(किंग ऑफ़ फियर ,,, फीयरलेस फ्रीडम ),,,
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
नोट पेड से लेकर - तमाम दफ्तर पेट भर के खाते ,
नेता जी भी धोखा देकर - वोट लेकर जाते ,
नफरत और हिन्दू मुश्लिम - कह कर हमें भड़काते ,
जब तक हाथ मैं पत्थर न ले लो ऐसा वक़्त बनाते ,
राम शिव और नवग्रह बेचारा किया करे ,
सरे आम गाली गलौच कर जाते,
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
अंगरेज तो साले चले गए अपना बच्चा छोड़ गए,
बच्चा भी देखो देशी हिटलर बनता है,
कोहिनूर का झाशा दे कर करोना ले के आता है,
राम जी को ही राम की भूमि देने मैं घबराता है ,
बड़ी मुश्किल दे भी दिया तो देखो कितना इतराता है,
हे जगदीश तुम कहाँ नहीं हो ऐसा वेद पुराण बताता है,
मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
(लाइन ऑफ़ स्पेशल -: नोट )
यह कैसा मानव बना - रखे खून की प्यास ,,
प्यासा जग तो प्रेम मांगे -- नहीं करते हत्या और महा पाप ,,
हिमालये मैं बैठे लंगड़ी करते फिरते - कहते बहुत बड़े योग ,,,,,, योग।।
योग का मतलब नहीं जानते - लगा रहे आकृति को भोग ,,,, भोग |
कृष्णा उवाच
अरे खाओ खाओ सा लगता है ,,, मत कर ऐसा मिश्री वाले माखन चोर कहता है,
जब माँगा था तो नहीं दिया ऊपर से चोर का नाम दिया - बदनाम किया ,
चलो चोर का नाम दिया बदनाम किया - तो चित चोर नाम किउं न दिया,
अपनी तुलना शेर से करे - बन्दर का ही आविष्कार रे --
दस फुट भी कद नहीं - अहंकार छुए आशमान रे - --
झूठे हैं सब मक्कार रे -- सब के सब बेकार रे –
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
एक दूसरे से घृणा करते -- इर्षा करना फिल्म से सिखाते
ज्यादा साफ़ सुथरा के चक्कर मैं - अनमोल जीवन को दुःख है देते ,
नहीं ऐसा पाप करो - नहीं हत्या नहीं- न यह महापाप करो ,
अलल्हा चाहे राम जप लो - वेद शास्त्र तमाम रट लो ,
जीवन ही है अनमोल - किया इतना भी नहीं तेरे पास ज्ञान रे ,,
झूठे है सब मक्कार रे --- सब के सब बेकार रे -- @ सब के सब गद्दार रे - सब के सब बेकार रे
दूध को बहते - गंगा मैं नहाते - करते मदिरा पान रे - ?
काम को दुष्कर्म - मेहनत को काम - यह कैसा ज्ञान रे - ?
कर्म का पता नहीं - आंदोलन करने को मजबूर हर इन्शान रे --
काहे का तू हिन्दू - और कहे का हिन्दुस्तान रे -
झूठे है सब मक्कार रे - सब के सब बेकार रे @ सब के सब गद्दार रे, -- यह कैसा अहंकार रे,,,
मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
कानून और सिपाही - बस इन दोनों की ही कमाई ,
मजदुर का बेटा भूखा मरता - बारी गुरूद्वारे जाने की आई ,
कलाकार हो या निर्माता -- तुम्हारा ही दिया खाता , {रे,}
दर्शाता है काल्पनिक - पर तुमको क्राइम सिखाता , {रे,}
झूठे है सब मक्कार रे - सब के सब बेकार रे @ सब के सब गद्दार रे, -- यह कैसा अहंकार रे,,,
(किंग ऑफ़ फियर ,,, फीयरलेस फ्रीडम ),,,
हक़ मांगो तो आंदोलन- सच बोलो तो जेल रे,
दिमाग बन गई दही - सब्र का ब्रेक फ़ैल रे ,
अरे कागज़ के ही टुकड़े है - नहीं पलेटीनम गोल्ड रे
मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
जेड सिक्युरिटी मैं घूमते - शराब और सबाब बेचते रे ,
करोड़ो का चंदा लेते - गन्दा है मानते पर फिर भी धंधा करते रे,
मजदूरों का शोषण करते - साहूकार के चमचे रे,,
झूठे है सब मक्कार रे ,, सब के सब बेकार रे,,, @ झूठे है सब गद्दार रे,<<
सच का गला घोटे मुक़दमा ,, मुक़दमा ,, मुक़दमा,,, यस मुक़दमा ,,,
सच का गला घोटे मुक़दमा, सारा जहाँ डरे मुक़दमा ,, मुक़दमा,, मुक़दमा,,
झूठा बंदा - कलयुग का बन्दर
कागज का धन - पथ्थर का मंदर
अहंकारी मन और इर्षा है अंदर ,
सेवा नहीं समझ नहीं - आखिर कार यह है तो बन्दर ,,
झूठे है सब मक्कार रे ,, सब के सब बेकार रे,,, @ झूठे है सब गद्दार रे,<<
(सिग्नेचर द किंग ऑफ़ फियर )
ॐ जय जगदीश हरे अल्ल्हा राम -- मुझको अपना बच्चा मान -
सुबह से कहते हो गई शाम - जा रे गंगा अपने धाम ,,,
गंगा ही मेरी माँ - मैं गंगा की संतान
हे गंगा माँ मंजिल ही तेरी असली धाम
सुबह से कहती हो गई शाम - जा रे गंगा अपने धाम
ॐ जय जगदीश हरे अल्ल्हा राम -- मुझको अपना बच्चा मान -
थैंक्स फॉर रीडिंग
Amanat Malik