तक़दीर का खेल - 11 Aarushi Varma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तक़दीर का खेल - 11

Recap of chapter 10

उसमे हमने देखा की नील और विकी बाल बाल बच जाते है गोवा का प्लान रिवील होने से, और आरोही, हर्ष को ले जाती है अपने साथ गोवा...

चलो फिर आगे

आरोही : (goa airport में खड़ी है हर्ष के साथ) क्या सोच रहे है mr harsh? आप?

हर्ष : कुछ नही यार सोच रहा हु दो दिन यहां पर हु पर कपड़े या पैसे कुछ भी नहीं है।

आरोही : don't worry about that, मैने कहा ना हम शॉपिंग कर लेंगे।

हर्ष: पर.....

आरोही : don't worry तुजसे पूरे पैसे वसूल लूंगी में व्याज समेत😁अब तो खुश?

हर्ष : हां तो ठीक है। 😁

आरोही : ओ फाइनली 😌, चल मेरे साथ।

हर्ष : (आरोही उसको हाथ पकड़ के ले जा रही है) कहा जा रहे है हम?

आरोही : फिलहाल तो airport के कैंटीन में। पापा को कॉल कर दिया है मेने वो हमे लेने अभी आधे घंटे में आयेंगे।

हर्ष : अच्छा है।

(दोनो कैंटीन में बैठे है कुछ नाश्ता करते है)

CID ब्यूरो

सभी राजीव के केबिन में थे तभी सनी आता है।

सनी: can I come in sir?

राजीव: yeah, get in..

सनी: sir एक केस आया है।

राजीव : केस?

सनी: हां (वो एड्रेस बोलता है) sir यहां पर एक तकरीबन 50 साल की औरत का मर्डर हुआ है। उसका नाम सौम्या टंडन है। और उनके पड़ोस में से कोई राजन नाम के आदमी ने कॉल करके अभी हमे inform किया है।

राजीव के साथ सभी उसकी बात को ध्यान से सुन रहे थे)

राजीव : क्या वो अकेली रहती थी?

सनी : सर शायद हो सकता है।

राजीव : okay so officers, go and take your charge.., तुम सब का ये फर्स्ट केस है।

सभी : ok sir, जय हिंद🇮🇳

(फिर सभी क्राइम लोकेशन पर जाते है।)

वहा पर पोहोचके थोड़ी सी पूछताछ कर के ऊनलोगो को पता चलता है कि सौम्या अकेली ही रहती थी। और बाद में वो सब सौम्या के बेटे विराज और बेटी नंदिनी से पूछताछ करते है। और ऊनलोगो से पता चलता है की वो दोनो कल शाम को ही सौम्या के साथ डिनर के लिए आए थे विराज नंदिनी और नंदिनी का पति डेविड.. और उन्हें ये भी पता चलता है कि विराज इंडिया में 4 दिन पहले ही आया था और वो नंदिनी और सौम्या के वहा रहने के बजाय होटल में ठहरा हुआ था। वो अपनी वाइफ के साथ लंडन रहता था जबसे उसके पापा गुजर गए।

बाद में और थोड़ी सी पूछताछ करके वो लोग नंदिनी और विराज को कहते है कि अभी तो सौम्या की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए जायेगी और वो दोनो जा सकते है काम होगा तो उन्हे ब्यूरो ही बुलालेंगे।

उनके जाने के बाद फोरेंसिक कि टीम के साथ चित्रा आती है और वो वहा से जरूरी Evidence कलेक्ट करते है और नील और बाकी सब अच्छे से कुछ क्लू मिले उसकी जांच करने पूरे घर में छानबीन करते है।

चित्रा किचन में होती है नील वहा पर जाता है उसे पूछने,,

नील: डॉ. चित्रा!! आपको कुछ मिला ?

चित्रा: हां और यही बताने में अभी आपको बुलाने वाली थी।

नील: क्या मिला?

चित्रा : (उसके हाथ में जो कलेक्शन बेग थी उसमे दिखाती है) ये देखिए,, I think सौम्या की मौत i mean खून इसकी वजह से हुआ हो सकता है।

नील: (वो बेग में देखता है उसे उसमे कुछ पाउडर दिखता है।)कैसे?

चित्रा: सच बात तो पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगी पर अभी फिलहाल ये देखिए, (वो दूसरी कलेक्शन बेग दिखाती है, जो एक दवाई के पैकेट की थी) ये एक एनाल्जेसिक ड्रग का पैकेट है, इसका ओवरडॉज जान ले सकता है।

नील: ठीक है चित्राजी।

चित्रा: तो मैं अब सारे एविडेंस को fsl भेज देती हु और मेरे खयाल में पोस्टमार्टम के साथ बाकी सब रिपोर्ट्स सोमवार शाम को तैयार हो जाएगी। मैं चलती हूं, okay?

