कब्रिस्तान का रास्ता, bhoot wali kahani, यह कहानी एक कब्रिस्तान की है, जब वह उस जगह पर गया तो उसके साथ कुछ अजीब हो गया था, यह कहानी आपको पसंद आएगी,
ये बात उन दिनों की है, जब मैं अपने दोस्त के घर उसकी सिस्टर की शादी से वापिस अपने घर लोट रहा था. बात लगभग 8 साल पुरानी है, दिसंबर की ठण्ड का मौसम और ठंडी ठंडी हवा के साथ हिलते पेड़, मानो रात मैं शैतान का रूप ले लेते है. मेरा नाम दिनेश है और मैं जम्मू का रहने वाला हूँ.
मुझे याद है :-
नज़दीक ही मेरे दोस्त की सिस्टर की शादी थी और उसने मुझे बुलाया था. मेरी तबियत रात को ख़राब हो जाने के कारण से, मैं कुछ जल्दी ही घर की और निकल गया. मुझे मेरे दोस्त ने बहुत रोका भी, But मैं रुका नहीं और वापिस घर की और चल दिया. मुझे याद है की, मेरे दोस्त के घर से लगभग 3 किलोमीटर दूर रास्ते मैं ही एक “कब्रिस्तान” पड़ता है. मैं अपनी बाइक से ही गया था शादी मैं. जैसे ही मैं उस “कब्रिस्तान” के पास पंहुचा तो मेरी बाइक अचानक से रुक गयी. मुझे लगा, ये क्या हो गया है,
फ़ोन करने की कोशिश :-
अभी तो मेरे घर लगभग उस कब्रिस्तान से 4.5 किलोमीटर दूर था. रात के समय ना तो कोई ऑटो ही दिखा रह था और ना ही कोई बाइक ठीक करने वाला ही. मैंने सोचा क्यों न घर पर कॉल करके अपने भाई को बुला लेता हूँ, तो मैंने फ़ोन करने की कोशिश की, But कॉल भी नहीं मिल पा रही थी. अब तो मुझे बहुत भी ज्यादा डर लग रहा था, की ये फ़ोन को क्या हो गया है अब. ये क्यों नहीं काम कर रहा है. पहले तो बाइक ख़राब हो गयी और अब ये फ़ोन भी. मैंने गुस्से मैं अपने फ़ोन को “कब्रिस्तान” की और फेंक दिया. But बाद मैं सोचा अरे मैंने ये क्या कर दिया, यार ये फ़ोन तो भाई ने गिफ्ट दिया था.
फ़ोन को ढूंढते हुए :-
लगभग 18,000 का था ये फ़ोन. अब मैं उसे ढूंढने के लिए “कब्रिस्तान” के अंदर चला गया. तो मुझे वहा का वातावरण कुछ अगल ही लग रहा था, Because ठंडा मौसम होने के बावजूद भी वहा पर गर्मी लग रही थी मुझे. मैं सोचने लग गया की ये हो क्या रहा है, आज मेरे साथ. मैंने फिर कुछ न सोच कर फ़ोन को ढूंढना शुरू कर दिया, जब मैं अपने फ़ोन को ढूंढते हुए एक कब्र के पास पंहुचा तो,
मुझे उसमे से कुछ हलचल नज़र आयी, तो मैं वहा से एक दम से दूर भाग गया. तो कुछ देर बाद मैं क्या देखता हूँ, की उसमे से एक हाथ निकलता हुआ, मुझे नज़र आ रहा था. मुझे बहुत डर लग रहा था. धीरे धीरे हाथ बहुत ही बड़ा होता जा रहा था. और देखते देखते, अब उस कब्र मैं से भूत ही बहार आ चूका था.
