भाग – 4
जब यह बात दामिनी के पिताजी को पता चली तो उन्होंने दामिनी से कहा, “ अच्छा एक काम करो दामिनी, तुम उस लड़के को हम से मिला, दो बाकी जब उसका मिशन पूरा हो जाएगा तो हम तुम दोनों की शादी करा देंगे, अबकी बार उससे मिलना तो बता देना कि हम दोनों राजी हैं लेकिन तुम कम से कम उसकी फोटो तो दिखा सकती हो” |
दामिनी ने हंसते हुए कहा, “ थैंक यू सो मच.... मम्मी पापा लेकिन आप उसकी फोटो या मोबाइल नंबर कुछ भी नहीं ले सकते क्योंकि मैंने बताया था ना कि वह एक सीक्रेट मिशन पर है” |
मां पापा भी मान गये लेकिन उन्हे कुछ कुछ चिंता हो रही थी कि कहीं उनकी बेटी किसी गलत लड़के के चक्कर में न पड़ जाये |
दामिनी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसके घर वाले इतनी आसानी से राजी जो हो गए थे | दामिनी जाकर आवेश के बारे में सोचने लगी और सोचते सोचते ना जाने कब नींद आ गई |
रात के करीब दो बजे उसकी आंख खुली तो उसने देखा आवेश कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा है, वो देखकर घबरा गई और बोली, “ तुम इस समय..... यहां...”?
आवेश मुस्कुराकर बोला, “ तुम्हारी याद आ रही थी, इसलिये आ गया” |
दामिनी ने उसे कमरे के अन्दर बुलाया और दोनों एक दूसरे के गले लग गये, दोनों के जिस्म आग की तरह सुलग रहे थे, आवेश ने दामिनी को बिस्तर पर गिरा दिया और उसके होंट चूमने लगा, वो भी पागलों की तरह, दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपट कर आहें भरने लगे और कुछ देर बाद दोनों की आंख लग गई |
एक आवाज से दामिनी की आंख खुली, जब उसने अपने आस पास देखा तो वो अकेली थी, उसने जल्दी से कपड़े पहने और देखा खिड़की खुली हुई थी, बाहर से एक सायरन की आवाज सी आ रही थी, वो हड़बड़ा कर उठी और खिड़की से बाहर देखा तो वहां पुलीस और एंम्बूलेंस की गाड़ियां खड़ी थीं, काफी भीड़ इकठ्ठा थी |
वो जल्दी से घर के बाहर गई तो उसे पता चला कि उसके पड़ोसी की मौत हो गई है, वो भी ठीक उसी तरह जिस तरह से उस डॉक्टर और शर्मा जी की हुई थी |
सब लोग हैरान थे, किसी को समझ नही आ रहा था कि आखिर ये कैसे हो रहा है |
सभी लोग बड़े अफसोस में थे, कि आखिर ये सब हो क्या रहा है, पोस्टमार्टम रेपोर्ट मे भी सिर्फ इतना ही आता कि उन सभी की मौतें दिल का दौरा पड़ने से हुई हैं |
कुछ दिनों बाद कोमल की शादी का दिन आ गया और दामिनी ने उसकी शादी में खूब एंजॉय किया, कोमल ने अपने पति से उसे मिलवाया, “ ये है मेरी सबसे करीबी दोस्त दामिनी” |
दामिनी को देखकर कोमल के पती ने कहा, “ आप को मैंने पहले भी कहीं देखा है, कहां देखा है, ये याद नही, खैर छोड़ो, याद आजायेगा” |
कोमल बोली, “ तुम्हे पता है दामिनी के पास एक्सट्रा दिमाग है” ये कहकर कोमल हंसने लगी लेकिन दामिनी ने उसे नजरअंदाज कर दिया” |
वो मन ही मन उदास हो गई और जाकर बैठ गई | वो तो अपने आवेश को याद करने लगी और उसके साथ बिताये वो पल..... |
शादी पूरी होने के बाद दामिनी अपने घर आ गई, घर आते ही मां ने कहा, “ तू भी जल्दी से आवेश से बात कर, पूछ कि और कितने दिन लगेंगे, हम तो तेरे ब्याह का सपना ही देखते रह जायेंगे लगता है” |
