ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
मुझको अपना बच्चा मान
सुबह से कहती हो गई शाम
जा रे गंगा अपने धाम
ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
गंगा ही मेरी माँ
मैं गंगा की संतान
हे मेरी माँ गंगा
मंजिल ही तेरी असली धाम
सुबह से कहते ही गई शाम –
जा रे गंगा अपने धाम
ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
मुझको अपना बच्चा मान
हे मेरे भोले बाबा - हे मेरे भोले बाबा
हे मेरे भोले बाबा - हे मेरे भोले बाबा
भोले बाबा सुन ले भक्तो अर्जी
जान ले अब कलयुग की मर्जी
कर दे विनाश रे - मैं बैठा तेरे पास रे
हे मेरे भोले बाबा - मैं बैठा तेरे पास रे
कशी हो चाहे काबा - मालिक है तू बाबा
सत्य और धर्म नहीं जानते
मानव को मानव नहीं पहचानते
झूठ फरेब लूट पाट - आँखों मैं आँख डाल
भाई भाई का गाला काटते
ये जीवन को नहीं पहचानते
हे मेरे भोले बाबा - हे मेरे भोले बाबा
ना धुप ना होम ना अगरवत्ती
ना दूध ना फल न बेल पत्ती
सब कुछ आपका फिर भी न मिले सस्ती
सुन ले भक्तो की अर्जी - जान ले अब भक्तो की मर्जी
सारी दुनिया फर्जी - कर दे विनाश रे
मैं बैठा तेरे पास रे – ----- ---- -----
मेरे भोले बाबा -- मेरे भोले बाबा
हत्या करते अहंकार करते
खुद को ये कहते ये बलवान रे
पाप करते जरा न डरते
कैसा ये इन्शान रे
खोल दे अपनी जटा –
छोड़ दे गंगा जाने दे पाताल रे
मेरे भोले बाबा - मेरे भोले बाबा
कर दे विनाश रे - मैं बैठा तेरे पास रे -
भक्तो की अर्जी जान ले - कलयुग को पहचान ले
आ गई है बारी - कर दे विनाश रे –
मैं बैठा तेरे पास रे - हे मेरे भोले बाबा –
हे मेरे भोले बाबा - हे मेरे भोले बाबा
हे बाबा बर्फानी - सुनो कलयुग की कहानी
कैलाश हो या मक्का - हर जगह है तेरा सिक्का
तू ही है भैरो - तू ही है हनुमान रे
भकत की अर्जी मान ले - कलयुग को पहचान ले
मैं भी जपु राम - तू भी जापे राम रे
कर दे विनाश रे - मैं बैठा तेरे पास रे
पैगम्बर नानक साई मशीहा - हर एक तेरा ही दिया
सब मैं बसे तू - और तुझमे बसे राम रे
राम मैं बसे सहस्त्रनाम - सहस्त्रनाम धारे युग हुए बदनाम रे
देर न कर अब कर दे विनाश रे - मैं बैठा तेरे पास रे
हे मेरे भोले बाबा - है मेरे भोले बाबा –
हे मेरे भोले बाबा - हे मेरे भोले बाबा
ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
मुझको अपना बच्चा मान
सुबह से कहती हो गई शाम
जा रे गंगा अपने धाम
ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
गंगा ही मेरी माँ
मैं गंगा की संतान
हे मेरी माँ गंगा
मंजिल ही तेरी असली धाम
सुबह से कहते ही गई शाम –
जा रे गंगा अपने धाम
ॐ जय जगदीश हरे आल्हा राम
मुझको अपना बच्चा मान
Writer By
Amanat Malik