भूत भी तो गेट के नजदीक :-
मेरे तो होश ही उड़ गए थे उसे देखकर. मैं अब वहा पर बिलकुल भी रुकना नहीं चाहता था. But भाग भी तो कैसे वहा से , वो भूत भी तो गेट के नजदीक था. जैसे ही वो कुछ दूर गया. मैं तुरंत ही वहा से भाग निकला और अपने घर वापिस आ गया. तो दोस्तों कभी भी आप अकेले मैं या किसी के साथ भी रात को किसी भी “कब्रिस्तान” मैं ना जाए. मेरी आपसे यही गुजारिश है. कब्रिस्तान का रास्ता, bhoot wali kahani, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर भी कर सकते और कमेंट करके हमे भी बता सकते है,
कब्रिस्तान में भूत का होना हिंदी कहानी
मैंने ऐसा सुना है, कि कब्रिस्तान के रास्ते से जाने में हमेशा परेशानी हो सकती है, Because मैं यह जानता हूं कि, यहां पर भूतों का बसेरा हो सकता है, वह अपने दोस्त की बात नहीं मान रहा था, मैं कह रहा था कि ऐसा कुछ भी नहीं है, हमें यह रास्ता ठीक लग रहा है, Because हम जल्दी पहुंच सकते हैं
But हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि रात के समय में हमें बिना बात किए हुए आगे बढ़ना होगा, हम बात करते हैं कि, यहां पर जो भी है, उसे अच्छा लगे, वह अपने दोस्त की बात समझ नहीं पा रहा था, कि किस बारे में बात करना है, But मैं सोच रहा था कि अब हमें यहां से जल्दी ही चले जाना चाहिए, यह कब्रिस्तान पास में ही है, और यहां पर बात करना ठीक नहीं होगा,
दोस्त की बात सुनकर :-
कब्रिस्तान के रास्ते से होते हुए जा रहे थे, उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी, कि कब्रिस्तान में कोई ,है जो उन्हें देख रहा था, तभी उनमें से एक दोस्त की नजर कब्रिस्तान पर जाती है, वह कहता है कि हमें शायद कोई देख रहा है, अपने दोस्त की बात सुनकर वह कहने लगा कि यहां पर कोई नहीं है, रात के समय में यहां पर कोई नहीं आता, तभी उसका दोस्त कहता है कि मुझे लगता है, कि किसी ने हमें देखा,
हमें रुक कर देखना चाहिए, वह कौन है, तभी वह कब्रिस्तान के अंदर जाने का फैसला करते हैं, जबकि उनका मन कब्रिस्तान के अंदर जाने का नहीं कर रहा था, But जब उसका दोस्त कहना है कि कोई अगर है, तो शायद कोई तो बात है, इसके बारे में बताना चाहता है, वह कब्रिस्तान के अंदर जाते हैं, कब्रिस्तान के अंदर पहुंच गए, तो उन्हें कुछ भी नहीं आ नहीं आ रहा था, शायद उनका भ्रम था कि उन्हें कोई देख रहा है, जबकि वहां पर कोई नहीं था,
कब्रिस्तान में कुछ भी हो सकता :-
तभी उनकी नजर एक कब्र तक आ जाती है, जोकि धीरे धीरे सरक रही थी, उस कब्र को देखकर दोनों बहुत डर गए और उन्हें लगता है कि, यह कब्र अपने आप कैसे खुल रही है, उन्हें डर लग रहा है, तभी वह वहां से जाने की कोशिश करते हैं, उन्हें बहुत डर लग रहा था, इसलिए वह उस कब्रिस्तान से बाहर निकल कर जाना चाहते थे, Because वे जानते थे कि कब्रिस्तान में कुछ भी हो सकता है,
इसलिए रुकना भी वहां पर पसंद नहीं कर रहे थे, But अपने दोस्त की वजह से वह उस जगह पर चले गए थे, बाहर जाने की घोषणा कोशिश करते हैं, तो उनके सामने कोई आकर खड़ा हो जाता है, वह अचानक से आ गया था, ऐसा लग रहा था कि वह कोई भूत है, जो कि अचानक आ गया, दोनों डर गए और और वहां से भागने की कोशिश करने लगे,
दोनों घर पहुंचे :-
Because उन्हें वहां पर रुकना ठीक नहीं लग रहा था, वह उसे देख चुके थे, जिसे उन्होंने कभी भी पहले नहीं देखा था, भागते हुए अपने घर पर ही रुके थे, उन्हें बहुत तेज भागना पड़ा था, जिसकी वजह से वह बहुत थक चुके थे, वह सोच भी नहीं पा थे कि ऐसा क्या हुआ था कि जिसकी वजह से वहां से बाहर आए, दोनों घर पहुंचे तो बताने लगे कि उन्होंने कुछ ऐसा देखा था जिस पर उन्हें यकीन नहीं हो रहा था
Bhoot wali kahani, But समझ गए थे कि कब्रिस्तान में भूत हो सकते हैं, इसलिए हमें वहां पर कभी भी नहीं जाना चाहिए, अगर आप रात के समय में कब्रिस्तान के पास है, तो उसे दूर ही रहना चाहिए आज उन्हें जो देखा शायद उन्हें अपने आप पर भी यकीन नहीं आ रहा था, But जब उन्होंने देख लिया है, समझ गए थे कि यहां पर जरूर कुछ है.