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बाते अधूरी सी... - भाग ७

सिद्धार्थ दौड़ती हुई आकांक्षा के पीछे पीछे गया, लेकिन लाइब्रेरी से आकांक्षा इतनी तेजी से दौड़ते हुए निकली थी की सिद्धार्थ को लाइब्रेरी के बाहर आकांक्षा कही दिखाई ही नहीं दी, सिद्दार्थ ने आकांक्षा के बारे में पूरी इन्फॉर्मेशन निकलने का ठान लिया था, उसने अपना मोबाइल निकाला और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आकांक्षा का नाम सर्च किया.

कुछ देर सोशल मीडिया पर ऐसे ही सर्च करने के बाद सिद्धार्थ को आकांक्षा की प्रोफाइल मिल गई थी, उसने प्रोफाइल चेक की, लेकिन उसकी प्रोफाइल पर काफी समय से कुछ भी पोस्ट नही किया गया था, लगभग डेढ़ साल से उसने अपनी प्रोफाइल अपडेट भी नही की थी, जितने भी पोस्ट थे वो सब के सब डेढ़ साल से पहले के ही थे.

सिद्धार् ने आकांक्षा की पुरानी पोस्ट चेक करना शुरू कर दी,उसकी प्रोफाइल पर पुरानी पोस्ट में उसके बहुत से दोस्तो की फोटोज थी लेकिन सबसे ज्यादा उसमे उसके कॉलेज में ही पढने वाली उसकी सीनियर सोनिया की फोटोज थी उसके बाद एक लड़का भी था जिसे सिद्धार्थ बिलकुल नहीं जानता था और न ही उसने कभी उस लड़के को अपने कॉलेज में देखा था.

आकांक्षा की सारी फोटोज ग्रुप फोटो ही थी इसलिए सिद्धार्थ को समझ नही आ रहा था की इनमे से एकांश नाम की बला कौन है?

उसने उसकी पोस्ट के स्क्रीन शॉट्स ले लिए और आगे प्लानिंग करने लगा, अब किसी न किसी तरीके से उसे सोनिया से दोस्ती करना थी, ताकि वो उसका भरोसा जीत कर आकांक्षा के बारे में पता लगा सके. जाहिर सी बात है सोनिया उसकी सीनियर थी और किसी की जासूसी करने में तो वो बिलकुल फीसदी था लेकिन फिर भी प्लानिंग कर रहा था, अब उसे रोहन की याद आई, शायद अब बारी आ चुकी है की रोहन को सब बता देना चाहिए, लेकिन रोहन को इसके लिए रेडी करना तो पहाड़ उठाने जैसा है, इसलिए पहले रोहन को पटाने की प्लानिंग करनी पड़ेगी.

सिद्धार् लाइब्रेरी के पास वाली सीढ़ी पर जा कर बैठ गया और रोहन को पटाने की प्लानिंग करने लगा, कुछ देर सोचने के बाद उसने पॉकेट से अपना मोबाइल निकाला और रोहन को फोन लगा दिया.

हेलो रोहन!! सिद्धार्थ ने कहा.

जा बोल सीड, कहा है तू, मैं अभी ड्रामा की रिहर्सल कर रहा हु, तेरी फुटबॉल प्रैक्टिस हो गई क्या?, तू कॉलेज से जा रहा है क्या? मेरी अभी आधे घूमते की रिहर्सल और बची है, तू यही ऑडिटोरियम में आजा रिहर्सल खत्म होने के बाद दोनो साथ में ही चलते है, रोहन नॉन स्टॉप बोलते जा रहा था.

रोहन की बात सुन कर सिद्धार्थ ने उससे कहा- भाई तू न एक दम सही जगह पर है ड्रामा ही कर यही तेरे लायक है, सेल ड्रामेबाज कितना बोलता है तू, फोन मेने लगाया है, क्या काम है मुझे ये पूछने के बजाय तू अपनी ही सुनाई जा रहा है, लेकिन मैं आता हू ऑडिटोरियम में फिर दोनो साथ में ही चलेंगे , मेरे पास तेरे लिए एक सरप्राईज है.

ठीक है तू आजा रोहन ने कहा.

थोड़ी देर बाद सिद्धार्थ ऑडिटोरियम में था वहा रोहन का ड्रामा चल रहा था, यही कोई आठ लोग थे ड्रामा में, सिद्दार्थ सब को अपनी अपनी परफॉर्मेंस करते हुए देख रहा था, रोहन ड्रामा में सेकंड लीड एक्टर था और उसकी वाइफ थी....अरे... ये... ये ... तो... सोनिया .... सोनिया है. सिद्धार्थ सोनिया को देख कर एक दम चौंक गया लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पर एक लंबी सी स्माइल आ गई.

