यह जिंदगी तुम्हारी है Manisha Netwal द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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यह जिंदगी तुम्हारी है

H.K.N. engineering college of Delhi, (काल्पनिक नाम) की चार मंजिला बिल्डिंग के नीचे पिछले एक घंटे से भारी भीड़ जमा थी,, कॉलेज स्टूडेंट्स, टीचर्स और आसपास के कुछ लोग खड़े थे,,, सबकी नजरें बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर टिकी थी, जहां एक 24- 25 साल की लड़की छत के ऊपर खड़ी थी,,,। नीचे उस लड़की की मां, पिता, भाई और दोस्त उसका नाम लेकर रो रहे थे, तो कुछ लोग उन्हे चुप करा रहे थे।
पिता के एक हाथ में माइक था और दूसरे हाथ में फोन पकड़े हुए थे,,,
पिता, रोते हुए उस लड़की की तरफ देखकर - तनु... बेटा नीचे आ जाओ... हम घर जाकर इस मसले पर बात करेंगे... हम रोहन को समझाएंगे... मैं उसके सामने हाथ जोडूंगा उसके पैरों में तक गिर जाऊंगा, लेकिन तुम यह पागलपन मत करो बेटा...... प्लीज निचे आ जाओ....।
तनु, रोते हुए- प्लीज डेड.... आप चले जाइए यहां से.... छोड़ दीजिए मुझे, मेरे हाल पर..... मैं उसके बिना नहीं जी सकती...Please Leave me alone ded.....
तनु की मां, फोन हाथ में लेकर रोते हुए - तुम जो कर रही हो वह ठीक नहीं है बेटा.. हम सब है ना तेरे साथ... We all love you so much Tanu... अगर तुमने छत से गिरने की कोशिश की तो मैं भी यहीं अपनी जान दे दूंगी......
तनु, रोते हुए- मॉम... प्लीज आप चले जाइए यहां से... थक चुकी हूं मैं, खुद से लड़ते-लड़ते.... अब और नहीं लड़ा जाएगा मुझसे.... अगर मेरे प्यार करने की यही सजा है तो मुझे यह सजा मंजूर है मॉम... नहीं भुला सकती मैं उसे.....
वहा खड़ा हर शख्स घबराया हुआ था,,, मीडिया और पुलिस भी यहां पहुंच चुकी थी,,,,,
एक पुलिस अफसर माइक हाथ में लेकर- देखो बेटा.... जिस जगह तुम खड़ी हो उस जगह से पिछले महीने भी दो लड़कियों ने कूदकर जान दी थी,, एक साल में कम से कम चार पांच लड़कियां ऐसे ही अपनी जान दे देती है... तुम इस कॉलेज के प्रोफेसर की बेटी होकर ऐसा क़दम उठाओगी तो बाकी लड़कियां भी ऐसा ही करेगी... नीचे आ जाओ तनु.... देखो अपने परिवार को.. अपने फ्रेंड्स को, सब तुम्हारे लिए कितना परेशान है.. किसी एक इंसान के लिए तुम इतने लोगों के प्यार को नजर अंदाज कैसे कर सकती हो.... छत का दरवाजा खोलो बेटा... मैं अभी ऊपर आ रहा हूं....।
तनु- नहीं सर.. अगर आपने ऊपर आने की कोशिश की तो मैं अभी इस छत से कूद जाऊंगी....।

एक-डेढ़ घंटे से चल रहे इस तमाशे में सबसे पीछे प्लेन खादी साड़ी पहने एक 29-30 साल की लेडी खड़ी थी जो यह सब देखकर मुस्कुरा रही थी,,,,,, वह थोड़ा आगे आकर एक लड़की से पूछती है- यह सब क्या हो रहा है.....।
वह लड़की ऊपर तनु की तरफ इशारा करते हुए : यह ऊपर छत पर जो लड़की खड़ी है उसका प्रेमी उसे छोड़कर भाग गया.... दोनों पिछले पांच सालों से एक दूसरे से प्यार करते थे... आप कौन है...? इस कॉलेज में तो नहीं देखा कभी...।
