सपने - (भाग-37) सीमा बी. द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

सपने - (भाग-37)

सपने.......(भाग-37)

श्रीकांत और सोफिया की शादी बहुत अच्छे ढंग से निपट गयी थी तो सब खुश थे। श्रीकांत अपनी फैमिली के साथ अपने गाँव चला गया......इस बीच सोफिया के कपड़े और कुछ सामान उसका भाई फ्लैट में छोड़ कर गया था....क्योंकि वापिस आने के बाद उन्हें उसी रात हनीमून के लिए निकलना था।
आस्था का अब पूरा ध्यान अपने प्ले पर था जिसमें सिर्फ दो दिन बचे थे......। आस्था को नींद आ रही थी और नचिकेत का फोन भी आ रहा था कि कब तक वो आ रही है..... तो
आस्था को निकलना ही पड़ा रिहर्सल के लिए। आदित्य तो मजे से सो रहा था। राजशेखर और नवीन को भी काम पर जाना जरूरी था तो वो भी निकल गए........ आस्था को भी प्ले की फिक्र कोई कम नहीं थी, सो वो भी अपनी तैयारियों को बार बार चेक कर रही थी...... नचिकेत आस्था की तैयारी से खुश नजर आ रहा था। आस्था घर जा कर थोड़ी देर सोना चाहती थी, पर नचिकेत ने उसे घर नहीं जाने दिया.....पिछली बार की तरह सब टीम मैंबर्स के रूकने का इंतजाम जहाँ शो होना था वहीं आस पास होटल के रूम बुक कर दिए गए थे....। सारा सेटअप का सामान और ड्रैसेस थियेटर में पहुँचाया जा रहा था। आस्था और बाकी सब को होटल का एड्रैस दे कर कैब में भेजा जा चुका था.....। नचिकेत और मैनेजर सारा सामान अपनी देखरेख में भिजवा रहे थे और फिर थियेटर जा कर सामान को उतरवाना भी तो था......इसलिए सामान लोड करवा कर मैनेजर उनके साथ निकल गया और नचिकेत एक मीटिंग के लिए चल दिया......। आस्था ने रूम में जा कर सविता ताई को फोन करके उसने बोला कि "उसके लिए एक ड्रैस और कुछ सामान पैक करके रख दे...."। सविता को फोन करने के बाद उसने पहले नवीन को फोन किया पर उसने फोन नहीं उठाया तो उसने आदित्य को फोन करके बोला, "आदित्य मेरा कुछ सामान सविता ताई से ले कर होटल में दे जाओ क्योंकि उसे यहीं पर रूकना पड़ेगा".......। आदित्य बोला," ठीक है होटल का एड्रैस मैसेज कर दो....इस टाइम ट्रैफिक बहुत होगा थोड़ी देर में निकलता हूँ"। आस्था ने उसे एड्रैस मैसेज कर दिया .....। आस्था ने उसे फोन कर तो दिया था पर वो सोच रही थी कि," आदित्य क्या सोच रहा होगा? वैसे तो मैं उससे बात नहीं कर रही थी, पर काम करवाने के लिए झट से फोन कर दिया"। उधर आदित्य सोच कर थोड़ा खुश हो रहा था कि, "चलो काम के बहाने ही सही आस्था ने उससे बात तो की".....! शाम को डिनर जल्दी करके नवीन और आदित्य ने सविता ताई जो आस्था का सामान पैक करके रख गयी थी, वो लेकर चल दिए आस्था को देने.....। तकरीबन 1 घंटा लग गया उन्हें पहुँचने पर....
होटल में पहुँच कर आदित्य ने आस्था को फोन करके नीचे बुलाया.......आस्था नीचे आयी तो आदित्य और नवीन रिसेप्शन के पास ही खड़े थे.....उसने आदित्य को थैंक्यू बोला और प्ले के तीन पास भी उनके हाथ में पकड़ा दिए और टाइम पर आने के लिए ताकीद भी कर दिया.......अगला दिन नचिकेत और पूरी टीम के लिए बहुत Important था....। रात को सब टाइम से सो गए और सुबह जल्दी नाश्ता कर थियेटर पहुँच गए.......। स्टेज सज चुका था। एक बार जल्दी से रिहर्सल की गयी...सब परफेक्ट लग रहा था नचिकेत को पर फिर भी वो सब कुछ बारीकी से चेक कर रहा था....