ओह... यस.... अब तो काम हो गया समझो सिद्धार्थ ने जोर से उछलते हुए कहा... सिद्दार्थ ने इतनी जोर से ये बात कही थी की ड्रामा करते करते सब उसे ही रुक कर देखने लगे.

सिद्धार्थ को ऐसा करते देख रोहन ने हाथ हिला कर पूछा- है सीड क्या हुआ सब ठीक तो है न??

हां हां सब ठीक है ब्रो, वो क्या है ना तुम लोग इतनी अच्छी एक्टिंग कर रहे हो की मुझसे रहा ही नहीं गया बोले बगैर बहुत अच्छे कर रहे हो तुम सभी, सिद्दार्थ ने अपना बचाव करते हुए कहा.

ओके थैंक यू, एक सीनियर ने सिद्धार्थ से कहा जो ड्रामा का लीड एक्टर था.

रोहन का ड्रामा खत्म होने में अभी भी दस मिनिट बाकी थे ऑडिटोरियम में ड्रामा आर्टिस्ट के अलावा और कोई नही दिख रहा था और सिर्फ स्टेज पर ही लाइटिंग थी सामने रखी चेयर पर हल्की रोशनी पड़ रही थी इसलिए वहा पर अधिकतर अंधेरा ही था.

सिद्धार् थोड़े पीछे वाली चेयर पर जा कर बैठ गया, कुछ देर बाद उसे महसूस हुआ की उसके ठीक पीछे वाली लाइन में रखी चेयर पर कोई बैठे है, उसने सिर घुमा कर देखा पीछे वाली लाइन की सबसे लास्ट दीवार से लगी चेयर पर कोई बेटा था और कुछ बोल भी रहा था, उसने ध्यान से देखा तो वहा पर उसे आकांक्षा दिखाई दी, सिद्दार् ने एक पल भी गवाए बिना उसके ठीक आगे वाली चेयर पर जा कर बैठ गया, आकांक्षा अभी भी एकांश से बाते कर रही थी लेकिन इस बार भी वहा उसके अलावा और कोई नही था, सिद्दार्थ ने रोहन को प्रूफ दिखाने के लिए उसका कुछ सेकंड्स का वीडियो बना लिया और चुपचाप वापस अपनी पहले वाली चेयर पर जा कर बैठ गया लेकिन उसका ध्यान अभी भी आकांक्षा की तरफ ही था.

सिद्धार्थ को आकांक्षा पर बहुत दया आ रही थी पता नही उसे क्या हुआ है? वो ये सब क्यू कर रही है? सिद्धार् को अब समझ आ रहा था की शायद आकांक्षा की दिमागी हालत ठीक नहीं है.

है ब्रो! क्या सोच रहा है, और भाई ड्रामा स्टेज पर चल रहा था, तू वहा पीछे लगी खाली चेयर को क्यों घूर रहा है? रोहन ने सिद्धार्थ से हैरान होते हुए पूछा.

अरे कुछ नही भाई चल चलते है सिद्दार् ने रोहन से कहा और चेयर से उठ कर रोहन के साथ चलने लगा.

शाम के पांच बज चुके थे और अब रोहन और सिद्धार्थ के जिम जाने का समय भी हो चुका था इसलिए दोनो ने घर से सीधे जिम जाने का फैसला किया, रोहन और सिद्धार्थ का घर ज्यादा दूर नहीं था मुश्किल से पांच मिनट का समय लगता था दोनो को एक दूसरे के घर जाने में इसलिए रोहन रेडी हो कर सिद्धार्थ के घर आ गया था सिद्धार्थ भी रेडी हो कर अपने रूम में ही बैठा था, रोहन सीधे उसके रूम में चला गया सिद्दार्थ रूम की बालकनी में था और उसका लैपटॉप उसके बेड पर रखा था और ओपन ही था.

रोहन की नजर सिद्धार्थ के लैपटॉप पर चली गई जिसमे सिद्धार्थ कुछ सर्च कर रहा था, रोहन ने देखा सिद्धार्थ के लैपटॉप में किसी मानसिक बीमारी की साइट ओपन है.