आई एम अनन्या.... मैं तो इधर से जा रही थी भीड़ देखी तो यहां आ गई... लगता है मामला थोड़ा सीरियस है, पुलिस और मीडिया भी है,,,,, वह बोलती है।
वह लड़की - इस कॉलेज के प्रोफेसर की बेटी है केस तो सीरियस होगा ही ना... वरना साल में ना जाने कितनी लड़कियां यहां से कूदकर या फांसी लगाकर सुसाइड कर लेती है... कोई ध्यान तक नहीं देता.....।
अनन्या आगे आती है और पुलिस वाले से कुछ बात करके उनसे माइक लेकर ऊपर तनु की तरफ देखते हुए - हे तनु..... वही रुकना यार... मुझे भी सुसाइड करना हैं बहुत दिनों से किसी का साथ ढूंढ रही थी प्लीज... मुझे अकेले मरने से डर लगता है,,
सभी हैरानी से अनन्या की तरफ देखते हैं। अनन्या माइक उस पुलिस वाले के हाथ में वापस थमाकर अंदर चली जाती है,,,,,
पुलिस वाला चिल्लाते हुए- हे... क्या कर रही हो तुम... तुम ऐसा नहीं कर सकती.. इस तरह सुसाइड करना कानूनी अपराध है एक मासूम लड़की को सुसाइड करने के लिए उकसाने के जुर्म में, मैं तुम्हें जेल में डाल दुंगा...
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की यह सब क्या हो रहा है,, सभी हैरानी से कभी अनन्या की तरफ तो कभी उस पुलिस वाले की तरफ देख रहे थे,,, तनु अभी भी वहीं इन सब बातों से बेखबर जड़ बनी आंखों में आंसू लिए अपने परिवार को देख रही थी,,,,,
इसी मौके का फ़ायदा उठाकर अनन्या दौड़ते हुए अन्दर चौथी मंजिल की सीढ़ियों तक आती है लेकिन ऊपर छत पर जाने का रास्ता बंद था वह चारों तरफ देखती है उसे ऊपर जानें का कोइ दुसरा रास्ता नहीं मिलता,,,,,,
अनन्या छत के दरवाजे के बिल्कुल पास में खड़ी होकर जोर से चिल्लाती है जैसे किसी ने उसे पीछे से चोट मारी हों,,,,,,
अनन्या की इतनी तेज आवाज सुनकर तनु का फोन नीचे गिर जाता है वह दौड़ते हुए दरवाजे के पास आकर दरवाजा खोलती है सामने मुस्कुराते हुए हाथ बांधकर अनन्या खड़ी थी,,,,,,
तनु, हैरानी से उसे देखते हुए- तुम... कौन हो तुम..? और यहां क्यों आई हों....
अनन्या छत पर आकर वापस दरवाजे को लॉक कर देती है और तनु के पास आकर - तुम्हारी सुसाइड पार्टनर....
तनु, आंखों में आंसू लिए अनन्या से थोड़ा दूर जाकर - मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो... मर जाने दो मुझे... तुम चली जाओ यहां से.....
अनन्या, उसके पास आकर - अच्छा चली जाऊंगी, पहले ये बताओ तुम सुसाइड क्यों करना चाहती हो...?
तनु वहीं छत पर दीवार का सहारा लेकर बैठ जाती है, अनन्या भी उसके पास आकर बैठती है,,,,,,,
तनु, रोते हुए- धोखा दिया है उसने मुझे.... पांच साल तक वह मुझसे प्यार का झूठा नाटक करता रहा और मैं... मैंने पागलों की तरह उससे प्यार किया... जिंदगी समझ बैठी थी उसे... परसों हमारी इंगेजमेंट होने वाली थी लेकिन दो दिन पहले ही रोहन मुझे छोड़कर चला गया...... मैने अपने फ़्यूचर के सपने देखें थे उसके साथ और वो......