दामिनी कुछ नही बोली और कमरे में चली गई, दिन ढल गया और शाम हो चली, दामिनी बैठी कोमल की सुहागरात के बारे में सोच रही थी, उसका मन हुआ कि वो उसे कॉल करे लेकिन उसने नही की | दामिनी खिड़की के पास आकर खड़ी हो गई, आज मौसम कुछ तूफानी सा लग रहा था, तभी तेज हवायें चलने लगीं और जोर से बारिश होने लगी |
चारों ओर अन्धेरा सा छा गया था, दामिनी का मन बार बार बारिश में भीगने को चाह रहा था इसलिये वो बाहर जाकर भीगने लगी, बिजली बार बार चमक रही थी, वो इधर उधर नाच रही थी जैसे पागल सी हो गई हो तभी उसकी नजर एक पेड़ के पीछे पड़ी, उसने जल्दी से जाके देखा तो अन्धेरे के कारण उसे कुछ नही दिखा लेकिन जैसे ही बिजली कड़की उसे सामने की हर चीज दिख गई, जिसे देखकर वो चीख पड़ी |
“ आ...... तु..तुम यहां.... तुम यहां क्या कर रहे हो?? आज मैं तुम्हे कहीं जाने नहीं दूंगी” |
इतना कहकर वो उस बच्चे की ओर भागने लगी जो उसे अक्सर दिखता था | बारिश और तेज हो रही थी और दामिनी पागलों की तरह उस बारिश में बच्चे के पीछे भागी जा रही थी, काफी देर तक भागने के बाद वो बच्चा फिर उसकी आंखों से ओझल हो गया और वो एक बड़े से बंगले के आगे रुक गई |
उसकी सांसें फूल रही थीं, तभी उस बंगले की बालकनी में एक औरत आई जो दामिनी को बारिश में भीगते देख रही थी लेकिन बारिश के कारण उसे पहचान नही पा रही थी |
दामिनी वहां से जाने के लिये जैसे ही मुड़ी उसके सामने आवेश खड़ा था, बारिश में उसका भीगा बदन और कामुक लग रहा था, दामिनी उसे देखकर उसके गले लग गई और बोली, “ कहां थे, तुम, कितने दिनों से नही मिले, प्लीज ये अपना मिशन जल्दी पूरा कर लो, मेरी कुछ मदद चाहिये तो मैं तैयार हूं, क्युंकि अब मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती” |
दामिनी कुछ और कहती इससे पहले आवेश ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये, उसके होंठों का स्पर्श इस बारिश में भी गरम लावे की तरह था | दोनों वहां से बारिश में भीगते हुए दामिनी के घर तक आ गये और एक दूसरे के प्यार में डूब गये |
कुछ देर बाद दामिनी ने कहा, “ आज तुम्हे मां पापा से मिलना होगा, इसके लिये तुम जाओ और दरवाजे से आओ” |
आवेश ने कहा, “ तुम वही कर रही हो जिसके लिये मैने तुम्हे पहले ही मना किया था” |
दामिनी गुस्साते हुये बोली, “ हां.... मैं जानती हूं, लेकिन हम लोगों पर तुम विश्वास कर सकते हो, मैंने अभी तक और किसी को तुम्हारे बारे में नही बताया, एक बार उनसे मिल तो लो, आखिर वो भी कब तक रुकेंगे” |
दामिनी के ज्यादा कहने पर आवेश को गुस्सा आ गया और दोनों में लड़ाई होने लगी |
दामिनी ने भी जिद कर ली थी कि आज वो आवेश को घरवालों से मिला के ही रहेगी | वो जोर से चीख पड़ी और जाकर अपने कमरे का दरवाजा खोल दिया |
उसकी चीख सुनकर मां पापा भागे भागे उसके कमरे में आये, दामिनी ने उन्हे आवेश से मिलाना चाहा लेकिन आवेश वहां नही था | दामिनी दांत पीसकर रह गई |
मां ने जब दामिनी को भीगा देखा तो बोली, “ तुम क्या इतनी रात को बारिश में भीग रही थी, सुनिये जी, मुझे कई बार ऐसा लगा जैसे ये इस खिड़की से बाहर चली जाती है, कल ही ये खिड़की बन्द करवाइये” |
दामिनी कुछ नही बोली, वो बस बाहर देख रही थी और मां पापा अपने कमरे में चले गये |
अगले दिन सुबह रात का सारा तूफान शांत हो गया, तभी दामिनी का फोन बजा, फोन कोमल का था, उसने जैसे ही फोन उठाया, कोमल के रोने की आवाज आई |
“ क्या हुआ.... कोमल? तू रो क्युं रही है? कुछ बतायेगी भी”?
