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मेरा दिल कह रहा है कि सागर ठीक होगा । मैं दरवाज़ा खोलने जा रही हूँ । रिया दरवाज़ा खोलने के लिए जाने लगी । रिया दरवाज़ा खोलो, मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ । सागर ने जैसे ही यह कहा । शुभांगी ने रिया का हाथ पकड़ लिया । मत खोलो, तुमने शायद ध्यान नहीं दिया । सागर सिर्फ़ तुम्हे खोलने के लिए क्यों कह रहा है । हमारा भी तो नाम ले सकता है और वॉचमैन की आवाज़ आनी बंद हो गई है । रिया सुनते ही रुक गई। अब दरवाज़ा ज़ोर से बजने लगा। उसकी आवाज़ इतनी तेज़ है कि सब को आने वाला खतरा समझ में आ गया । विशाल की नज़र कमरे में रखी रस्सी पर गई । उसने खिड़की का शीशा तोड़कर खिड़की खोली सब बालकनी में आ गए । रस्सी बाँधी और सब उसे पकड़कर नीचे उतरने लगे। दरवाज़ा बजना बंद हो गया । अब वो मैदान से बाहर निकल अपनी जीप की तरफ़ भागे । पर सामने वॉचमैन को देखकर रुक गए। डर से पीछे हटने लगे। आप मेरे साथ चलिए। मैंने आप लोगो को भागते हुए देखा था। किसी को भी वॉचमैन पर भरोसा नहीं है । आप तो सागर के साथ ऊपर थे । अब नीचे आ गए। मैं तो अभी आया हूँ । और कौन सागर ? उसकी बात सुन वो समझ गए कि ऊपर सब ड्रामा था । एंडरसन का ड्रामा। एक घंटे बाद सुबह हो जाएगी। आप सड़क के दूसरे रास्ते से निकल जाना । यह सही कह रहा है । अतुल ने कहा और सब उसकी बात मानकर वॉचमैन के साथ चल दिए । उसका दो कमरों का घर है । आप लोग यहाँ रोको मैं चाय लाता हूँ।
काश ! हम यहाँ से निकल जाए। मेरी माँ वहाँ अकेली होगी। शुभांगी ने परेशां होते हुए कहा। तो क्या हमारे घरवाले खुश होंगे,अगर हम घर नहीं लौटे। तभी वॉचमैन चाय लेकर आ गया । भैया आपने हमसे झूठ क्यों बोला, यहाँ तो एंडरसन खुद भूत बनकर हमारे पीछे पड़ गए है । मैंने कोई झूठ नही बोला, मैंने कभी भी एंडरसन को यहाँ नहीं देखा। हाँ, पिछले चौकीदार ने मुझे एक बार बताया था कि उसने कुछ आवाजें सुनी थीं । फ़िर कुछ दिन बाद उसकी ड्यूटी हट गयी और मैं आ गया । आज आप लोगों को भागते हुए देखा तो लगा कुछ गड़बड़ है । अब आप आराम करो एक घंटे बाद सुबह होने वाली है । फ़िर निकल जाना यहाँ से । सबने चैन की सांस ली। आराम तो हराम है। एक बात समझ में नहीं आती कि एंडरसन की मौत कैसे हुई थीं । वो अब क्यों लोगों को मार रहे हैं? किससे बदला लेना चाहते है। अतुल ने सवाल किया । सबको पता है कि वह गायब हो गये थें। फ़िर कुछ समय बाद उन्हें लोगों ने मरा हुआ समझ लिया था । मगर उनकी लाश नहीं मिली थीं। रिया भी बोल पड़ी। वॉचमैन ने सोचते हुए ज़वाब दिया कि एंडरसन की मौत उनके घर में हुई थीं । वह गायब नहीं हुए थें । उन्हें किसी ने मारकर कन्फेशन बॉक्स में डाल दिया था । कुछ लोगों को उनका कंकाल मिला था। जब यह बात स्थानीय सरकार तक पहुँची तो उन्होंने उनके कंकाल को चुपचाप गाड़ दिया और बात वही दबा दी गई। मगर हमने तो उनके घर में कंकाल देखे है । रिया ने कहा। फ़िर वो कंकाल किसके है ? हो सकता है, उन अंग्रेज़ो के होंगे,जो वहाँ फिल्म बनाने आये होंगे । हाँ, वो अंग्रेज़ हमारे पीछे भी पड़ गए थें। अतुल तपाक से बोल पड़ा ।
