अद्भुत , अकल्पनीय , अद्वितीय “अलकेमिस्ट” ( समीक्षा )
समीक्षित पुस्तक :- अलकेमिस्ट
लेखक :- पाउलो कोएल्हो
प्रकाशन :- विजडम ट्री
पाउलो कोएल्हो की किताब अलकेमिस्ट एक बेहतरीन प्रेरक साहित्य का नमूना है. इस पुस्तक ने कई कीर्तिमान स्थापित किये जैसे कि अब तक दो करोड़ से अधिक इसकी प्रतिया बिक चुकी है. यह पुस्तक 1988 में पूर्तगाली भाषा में प्रकाशित कि गयी थी और अब तक इसका 56 विभिन्न भाषाओँ में अनुवाद किया जा चुका है।. इस पुस्तक ने के जादुई कथानक और इसके प्रेरक शब्दों ने करोड़ों व्यक्तियों के जीवन में उत्साह , सपनों के प्रति विश्वास और सकारत्मकता का संचार किया है.
इस पुस्तक को पढ़ते हुए मैंने महसूस किया
१) सपने देखना कभी बंद नहीं करना चाहिए जैसा कि कहानी में गड़ेरिये किशोर को बूढ़े बादशाह ने कहा था.
२) जब तुम पूरे दिल से किसी चीज को पाना चाहते हो तभी तुम उस विश्वात्मा के सबसे नजदीक होते हो। और वह शक्ति सदैव सकारात्मक होती है।”
३) संयोग जैसी कोई चीज होती नहीं है !
४)कुछ भी सिखने का इक ही तरीका है वह है कर्म ! – किमयागर ने लड़के से कहा
हिन्दी साहित्य के महारथी कमलेश्वर ने इस पुस्तक " अलकेमिस्ट " का हिंदी में अनुवाद किया है . मैंने यह पुस्तक हिंदी में ही पढ़ी है . यह किताब अनुवादों में वे पूरे सफल रहे हैं। कुछ विदेशी नामों को छोड़ कर आपको कहीं भी ऐसा प्रतीत नहीं होता कि आप कोई अनुवाद पढ़ रहे हैं। भाषा का प्रवाह गतिमान है। पठनीयता, रहस्य-रोमांच अंत तक बना रहता है। इसके प्रकाशक विस्डम ट्री ने किताब का कलेवर और काग़ज़ शानदार प्रस्तुत किया है। प्रूफ की अशुद्धियाँ नगण्य सी हैं और टाइप सेट ऐसा है कि पाठक को पढ़ने में थकान महसूस नहीं होती है।
यह कहानी एक गड़ेरिये की है जो सोने के खजाने कि खोज में मिश्र के पिरामिडों तक की यात्रा करता है. उसकी यात्रा वस्तुतः मानवीय जिजीविषा , आपदाओं से भिड़ने की बुद्धिमत्ता और किसी भी कीमत पर अपने सपने को न छोड़ने की सीख देता है.
फंतासी और जादुई परिवेश में यह कहानी हर व्यक्ति के मन को आंदोलित कर सकता है.
किताब में जगह-जगह ईश्वर पर आस्था बनाए रखने और अपनी चाहत, अपने सपनों को बनाए रखने के संदेश है। और, प्राय: एक ही तरह की बात बार-बार, अलग-अलग तरीके से दोहराए गए हैं। जैसे कि –
“जब तुम सचमुच किसी चीज को पाना चाहते हो तो संपूर्ण सृष्टि उसकी प्राप्ति में मदद के लिए तुम्हारे लिए षड्यंत्र रचती है”
तथा-
“जब तुम पूरे दिल से किसी चीज को पाना चाहते हो तभी तुम उस विश्वात्मा के सबसे नजदीक होते हो। और वह शक्ति सदैव सकारात्मक होती है।”
जीवन के कई मूलभूत सवालों के जवाब किताब में स्वर्णिम उत्तरों में पिरोये गए है जैसे कि "छोटे बच्चे ने पूछा "दुनिया में सबसे बड़ा झूठ क्या है ?"
बूढ़े व्यक्ति ने उत्तर दिया "वो ये है :कि जीवन के एक पड़ाव पर हम, अपने ऊपर होने वाली चीजों से लगाम खो देते हैं, और हम किस्मत की डोर से बंध जाते हैं। यही दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है" .
वर्तमान में जीवन को शानदार ढंग से जीने कि सीख अद्भुत है , " "रहस्य इसी वर्तमान में है। अगर आप वर्तमान में ध्यान देते हैं तो तो आप अपने आपको निखार सकते हैं और अगर आप अपने वर्तमान को निखारते हैं, तो पल भी बेहतर होगा। "
यह किताब किसी के लिए मनोरंजन हो सकती है , किसी के लिए यह जीवन जीने कि कला सीखने वाली पुस्तक तो किसी के लिए यह जीवन भर बार -बार पढ़ने वाली पुस्तक है . वैसे इसमें उपयुक्त अंग्रेजी भी सरल है किन्तु इसे अगर अपनी मातृभाषा में पढ़ा जाये तो किताब का आनंद दुगुना आता है.
जिस प्रकार पिछली सदी में डेल कार्नेगी , नार्मन पील ,जेम्स एलन जैसे मोटिवेशनल लेखकों का बोलबाला था वैसे ही इस सदी के महान प्रेरणादायी साहित्य के लेखकों में ब्राजीलियन नागरिक पाउलो कोएल्हो का नाम सबसे ऊपर आता है.
यह पुस्तक शिक्षक कि भूमिका भी बड़े मजेदार तरीके से रेखांकित कराती है, "
“शिक्षक क्या है? मैं बताता हूँ : ये कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कुछ पढाता है, बल्कि वो है जो छात्रों को वह खोजने में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करता है जो वो पहले से जानते हैं।“
अंत में मैं इस समीक्षित पुस्तक के बारे में कहना चाहूँगा कि भारत में यह किताब हर घर के किताबों की शेल्फ में " हिंदी अनुवाद " के रूप में जरूर होनी चाहिए.