कोमल ने रोते हुये कहा, “ सब बरबाद हो गया दामिनी, कल रात इनका खून हो गया” |
ये सुनकर दामिनी के पैरों तले जमीन खिसक गई |
“ तू रुक मैं अभी आती हूं” |
दामिनी सीधा कोमल के मां बाप के यहां गई, वो लोग भी कोमल के घर जाने ही वाले थे, दामिनी भी उन्ही के साथ चली गई |
कोमल उसे देख उससे लिपट कर रोने लगी, दामिनी भी फूट फूट कर रोने लगी, अभी तो उसने अपनी शादी शुदा जिन्दगी के दो दिन भी नही गुजार पाये और ये सब........ |
“ आखिर किसने किया ये सब” ? दामिनी ने कोमल से कहा |
“ पता नही.... उनका तो कोई दुश्मन भी नही था, सब कुछ बरबाद हो गया” | कोमल जोर जोर से रोने लगी |
तभी वहां पुलीस आ गई और पूछताछ करने लगी |
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पता चला कि कोमल के पति की मौत चाकू के वार से पहले ही हो चुके थी वो भी दिल का दौरा पड़ने से, उसके मरने के बाद उसपर चाकू से कई वार किये गये |
शाम को दामिनी वहां कोमल को दिलासा देने लगी और वहां से जाने लगी, कोमल ने उसका हांथ पकड़ लिया और रोने लगी, दामिनी ने उसे गले लगाया और फिर वहां से चली आई | दामिनी के साथ साथ उसके मां बाप को भी बुरा लग रहा था लेकिन किस्मत के आगे किसकी चलती है |
धीरे धीरे कई महीने बीत गये और आवेश एक बार भी दामिनी से मिलने नही आया |
दामिनी मन ही मन पछता रही थी कि उसने आखिर क्युं आवेश को नाराज कर दिया, इसलिये वो इतने महीनों से मिलने नही आया |
अब दामिनी के कमरे की खिड़की की जगह दीवार बन चुकी थी |
दामिनी की हालत दिन ब दिन बत्तर हो रही थी, अब तो घर में भी अगर कोई कुछ कहता तो वो बहुत बिगड़ जाती इसलिये उसके मां बाप ने उसकी शादी जल्द करने का फैसला लिया |
एक दिन दामिनी के पापा ऑफिस गये हुये थे, मां किचेन में काम कर रही थी और वो अपने कमरे में बैठी थी, तभी उसके कमरे से जोर जोर से कुछ तोड़ फोड़ की आवाजें आने लगीं |
मां दौड़ी दौड़ी उसके कमरे में आई तो देखा दामिनी एक मोटे हथौड़े से उस दीवार को तोड़ रही थी जो खिड़की की जगह बना दी गई थी |
“ क्या पागल हो गई है तू? ये क्या कर रही है”?
“ हां.... हां..... मैं पागल हो गई हूं..... और मुझे पागल तुम लोगों ने बनाया है, कैसे बन्द कर दिया है कमरे में मुझे, एक खिड़की थी वो भी, हट जाओ मां मेरे रास्ते से, आज मैं नहीं रुकने वाली” | दामिनी ने मां को धक्का देते हुये कहा |
लेकिन मां ने भी सोच रखा था कि आज दामिनी को रोक कर ही रहेगी, दोनों के बीच लड़ाई होने लगी और गुस्सा कर दामिनी बोली, “ तुम लोग मुझसे नफरत करते हो, अब मैं यहां एक पल भी नही रुकूंगी, इतना कहकर वो हथौड़ा जमीन में फेंककर घर से बाहर चली गई |
शाम के आठ बज चुके थे लेकिन अभी तक दामिनी घर वापिस नही आई थी |
दामिनी के पापा ऑफिस से जैसे ही घर आये जोर से चीख पड़े पूरे घर में खून ही खून था और सामने देखकर उनके तो होश ही उड़ गये, वो जमीन पर गिर पड़े और जोर जोर से रोने लगे तभी दामिनी घर के अन्दर आई और सामने देखकर वो भी अपने होश खो बैठी |
उसकी मां का खून हो चुका था,कातिल ने उनका सिर हथौड़े से चूर चूर कर दिया था |
दोनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया था | धीरे धीरे वहां भीड़ इक्ठ्ठा होने लगी और पुलीस भी आ गई |
पुलीस वाले ने दामिनी के पापा से कहा, “ जब आपकी पत्नी का खून हुआ तो आप कहां थे”?
“ सर.... मैं तो अपनी ड्युटी से जब घर आया तो देखा ......” वो इतना ही कह पाये और जोर जोर से रोने लगे |
पुलीस वाले ने दामिनी से पूछा, “ आप कहां थी उस समय”?
दामिनी ने रोते हुये जवाब दिया, “ म.....मैं अपने बॉय फ्रेंड से मिलने गई थी, मेरा आज मां के साथ झगड़ा भी हुआ था, मैंने न जाने क्या क्या गुस्से में उन्हे कह दिया” | इतना कहकर दामिनी भी फूट फूटकर रोने लगी |
लाश को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया और पुलीस अपनी जांच में जुट गई, कुछ सबूतों को घर से लेकर वो लोग चले गये |
दामिनी पापा के गले लग कर रोने लगी, रात भर दोनों बैठे रहे |
पोस्टमार्टम में पता चला कि मां की मौत सिर पर कई बार हथौड़ा मारने से पहले ही हो चुकी थी, वो भी दिल की धड़कन बन्द होने से, उनके मरने के बाद उनका सिर फोड़ा गया था |
ये सुनकर सब और ज्यादा डर गये |