कॉलेज की आजादी ब्राह्मण सुधांशु Sudh द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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कॉलेज की आजादी

ये कहानी पूर्णता मेरी कल्पना शक्ति पर आधारित है इसका किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी संबंध नहीं है,, अतः इसे अन्यथा ना ले
कृप्या कहानी पढे और खुद का मनोरंजन होने दे!


रिया जिसने इसी वर्ष इंटरमीडिएट पास किया है अपनी स्कूल लाइफ को छोड़ कर कॉलेज लाइफ मे प्रवेश करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लेती हैं!

छोटे शहर से आई हुई रिया दिल्ली जैसे शहर को बहुत जल्दी समझ लेती है,
और धीरे धीरे वो दिल्ली के रंग मे ढल जाती है!

यूँ तो रिया दिल्ली मे पढने के लिए जाती है, लेकिन पढ़ाई के अलावा वो हर काम करती है जो उसे नहीं करने चाहिए
मसलन देर रात तक डिस्को पार्टी, अल्कोहल, हुक्का, सिगरेट आदि!
वो इन सबको कर के खुद को बहुत कूल समझती है!

रिया का मन सिर्फ अय्याशी करने का होता था
कभी पढ़ाई करती ही नहीं थी!

रिया धीरे धीरे लाइफ को ऎसे ही खराब करती जाती है!

कुछ दिन बाद उसके एक्जाम होते हैं और रिया प्रथम वर्ष के एक्जाम मे बमुश्किल पास होती है!

रिया का रिज़ल्ट जब घर वाले देखते हैं तो रिया की डाँट पड़ती है, इंटरमीडिएट मे जिस लड़की ने पूरे स्कूल मे सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हो उसके मार्क्स जब 40 प्रतिशत आये हो तो डांट पड़ना लाजमी है!

रिया के शहर का ही अमोल जो रिया का काफी अच्छा दोस्त हैं वो फैसला करता है कि वह भी रिया के कॉलेज मे ही एडमिशन लेगा!

वह रिया के कॉलेज मे एडमिशन लेता है, वो सोचता है कि रिया उसकी अच्छी दोस्त है दिल्ली मे रिया के साथ उसे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी!

लेकिन जब वह कॉलेज जाता है, तो रिया का नया रूप देख कर ही वो बड़ी शर्म महसूस करता है!
हिम्मत कर के वो रिया के पास जाता है और उससे बात करता है!

अमोल :- हैलो रिया ये सब क्या है?

रिया:- सिगरेट का धुआं मुंह से निकालते हुए
ओह हैलो अमोल तू यहां क्या कर रहा है

अमोल :- कॉलेज जॉइन किया है आज से
कॉमर्स मे एडमिशन लिया है!

रिया :- ये कॉलेज तेरे लिए नहीं बना हैं!

अमोल:- क्यूँ क्या खराबी है इस कॉलेज मे

रिया :- खराबी कॉलेज मे नही तुझमें है
तू सीधा साधा मुन्ना यहां सिर्फ वही एडमिशन लेते हैं जिन्हे आज़ादी चाहिए होती है

अमोल:- हां तो मै भी तो आज़ाद ही हूँ!

रिया :- तू आज़ाद है अच्छा चल ले सिगरेट मार कश इसी बात पर

अमोल :- रिया जिसे तू आजादी समझ रही है ये वो कैद है जिससे तेरा शरीर कभी बाहर नहीं निकल पाएगा

रिया:- मैंने बोला था ना कि तू नहीं है इस कॉलेज के लायक

अमोल :- कोई भी कॉलेज किसी भी छात्र को सिगरेट पीना नहीं सिखाता
पता नहीं तूने कहाँ से सीख लिया ये सब!

अमोल इतना कहता है और रिया के मुंह से सिगरेट छीन के फेंक देता है!

रिया अमोल के चांटा मार देती है,
अमोल बिना कुछ कहे वहां से चला जाता है!

धीरे धीरे अमोल को पता चलता है कि रिया चरस हुक्का ड्रग्स शराब आदि का भी सेवन करती है!

वह रिया की सारी हरकतों के बारे मे उसके पिता जी को बता देता है!

रिया के पिता जी हॉस्टल आते है लेकिन रिया उन्हे वहां नहीं मिलती हैं, पिता जी उसका वही इंतज़ार करते हैं!

इंतज़ार करते करते रात के 12:30 बज जाते हैं!
रिया को छोड़ने एक लड़का आता है!

पिताजी उस लड़के से पूछते हैं ये सब क्या है!

लड़का जिसका नाम आकाश होता है बड़ी तल्खी मे कहता है तू कौन है बे बुड्ढे तुझसे मतलब!

रिया के पिता जी एक चांटा मारते हुए कहते हैं मेरी बेटी है ये

आकाश :- सॉरी अंकल रिया ने ड्रिंक ज्यादा कर ली थी आज तो वो होश मे नही है इसीलिए इसे छोड़ने आ गया!

पिताजी:- क्या
विश्वास नहीं होता मेरी बेटी ऎसा कर सकती है
जब पता चला था तब यकीन नहीं हुआ लेकिन ये आँखे जो देख रही है इनपर कैसे यकीन ना करूँ!