नील: Okay.

( फिर चित्रा fsl जाति है, और नील और बाकी सब ब्यूरो जाते है।)

CID ब्यूरो

(सभी केस की डिस्कशन करने बैठे है)

रिया : मुझे एक बात पता चली है।

अभि: क्या?

रिया: ये कि नंदिनी और विराज दोनो सौम्या के बच्चे नही है। वो रणधीर टंडन और उसकी पहली पत्नी राजवी के बच्चे है जिसके मरने के बाद रणधीर ने सौम्या से शादी की। और उनके पड़ोसी ने बताया कि पता नहीं किस वजह से पर रणधीर के मरने के बाद तकरीबन दो या तीन साल तक नंदिनी या विराज, सौम्या को बुलाते नही थे और अचानक बाद में उन लोगो का संबंध सुधर गया।

नील: अब तो इन दोनो की फिर से पूछताछ करनी ही पड़ेगी।

अभी: तो क्या प्लान है?

रोहन : वैसे कोई भी समान की चोरी नहीं हुई। और तो और मुझे पता चला कि mr randhir की सारी प्रॉपर्टी सौम्या के नाम पर है। और हां एक ये देखो मुझे ये मेडिकल चेक अप की फाइल मिली है।

अभी : मेडिकल चेक अप?

रोहन : हां ये शायद कुछ काम आए तो मेने ले ली।

नील: अरे यार अब ये क्या काम आयेगी?

रोहन : वो मैं बाद में बताऊंगा।

अभी : अभी क्यों नही?

रोहन : अरे यार तू सब्र कर मुझे पहले कैनफॉर्म करने दे शाम तक बता दूंगा।

नील: अच्छा अभी उसे टाइम दे यार बता देगा।

अभी : ठीक है दिया तुझे समय रोहन। Okay so उन दोनो की पूछताछ साथ में ही कर लेते है।

नील: नही, हम उन्हे साथ में ही इंटरोगेट करेंगे बस जगह अलग अलग।

अभी : ये सही है एक काम करते है की में और नील, नंदिनी के घर पर जाते है और विराज को यहां बुला लो।

रोहन : और हां सनी तुम जाओ और सौम्या के घर के आस पास के सीसीटीवी का फुटेज लेकर आओ और रवि तुम ये रणधीर टंडन के पास्ट के बारेमे जो भी पता चले वो जान कर आओ।

सनी और रवि साथ में : ओके सर।

(नील और अभी दोनो नील की गाड़ी में जाते है)


****************
Goa

अशोक, आरोही और हर्ष को वो जिस होटल में ठहरा था वहा लेकर आ गया है। आरोही इतने दिनो बाद आज बोहोत खुश थी।

तीनो होटल के बेक साइड वाले गार्डन में बैठे बात कर रहे थे।

हर्ष : अंकल, आपको पता है आरोही को बोहोत ही अच्छी जगह पे...(आरोही समझ जाती है की हर्ष क्या बात कर रहा था वो बीच में ही रोक कर खुद बोल पड़ती है)

आरोही : हर्ष, बात किसकी है?

हर्ष : तुम्हारी।

आरोही : तो करनी किसे चाहिए?

हर्ष : okay okay Miss aarohi go ahead continue...

(Mr Ashok उन दोनो को बच्चों की तरह लड़ते देख कर हस पड़ते है)

आरोही : पापा आप सुनो।

अशोक : I am excited to know, tell me my dear...

आरोही: पापा मुझे मुंबई cid branch में जॉब मिल गई है, I've got the joining letter yesterday.

अशोक: वाह, that's really a good news sweety..
(वो प्यार से आरोही के सिर पर हाथ फेरता है और उसे हग करता है)

आरोही की आंखों में आसूं आ जाते है।

हर्ष : (मूड लाइट करने के लिए) अरे इतनी खुशी की बात में भी तू रो रही है रोतलू?

अशोक : (आरोही की आंखों में आए आंसू पोछते हुए) हां बेटा क्यों? क्या हुआ?