अनन्या, मुस्कुराते हुए- तो ऐसा कौनसे प्रेम पुराण में लिखा है कि प्रेमी छोड़कर चला जाए तो सुसाइड कर लेना चाहिए.......
तनु, रोते हुए अपनी आंखें बंद करके- मैं उसके बिना नहीं जी सकती...., अभी भी उतना ही प्यार करती हूं... मैं नहीं भुला पाऊंगी उसे...
अनन्या - तो अब तक किसका वेट कर रही थी... यहां से कूदी क्यों नहीं...? मर जाना चाहिए था अब तक तो....
तनु कुछ नहीं बोलती वह अभी भी अपनी आंखें बंद किए बैठी थी,,,,
अनन्या- तुम्हारे डेड ने बात की थी रोहन से.... पता हैं उसने क्या कहा...।
तनु, अनन्या की तरफ देखकर - क्या... क्या कहा उसने.....?
अनन्या - उसने कहा कि तुम मर भी जाओगी ना तो भी उसे कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला....वह किसी और के साथ मनाली में वेकेशन मना रहा है....(फिर हंसते हुए तनु की तरफ देख कर) - और तुम यहां उसकी याद में अपनी जिंदगी की बलि चढ़ा रही हो....
अनन्या की बात सुनकर तनु और जोर जोर से रोने लगती है अनन्या उसके कंधे पर हाथ रखकर - क्या प्यार केवल एक लड़के और लड़की के बीच होने वाली फीलिंग्स का ही नाम है..... ऐसा तो कहीं नहीं लिखा हुआ...। क्या तुमने कभी अपने पेरेंट्स के प्यार को महसूस किया हैं कभी अपने भाई की लड़ाई में छुपा प्यार देखा हैं... शायद नहीं वरना तुम ऐसा करने की सोचती भी नहीं... तुम एक अनजान लड़के के प्यार के खातिर अपनी जान दे सकती हो तो तुम्हारा परिवार तो तुमसे कितना प्यार करता है वह भी अपनी जान दे सकते हैं ना, तुम्हें रोहन के छोड़कर जाने का इतना दुख हो रहा है सोचो अगर तुम अपने परिवार को छोड़कर चली जाओगी तो उनका क्या हाल होगा.... तनु अपनी लाइफ को second chance दो..... ये जिंदगी तुम्हारी है उसे किसी और के नाम मत करो.... फिर से वो जिंदगी शुरू करो जिसमें कोई रोहन नहीं था केवल आजाद परिंदे सी उड़ती तुम थी... और तुम्हारा परिवार था... देखना तुम्हारा सच्चा हमसफ़र खुद- ब -खुद चलकर तुम्हारे पास आएगा..... अपनी जिंदगी को दूसरों के हवाले करने से पहले उसे खुद के हवाले करो... किसी और से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना सीखो... अपने दिल को इतना मजबूत बनाओ की ऐसे हजारों रोहन आए तो भी टूट के बिखर ना सके.....
तनु अपने आंसू पोछते हुए -क्या मैं अपनी जिंदगी को सेकंड चांस देने से पहले रोहन के दिए धोखे को भुला पाऊंगी...
अनन्या - अगर किसी के एक धोखे से जिंदगी खत्म हो जाती तो अब तक छ-सात बार सुसाइड कर लेना चाहिए था मुझे....
तनु, हैरानी से उसकी तरफ देखकर - मैं कुछ समझी नहीं.....
अनन्या दीवार के सहारे अपना सिर टिका लेती हैं फिर आंखें बंद करके अपने अतीत को याद करते हुए- पांच साल की थी मैं जब मेरी सगी दादी मुझे अनाथ आश्रम में अकेला छोड़कर चली गई थी,बहुत रोई थी मैं.... बहुत गिड़गिड़ाई थी उनके सामने वापस जाने के लिए लेकिन कोई फायदा नहीं था उन्होंने मेरी एक बात भी नही सुनी, वो मेरी जिंदगी का पहला धोका था.... 15 साल की हुई तब अनाथ आश्रम वालों ने भी निकाल दिया, वहां से एक अंकल अपने साथ ले गए.. पढ़ाई का पूरा खर्चा उन्होंने उठाया बदले में, मैं उनके घर में काम करती रही.. लेकिन दो साल बाद चोरी का इल्जाम लगाकर उन्होंने भी मुझे घर से बेदखल कर दिया... ट्वेल्थ क्लास के बाद स्कॉलरशिप से कॉलेज गई, दो साल तक स्कॉलरशिप के पैसों से हॉस्टल की फीस भरी, लेकिन लास्ट ईयर में फीस नहीं भरने के कारण हॉस्टल वालों ने भी निकाल दिया....
