Confession - 8 Swati द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Confession - 8

8

अगले  दिन कॉलेज  में चारों ने  टाइम  से पहले  ही अपना प्रोजेक्ट  जमा  करवाया । अब  चार  थ्योरी  पेपर  के बाद इस प्रोजेक्ट  का रिजल्ट भी आ  जाएगा। शुभांगी  ने कहा । मैं  एग्जाम  के  कुछ नोट्स  बनाने  लाइब्रेरी  जा रही  हूँ । रिया  चलोगी? तुम  लोगों  को  तो कहना  ही बेकार  है । नहीं यार, फाइनल एग्जाम  है, अब  तो हम भी लाइब्रेरी  चल सकते  है । अतुल  ने मज़ाक  किया । ठीक है, चलो। रिया  इतनी  खामोश  क्यों  है ?  अतुल  ने पूछा। रिया  ने कोई जवाब  नहीं दिया ।

सब  लाइब्रेरी  में  बैठे  हुए  हैं । रिया  खिड़की  की तरफ़ खड़ी  है । अतुल  उसके  पास  जाकर  बोला, "इतनी  देर  से क्या  देख  रही हो ,   पढ़ना नहीं  है, क्या? अभी  मुझे  सागर  दिखा ? क्या ? कह  रही  है ? अतुल  ज़ोर  से बोला । शुभु  देख, तेरी  दोस्त क्या कह रही है । दोनों भागते  हुए आये । रिया  ज्यादा  मत सोच यार! कल  से पेपर  शुरू  हो जायेगे । शुभु  ने उसके  बालों  पर प्यार  से हाथ फेरा  तो उंसने  हाथ झटक  दिया । कितनी  ज़ोर की लगी  है ।  शुभु  ने हाथ  को  दबाते  हुए  कहा । चल  यार, अब निकलते  है, बहुत  देर  हो गई  है । विशाल  ने बात  वहीं  खत्म  कर दी । 

रिया  को पहले  घर  छोड़ा  और फ़िर  तीनों  बात  करते हुए  चलने लगे । कल  तो बड़ी  समझदारी  की बात  कर रही  थीं । आज फ़िर  वही  बहकी-बहकी बात  । हो  जाता  है यार, शायद  वो सागर  के लिए  सीरियस  भी थी । तुम  नहीं समझोंगे  प्यार  को खोने  का गम क्या होता  है । शुभांगी  ने गहरी  सांस  लेते  हुए  कहा । तुझे  बड़ा  पता प्यार  के बारे  में ? कभी  कोई बॉयफ्रेंड  बनाया  है ? हमेशा  वर्जिन  ही रहियो ? अतुल  ने छेड़ा  । शटअप। मेरे  पापा-मम्मी  में  बहुत प्यार  था । अब  भी है । शुभांगी सीरियस  हो गई । वैसे  मैंने  तुम लोगों  को एक बात  नहीं  बताई । कौन सी बात?  विशाल और  अतुल उसका  मुँह  देखने लग गए ।  कुछ  दिनों पहले  मुझे  यश  ने प्रोपोज़  किया था ।  मगर  मैंने  मना  कर  दिया ।  शुभांगी  ने उनके बोलने से पहले ही बात  खत्म कर दी ।  क्यों ? लड़का  इतना बुरा नहीं है । देख  ले, हमारी  तरफ़  से  कोई मनाही  नहीं है । क्यों   विशाल? विशाल  ने अतुल की बात सुनकर  बोला, " मुझे  ज्यादा  पसंद  नहीं है । शुभु, इससे  बेटर  डिज़र्वे   करती  है । आज  तुझे  बड़ी  शंभु  की फ़िक्र  हो गई  । आज से  पहले  कभी  शुभु  के लिए कोई  लड़का देखा  था।  अब बेचारा  यश हिम्मत  कर रहा  है तो  उसे तू  रिजेक्ट  कर  दें ।  अतुल अब भी लगातार  मज़ाक कर रहा रहा है ।  यार ! तुम  लोगों  को कुछ बताने  का कोई हाल  नहीं है ।  शुभांगी  चिढ़  गई । अब एग्जाम  पर  ध्यान  दो ।  वो  ज़्यादा  ज़रूरी  है । 