रोहन ने देखा की सिद्धार्थ के लैपटॉप में हैलिसिनेशन नमक किसी मानसिक बीमारी की सर्च की हुई, उसने बैक बटन दबाया तो उसे एक और पेज दिखाई दिया, इस पेज में इसे एक और बीमारी डिमेंशिया की सर्च दिखाई दी.

रोहन ने हैलिसिनेशन के बारे में पढ़ा ये एक ऐसी बीमारी थी जिसमे लोगो को भ्रम होता है, आवाज सुनाई देने का जो असल में नही आ रही होती है और ऐसे दृश्य दिखाई देते है जो असल में होते ही नही है.

रोहन ने अब डिमेंशिया के बारे में पढ़ा इस बीमारी में पेशेंट को डर लगता, और याददाश्त भी कमजोर होने लगती है.

रोहन ने तो ये सब देख कर अपना सिर ही पकड़ लिया, उसे लग रहा था की ये सब शायद सिद्धार्थ को हो रहा है, वरना वो ये सब क्यू सर्च करता?? अब सिद्धार्थ कोई बायोलॉजी का स्टूडेंट तो है नही जो उसे ये सब नोट्स बनाने के काम आए जरूर ऐसी कोई न कोई बात तो जरूर है जो सिद्धार् उससे छिपा रहा है.

रोहन ने सिद्धार्थ को ढूंढना शुरू किया, सिद्दार् उसे बालकनी में खड़ा दिखाई दिया, वह किसी से फोन पर बात कर रहा था रोहन को देख कर उसने फोन रख दिया, रोहन ने। उसे शक भरी नजरो से देखा उसे इस तरह से देखते देख सिद्धार्थ ने उससे पूछा - अरे तुझे क्या हुआ है तू मुझे ऐसे क्यू घूर रहा है??

तू मुझसे क्या छुपा रहा है सीड??, रोहन ने सिद्धार्थ के सवाल का जवाब दिए बिना ही अपना सवाल उससे पूछ लिया, तू तो मुझे अपना भाई मानता है ना फिर क्यों मुझसे तूने ये सब छुपाया?? मुझे एक बार बताता तो सही हम साथ में मिल कर इस सिचुएशन को हैंडल करते.

सिद्धार्थ ने सोचा की शायद रोहन को आकांक्षा के बारे में कुछ पता चला है, शायद आकांक्षा ने अपनी दोस्त सोनिया को सिद्धार्थ के बारे में कुछ बताया होगा और सोनिया ने रोहन को बताया होगा.

मैं आज तुझे सब बताने ही वाला था रोहन, देख मेने आज डिनर के लिए तेरे फेवरेट इटालियन रेस्टोरेंट में टेबल बुक की है, अभी मैं फोन पर वहा के रिसेप्शनिस्ट से ही बात कर रहा था, मैं तुझे आज डिनर के बाद सब बताने ही वाला था, मेरी बात का यकीन कर भाई. सिद्धार्थ ने रोहन को समझते हुए कहा

ठीक है, तो अब बता क्या बात है पूरी बात बता मुझे स्टार्टिंग से सब जानना है, रोहन ने सिद्धार्थ को गुस्से भरी आवाज में कहा.

नही अभी घर पर मैं तुझे कुछ नही बता सकता, अगर घर में किसी ने सुन लिया तो बड़ी प्राब्लम हो जायेगी, वैसे भी तू मेरे पापा को तो जनता ही है ना, तो प्लीज थोड़ी हेल्प कर मेरी, मैं तुझे डिनर के बाद सब सच बता दूंगा सिद्धार् ने रोहन से गिड़गिड़ाते हुए कहा.

ठीक है, चल अब जिम चलते है, लेकिन कार मैं चलाऊंगा, रोहन ने सिद्धार्थ से कहा क्युकी उसे लग रहा था की सिद्धार्थ को कोई मानसिक बीमारी है और इसके कारण अगर वह कार चलाते चलाते चलाना ही भूल जाए तो उसका मरना तो पक्का है इसलिए उसने सिद्धार्थ से पहले ही कह दिया था की कार वो खुद ड्राइव करेगा.

ठीक है भाई तू ही चला लेना, लेकिन इसमें इतना सीरियस होने वाली कोन सी बात है??? तू तो इतना सीरियस हो कर बोल रहा है जैसे मुझे कार चलाना ही नही आती.

रोहन ने सिद्धार्थ की बात का कोई जवाब नही दिया और सीधे रूम से निकल कर सीढ़ियों की तरफ चला गया.

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