मेरे मन में एक बात है । शुभांगी ने कुछ सोचते हुए कहा । क्या बात है? बताओ शुभांगी, वैसे भी हम गलत साबित हुए हैं और तुम सही साबित हुई हों। अतुल ने बड़े विश्वास के साथ कहा । क्यों न हम पॉल एंडरसन का अंतिम संस्कार कर दें । मैंने उनकी किताब में पड़ा था कि जब किसी व्यक्ति की ऐसे अनचाहे ढंग से हो जाती है तो हमें उसका आखिरी संस्कार विधि-विधान के साथ करना चाहिए । ताकि उसकी आत्मा को शांति मिले और वो एक सही ढंग से परलोक जा सके। शुभांगी ने अपनी बात ख़त्म कर दी। तुम्हारा दिमाग तो ठीक है न शुभांगी? हमें मरना नहीं है । एक तो हम यहाँ से बाहर नहीं जा पा रहे। दूसरा तुम चाहती हूँ कि हम भी एंडरसन की तरह यहाँ-वहाँ भटक कर लोगों को मारते फिर । और भूत बनकर जीते रहे। वैसे मैडम ठीक कह रही है। अगर यह किया जाए तो उन लोगों को भी मुक्ति मिल सकती है। जो एंडरसन की वजह से भटक रहे हैं। मगर खतरा जान का है । वॉचमैन ने भी अपनी बात कह दी। अगर हम एंडरसन की आत्मा को शांति देना चाहते है तो वो हमें क्यों मारेंगें । अतुल ने सवाल किया । कुछ कह नहीं सकते । अब वो एक शैतान आत्मा बन चुके है । जो भी है, सारी ज़िन्दगी उन्होंने लोगों की मदद की । अब अगर उन्हें मदद की ज़रूरत है, तो हमें यह काम करना चाहिए । शुभांगी की बात सुन सब सोच में पड़ गए । तू कुछ बोल विशाल, तू क्या कहता है ? इतना खामोश क्यों है ? मुझे शुभांगी की बात सही लग रही है । मगर मैं इसे अलग तरीके से देख रहा हूँ , सुनो ! अगर हम यह कर पाए तो हम अपने प्रोजेक्ट को और ज्यादा बेहतर बना सकते है । हम यह भी कह सकते है कि यह एक रियल प्रोजेक्ट है और हमारे कारण पॉल एंडरसन जैसी शख़्सियत की आत्मा को शांति मिली । यह प्रोजेक्ट हमें ख़त्म कर देगा । रिया ने खीजते हुए कहा। मैं केवल पॉल एंडरसन की मदद करने के बारे में सोच रही हूँ। शुभांगी ने अपनी सफ़ाई पेश की । तो ठीक है न, उनकी मदद के साथ हमारा भी काम हो जायेगा । अतुल चहकते हुए बोला।
मैं कहीं नहीं जाऊँगी, रिया ने साफ़ इनकार किया। मत जाओ, यही रहकर हमारा इंतज़ार करो । विशाल ने कहा। भैया आपको पता है कि उनके कंकाल कहाँ दफ़नायें गए थें। ठीक से नहीं पता,लेकिन इतना मालूम है कि कब्रिस्तान के पास जो जंगल है, वहाँ पर कंकाल दफ़नायें गए थें। लेकिन जंगल तो बहुत बड़ा होगा। शुभांगी ने कहा। पूरे जंगल में सिर्फ एक बरगद का पेड़ है, जहाँ से जंगल शुरू होता है। बस वहीं आसपास उन्हें दफनाया गया था। वॉचमैन ने बताया बाकि मैं पुराने चौकीदार से बात करके वही पहुँचता हूँ । आप लोग वहाँ पहुँचो। वॉचमैन यह कहकर अपने घर से निकल गया। तीनों जाने लगे तो रिया ने साथ चलने की बात कही । मैं अकेले नहीं रह सकती। चारों एक दूसरे के साथ चलते हुए जंगल की ओर जाने लगे। शुभांगी ने टाइम देखा, पाँच बजने में अब भी आधा घंटा है।