लगातार  एक हफ्ते  तक उनके पेपर  चले । सबके पेपर  अच्छे  हो  गए ।  इस  हफ्ते  के दौरान  चारों के पास  फुरसत  नहीं थी  कि  एक  दूसरे  से बात करें।  मगर आज  आखिरी  पेपर  होते  ही अतुल  ने  पार्टी  की घोषणा  कर  दी ।  जगह  और  वक़्त  सबको  उसने  व्हाट्सअप  कर दिए ।  रिया  तू  आ रही है  न ? एग्जाम के चक्कर  में मैं  तुझे  भूल ही गई  थीं।  शुभु  ने बड़े  प्यार से कहा। "पर मुझे तो सब याद है ।" रिया को  देखकर लगा  जैसे  उसके  होंठ  नहीं बल्कि  आँखें  बोल रही  हों ।  तू  ठीक  है ? उसने  फ़िर पूछा ।  "शाम  को मिलते  है  । "कहकर  रिया चली  गई  और शुभांगी  उसे जाते  हुए  देखने  लगी।  शाम  की  पार्टी  शहर  के फेमस  पार्टी  कैफ़े  रोज़मेरी  में  है ।  शुभांगी, अतुल और  विशाल वहाँ  पहुंच  चुके  है ।  यार ! वो  देखो नंदिता  मैं  तो अब एक  कोना  ढूँढ  रहा हूँ ।  तुम  एन्जॉय  करो ।  कहकर  विशाल  हँसते  हुए  चला  गया । "देख, यश तुझे  ही देख रहा  है  शुभु ।    तू  भी अब एक कोना  पकड़  लें ।  अतुल ने ड्रिंक  पीते हुए  कहा।  अपना मुँह  बंद कर ।  रिया  नज़र  नहीं आ  रही  ? आती  होगी। तू ड्रिंक  ले  और उसे  देख ।  मुझे  भी कोई  बुला  रहा है । सामने  खड़ी  दो  लड़कियों  की तरफ़  इशारा  करके  अतुल चला गया। रिया  को उसने  फ़ोन  मिलाया । मगर  कॉल  नहीं लगी ।  पार्टी  शुरू  हो चुकी  है।  यश  ने शुभु  को डांस  के लिए पूछा  और वो मना  नहीं  कर पाई।  ब्लैक  ड्रेस  में  बहुत  अच्छी  लग रही  हो।  थैंक्यू, शुभु  ने मुस्कुरा  कर ज़वाब  दिया ।  तभी  यश  करीब  आ गया  और उसने शुभांगी  के होंठो  पर किस  कर ली ।  शुभु समझ  नहीं पाई  कि  यह  क्या हुआ ।  उसने  यश  के मुँह  पर ज़ोरदार  थप्पड़  दे दिया और वहाँ  से  चली गई ।  

यश  शुभांगी  के पीछे-पीछे  आया,  वह  कैफ़े  के टेरेस  पर चली  गई ।  शुभांगी  वो  क्या था ? उसने  उसकी  बाजू  पकड़  ली।  क्या मतलब वो क्या था, वो  एक थप्पड़  था, अगर  दोबारा  ऐसी  हरकत की तो  अच्छे  से बताऊँगी, समझे ।  मैंने  तुम्हारे  साथ डांस  क्या कर लिया  तुम अपनी हद  भूल  गए ।  शुभु  ने गुस्से  से  कहा।  हद ? जब  मुझे  रिया से पता चला  कि  तुम  भी मुझे पसंद  करती  हो तो तुम्हारी  हाँ  समझकर  ही मैंने  तुम्हे  किस  की थी ।  रिया  का दिमाग ख़राब  हो गया है  क्या ? मैंने  उसे  तुम्हारे  बारे  में  बताया  ही नहीं  ।   हाँ, अतुल  और विशाल  को ज़रूर  बताया  था, मगर मुझे पता है  वो ऐसा कुछ नहीं  कर सकते  ।  क्योंकि  मैंने उन्हें  बताया  था कि  मैं  तुम्हारे  बारे  में  ऐसा  कुछ नहीं  सोचती  ।   मैं  उनसे  बात  करके आती हूँ ।   

