दूसरा दिन :
दार्जीलिंग: आज हमे टाइगर हिल पर सनराइज देखने जाना है.
पहले दिन ही हमने होटल ट्रेवल डेस्क से पर्यटन स्थलों के भ्रमण (sight seeing) के लिए ₹ 3000 में टेक्सी बुक कर ली थी। दार्जलिंग में टाइगर हिल से कंचनजंगा माउंटेन पर sun rise देखने के लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ा, ठंड अपनी युवा अवस्था में थी, यानी कडाके की थी, हम सूर्योदय (sun rise) देखने के लिए चल दिये, हमने दो- दो जाकेट पहनी रखी थी, और सोचा इतनी ठण्ड में निकलना शायद ये हमारा पागलपन है, पर आगे जा कर देखा, हम ही नही ओर भी 400 से ज्यादा लोग पागल थे। सारा रास्ता जीपों और कारों के काफिले द्वारा भरा पड़ा था।
टाइगर हिल अभी 1 km दूर ही थी कि सभी गाड़ियां रुक गई, सोचा जाम है, पर जब गाड़ी ने ना हिलने की कसम खा ली, तो हिम्मत कर के गाड़ी से नीचे उतरे, पता चला रात भर snow fall होने के कारण आगे रास्ता बंद है । एक तो Sun rise देखने के जोश में ओर दुसरा, दूसरोँ को देखा देखी सभी पर्यटक, गाड़ियों से उतर कर पेदल ही आगे बढ़ने लगे। परंतु snow fall के कारण रास्ता फिसलन भरा व जोखिम भरा हो गया था, तो यह सोच कर की अभी तो टूर की शुरुआत है, कहीं हड्डी पसली ना टूट जाए, हमने तो जोखिम ना उठाने का निर्णय लिया व दूर से ही सूर्य नमस्कार कर वापिस होटल आ गए। बाकी शूरवीरों ने क्या किया, कुछ आप भी सोच लें.
ज्ञान सूत्र: आप के पास समय सिमित है, अत: अगर किसी भी पॉइंट पर हालात, मोसम, रास्ता अनुकूल ना हो तो, समय व्यर्थ ना करें .
होटल में ब्रेकफास्ट ले कर दार्जीलिंग sightseeing के लिए रवाना हो गए ।
थोड़ा सा टाइगर हिल के बारे में आपको बताता चलूं :
Sunrise at Tiger hill: टाइगर हिल दार्जलिंग से लगभग 13 km की दूरी पर स्थित है, और इसकी समुंदर तल से height 2590 मीटर है. यह घूम का शिखर भी है, घूम जो कि यूनेस्को के अनुसार हिमालयन रेलवे का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है. सूर्योदय के समय जैसे ही सूर्य की पहली किरण टाइगर हिल पर पड़ती है, तो उसकी सफेद चोटियां जगमगा उठती हैं, और टाइगर हिल के बर्फ से ढके पहाड़ों का अद्भुत नजारा देश भर से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। टाइगर हिल पर सनराइज देखने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से दिसम्बर तक होता है . यहाँ से आप माउंट एवरेस्ट व् कंचनजंगा की चोटियों के अद्भुत नजारों को देख सकते हैं।
होटल वापिस आ कर हमने ब्रेकफास्ट वगेरा कर के हम घूम मठ देखने के लिए निकल पड़े .
Yiga Choeling Monastery (Old Ghum Monastery)
इसका का प्रचलित नाम घूम मठ है, यह दार्जिलिंग शहर से लगभग 8 km, घूम रेलवे स्टेशन से 10 मिनट की पैदल दूरी पर लगभग 7,407 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसे यागा चॉलिंग मठ के नाम से भी जाना जाता है. इस का निर्माण वर्ष 1850 में किया गया था. यह एक दर्शनीय स्थल है. यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है, कि दार्जीलिंग में एक और मठ है जिसे सैमेन चोलिंग मठ या घूम मठ कहा जाता है, और आमतोर पर टैक्सी वाले घूम मठ के नाम पर आप को यहीं घुमा देते है. क्योंकि यह बाटासिया और टाइगर हिल (sightseeing tour) के रास्ते पर है, इसलिए जब तक आप विशेष रूप से नहीं बताते, तो टूर कराने वाले इसे घूम मोनेस्ट्री कह देते हैं. घूम मठ देख कर हमने दार्जलिंग के और भी व्यू पॉइंट्स देखे. यहां Tiger Hills व् घूम मठ से अलग, HMI (Himalayan Mountaineering Institute), Zoological Gardens, and Dhirdham temple, Tea Garden, Tenzing, Gombu Rock, Peace Pagoda and Japanese temple व्यू पॉइंट्स है।
इनमे से एक दो पॉइंट्स देख कर हम होटल वापिस आ कर ठिठुरते हुए, दो रजाई चारों तरफ से दबा कर सो गए |