डोर टू डोर कैंपेन - (अंतिम भाग) Prabodh Kumar Govil द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डोर टू डोर कैंपेन - (अंतिम भाग)


जंगल में इतना दिलचस्प मुकाबला आज तक कभी नहीं हुआ था। लोगों में ग़ज़ब का उत्साह था। नदी के दोनों किनारे दर्शकों से खचाखच भर चुके थे। जानवर तो जानवर, नदी किनारे इंसानों की भी भारी भीड़ जमा हो गई। कुत्तों के सभी मालिक लोग तो बड़ी संख्या में आए ही थे, बहुत से मछुआरे भी सांस रोक कर तमाशा देखने आ जुटे थे। उन्हें भय था कि कहीं मछलियां रेस जीत कर राजा बन गईं तो उन्हें पकड़ने पर रोक लग जाएगी और तब मछुआरों के समक्ष रोजगार व रोज़ी रोटी का संकट आ खड़ा होगा।
उधर बेचैनी की सुगबुगाहट श्वान- मालिकों में भी थी कि यदि कुत्ते राजा बन गए तो कहीं सरकार उन्हें पकड़ने और पालने पर पाबंदी न लगा दे। ऐसे में उनके शौक़ का क्या होगा?
मामला कांटे का तो था ही, दिलचस्प भी होता जा रहा था।
उधर मगरमच्छ ने भी आपत्ति उठा दी थी कि दोनों रैफरी ज़मीन के जानवरों में से ही नहीं हो सकते। उसकी आपत्ति को देख कर अब हिरण की जगह हिप्पो पोटामस(दरियाई घोड़े) को घोड़े के साथ दूसरा रैफरी तैनात किया गया था।
हिप्पो और हॉर्स ने अपनी- अपनी पोजीशन ले ली थी और वो मुकाबला कराने के लिए तैयार थे।
इस रोचक मुकाबले की पल - पल की खबर देने के लिए जंगल के मीडियाकर्मी बंदर और लोमड़ी भी मुस्तैदी से आ जुटे थे।
चुनिंदा नस्ल के चुस्त कुत्ते अपनी नाव लेकर एक किनारे पर डटे हुए थे।
उद्दाम वेग से कलकल बहता नदी का पानी चंद पलों में ये फ़ैसला कर देने को तत्पर था कि जंगल जगत के अगले शहंशाह कुत्ते घोषित होंगे या फ़िर जंगल की रानी बन कर मछलियों को ये ताज हासिल होगा।
हिप्पो और हॉर्स की संयुक्त हिनहिनाहट से मुकाबला शुरू हुआ।
बिजली की सी चपलता से मछलियों ने पानी को चीरते हुए दूसरे किनारे की ओर प्रस्थान किया। इधर कुत्तों ने भी चप्पुओं के समवेत स्वरों से अपनी नौका को उत्कट वेग के साथ दूसरे छोर की ओर दौड़ा दिया। चारों ओर से ... शाबाश.. आल द बेस्ट... बकअप की आवाज़ें आ रही थीं। नदी किसी जलजले की तरह उफन रही थी।
मछलियां तीर की तरह दौड़ रही थीं। उधर कुछ एक कुत्तों ने तो दोनों हाथों के साथ - साथ अपनी पूंछ से भी चप्पू पकड़ रखे थे और वो उन्हें किसी हेलीकॉप्टर के पंखों के वेग से चला रहे थे।
सभी दर्शक तालियों,सीटियों और हुंकार भरी आवाज़ों के साथ एकटक नज़रें इस मुकाबले पर टिकाए हुए थे।
इस दिलचस्प मुकाबले में तेज़ी से नाव खेते हुए कुत्ते कुछ बढ़त हासिल करने लगे। मछलियां पिछड़ने लगीं।
तभी अचानक लोगों ने नाव के चरमराने की आवाज़ सुनी। मुकाबले को कवर कर रहे कैमरामैन ऊदबिलाव और बतख़ मुस्तैदी से चरमराने की आवाज़ की दिशा में फोकस करने लगे। रैफरी हिप्पो और हॉर्स ने देखा कि एक विशालकाय व्हेल ने मछलियों को पिछड़ते देख कर कुत्तों की नाव के नीचे से छलांग लगा नाव को बीच से चीर दिया है। नाव टूट गई थी और किसी भी क्षण डूबने ही वाली थी। कुत्ते पानी में कूद- कूद कर तैरते हुए अपनी जान बचाने दौड़ पड़े।
उधर दूसरे किनारे से हाथी ने जब ये नज़ारा देखा तो उसके कान खड़े हो गए। तुरंत सारा माजरा भांपते ही दूसरे छोर से हाथी ने भी अपने स्थलचरों का पक्ष लेते हुए एक बड़ी विशालकाय चट्टान को किनारे से पानी में गिरा कर मछलियों का रास्ता रोक दिया। मछलियां बदहवास होकर इधर- उधर बौखलाई हुई घूमने लगीं।
दौड़ रुक गई। हिप्पो और हॉर्स ने सीटी बजा कर मुकाबला रद्द कर दिया।
सारे में पिनड्रॉप साइलेंस हो गया।
लेकिन सबके आपस में बहस करने की आवाज़ें आने लगीं।
तभी दहाड़ते हुए राजा शेर ने घोषणा की, कि ये मुकाबला अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जाता है। साथ ही ये घोषणा भी की गई कि अगली सूचना तक शेर ही यथावत जंगल का राजा रहेगा।
सब अपने- अपने घर को लौट चले!
(समाप्त)