शुभांगी  ने डांस  फ़्लोर से पहले  अतुल  को खींच  लिया ।    फ़िर  विशाल  जो नंदिता  के  साथ  किसिंग  सीन  एन्जॉय  कर रहा  है, उसे  भी घसीटा  ।   शुभांगी  क्या कर रही है यार ! सारा  मूड  क्यों ख़राब  कर रही  है  ।  पहले  यह  बताओ  तुममे से किसी  ने रिया को कुछ  बताया  था  ।  हमने एक हफ्ते  से उससे बात नहीं की।  दोनों  ने अपनी सफ़ाई  दी  ।   तभी  सामने  रिया  को देखकर  वह  उसकी  ओर  लपकी  और उसे  खींचते हुए दोबारा  छत  की ओर  ले गई  । रिया बता, तुझे किसने बताया  कि  मैं  यश  को पसंद  करती  हूँ  और  मैंने  तुझे  यश  के बारे  में  कभी   कुछ  कहा  ही नहीं। फ़िर  तेरी  हिम्मत  कैसे  हुई  कि  तू  यह  हरकत करें  ।   अब चुप  क्यों  है ? जवाब  दें  ।   उसने  रिया  का हाथ  हिलाया । तभी खामोश  रिया को  गुस्सा  आ गया ।  उसकी  आँखों  का रंग  बदल  सा गया  ।   "तेरी  यह  हिम्मत   कि  तू मुझे  हाथ   लगाये", उसने  शुभांगी  को हाथ से उठाया  और  छत  से  फेंकने  के लिए  नीचे  लटका दिया। रिया !!!!! शुभांगी  चिल्लाई  उसने नीचे  देखा, अगर  यहाँ  से गिरी  तो मर ही जायेगी। रिया ! मुझे  डर  लग रहा है। छोड़ मुझे, क्या  हो गया  तुझे।  एक  बार फ़िर शुभांगी  ने विनती  की । मगर  रिया  ने उसे  नहीं  छोड़ा  बल्कि  हँसते हुए  उसे  झुलाने  लगी। रिया ! शुभांगी की हालत  खराब  हो गई ।  कोई बचाए  मुझ । वह  फ़िर  चिल्लाई। तभी  यश  पीछे  से आया  और  उसने रिया  को पीछे  की ओर  धकेला  और शुभांगी  का हाथ पकड़कर उसे ऊपर की ओर  खींच  लिया ।   

तुम  ठीक  तो हों ? शुभांगी रोते  हुए  यश  के गले लग गई और तभी  विशाल  और अतुल  भी ऊपर  आ गए। रिया जा चुकी  थीं। इससे  बात करनी  पड़ेगी  ।  अतुल  ने गुस्से  में  कहा ।   बाद  में  कर लेना  पहले  शुभांगी   को घर छोड़  आओ  । यश  ने दोनों  को देखते  हुए  कहा  ।   थैंक्स  यार ! दोनों  ने उसे गले लगा लिया  ।   शुभांगी  ने भी नम आँखों  से उसे थैंक्स  कहा  और वो तीनो  कैफ़े  से निकल  गए  ।   यार ! मुझे लगता है  कि  कहीं  कोई गड़बड़  है।   वो रिया  नहीं लग रही थीं  ।  शुभु  वह  रिया ही  थीं, जिसने  ऐसी  नीच  हरकत  की है  ।   कल  उसके  घर  चलते  हैं  ।   वहीं  जाकर  बात करेंगे  ।  अगर  कोई प्रॉब्लम  है तो  खुलकर  बता  । यह  नाटक  क्या लगा  रखा है  । विशाल  की आवाज़  में गुस्सा है  ।  

शुभांगी  को रात  भर  नींद  नहीं  आई  । उसे  बार- बार  रिया  की  हँसी  और  आँखें  याद   आ  रही  थीं । वह  अपनी  माँ  के कमरे  में  चली   गई  पर माँ  को उसने  उठाना  ठीक   नहीं समझा । वह  वापिस  अपने  कमरे  में  आ गई  ।   कुछ  तो है, जो  अजीब  है और हमारी  समझ  से बाहर है  ।  या  वो रिया  सचमुच  किसी  डिप्रेशन  में  है । इसी  सोच  में  सुबह  हो  गई  ।   "क्या  बात  है शुभु, ठीक  से सोई  नहीं ? आँखें  इतनी लाल  क्यों है  । माँ  ने उसे  टोस्ट  देते  हुए  कहा  ।  बस   माँ ऐसे  ही।  "अब  छुट्टियों  में  क्या  करने  का इरादा  है, कुछ  सोचा  है ? नहीं  देखते  है, फिलहाल  कोई प्लान  नहीं  है। शुभांगी  अब भी थका  हुआ  महसूस  कर रही  है ।  तभी  फ़ोन  पर अतुल का  नंबर  देख,  वह माँ  को  रिया के  घर  जाने का बोलकर  घर से  निकल गई।   अतुल   और विशाल  उसका  इंतज़ार  कर रहे हैं  ।  यार ! मुझे  कल सारी  रात  नींद  नहीं आई  । हम  समझ  सकते  है  शुभु,  पर  आज  इस   रिया  से बात  करकर  ही रहेंगे और  उसे  तुझसे  माफ़ी  माँगनी  होगी ।   अतुल  ने उसके  कंधे  पर हाथ  रखते  हुए  कहा  । उसके  घर  की डोरबेल  बजाई  तो उसकी  कामवाली  ने बताया  की रिया  दीदी  तो  सुबह  से बाहर  ही  है । 