आरोही : कुछ नही पापा। बस याद आ गया की अगर आप नही होते तो पता नहीं आज में कहा होती। यही गोवा के ही चर्च में छोड़ दी गई शायद ही वो 5 या 6 दिन कि हो, जिसकी उसके असली मां बाप को कोई जरूरत नही थी आप ने उसे अपनाया।

(अशोक के आंख भी भर आती है पर वो आरोही के सामने वो दिखने नही देता और उसे अपने पास बिठा के उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहता है)

अशोक : आइंदा कभी भी ये बात मत कहना, बेटा मैं तो जेनेलिया के जाने के बाद घने अंधेरे में डूब गया था, तुम वो रोशनी हो जिसकी वजह से में खुश हु, मैं शायद आज जी भी तुम्हारे लिए रहा हु, और यहां तक कि अगर तुम्हारे माता पिता मिल भी गए और तुम्हे अपने साथ लेजाना चाहेंगे तो ये भी में नहीं होने दूंगा, तुमने मुझे खुद के लिए इतना स्वार्थी बना दिया है।

( अब अशोक की आंखे भी उसका साथ न दे कर आरोही के प्रति उसके वात्सल्य को दर्शाने के लिए बहने लगी। और आरोही एक छोटी बच्ची की तरह अपने पापा के सीने से लग गई, और ये देख कर हर्ष की आंखे भी नम हो गई)

(फिर हर्ष बोलता है)

हर्ष : चलो अब और ज्यादा इस बात पर चर्चा की तो आप दोनो तो रो ही रहे है मैं भी रो दूंगा।

(अशोक और आरोही हस पड़ते है)

अशोक : (आरोही का गाल खींचते हुए) that's like my little girl, हमेशा ऐसे ही हस्ती रहो।

हर्ष : (मस्ती करने के लिए आरोही का गाल खींचके) yeah!! That's like my little रोतलू।
(तीनो हस पड़ते है)

अशोक : तो बच्चो मैं यही पर हूं होटल में तुम दोनो को शाम तक घूमना है तो घूम आओ। और (हर्ष के कंधे पर हाथ रख के) young man पता चला तुम्हे पेकिंग का भी वक्त नही मिला?

हर्ष : हां वो ये आप की बेटी की वजह से। आपने ही इसको सर पर चढ़ा रखा है।

आरोही : जुठ मत बोल तू डॉक्टर, पापा ये पहले माना कर रहा था और मुझे airport छोड़ने आया तब बोलता है "स्वीटी, मुझे भी मन हो रहा है तेरे साथ आने का" अब आप ही बताओ किसकी गलती है?

अशोक : हर्ष मुझे पता था ये लड़की तुम्हे तंग करेगी ही बेटे कोई बात नही तुम इसे माफ़ करदो।

आरोही : हां? क्या पापा? आप इसकी साइड ले रहे हो?

अशोक : बोलना पड़ता है बेटा, तुम समझदार हो समझा करो।

हर्ष :अरे वाह Mr tripathi आप भी कमाल करते है।

अशोक : चलो चलो बस मुझे ही तंग करोगे दोनो, जाओ घूम कर आओ।

आरोही : सही है ये हर्ष भी न...

हर्ष : okay देवी जी चले?

आरोही : हां चलो।

(फिर वो दोनो जाते है)

************

कुंज विला

विकी अभी भी अपने कमरे में बैठा काम कर रहा था। और तभी अनिल वहां पर आता है,

अनिल : विकी बेटा..

विक्रम : (फाइल्स में उलझा हुआ विकी अनिल को देखे बिना ही बोलता है) हां, बोलो बोलो छोटे पापा।

अनिल : घर पर हो तो थोड़ी देर आराम भी कर लो बेटा। मुझे पता चला कि तुम सुबह से काम ही कर रहे हो।

विक्रम: तो और क्या करू छोटे पापा, घर पे ऐसे ही बैठे बोर हो जाऊंगा में।

अनिल : सिर्फ दो दिन की बात है खुद को ऑफिस के काम से रेस्ट दो एंड that is my order, got it?

विक्रम: (फाइल्स सईड में रख कर) ok sir..

अनिल: yeah!! That's like my good boy... चलो अब नीचे।

विक्रम खड़ा होता है अनिल उसको नीचे लेजाने में हेल्प करता है।

**************

Cid ब्यूरो

रिया : (विराज के सामने आश्चर्य से देख कर) what?

विराज: हां यही सच है और इसीलिए हम तब तक उनके साथ नही बोलते थे।

रिया: okay, Mr viraj, ये सब तो ठीक है अब मुझे जो जानना है वो बताइए, क्या आपको कुछ पता है सौम्याजी के मर्डर के बारे में?