स्टेज, आर्टिस्टों को कपड़े तक सब कुछ नचिकेत की अस्सिटेंट भी डबल चेक कर चुकी थी। सब की एंट्री की टाइमिंग्स याद करवायी जा रही थी......पिछली बार से ज्यादा इस बार तीनो दिन की टिकटे बिक चुकी थी....कुछ गेस्ट भी आ रहे थे जो किसी न किसी रूप से थियेटर और बॉलीवुड से जुड़े हुए थे.....। तीन दिनो के चीफ गेस्ट अलग आने वाले थे तो सब सावधान तो थे ही......सभी का मेकअप किया जा रहा उनके कैरेक्टर के हिसाब से...उसके बाद उन्हें कपड़े पहनवा कर तैयार करना था.....शो शुरू होने में कुछ ही देर बाकी थी....चीफ गेस्ट का स्वागत किया जा रहा था...बाकी VIP गेस्ट भी आ चुके थेष जिनसे नचिकेत मिल कर वेलकम कर रहा था। सारी लाइटस ऑफ हो गयी थी। पर्दा गिरा हुआ था......धीरे धीरे पर्दा उठा और नाटक शुरू हो गया......VIP गेस्ट में नवीन, आदित्य और राजशेखर भी शामिल थे आखिर नवीन भी उभरता सिंगर था......और नचिकेत वैसे भी आस्था के दोस्तों को इग्नोर नहीं कर सकता था......हालंकि उसकी 6th सेंस कहती थी कि आदित्य उसे खास पसंद नहीं करता......पर ये बात नचिकेत के लिए मायने भी नहीं रखती थी......। प्ले खत्म हुआ तो पूरा थियेटर तालियों की गड़गडा़हट से गूँज उठा.....प्ले बहुत अच्छा हुआ। सब लोग नचिकेत और उसकी टीम की तारीफ कर रहे थे। मीडिया वाले भी मौजूद थे.....आदित्य, नवीन और राजशेखर नचिकेत से पूछ कर आस्था को मिलने ग्रीन रूम में चले गए। आस्था चेंज करके उन तीनों से मिली......। तीनों ने आस्था और वहाँ जितने भी आर्टिस्ट थे सबको शो की कामयाबी की बधाई दी....। आस्था अगले 2 दिन नहीं आ सकती थी....तो आदित्य, नवीन और राजशेखर कुछ देर बात करके वापिस चले गए.......अगले दिन श्रीकांत और सोफिया भी गाँव से वापिस आ गए। वो भी आस्था को शो देखना चाहते थे, पर उनकी फ्लाइट थी तो मन मार कर जाने के लिए पैकिंग करने लगे......। आस्था से सोफिया और श्रीकांत ने दिन में ही बात करके बधाई दे दी थी.......और आस्था ने भी उन्हें "हैप्पी और सेफ जर्नी" कह कर फोन रख दिया........। अगले 2 शो भी बहुत जबरदस्त हिट हुए......हर न्यूजपेपर में नचिकेत और उसके प्ले की तारीफे की जा रही थी.....तो आस्था के टैलेंट को भी कोई अनदेखा नहीं कर पाया......श्रीकामत की शादी और उसके बाद के 4-5 दिन बहुत थकाने वाले थे आस्था के लिए......। आदित्य और नवीन उसे शो के बाद रात को लेने चले गए थे। आस्था इतनी थकी हुई थी कि कार में ही सो गयी......3 दिन से उसने ठीक से खाया भी नहीं था....तो सबसे पहले आदित्य ने उसके लिए जूस लिया.....। खाना रास्ते से ही पैक करवा कर ले आए क्योंकि आस्था का मूड ही नहीं था गाड़ी से उतरने का.....। जब वो लोग घर आए तो राजशेखर भी घर पर नहीं था......उसे फोन किया तो पता चला कि वे रश्मि के साथ डिनर डेट पर गया हुआ है...। सबने खाना खाया और आस्था कमरे में सोने चली गयी........आदित्य और नवीन बैठे टी वी देखते हुए राजशेखर के आने का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उस दिन से पहले कभी उसने कहा ही नहीं कि वो डेट पर जा रहा है, बस यही कहता रहा कि अभी दोस्त बने हैं....तो बस मामला कहाँ तक और कब पहुँच गया डेटिंग तक यहीं जानने के इरादे से बाहर हॉल में ही टिके हुए थे......।
क्रमश: