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बाते अधूरी सी... - भाग ३

सिद्धार्थ के कॉलेज के दो महीने पूरे होने वाले थे, इन दो महीनो में सिद्धार्थ और रोहन ने कॉलेज में अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली थी, इन दो महीनो के दौरान सिद्धार्थ और रोहन पढ़ाई में ही व्यस्त थे, जाहिर सी बात है कॉलेज के स्टार्टिंग में पढ़ाई तो थोड़ी टाइट होती ही है, सिद्धार्थ और रोहन ने अपने अपने प्रोजेक्ट भी सबमिट कर दिए थे और अब उनके कॉलेज में पांच दिन का हॉलीडे था, इसीलिए सिद्धार्थ और रोहन ने कही बाहर जाने का प्लान बनाया......

सिद्धार्थ और रोहन ने मुंबई जाने का प्लान बनाया.... दोनो ने अपनी अपनी फ्लाइट की टिकट्स भी बुक करवा दी थी...आखिर वह दिन भी आ ही गया जब वे दोनो मुंबई जाने वाले थे...दोनो दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच कर फ्लाइट में बैठे... लगभग दो घंटे बाद फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट पर आ चुकी थी... दोनो ने एयरपोर्ट से निकल कर अपने लिए कैब मंगवा ली थी और अब दोनो होटल रुद्राक्ष इन के लिए जाने वाले थे कहा पर उन दोनो के रूम पहले से ही बुक थे,

जब सिद्धार्थ और रोहन अपने होटल पहुंचे तब शाम के सात बज चुके थे, दोनो अपने अपने रूम में जा कर फ्रेश हो कर वापस बाहर निकले तब तक रात के साढ़े आठ बज चुके थे, दोनो ने पहले किसी अच्छे रिटॉरेंट में जा कर डिनर करने का फैसला लिया...

सिद्धार्थ और रोहन दोनो जैसे ही रेस्टोरेंट से डिनर कर के बाहर आए तो सिद्धार्थ ने देखा की अब तक रात के साढ़े दस बज चुके है इसलिए दोनो ने डिसीजन लिया की अभी दोनो आराम करेंगे और कल सुबह ही घूमने के लिए निकलेंगे,

सिद्धार्थ और रोहन सुबह होते ही घूमने के लिए निकल पड़े दोनो ने मुंबई की मोस्ट विजिटेड प्लेस विजिट की.. अभी तक दोनो को २ दिन हो चुके थे लेकिन दोनो ने ही आधी मुंबई भी नही घूमी थी तभी रोहन मुंबई के पास ही हील स्टेशन जाने की जिद करने लगा, सिद्धार्थ भी उसकी बात मान गया सिद्धार्थ को भी पता था की बारिश का मौसम है और जाहिर सी बात है की यही मौसम हील स्टेशन विजिट करने के लिए बेस्ट है,

रोहन और सिद्धार्थ दोनो मुंबई के पास ही मालशेज घाट हील स्टेशन पर जाने का प्लान बनाया, दोनो ने कैब बुक की थी इसलिए दोनो को वहा जाने में करीब ३ घंटे का समय लग गया, वहा पर पहुंच कर दोनो ने बहुत एंजॉय किया, आज उन दोनो को घर से निकले चार दिन हो चुके थे और कल दोपहर में ही उनकी रिटर्न फ्लाइट बुक थी.

काफी देर घूमने के बाद सिद्धार्थ थोड़ा थक चुका था इसीलिए वही पर बैठ कर थोड़ा सुस्ताने लगा पास, रोहन थोड़ी ही दूर पर फोटोग्राफ्स क्लिक करने में बिजी था,

है सीड क्या थक कर बैठ गया यार आ ना फोटो क्लिक करते है, रोहन ने थोड़ा एक्साइटेड होते हुए कहा,

नही यार मैं थोड़ा थक चुका हु तू पिक्चर क्लिक कर मैं थोड़ी देर में आता हू, सिद्धार्थ ने थोड़ा थक हुए लहजे में कहा.

रोहन भी वही पास में सनसेट की पिक्चर्स क्लिक कर रहा था इसलिए उसने भी सिद्धार्थ को ज्यादा फोर्स नही किया और उससे कहने लगा- चल ठिक है तू था आराम कर मैं अभी आता हू , इतना कह कर रोहन थोड़ी ही दूरी पर बैठे पंछियों की फोटो खींचने लगा.

सिद्धार्थ वहा बैठा सनसेट देख रहा था और किसी गाने की धूम गुनगुना रहा था, थोड़ी देर बैठने के बाद वह वहा से उठ कर कुछ दूरी पर रखे एक बड़े से पत्थर से टिक कर बैठ गया, वहा से नीचे खाई बहुत ही प्यारी दिख रही थी, हरे हरे पेड़, उड़ते पक्षी और सनसेट को देख कर सिद्धार्थ को लग रहा था की यही पर बैठा रहे , अब तो पानी की हल्की फुहारे भी आनी शुरू हो गई थी, जब सिद्धार्थ को लगा की अब तेज बारिश आने वाली है, तो उसने रोहन को खोजने के लिए इधर उधर नजरे घुमाई.

जब सिद्धार्थ रोहन को ढूंढ रहा था तब रोहन तो उसे कही दिखाई नहीं दिया लेकिन वहा बैठी लड़की को देख कर उसकी नजरे उसी पर टिक गई, वहा पर और भी बहुत से लोग थे, लेकिन वो लड़की अकेली ही बैठी हुई थी, शायद उसके साथ कोई और नहीं था, उसके हाथ में एक डायरी थी और उसी डायरी में वो कुछ लिख भी रही थी, पानी की फुहारों के बीच उसे ये भी डर नही था की उसकी डायरी गीली हो जाए, वो तो बस अपनी ही धुन में कुछ लिखे जा रही थी.

सिद्धार्थ भी एक तक बस उसे ही देखे जा रहा था उसकी आंखो में एक अजीब सी ही उदासी नजर आ रही थी की तभी सिद्धार्थ के दिमाग की बत्ती जली और उसने सोचना शुरू कर दिया, कही ये लड़की सुसाइड करने के मूड में तो नही है न??? आखिर ये इतनी उदास क्यों है?? कही ये इस डायरी में सुसाइड नोट तो नही लिख रही ना??
अगर ऐसा है तो सबसे पहले मुझे इसे बचाना होगा , सिद्धार्थ अभी ये सब सोच ही रहा था की तभी उसे पीछे से रोहन की आवाज सुनाई दी.

ओह मिस्टर हीरो क्या सोच रहा है?? तुझे सुनाई नही देता क्या कब से तुझे गला फाड़ फाड़ के आवाज दे रहा हु, अब चलना भी है या यही बैठे रहने का इरादा है?? कहते हुए रोहन ने एक झटके से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया.

हां हां मैं वो बस चल ही रहा था सिद्धार्थ ने हकलाते हुए जवाब दिया, लेकिन सिद्धार्थ की नजरे अभी भी उस लड़की पर ही टिकी थी, ऐसा लग रहा था की सवाल तो रोहन कर रहा है लेकिन जवाब सिद्धार्थ उस लड़की को दे रहा है, सिद्दार्थ को ऐसा करते देख रोहन उसे थोड़ा झल्लाते हुए बोला- " अबे ओ.... रोहन मैं हु, और इधर खड़ा हु, तू किसे जवाब दे रहा है?"
रोहन की बाते सुन कर सिद्धार्थ जैसे होश में आया, उसने रोहन की तरफ मुड़ कर उसे सॉरी कहा और उसे सब कुछ समझने लगा,

सिद्धार्थ की पूरी बाते सुन कर रोहन तो बिलकुल सन्न रह गया था एक पल को तो उसे भी यही लगने लगा था, की उन दोनो को जा कर उस लड़की को सुसाइड करने से बचना चाहिए, लेकिन पल भर के बाद ही उसने कुछ सोचते हुए सिद्धार्थ को वहा से चलने के लिए कह दिया, अरे भाई पता नही कोन है ये लड़की ? अरे हम तो इसे जानते भी नहीं है, क्या पता हम उसे बचाने जाए और उल्टा हम ही फंस जाए?? या हो सकता है यहां खड़े लोग हमे ही गलत समझे और उल्टा हमारी ही पिटाई लगा दे.... रोहन ने सिद्धार्थ को समझते हुए कहा और उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा से ले जाने लगा.

सिद्धार्थ ने उसे बहुत रोकने की कोशिश की उसे समझाया भी, लेकिन रोहन को तो लग रहा था की कही ये लड़की उन दोनो को ही न फसा दे?? रोहन ने सिद्धार्थ की एक बात भी नही सुनी और उसे ले कर नीचे आ गया.

नीचे आने के बाद सिद्धार्थ ने भी अपनी ज़िद छोड़ दी थी, लेकिन उसका दिमाग अभी भी वही उस लड़की के बारे में सोच रहा था, उसने कुछ सोचते हुए रोहन से पूछा- रोहन अगर उस लड़की ने सचमुच सुसाइड कर लिया होता तो अब तक तो हम मालूम पड़ ही जाता ना?? आखिर हम पूरे दो घंटे हो गए वहा से नीचे आए हुए??

सिद्धार्थ की बात सुन कर रोहन गुस्से में आ गया और उसे झल्लाते हुए बोला- तुझे क्या पंचायत है यार वो जिए या मरे तू क्यू उसके बारे में सोच रहा है?? कही प्यार व्यार तो नही हो गया न तुझे उससे??

रोहन की बात सुन कर तो केसे सिद्धार्थ दंग ही रह गया , आखिर इतने कम वक्त में किसी को किसी से प्यार हो सकता है क्या?? उसने रोहन की तरफ देखते हुए जवाब दिया- इंसानियत के ने पूछ रहा हु किसी से प्यार व्यार नही है मुझे और वैसे भी मेरा पहला प्यार फुटबॉल है और वही रहेगी समझ तू...

सिद्धार्थ की बात सुन कर रोहन जोर से हंसा और बोला- जा मिस्टर सिद्धार्थ सिंघानिया की होने वाली दुल्हनिया फुटबॉल ही तो है, तू एक काम कर तू शादी कर ले फुटबॉल से और वैसे भी काम से काम वह सुसाइड तो नही करेगी...

रोहन की बात सुन कर सिद्धार्थ चुप हो गया लेकिन उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान तैर गई.. जा लेकिन ये भी सच ही था की वह उस लड़की का ख्याल अपने मन से अभी तक निकल नही पा रहा था और लगातार बस उसके बारे में ही सोचे जा रहा था.
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