विराज: नही नही ऑफिसर मुझे कुछ भी पता नहीं है।

रोहन : देखो विराज अभी कुछ खास प्रुफ नही मिला है की कोन मर्डरर है पर जितनी बात हमे पता चली है वो सिर्फ दो ही व्यक्ति को शक के घेरे में लाती है।

रिया : और वो हो तुम और तुम्हारी बहन। तो अगर कुछ भी छुपा रहे हो अभी बतादो। अगर हमे बाद में कुछ पता चला तो तुम जानते हो क्या होगा।

रोहन : मुझे जितना भी पता था वो में बता चुका हु, और मुझे कुछ पता नहीं है।

रिया : ठीक है तुम अब जा सकते हो। But keep in your mind that you're not allowed to go out of town.

विराज: okay.

(उसके बाहर जाते ही रोहन इंस्पेक्टर दयाल जो उस एरिया के इंचार्ज थे उन्हें कॉल करके किसी कांस्टेबल को विराज पर नजर रखने के लिए भेजने को कह देता है।)

रोहन : (दो फाइल्स लेके जा रहा है) रिया मैं एक काम से इंस्पेक्टर दयाल से मिलने जा रहा हु ok.

रिया: किस काम से?

रोहन : शाम को बताता हु, सब्र करो यार।

रिया : okay okay.

*************

नंदिनी का घर

(अभी और नील नंदिनी और डेविड से पूछताछ कर रहे है)

नील: मिस्टर डेविड, मेरे खयाल में एसी चालू है फिरभी आप को पसीना क्यों आ रहा है?

डेविड: वो...

अभी: कही ऐसा तो नहीं की आप कुछ छुपा रहे है?

नंदिनी : नही ऑफिसर्स आप जैसा सोच रहे है वैसा कुछ नही है।

नील: लेकिन अगर आपको सौम्याजी से कोई प्राब्लम नही थी तो mr randhir के गुजर जाने के बाद आप की उनसे बोलचाल क्यों बंध थी?

(अब नंदिनी को समझ नही आया कि क्या जवाब दे पर वो फेमिली प्रॉब्लम्स का बहाना बना देती है)

डेविड: (वो अब थोड़ा नॉर्मल होके कहेता है) देखिए ऑफिसर्स आपके पास कोई हक नही की आप किसी से भी कभी भी पूछताछ कर सके।

नील: देखिए मिस्टर डेविड हमे क्या हक है वो आप हमे ना ही बताए तो अच्छा रहेगा आप के लिए।

अभी : फिलहाल आपको जितना पूछा जाए उतना ही जवाब दीजिए आप।

नील: नंदीनीजी मुझे पता चला है कि थोड़े दिनों के आसपास ही आपका सौम्याजी से जगड़ा हुआ था।

(ये सुन के अभी, नील के सामने देखता है, नील इशारे से उसे अपनी बात में साथ देने को कहता है। नील सिर्फ छोटा सा तीर चला रहा था अंधेरे में और नंदिनी के चेहरे के प्रतिभाव से लग रहा था कि तीर निशाने पर लगा है।)

अभी : हां और हमे सौम्या जी के किचन में से जो सबूत मिला वो शायद उनके मर्डर के लिए जवाबदार है और कही आपने ही तो?

नंदिनी : क्यों? मतलब? मैं....नही तो.., मुझे कुछ..(वो अटक अटक के बोलती है शायद कोई बात थी जो उसे सता रही थी)

(डेविड भी घबरा गया था)

अभी : क्या कहना चाहती है आप?

नंदिनी : मैं वो मुझे...

नील: क्या मुझे? क्या?

नंदिनी : वो नही पता मुझे की...,

अभी : क्या पता है आपको उस दवाई के बारे में?

नील: क्या जानती है आप?
(नील और अभी के एकसाथ इतने सवाल में वो कन्फ्यूज हो गई और बोल देती है। और नील और अभी की ट्रिक काम आ गई)

नंदिनी : देखिए मेरी गलती है मैने जानबूझ के ही मां को वो दवाई दी थी.. पर मैने सिर्फ उन्हें कुछ घंटों के लिए बेहोश करने के लिए ऐसा किया था।

नील: और आप ऐसा क्यों करना चाहती थी?

नंदिनी : क्योंकि मुझे शक था कि मां ने ही, वैसे
मैं उसे मां क्यों कहूं? सौम्या ने ही मेरे पापा को मारा है।

अभी : और आपको ऐसा क्यों लगता है?