आकाश:- अंकल इट्स नॉर्मल
आप कुछ ज्यादा ही रिएक्ट कर रहे हैं, जस्ट चिल!

पिताजी :- एक चांटा और मारते हैं और आकाश को वहां से जाने को बोलते हैं!

अगले दिन सुबह जब रिया को होश आता है तो पिताजी उससे वापस घर चलने के लिए बोलते हैं!

पिताजी :- रिया तुम यहाँ पढ़ने आई थी ये सब करने नहीं

रिया :- चुप हो कर हम्म्म् पापा

पिताजी:- चलो बहुत हो गयी पढ़ाई चलो घर चलो

रिया :- पर पापा
पिताजी :- पर वर कुछ नहीं चलो मतलब चलो

रिया :- सॉरी पापा मै ग्रेजुएट होने से पहले यहां से नहीं जाने वाली
आप मेरा कैरियर बर्बाद करना चाहते हैं!

पिताजी :- जो तुम कर रही हो इससे कैरियर आबाद नहीं होता मैंने कहा ना चलो

रिया:- पापा मैंने बोला ना मैं कहीं नहीं जाऊंगी यहां से
2 साल की ही तो बात है उसके बाद ग्रेजुएट हो जाऊंगी

पिताजी:- ठीक है अगर इस बार नंबर कम आए तो तुम्हें वापस आना पड़ेगा और हाँ आज से ये हर तरह का नशा करना बंद
रिया :-ठीक है पापा

रिया कुछ दिन ठीक से पढ़ती है,
लेकिन उसकी नशे की लत और नशेड़ी दोस्त उसका पीछा नहीं छोड़ते हैं!

एक दिन क्लासरूम मे पड़ते पड़ते रिया को उल्टियां हो गयीं!

पूरे कॉलेज मे ये बात आग की तरह फैल गई!

अमोल को जब पता चला तो उसने रिया के पिताजी को बताया!

अमोल :- अंकल रिया की हालत बहुत खराब हो गई है
कल क्लास मे खून की उल्टियां हुयी है उसको

पिताजी :- अमोल वो मेरी तो सुनती नहीं हैं तुम ही उसे समझाओ! मुझसे तो बोली ग्रेजुएट होने के बाद ही वापस आऊंगी!

अमोल:- अंकल तब तक ये जिंदा नहीं बचेगी

पिताजी:- ऎसा मत बोलो तुम ही कुछ करो कैसे भी उसे वापस ले आओ
उसकी संगत की वजह से वो नशा नहीं छोड़ पा रही है!

अमोल:- हां अंकल

पिताजी:- अमोल एक काम करो कैसे भी कर के तुम उससे बात करो उसके दोस्तो को उससे दूर रखने की कोशिश करो

अमोल:- ठीक है अंकल कुछ करता हूं!


अमोल रिया के साथ पुरानी वाली दोस्ती आगे बढ़ाता है,
कोशिश करता है, उसके बुरे दोस्तो और बुरी आदतो को रिया से दूर रखने की,
लेकिन वो नाकामयाब रहता है!

रिया पहले से ज्यादा नशा करने लगती है


कुछ दिन बाद रिया के एक्जाम आते हैं
और दूसरे ही एक्जाम मे रिया को खून की उल्टी फिर हो जाती हैं!

अमोल फैसला लेता है कि अब उसे ही कुछ करना पड़ेगा!

संयोगवश दिल्ली मे 2-3 दिन से बारिश हो रही होती है मानसून की वजह से और सुबह ही 7 बजे रिया का लास्ट एक्जाम होता है, और उसका कॉलेज भी हॉस्टल से 3 किलोमीटर दूर होता है!

रिया काफी देर बारिश रुकने का इंतज़ार करती है
लेकिन बारिश के ना रुकने पर वो अमोल को फोन करती है!

रिया:- अमोल कहां हैं तू

अमोल:- पेरिस आया हुआ था काम से

रिया :- कुत्ते मज़ाक मत कर

अमोल:- हॉस्टल मे ही हूँ क्यूँ क्या हुआ

रिया :- यार आधे घंटे बाद मेरा एक्जाम है
बारिश रुक नहीं रही है और कोई रिक्शा भी नहीं दिख रहा है आस पास मे, तू मुझे हॉस्टल से कॉलेज तक छोड़ देगा!

अमोल:- बस इतनी सी बात तू तैयार हो अभी आ रहा हूँ!

अमोल बाइक स्टार्ट ही करता है फिर सोचता है कि यही मौका है कुछ करने का

अमोल रिया के हॉस्टल पर पहुंचता है (मन ही मन रिया सॉरी यार मेरी वजह से आज तेरा एक्जाम छूटने वाला है लेकिन मेरे लिए तेरे कैरियर से ज्यादा जरूरी तेरी जिंदगी है)
और बाइक की पेट्रोल टंकी मे पानी डाल देता है!

कुछ देर बाद रिया नीचे आती है
अमोल रिया को बाइक पर बैठा कर बाइक स्टार्ट करता है
और कुछ दूर बाइक चलने के बाद बाइक बंद हो जाती है और फिर कभी स्टार्ट नहीं होतीं है!

कुछ दिन बाद रिया का रिज़ल्ट आता है और रिया फेल हो जाती है और वापस अपने शहर चली जाती है!

समाप्ति

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