जिंदगी तेजी से बदल रही थी। अजय, न्यूटन और रोहित हॉस्टल से अब फ्लैट मैं आ गए थे। सभी ऑफिस मैं अब फुल टाइम वर्क कर रहे थे। ज्यादातर शाम को सभी दोस्तों की पंचायत फ्लैट मैं ही लगती थी। रिया काफ़ी जल्दी ही ऑफिस के काम काज को समझने लगी थी। हर शाम को भी सभी वही बैठते थे। क्रिकेट मैच के साथ चाय का दौर चल रहा था की तभी दूर बेल बजी। न्यूटन दरवाजा पे गया, खोला और फिर जल्दी से बंद करके भाग कर वापसी हॉल मैं आ गया।
"क्या हुआ, कौन है।" राज ने पूछा।
"भाई, वो रिया आई है।" न्यूटन ने सीरियस होते हुए कहा।
“तो, क्या हुआ, उसे क्या तुझे उधार दिया है जो इतना डरा हुआ है। डर तो ऐसा रहा है की जैसे कोई चुड़ैल खड़ी देख ली हो।” रोहित बोला.
"वो चुडैलो से काई गुना आगे है, पर वो यहां क्या कर रही है।" अजय ने हंसते हुए कहा।
"अरे यार, ये क्या हरकत है वो दरवाजे पे खड़ी है और तुम सब..." हीना उठते हुए बोली।
हीना ने जा कर दरवाजा खोला तो रिया गुर्राते हुए अंदर दखिल हुई "कहां है वो पढाकू केचुवा, दरवाजा खोल के फिर बंद कर के भाग गया था।"
न्यूटन ज़बरदस्ती मुस्कुरा दीया। सना महौल सम्भलते हुए बोली "क्या हुआ रिया तुम यहां कैसे।"
"अजय चलो, पापा ने तुमको बुलाया है।" रिया इग्नोर करते हुए बोली।
"क्यूं क्या बात हो गई।" अजय ने उठते हुए कहा।
“मुझे नहीं बताया, बस तुमको लेने को कहा, कसम से तुम्हारा ड्राइवर बना दिया है। एम्प्लॉय और एंप्लॉयर का कोई अंतर ही नहीं रखा है पापा ने" रिया ने झल्लाते हुए कहा।
"ओके, रिया, मैं तैयार होता हूं, तुम बैठा, वैसे तुमने क्यों तकलीफ की, कॉल कर देती मैं खुद आ जाता हूं।"
“ओह, कितनी फ़िकर है तुमको मेरी, और पापा को पता चलता तो मुझपर नराज़ होते। अब समय ना बर्बाद करो और तैयार हो।” रिया ने दांत पीसते हुए कहा।
रिया के गुस्से को देख सब वहां से खिसक लिए। अजय अंदर चला गया। कुछ देर बाद वो वापस तयार होकर आया। उसके हाथ मैं एक कप कॉफी थी।
"ये लो रिया कॉफ़ी पे लो।" अजय ने कहा।
"मुझे नहीं पीना।" रिया ने झल्लाते हुए कहा।
“आई एम सॉरी रिया की मेरी वजह से तुमको यहां आना पड़ा। कोशिश करुंगा की फिर ऐसा ना हो।”
रिया ने कुछ नहीं कहा और कॉफी ले ली। फिर बिना कुछ बोले उसे कॉफी खतम कर दी।
"अब चलो" रिया ने अजय को घूर कर कहा। अजय मुुस्कुरा के आगे बढ़ गया।
रस्ते में अजय जब रिया को बोलना चाह रहा था। लेकिन उसने अपनी चुप्पी नही तोड़ी वो दोनो पुतले की तरह बैठे रहे।
आज रिया ने बिना कहे सीट बेल्ट लगा ली थी। यह देख कर अजय को काफी खुशी हो रही थी।
अजय उससे बाते करना चहता था लेकिन रिया k गुस्से को भाप कर उसने उससे उस वक्त कुछ नहीं कहा।
कुछ देर बाद अजय मुकेश रॉय के सामने था।
To be continued
in 41th Part