तड़प इश्क की - 17 Miss Thinker द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तड़प इश्क की - 17

अब आगे........

उसकी तबीयत अचानक बिगड़ती देख अधिराज बिना देर किये , उसके कमरे में पहुंच जाता है और उसे अपनी बाहों में गिरने से बचा लेता है , , एकांक्षी लगभग बेहोश चुकी थी और बेहोश में ही कुछ बड़बड़ा रही थी जिसे सुनने के लिए अधिराज अपने कानों को उसके पास ले जाकर सुनने की कोशिश करता है.....

एकांक्षी बेहोशी में बड़बड़ा रही थी....." अधिराज , आपने हमें धोखा दिया है , हम आपसे नफ़रत करती है , आपने हमारे प्रेम का उपहास उड़ाया है...."

अधिराज उसकी उसकी बात सुनकर घबरा जाता है और उसे बेड पर लिटाकर उसके गालों पर हल्के से थपकाते हुए कहता है...." एकांक्षी , उठो , ऐसा नहीं है हमने आपको धोखा नहीं दिया है , एकांक्षी उठो ...." अधिराज की नजर उसके हाथ में पकड़े हुए पंख पर जाती है जिसे देखकर वो काफी ज्यादा परेशान होकर उसके हाथ से पंख को लेकर अपने पास रखते हुए कहता है......" ये पंख आपके नहीं होना चाहिए था , हम कितने लापरवाह हो गए ..... एकांक्षी उठो, , प्रेषक जी ! हमारी सहायता कीजिए..." लेकिन प्रेषक की तरफ से कोई जबाव नहीं आता...

" हम क्या करें इन्हें कैसे ठीक करें , , "

तभी एक आवाज आती है...." पक्षिराज घबराई नहीं आप इनके हाथ को इनके हृदय पर रख दो .... जिससे ये ठीक हो जाएंगी किंतु आगे से सावधान रहिएगा...ये उपाय हर बार काम नहीं करेगा , आप हर बार दिव्य जल प्राप्त नहीं कर सकते...."

" हम जानते हैं प्रेषक जी अभी आप दिव्य जल की वजह से से हमसे बात कर सकते हैं किंतु आगे से हम ऐसी लापरवाही नहीं होने देंगे...."

अधिराज प्रेषक के बताए अनुसार वैसा ही करता है और उससे दूर हो जाता है... धीरे धीरे एकांक्षी को होश आता है और अपने सिर में दर्द होने की वजह से वो आंखें मिचते हुए उठकर अपने आप से कहती हैं....." ये अधिराज कौन है...?.. क्यूं ये नाम बार बार मेरे सामने आ रहा है , पहले सपने और अब , मुझे हो क्या रहा है...?...शायद भाई सही कह रहे हैं मुझे डाक्टर से चेकअप करवाना पड़ेगा...."

एकांक्षी की बात सुनकर अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है..." आपको किसी डाक्टर की नहीं हमारे प्रेम की आवश्यकता है...और हम आज आपको मिलने वाले हैं..."

एकांक्षी अभी ख्यालों में ही खोई हुई थी , कि सावित्री जी उसके कमरे में आती है और उसे बैठे देख उसके पास जाकर उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहती हैं...." मिकू क्या हुआ..?.. तबियत ठीक है तेरी...."

अपने सामने अपनी मां को देखकर उसका ध्यान टूटता है और कहती हैं..." मम्मा आप ... मैं बिल्कुल ठीक हूं....."

" हां वो तो तेरी शकल बता रही हैं , परसों तुझे डाक्टर के पास लेकर जाऊंगी चेकअप के लिए , अभी तू जल्दी से नहा के नीचे आ जा , , ब्रेकफास्ट रेडी है , मैंने आज तेरे लिए आलू के परांठे बनाए हैं...."

" हां मम्मा बस पंद्रह मिनट में आ रही हूं..."

सावित्री जी नीचे चली जाती हैं और अधिराज भी वहां से चला जाता है क्योंकि आज उसे एकांक्षी के सामने आना है , और एकांक्षी भी फ्रेश होकर नीचे नाश्ता के लिए पहुंच जाती है.....

आज एकांक्षी ने लाइट पिंक कलर की फ्लोरा फ्रॉक पहनी थी जो उसके घुटनों से थोड़ी नीचे थी, , जिसमे वो किस गुलाब की कली की तरफ लग रही थी और उसपर उसने एक हाई पाॅनी टेल बनाई और लाइट मेकअप उसके ब्यूटी को और चार चांद लगा रहा था....

सावित्री जी एकांक्षी को देखकर कहती हैं..." अब पता चला तू इतनी सुस्त सी क्यूं हो रही है..?.."

एकांक्षी हैरानी से उन्हें देखते हुए पूछती है...." कैसे मां...?.."

सावित्री जी अपनी आंखों में से काजल का काला टिका उसके कान के पीछे लगाते हुए कहती हैं...." तू जब इतनी बनठन के जाएगी तो सबकी नजरें तेरे को घूरेंगी न सबकी नजर लग जाती है तुझे फिर तेरी तबियत बिगड़ जाती है..."

एकांक्षी हंसते हुए कहती हैं...." मां , ऐसा कुछ नहीं है कि मुझे किसी की नजर कैसे लग सकती है , जब आप इतने प्यार से मुझे काला टिका लगा देती हो...."

" तेरी बातें न कभी खत्म नहीं हो सकती , तू मुझे कभी नहीं समझ सकती ..."

एकांक्षी सावित्री जी के गले हुए कहती हैं..." मम्मा , यू आर बेस्ट..." सावित्री जी उसके माथे पर किस करते हुए कहती हैं..." चल अब नाश्ता कर ले..."

एकांक्षी नाश्ता करके सावित्री जी को बाय कहकर अपना बैग लेकर चली जाती हैं , , आज उसे राघव कार में ड्राप करने गया था, ,

राघव काॅलेज के बाहर उसे छोड़कर अपनी ड्यूटी के लिए चला जाता है और एकांक्षी काॅलेज में एंटर होती है , , , आज काॅलेज में एक अलग सा ही माहौल हो रहा था सब लड़कियां जल्दबाजी में ग्राउंड की तरफ जा रही थी , , एकांक्षी सबके इस बिहेवियर को बड़े शकी नजरों से देख रही थी ...

लेकिन एकांक्षी इन सबको इग्नोर करते हुए सीधा कैफेटेरिया की तरफ जाती है जहां पर किरन उसका वेट कर रही थी...किरन बैठी हुई उसी का वेट कर रही थी , एकांक्षी को देखकर जल्दी से खड़ी होकर हग करके हाय कहती हैं , उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखकर एकांक्षी पुछती है..." आज कौन सा खजाना मिल गया तुझे..."

" तूझे पता है , आज काॅलेज में ये लड़कियां पागलों की तरह ग्राउंड में क्यूं जा रही है...?..."

एकांक्षी चेयर पर बैठती हुई कहती हैं...." जब तुझे बताने का इतना मन कर ही रहा है तो बता ही दे..."

" हां , हमारे काॅलेज में आज एक लड़के ने एंट्री मारी है , क्या गजब है यार उसे देखकर बस ऐसा हुआ जल्दी से जाकर उसे ही कर लूं.....शायद गिटारिस्ट है , कितना हेंडसम है यार वो..."

एकांक्षी उसकी बातों को इग्नोर करते हुए कहती हैं..." तू मुझे क्या सर्प्राइज देने वाली थी....."




....…...........to be continued...............

आखिर कौन है वो लड़का...?

क्या उसका एकांक्षी का कोई रिलेशन है...?

जानने के लिए जुड़े रहिए......