कॉलेज की किसी दोस्त के साथ एक साल रही लेकिन कॉलेज खत्म होते ही वह भी छोड़कर चली गई.....
(अनन्या मुस्कुराते हुए) तुम्हारे रोहन की तरह मेरी जिंदगी में भी एक लड़का आया था,, हम दोनों अच्छे दोस्त थे..
एक दूसरे के साथ प्रॉब्लम्स शेयर करते थे... उसके साथ रहकर लगने लगा था फिर जिंदगी में किसी और से धोखा नहीं मिलेगा यही मेरी लाइफ का सोलमेट हैं लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह मेरे पास अपनी शादी का कार्ड लेकर पहुचा..... You know, मैं भी उस वक्त बिलकुल टूट गई थी तुम्हारी तरह... ना किसी का प्यार था ना दोस्ती और ना कोई और सहारा था मेरे पास... लेकिन इतने धोखे खाने के बाद भी मैंने अपनी जिंदगी को दूसरा मौका दिया खुद से प्यार करना सीखा.. जिंदगी की कीमत पता चली.. इतनी ठोकरे खाने के बाद मालूम चला कि ये मेरी जिंदगी है.... इस पर केवल मेरा हक हैं.....अगर मैंने अपनी जिंदगी को उस वक्त दूसरा मौका नहीं दिया होता तो आज जो मैं हूं वो मैं नहीं होती.....। क्या तुम अभी भी यहीं कहोगी कि तुम रोहन के धोखे को भूल नहीं सकती.... अगर मैं इतनी ठोकरे खाकर भी तुम्हारे सामने हूं तो तुम्हारे साथ तो तुम्हारा पूरा परिवार है उन सब का प्यार है... जो तुमसे प्यार नहीं करता,, तुम्हारा सम्मान नहीं कर सकता.. तुम उसके साथ अपनी पूरी जिंदगी खुश होकर बिता पाती जितना प्यार तुमने रोहन से किया उसका फिफ्टी परसेंट भी तुम अपने आप से, अपने परिवार से करना.. तुम्हें दुनिया की सारी खुशियां मिल जाएगी और उन्हीं खुशियों में तुम्हें तुम्हारा सच्चा हमसफ़र भी मिल जाए...
अनन्या अपनी बात पूरी करके तनु की तरफ देखती हैं जो केवल उसे ही देख रही थी,, तनु के चेहरे से उदासी के बादल छट चुके थे.. उसकी आंखों में एक भी आंसू नहीं था,, उसके चहरे पर एक नयी चमक थीं जैसे उसे जिंदगी से फिर उम्मीद मील गई हो...
अनन्या खड़ी होकर सीढ़ीओ की ओर आने लगती है फिर पीछे मुड़कर अनु की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए-तुम्हारी जिंदगी तुम्हारे हाथ में है अब तुम पर डिपेंड करता है कि तुम इसे एक और मौका देती हो या अपने झूठे प्यार की खातिर इसे खत्म कर लेती हो....
इतना कहकर अनन्या छत का दरवाजा खोलकर नीचे जाने लगती है तभी पीछे से तनु दौड़ते हुए आकर अनन्या को गले लगा लेती हैं और बोलती है - थैंक यू सो मच... मेरी जिंदगी को दूसरा मौका देने के लिए.. मैं अपनी लाइफ का नया चैप्टर शुरू करूंगी जिसमें केवल मेरी जिंदगी मेरी होगी.... जिस इंसान ने मेरी फीलिंग्स की जरा भी कद्र नहीं की उससे लिए मैं अपने परिवार के प्यार को नहीं ठुकरा सकती... अब मुझे ख़ुद पर शर्म आ रही हैं की मैने अपनी फैमिली को इग्नोर करके इतना बड़ा फैसला किया....