दिल दहलाने वाली शांति चारों और पसरी हुई थी। दूर तक फैला घना जंगल और साथ में सटा कब्रिस्तान। सबके दिल की धड़कने तेज़ हो गई। वो जंगल के शुरू में पहुंच अपने साथ लाये टोर्च से बरगद के पेड़ को ढूँढ़ने लगे। विशाल को पेड़ मिल गया । उन्होंने पेड़ की एक लकड़ी काटीऔर उसे जलाने की कोशिश करने लगे । मिटटी के तेल से उन्होंने आग जला दी । अतुल के हाथ में फावड़ा है । रिया और शुभांगी ने भी साथ लाये औज़ार से मिटटी को कुरेदना शुरू किया । रिया ने विशाल को औज़ार दे दिया और खुद आसपास देखने लगी । धीरे-धीरे मिटटी खुदती जा रही है । शायद एंडरसन उन्हें अब कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वह भी यही चाहते है। फटाफट सब मिटटी खोदते गए। रिया की नज़र जैसे ही बरगद के पेड़ पर गई। वहाँ एक खौफनाक चेहरा उसे नज़र आया। वह चीखी। क्या हुआ ? पेड़ पर कोई है। भागते है,यहाँ से । उनके फावड़े दूर फेंक दिए गए । अतुल और विशाल हवा में उड़कर दूर जा गिरे । शुभांगी और रिया दोनों काँप गए वो डरवाना चेहरा, बिखरे बाल, हरी आँखें और ज़ोर से दाहड़ना । वह प्रेत दोनों की और बढ़ने लगा। रिया के हाथों पर कीड़े चलने लगे शुभांगी ने आग उठा उस प्रेत के आगे रखा । रिया मिटटी से कीड़ों को हटाओ । उसने रोते हुए कीड़े हटाने शुरू किए। उस आत्मा की गति में थोड़ा फर्क पड़ा । मगर अब ज़ंज़ीरे शुभांगी की ओर बढ़ने लगी । आग का डंडा उसके हाथ से छूट गया । तभी हवा में मिटटी उड़ने लगी । कब्र खाली हो गई, मगर उसमे कंकाल न देखकर दोनों हैरान रह गए ।
वोअब उस कब्र में रिया को फ़ेंक उसे मिटटी से ढकने लगी । विशाल और अतुल ने लोहे के औज़ार उस आत्मा के पर मारे उसने उसे मुड़कर देखा। अतुल शुभांगी की ज़ंज़ीर काटने लगा। अतुल कब्र में कोई नहीं है, रिया को निकालो इस कब्र से । विशाल को बरगद से बाँध दिया गया। उसी फावड़े से उसकी गर्दन काटने जा रही है । विशाल! शुभांगी चिल्लाई। अतुल ने रिया को बाहर निकाला । मैंने कहा था न, हम मरेंगे उस वॉचमैन ने हमसे झूठ बोला। रिया रोए जा रही है । शुभांगी ने हिम्मत कर फ़िर आग उस आत्मा की ओर फेंकी । उसने शुभांगी की गर्दन पकड़ने के लिए अपना हाथ लम्बा किया। वह भागी। हाथ लम्बा होता जा रहा है, शुभांगी भागी जा रही है। विशाल ने फावड़े से हाथ पर मारा हाथ कट गया। मगर फ़िर दोबारा आ गया। शुभांगी भागी जा रही है । मैडम रुको ! मैडम रुको ! वॉचमैन शुभांगी के एकदम आगे आ गया । आपने हमसे झूठ बोला । आप भी मिले हुए हैं । दूर हटो। शुभांगी भागकर पॉल एंडरसन के घर पहुँच गई । मैडम सुनो ! रुको । मैंने चौकीदार से पूछा है, कंकाल एंडरसन के घर पर है। शुभांगी रुक गई।
वहाँ अतुल और विशाल को उस प्रेत ने इतनी ज़ोर से मारा कि वो बेहोश हो गए। रिया का रो-रोकर बुरा हाल है । वह हाथ जोड़कर कह रही, "मुझे छोड़ दो ।" जब हाथ उसकी गर्दन अपर पॅहुचे तो अतुल उठ गया उसने आग से उस प्रेत को जलाने की कोशिश की । रिया वहाँ से भाग गई । भागते- भागते उसके सामने सागर और अनन्या प्रेत बन वही खड़े है । वह ज़ोर से चिल्लाई और फिर दूसरी तरफ भागी ।
कहाँ है कंकाल? ऊपर वाले कमरे। शुभांगी वहाँ पहुंची। चौकीदार ने उसे तेल दिया। वह कमरे की तरफ़ भागी। यह वही कमरा है, जहाँ हम छुपे हुए थे । काश ! पहले पता होता तो तभी कुछ कर देते। यह सब सोचते हुए उसने माचिस जलाई, मगर तभी वॉचमैन का चेहरा बदल गया । उसने शुभांगी को लात मारी । वह समझ गई। वो प्रेत यहाँ पहुंच गया है।