यह मैडम  कहाँ  घूम रही  है  ।  वैसे  "मैं  तुम  लोगों  को बताना  भूल  गया  ।   मैं आज शाम  अपने  चाचा  के फार्महाउस  पर  जा रहा हूँ  और कुछ दिन  वहीं  रहूँगा  ।"  विशाल की  खीजी  हुई आवाज़  शांत  हो गई। हमें  भी ले  चल यार ! मुझे  पता है  तू मज़े  लेने  जा रहा  होगा ।  अतुल  ने छेड़ते  हुए  कहा  । अब वो  तो वहीं  जाकर  पता चलेगा । बाकी  सच तो  यह  है कि  वहाँ  कोई काम  चल  रहा है । चाचा  जी के  पास  टाइम  नहीं  है। उनके  बच्चे  भी नहीं  है।  इसलिए  उन्होंने  मुझे कहा  तो मैं  मना  न कर सका।  अगर  मुझे  मौका  मिला  तो तुम्हें  ज़रूर  बुला  लूँगा ।   विशाल  ने अपनी  बात  खत्म  की। मैं  पेंटिंग  सीखूँगी, मुझे मत  बुलाना।  शुभांगी  ने मना  कर दिया  । अब  मुझे  काम  है, मैं निकलता  हूँ । रिया  से बाद  में  बात  करेंगे।  विशाल  चला  गया। शुभु  मेरी  म्यूजिक  क्लॉस है  । ठीक  है, अतुल मुझे  पेंटिंग के सर  से मिलना  है।  इसलिए  मैं  भी चलती  हूँ। 

विशाल  अपनी  गाड़ी  में  बैग  रख  अपने  फार्महाउस  की ओर  निकल गया । रास्ते  में  म्यूजिक  चलाता  हुआ वह अपनी  धुन में  जा रहा  है ।   फार्म  हाउस  पहुँचकर  उसने  देखा  कि  आसपास  ख़ास  आबादी  नहीं  है ।  मगर  कुछ  परिवार है, जिनसे  थोड़ी  बहुत  रौनक है ।  मज़दूर  काम  करके  अगले  दिन  आने  का कहकर  जा चुके हैं  ।  चाँद  निकल  आया  है  ।  उसने  बियर  की  बोतल  उठाई  और  टीवी  खोलकर पीने  बैठ  गया । अतुल  का नंबर  मोबाइल  पर देखकर  उसने  फ़ोन उठाया।  " क्यों बे ! मज़े  ले रहा  होगा  तू  तो ।    " मज़े  लेने  के लिए  कोई  फिलहाल  नहीं  है । नंदिता  से पूछा  था  तो मैडम ने कहा, "देखती  हूँ।"  मैं  भी दो-चार  दिन  रुककर  आ  जाऊँगा ।  विशाल  ने ड्रिंक  पीते  हुए  ज़वाब  दिया । तू  वहाँ  भी किसी  न किसी  को पटा  ही  लेगा । चल  रखता  हूँ, मेरा  परसो  एक म्यूजिक  शो  है ।   बाद  में  बात  करते  हैं  । अतुल  ने बाय  कहकर  फ़ोन  रख  दिया । विशाल  ने दरवाज़े  खिड़की  अच्छे  से चेक किए । तभी  उसे  लगा  बाहर  सड़क  पर कोई  है। गौर  से देखने  पर उसे  वो अनन्या  जैसी  लगी।  वह  डर  गया । यार ! यह  क्या ड्रामा है ।  वह  खिड़की  से  पीछे  हट  गया।