Exploring east india and Bhutan... - Part 26 Arun Singla द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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Exploring east india and Bhutan... - Part 26

Exploring East India and Bhutan-Chapter -26

सत्रहवां  दिन

 कल रात को यह तय हो गया था कि अब बाकी के बची दो दिनों में मानसी की साथ पारो में घुमा जाएगा और सिर्फ मस्ती की जायेगी व् फिर अपनी-अपनी राह  पर आगे चले जाना होगा. आज सुबह से हम सब में वो ताजगी नजर नही आ रही थी, जो हमेशा रहती थी, शायद विदाई की घड़ी नजदीक आने का ख्याल सभी के जहन में था. जो भी हो हम तय प्रोग्राम के अनुसार पारो भ्रमण के लिए निकल लिए .

 

Zuri Dzong, Paro Bhutan

 यह किलानुमा मठ  एकपांच मंजिला इमारत है, जोकि पारो सिटी सेंटर से लगभग35 km की दूरी पर स्थित है.

इसे वर्ष 1352 में बनवाया गया था. पारो नदी के साथ चलते हुए आप भूटान का सबसे पुराने  मठ की सुंदरता को निहार सकते हैं.

यहाँ से आप पारो घाटी का एक विहंगम दृश्य भी देख सकते हैं ,चारों तरफ हरयाली से ढके पहाड़ नीचे कलकल  बहती पारो नदी, ये सब मिल कर अद्भुत दृश्य को जन्म देते हैं.  यहाँ एकदम शांत वातावरण है, और इस मठ का महत्व महात्मा बुध के कारण है. यहाँ 8 वीं शताब्दी में महात्मा बुध ने भूटान की यात्रा के दौरान एक गुफा में बैठ कर ध्यान किया था, और ये गुफा आज भी मोजूद है.

फोटो शूट करने के लिए यह बेस्ट वेन्यू है.

प्रवेश शुल्क : फ्री

 

Drukgyal Dzong, Paro Bhutan

 यह किला पारो सिटी सेंटर से लगभग 16km की दूरी पर उपरी पारो घटी में एक रिज पर स्थित है. इसके चारों तरफ हरयाली से ढके पहाड़ नजर आते हैं. किला अब खंडहरों में प्रवर्तित हो चुका है परन्तु मठ के खंडहरों को पुराणी यादगार की निशानी के तोर पे अच्छी तरह सरंक्षित रखा गया है. अब खंडहर में पत्थर से बनी टूटी फूटी दीवारें ही बची हैं. इसका निर्माण 1649 में करवाया गया था, परन्तु 1950 के दशक की शुरुआत में मठ आग से लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था, अब इसे फिर से पुननिर्मित किया गया है.

अगर आप पुरातात्विक स्थलों में रुची रखते हैं तो ठीक है, वरना यहाँ जाना टाइम वेस्ट करना है.

 

Paro River View Point, Paro Bhutan

 पारो नदी के किनारे पर बना यह एक छोटा सा पिकनिक स्पॉट है, इसके साथ ही पारो नदी बहती है .यह पारो शहर से लगभग11 km की दूरी पर स्थित है. आप यहाँ ठन्डे पानी का आनंद लें, और फोटो शूट करें.

 

पारो नदी पश्चमी भूटान में 24,035 ft ऊँचे पर्वत जमोल्हारी (Jomolhari) के दक्षिण भाग से निकलती है और अंत में दक्षिणी भूटान में ब्रह्मपुत्र नदी में जा कर मिल जाती है. भूटान में इसे पारो छू के नाम से पुकारा जाता है, Chhu का अर्थ है नदी. भूटान के निचले हिस्सों में नदी को रैडक नदी के नाम से जाना जाता है, इसमें तिब्बतमें  स्थित हिमालय के ग्लेशियरों से पानी आ कर मिलता है. यह भूटान के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ साथ बहती है.

इसका क्रिस्टल की तरह साफ पानी  पहाड़ों और गहरी घाटियों से बहता हुआ पारो शहर से गुजरता है. इस नदी के किनारे पर पारो के दो सबसे मशहूर पर्यटक स्थल तक्शांग मठ और पारो ड्जोंग स्थित हैं. नदी पर बने पुल से आप नदी के चारों और के रूह को सकून देने वाले दृश्य देख सकते हैं.

पारो नदी के किनारे एकदम शांत वातावरण में पक्षियों के चहकने की आवाजें सुनते हुए समय बिताना अपने  आप में एक सुखद अनुभव है, आप यहाँ दोबारा आना पसंद करेंगे. पारो नदी  कयाकिंग और राफ्टिंग के लिए आदर्श जगह हैं.