मैं थोड़ा घबरा गई और वहां से जाने लगी ।


तभी मेरी प्रिंसिपल सेंटा के पास है और उन्हें वहां से ले जाने लगे यह देखकर मैं खुश हो गई और वापस से अपने दोस्तों के पास वापस आ गई और उनके साथ पहले की तरह खेलने लगी लेकिन जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मैंने पाया कि वह सेंटा अभी भी मुझे देख कर मुस्कुराए जा रहा था और उसे इस तरह हंसते भी देखकर मैं और भी ज्यादा डर रही थी ।

कुछ समय बाद जब क्रिसमस पार्टी खत्म हुई और मैं अपने दोस्तों को बाय कह कर अपने पैरंट्स के साथ घर के लिए निकल गई....

मेरे पापा जो उस वक्त स्कूल के पार्किंग में कार र्स्टार्ट करने की कोशिश कर रहे थे तभी उनका फोन बजा और उन्होंने फोन उठाकर हेलो कहां सामने कौन था यह तो मुझे नहीं पता लेकिन तभी मेरे पापा ने मेरी मम्मी को कुछ कहा और वह दोनों मुझे कार में बैठा कर वापस से स्कूल के अंदर चले गई मैं कार में अकेली रह गई और उस वक्त तक मैं उस सेंटा के बारे में पूरी तरह से भूल चुकी थी ।

पर तभी अचानक मेरी कार की विंडो से कुछ टकराने की आवाज आई शायद से उसपर किसी ने पत्थर मारा था जिससे मैं थोड़ा डर गई तभी मेरी नजर मेरी कार के बगल में खड़े दूसरी गाड़ी पर गई वहां एक काली परछाई सी मुझे दिखाई दी और मैंने जब देखा तो मे डर से अपने सीट से पीछे हो गई तभी कुछ समय बाद वह परछाई उस अंधेरे से बाहर की तरफ आई और जब मैंने उसे देखा तुम्हें शौक ही रह गई।



क्योंकि सामने कोई और नहीं बल्कि वही सेंटा था जो स्कूल के अंदर मुझे अजीब तरह से देख रहा था और उसे देखते ही मेरे पसीने छूटने लगे मैं डर कर वहां से बचकर भागने के बारे में सोचने लगी तभी मैंने देखा कि वह सेंटा मेरी कार के बिल्कुल करीब आकर खड़ा हो गया और अपने बैग से जिसमें अभी भी बहुत सारे गिफ्ट रखे हुए थे उसमें से एक गिफ्ट निकालकर मेरी तरफ बढ़ा दिया और खुशी से मेरी तरफ देखने लगा उसकी हंसी बहुत ही ज्यादा डरावनी थी ।




लेकिन मैंने अपनी कार नहीं खोली जिसकी वजह से वह मुझे देखकर जो अब तक खुश था अचानक से उसके एक्सप्रेशन चेंज हो गए और वह मुझे घूर कर गुस्से से देखने लगा और अचानक से अपने जेब से उसने एक प्यारा सा सफेद रंग का खरगोश निकाला जो काफी ज्यादा प्यारा और सुंदर था और उसे मेरी तरफ बढ़ा दिया और फिर खुशी से मेरी और देखने लगा....

लेकिन जब उसने फिर से यही देखा कि मैंने अपने कार नहीं खोली है तो उसने उस खरगोश को को वापस से अपनी और कर लिया और वापस से अपने बैग में से कुछ निकालने लगा मैं उसकी इस हरकत से डर गई थी लेकिन तभी मैंने देखा कि उसने एक लंबी सी रस्सी निकाली और उससे उस खरगोश के दोनों पैरों को बांध दिया और फिर से मेरी तरफ देख कर खुशी से हंसने लगा और तभी उसने चिल्लाते हुए मुझसे कहा...
" मैरी क्रिसमस शैली "...

उसके मुंह से मेरा नाम सुनकर मैं अंदर से कांप गई थी और तभी मेरे आंखों से आंसू गिरने लगे और फिर जो मैंने देखा उसके बाद तो मैं चिल्लाने से खुद को रोक नहीं पाए ।


उस इंसान ने उस बंधे हुए खरगोश को मेरे बगल में खड़े उस गाड़ी के सामने रख दिया और फिर से मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा और मैं यह भी देख सकती थी कि वह यह करते हुए कितना ज्यादा खुश है और तभी उसने मुस्कुराते हुए मुझे फिर से देखा और उस कार में बैठ गया और मेरी तरफ उसी तरह देखते हुए उसने कार स्टार्ट कर दी और मेरी आंखों के सामने उसने कुछ खरगोश को बहुत बुरी तरीके से मार दिया किसकी वजह से मैं डर गई थी और रोने लगी... तभी उस सेंटा ने कार को वापस से बैक किया और मेरी तरफ इस साइको की तरह देखकर हंसने लगा और वहां से चला गया ।



उनके वहां से जाते ही मेरे पेरेंट्स मेरे पास आ गए और मुझे इस तरह डरा हुआ देखकर वह परेशान हो गए और मैंने रोते हुए उन्हें सारी बातें बताइए जो कुछ भी मेरे साथ अभी हुआ था तभी मेरे पैरंट्स ने मुझे कुछ ऐसा बताया जिसके बाद में पूरी तरह से डर गई वह सेंटा जिसने अभी-अभी उस मासूम से खरगोश को मारा था वह कोई और नहीं हमारे विज्ञान के टीचर थे...मैं उन्हीं नहीं पहचान पाई क्योंकि उन्होंने सेंटा की तरह अपना हुलिया बनाया हुआ था यह सुनते ही मैं पूरी तरह से डर गई थी और तभी मेरे पैरंट्स ने मुझे बताया कि अभी जो कुछ समय पहले उनके पास कॉल आई थी वह कोई और नहीं हमारे प्रिंसिपल की थी उन्होंने मेरे पेरेंट्स को इसलिए बुलाया था ताकि वह उन्हें हमारी टीचर के मेंटल हेल्थ के बारे में उन्हें आघा कर सके ।


' क्योंकि वह बीच पार्टी से ही गायब हो चुके थे ' और प्रिंसिपल सर ने उन्हें पार्टी के बीच में एक बच्चे को गिफ्ट के बहाने अपने साथ बाहर ले जाते हुए देखा था पर सही समय पर हमारे प्रिंसिपल ने उस बच्चे को उनसे बचा लिया और उन्हें पकड़ने की कोशिश की पर वह उनके हाथों से बचकर भाग निकले और इसलिए हमारे प्रिंसिपल ने इस बारे में सारे पैरंटस बात करने के लिए और यह सब चीजें उन्हें बताने के लिए बुलाया था और इसलिए मेरे पैरंट्स ने मुझे कार में अकेला छोड़ा क्योंकि प्रिंसिपल सर ने उन्हें अकेले आने को कहा ' यह सब सुनने के बाद मैं पूरी तरह से डर गई थी और मेरी मॉम के गले लग कर रोने लगी ' ।



आज भी जब मैं क्रिसमस के दिन किसी सेंटा को देखती हूं तो मुझे वह रात याद आ जाती है जब मेरे साथ यह वाक्या हुआ था और हां अब भी मुझे यह नहीं पता कि मेरे टीचर अभी कहां है ? और क्या कर रहे हैं ? क्या वह अब भी क्रिसमस के दिन किसी बच्चों को मेरी तरह डरा रहे होंगे या इससे भी भयानक ?

मैं नहीं जानती पर अब मैं अपनी लाइफ में कभी भी क्रिसमस नहीं मना पाऊंगी....।।।