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बाते अधूरी सी... - भाग २

सिद्धार्थ और रोहन अपनी कार से कॉलेज जाने के लिए निकले और लगभग आधे घंटे बाद वे दोनो अपने कॉलेज के गेट के बाहर पहुंच गए.

"रॉयल यूनिवर्सिटी" इंडिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में से एक थी और सिद्धार्थ का सपना था की वह इसी यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करे, उसे इंडिया का नामी एडवाहोकेट बनना था, और इस यूनिवर्सिटी में टॉप टीचर्स थे इसलिए उसने इसी यूनिवर्सिटी को चुना, वैसे तो सिद्धार्थ पढ़ने में एक एवरेज ही था लेकिन इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए उसने बहुत मेहनत की थी और अच्छे मार्क्स से पास हुआ था और बाकी का काम उसकी स्पोर्ट्स स्किल ने पूरा कर दिया था सिद्धार्थ अपनी स्कूल का फुटबॉल चैंपियन था और इसी साल उसने स्टेट लेवल फुटबॉल चैंपियनशिप जीती थी.

रही बात रोहन की तो वो तो था की स्कूल टॉपर इसलिए उसे कोई मुश्किल नहीं हुई इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने में.

यार रोहू मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा की मैं रॉयल यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट बन गया हू सिद्धार्थ ने रोहन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा और अपनी पॉकेट से मोबाइल निकाल कर दोनो की सेल्फी लेने लगा.

चल अब ज्याद नौटंकी करने की जरूरत नहीं है ये जो तू यह खड़ा है न और अपने आपको इस कॉलेज का स्टूडेंट बता रहा है ये सब मेरी ही देन है वरना ये तो सबको पता है की पढ़ाई के नाम से सीड बेटा के कितने पसीने छुट्टते है रोहन ने सिद्धार्थ का मजाक बनाते हुए कहा, लेकिन उसकी ये बात सच ही थी रोहन ने खुद एग्जाम के लिए पढ़ाई में जितनी मेहनत नहीं की थी ना उससे कही ज्यादा मेहनत उसने सिद्धार्थ को पढ़ने में हेल्प करने के लिए की थी और शायद इसी कारण सिद्धार्थ ने इतने अच्छे मार्क्स से एग्जाम क्लियर किए थे.

सिद्धार्थ और रोहन दोनो बचपन के दोस्त थे और रोहन नही चाहता था की सिद्धार्थ के काम मार्क्स के कारण उसे इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन न मिले, इसीलिए तan ne सिद्धार्थ की पढ़ाई में बहुत हेल्प की थी और नतीजा सब के सामने था.

चल अब गाड़ी में बैठ और अंदर कैंपस में चल या यही खड़े रह कर दिनभर यूनिवर्सिटी के गेट को निहारता रहेगा ने सिद्धार्थ को थोड़ा नाराजगी भरे अंदाज में कहा और कार का पैसेंजर सीट वाला डोर ओपन कर के कर में बैठ गया, रोहन की बात सुन के सिद्धार्थ मुस्कुरा दिया और कार का दरवाजा खोल कर कार में बैठ गया फिर सिद्धार्थ ने कार स्टार्ट की और सीधे यूनिवर्सिटी के पार्किंग एरिया की तरफ कार मोड़ ली.

पार्किंग एरिया में कार पार्क करने के बाद दोनो कॉलेज की बिल्डिंग की तरफ चले गए बिल्डिंग में जाने के बाद दोनो अपनी क्लासेज ढूंढने लगे, बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर दोनो को अपनी क्लास मिल गई थी, जाहिर सी बात है आज कॉलेज का पहले दिन था तो सारे स्टूडेंट्स मस्ती के मूड में थे क्लास के सारे स्टूडेंट का ने एडमिशन होने के कारण वे एक दूसरे को जानते नही थे लेकिन फिर भी न्यू कॉलेज में दोस्त बनाने के लिए अपने आप को एक दूसरे से इंट्रोड्यूज करवाने में बिजी थे, कुछ स्टूडेंट्स दो दो के ग्रुप में बैठे थे और अपनी अपनी बातो में बिजी थे, सिद्धार्थ और रोहन भी थर्ड बेंच पर जा कर बैठ गए और बाते करने लगे, कॉलेज का पहला दिन होने के कारण शायद आज टीचर लेट ही आने वाले थे इसलिए सारे स्टूडेंट्स अपनी अपनी मस्ती में बिजी थे.

गुड मॉर्निंग स्टूडेंट्स प्रोफेसर नीति ने क्लास में एंटर होते हुए स्टूडेंट्स से कहा, नीति की आवाज सुनते ही सारे स्टूडेंट्स ने नीति की तरफ देखा और सभी ने नीति को गुड मॉर्निंग विश किया, नीति ने अपना इंट्रोडक्शन देते हुए कहा-मैं प्रोफेसर नीति हु आपकी क्लास टीचर हु और आपको फैमिली लॉ पढ़ाऊंगी कहते हुए नीति ने सारे स्टूडेंट्स को तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली- अब आप सब भी मुझे अपना अपना इंट्रोडक्शन दे दीजिए ताकि हम सभी एक दूसरे से इंट्रोड्यूज हो जाए, सभी ने नीति की बात सुन कर एक साथ "यस मेम" कहा और अपना अपना इस्ट्रोडक्शन देने लगे.
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