पेहचान - 23 - इतनी भी क्या जल्दी है मरने का! Preeti Pragnaya Swain द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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पेहचान - 23 - इतनी भी क्या जल्दी है मरने का!

अभिमन्यु दौड़ते हुए नीचे आने लगा, पर उसकी बुरी किस्मत उसका पैर थोड़ा सा मुड़ गया जिसके चलते वो सीढ़ियों से फिसलते हुए नीचे जा गिरा ....

पीहू हस्ते हुए बोली अरे .... क्या तुम भी न , इतनी भी क्या जल्दी है मरने का ?

अभिमन्यु उठा और खुदको सही करते हुए बोला shut up पहले तुम बताओ तुम ये क्या कर रही हो ?

पीहू बोली तुम्हे दिखाई नहीं दे रहा क्या? या गिरने के वजह से आखों की रोशनी चली गई है ?

अभिमन्यु बोला चुप, मुझे साफ साफ दिखाई दे रहा है मैं बस इतना पूछ रहा हूं तुमने मेरे तस्वीर पे माला क्यों लटकाई हो और ऊपर से दिया भी जलाई हो जिसको देखके कोई भी यह समझेगा की मैं मर चुका हूं ... क्या तुम्हे इतना भी नहीं पता कि जिंदा इंसान की तसवीर पे एसे नहीं करते ?

पीहू बोली वाह ! That's great फिर खुदके बाहों को उचकाते हुए बोली वाह पीहू तू तो बहुत इंटेलिजेंट होगई है now my mission is completed
अब तो सबको यही लगेगा तुम मर चुके हो ....
कुछ खाने को हैं क्या ?... ....

अभिमन्यु बोला what ! सबको यही लगेगा प्लान सक्सेसफुल भला ये सब क्या चल रहा है ?इससे पहले की वो कुछ ओर बोलता पीहू tv चालू करदी और चुप चाप खड़ी होगयी

Tv पर न्यूज फ्लैश होने लगी की अभिमन्यु राजपूत की डेथ होगायी है ,
अब उसकी कंपनी को कौन टेकओवर करेगा ?उसपे जंग छिड़ी हुई थी यह देख वो ओर भी हैरान हुआ ओर गुस्से में बोला what the hell ये सब क्या चल रहा है ? में तो जिंदा हूं भला मेरे मरने की न्यूज केसे आ रहि है ? में इन न्यूज वालों की अभी खबर लेता हूं बोलकर जैसे ही अपना फोन ढूंढने लगा उसे अपना फोन नही मिला फिर वो रुक गया और .... पीहू की तरफ मुड़ते हुए बोला तुम्हें इन सब के बारे में पता था फिर गुस्से भरी आवाज़ में बोला ... तो इतनी देर से मुझे बताई क्यों नहीं! उल्टा ये उटपटांग हरकते कर रहि थी ... ...... मुझे नॉर्मली तो यह सब बोल सकती थी न भला इतना समय क्यों बर्बाद किया ? में भी किसे बोल रहा हूं भला तुम्हें यह सब केसे पता होगा कि जब ऐसी न्यूज आती हैं तो कितनी प्रोब्लेम्स होती हैं ! छोड़ो मेरी किस्मत ही खराब हैं ... अब चुप क्यों हो बोलोगी भी क्या हुआ हैं ?

पीहू बोलना शुरू की .... तुम गायब थे ओर साथ में तुमपे अटैक हुआ था वो बात बाहर अगायी थी , तो नॉर्मल सी बात है ,लोग तो अंदाजा लगाने में सबसे आगे रहते है ,कहीं से ये झूठी खबर आग की तरह फ़ैल गई कि तुम मर चुके हो । इतने बड़े business tycoon हो ,लोग तो लड़ेंगे न !भला किसको पैसा नहीं चाहिए, इसलिए अब सब तुम्हारे कम्पनी के लिए लड़ रहे हैं , मुझे भी इन सब के बारे में सुबह पता चला , में कैफे में थी तभी न्यूज देखी थी .. तुम्हें बोलती तो तुम नहीं मानते इसलिए तुम्हारे साथ आने को राजी हुई ......इसलिए तुम्हे ऑफिस जाने को बोल रही थी, पर क्या करे तुम तो हो ही अकडू, सीधे सीधे कहां बात सुनते हो इसलिए तुम्हे यह सब सिनेरियो दिखाना पड़ा ।

अभिमन्यु को सारी बातें समझ अगायी तो वो दौड़ते हुए रूम में गया और जरूरी सामान लेकर घर से निकला पीहू भी उसके पीछे जाने लगी तो अभिमन्यु ने कहा तुम कहां जा रही हो ?
पीहू बोली तुम्हारे साथ ।
अभिमन्यु बोला देखो तुम घर पे रुको हो सकता वहां सब ठीक न हो !
पीहू बोली तुम चलो ,मेरी चिंता मत करो मैं खुद को परेशानी में नही डालूंगी ok

अभिमन्यु भी बिना वक्त गवाए कार स्टार्ट किया और चलने लगा .. उसे अब बहुत बुरा लग रहा था की उसने बिना कुछ समझे ही पीहू पे फिरसे गुस्सा किया था ... वो सॉरी कहने के लिए जैसे ही मुंह खोलने वाला था

पीहू बोली i know तुम सॉरी कहना चाहते हो but it's ok तुम्हारे साथ रहके तुम्हारे गुस्से को झेलना भी सिख गई हूं ....

अभिमन्यु अपनी बात को घुमाते हुए बोला अरे! में बोल रहा था की वहां तो बहुत सारे मीडिया वाले होंगे, तो अगर तुम मेरी साथ दिखी तो प्रोब्लम होगी और तुम तो खुद यह चाहती थी न की तुम्हे कोई रिकॉग्नाइज न करे ! तो क्या अब भी तुम मेरे साथ चलोगी ?

पीहू कुछ सोची और फिर बोली हां चलूंगी क्योंकि तुमपे ये अटैक मेरे वजह से ही हुआ हैं ?

अभिमन्यु बोला क्या और फटाक से गाड़ी रोकदी ...

पीहू अपनी बात सही करते हुई बोली ,अरे मेरे कहने का ये मतलब है कि तुम मुझसे मिलने के लिए अकेले आए और उसी का फायदा उठाते हुई किसीने तुमपे अटैक किया तो indirectly तुम्हारे ऊपर हुए अटैक की वजह मैं हुई न ।

अभिमन्यु बोला ओह एसी बात हैं तुम न हमेशा उल्टी बातें करती हो । बोलते हुई गाड़ी स्टार्ट करने लगा तो पीहू बोली स्टॉप !
अभिमन्यु बोला अब क्या हुआ ?