अनन्या मुस्कुराते हुए तनु के बालों में हाथ फेरते हुए -अपने आप को दोष मत दो इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है तुम्हारी जगह कोइ ओर भी होता तो वह भी पहली बार में ऐसा ही करने की सोचता मगर तुम तो काफी समझदार निकली इतनी जल्दी समझ गई... खैर अब निचे चलकर अपने परिवार से मिलो वो कब से तुम्हारे लिए परेशान हो रहे हैं..... और आगे से याद रखना ये जिन्दगी तुम्हारी हैं,,,,
तनु हा में सिर हिलाती है,,,,
दोनों सीढ़ियों से नीचे आती है नीचे अभी भी उतनी ही भीड़ थी लेकिन सबके चेहरे पर मुस्कुराहट थी क्योंकि अनन्या और तनु के बीच हुई सारी बातें उसके फोन से नीचे सुनाई दे रही थी,,,,,,
तनु अपने पेरेंट्स के पास आती है और उनके गले लग कर रोते लगती हैं,,,,,
तनु, अपने पिता के सामने कान पड़कर रोते हुए - I am sorry dad...प्लीज मुझे माफ कर दीजिए... आगे से कभी आपको मेरी वजह से सिर नहीं झुकाना पड़ेगा... आगे से ऐसी कोई गलती नहीं करुंगी जो आपको हर्ट करे....
तनु के पिता तनु के सिर पर हाथ फेरते हुए- नहीं... हमें बिल्कुल शर्मिंदगी नहीं है बेटा... तुमने जानबूझकर थोडी ही ये कदम उठाया हैं...
तनु की मॉम अनन्या के पास आकर हाथ जोड़ते हुए- थैंक्यू बेटा... आज तुम्हारी वजह से हमें हमारी बेटी वापस मिल गई... इतनी मुश्किलों के बाद भी तुम्हारे पैर नहीं डगमगाए तुम बहुत बहादुर और समझदार हो....
अनन्या मुस्कुराते हुए- नहीं आंटी.. इसमें न तनु की गलती है ना मेरी समझदारी.... गलती ये है कि हम बचपन से किताबों में यही पढ़ते आ रहें हैं कि प्यार ही जिंदगी है लेकिन यह नहीं समझ पाते कि जिन्दगी हैं तो प्यार हैं....
सब लोग केवल अनन्या को देख रहे थे,,,,अनन्या वहां से जाने लगती है तभी पीछे से तनु की आवाज आती है - अब तो बता दो, तुम कौन हो.....?
अनन्या पीछे मुड़कर मुस्कुराते हुए - तुम्हारे शहर की नयी कलेक्टर आईएएस अनन्या सिंह.... कल ही यहां पोस्टिंग हुईं थीं...,
फिर थोड़ा आगे जाकर वापस तनु की तरफ देखकर- और हां... यूपीएससी ने भी दो बार धोखा दिया था उसके बाद जाकर ये मंजिल मिली है और सच्चा हमसफ़र भी....
इतना कहकर अनन्या वहां से चली जाती हैं सारी भीड़ एक साथ तालियां बजा रही थी वहा केवल अनन्या कि समझदारी और हौसलो कि बाते हो रही थी,,,, पुलिस वालों को पहले से पता था इसलिए वो भी अनन्या के पीछे-पीछे आ जाते हैं,,,,,,
अनन्या अपनी कार के पास आती है अंदर से एक आदमी दरवाजा खोलकर - अब चले... हमसफर के साथ एक लंबे सफर के लिए....
अनन्या मुस्कुराते हुए अंदर बैठकर - चलिए पतिदेव...
दोनों वहां से निकल जाते हैं...…..

Manisha