नंदिनी : क्योंकि मेरे पापा गुजर गए तब मैं और डेविड हमारी अभी शादी हुई ही थी और हम कश्मीर गए थे और विराज तब अपना मास्टर्स कर रहा था और इसलिए वो लंडन में था और इसी मौके का फायदा उठाया उसने और मेरे पापा का खून करदिया और हमे उनके मरने को वजह हार्ट अटैक बताया और उनकी सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करली और मुझे तब उसपर शक हुआ था और मैने ये विराज को बताया फिर हम उसके साथ नही बोलते थे क्युकी हमे सिर्फ शक था और वो सच है या नही वो नही पता था।

फिर अचानक 3 साल पहले सौम्या मेरे घर आई, उसने मुझे रिश्ता नही रखने का कारण पूछा, और मैं उस से नाराज़ थी तो मैने सब कुछ गुस्से में बता दिया। यही मेरी गलती थी मैने पहले कुछ जान ने कि कोशिश नहीं की।

अभी : फिर?

नंदिनी : फिर उसने मुझे इतने प्यार से समझाया कि में उसकी बातो में आ गई और हम वापस उसके साथ बोलने लगे।

नील: हो सकता है वो सच कह रही हो?

डेविड: नही वो बिल्कुल जूठ बोल रही थी।

अभी : वो कैसे?

डेविड: तकरीबन 5 दिन पहले मेरे ऑफिस में एक व्यक्ति कुरियर देके गया। और उसमे देनेवाले का कोई एड्रेस या कुछ नही था। मुझे उसमे एक वॉच और एक फिंगर रिंग मिली और साथ में एक लेटर था। और फिर मेने लेटर पढ़ा तो में चोक गया उसमे लिखा था कि mr randhir के खून में कही न कही सौम्या का हाथ है और उसमे लिखा था की ये बात सच है उसका सबूत वो खून से रंगी घड़ी है और वो फिंगर रिंग है।

मैने वो घर आ कर नंदिनी को दिखाया उसने बताया वो घड़ी उसके पापा की थी। और रिंग वो अजीब सी रिंग भी उसके पापा की ही थी।

नंदिनी: और ये जान कर मैं अपने आप पर काबू नही कर पाई और में वो सब लेके सीधी सौम्या के पास गई और मेरा उस से जगड़ा हो गया पर मैंने अभी उसे वो लेटर नहीं दिखाया था और तभी डेविड का कॉल आया मुझे और उसने मुझे कुछ भी अभी करने से मना किया और मुझे सौम्या से माफी मांगने को कहा और कहा कि में ऐसा बता दू को डेविड ने पता लगा लिया है जो व्यक्ति उसे ये खबर देने आया था वो फ्रॉड था। फिर उस को खुश करने के लिए एक छोटे से गेट टुगेधर का प्लान बनाया।

अभी : okay..वैसे वो लेटर और घड़ी और रिंग आप हमे दे सकते है?

नंदिनी : जी। (वो लेके आती है और अभी को देती है)

फिर नंदिनी ने और डेविड ने एक छोटे से गेट टुगेधर का बहाना बनके विराज को इंडिया बुलाया, सौम्या का राज जानने के लिए उन दोनो ने सोचा कि वो घर की छान बीन करके कुछ मिलेगा तो फिर पुलिस या cid को इनफॉर्म करेंगे और सौम्या को बेहोश करने के लिए उन्होंने उस एनाल्जेसिक का यूज किया। ये सब जान कर नील कहता है,

नील: आपका सिर्फ ये फर्ज़ था कि आपको ये पुलिस या cid तक पोहोचाना था। आप को किसने कानून हाथ में लेने का हक दिया?

(अब ये जवाब देने में नंदिनी हिचकिचाती है)

अभी : और तो और आपने उनको बेहोश करने का प्रयास भी किया।



**************

रिया को रोहन का कॉल आता है

रिया : हा बोलो रोहन..

रोहन : मैंने जैसा सोचा था वही है तुम जल्दी नील और अभी को बुलाओ में ब्यूरो आ रहा हु।

रिया : Okay..

************
नंदिनी का घर

नील:(नंदिनी को बात सुन के) आपने ये जो भी किया गलत है।

अभी : और भी अगर आप कुछ छिपा रहे हो तो हमे अभी बता दीजिए।

(ये सुन के नंदिनी और डेविड दोनो के चेहरे फीके पड़ गए)

तभी नील को रिया का कॉल आता है वो जल्दी उन्हें ब्यूरो बुला रही थी।

फिर वो दोनो नंदिनी और डेविड से पूछताछ अधूरी छोड़के ही जाते है और रास्ते में जाते हुए इनपर नजर रखने के लिए रवि को कह देते है।



To be continued...🌟