Dor to Dor Campaign - 6 books and stories free download online pdf in Hindi डोर टू डोर कैंपेन - 6 (2) 1.5k 3.3k आज मामला कुछ टेढ़ा था। आज डोर टू डोर कैंपेन के लिए कुत्तों के दल ने एक बड़े तालाब के किनारे मगरमच्छ के पास जाने का विचार किया था।कुत्तों में ग़ज़ब का उत्साह था कि वो ख़ुद जाकर इस विशालकाय जलचर से मुलाक़ात करेंगे। लेकिन मन ही मन वो भयभीत भी थे कि मगर न जाने उनसे कैसा बर्ताव करे।ख़ैर, राजा का पद पाने के लिए ख़तरा तो उठाना ही था। जोखिम के बिना तो कोई सफ़लता मिलती भी नहीं है। जो उपलब्धि जितनी मेहनत और रिस्क से मिले वो उतनी ही मीठी भी होती है।आज कुछ विशेष चुनिंदा नस्ल के मज़बूत कुत्तों को चुना गया जो पानी के किनारे भी आसानी से जा सकें और दलदल आदि के खतरे से भी निपट सकें। साथ ही मगरमच्छ जैसे सीनियर जंतु से भी विनम्रता और निडरता से बात कर सकें।गुलाबी जाड़े की हल्की धूप में पानी के किनारे रेत पर लेटे हुए उनींदे से मगर ने कुत्तों की उस टोली की पूरी बात सुनी तो वो कुछ विशेष ख़ुश नहीं दिखा। वो तो न जाने कब से ख़ुद ये आपत्ति उठाता रहा था कि बरसों से शेर ही क्यों जंतु जगत का सम्राट बन कर बैठा है। थल के प्राणी का शासन बहुत हुआ, अब तो किसी जलचर को राजा की पदवी दी जानी चाहिए। यहां पानी में भी एक से बढ़कर एक हिम्मतवाले, बुद्धिमान और अच्छी कद काठी के जीव हैं, उन्हें भी तो कभी मौक़ा मिले।एक कुत्ते ने मगर को समझाने की कोशिश की- सर, देखिए केवल अच्छे डीलडौल से ही तो कुछ नहीं होता, हम लोगों को इंसान घर- घर में रखता है तो काबिल होने के कारण ही तो रखता होगा?मगर ने गरज कर कहा- इंसान के रखने से ही तो कुछ नहीं होता, इंसान तो हमारी मछलियों को भी घर - घर में सजा कर रखता है। एक से एक शानदार एक्वेरियम उनके लिए बनाए जाते हैं।एक डॉगी ने दबी जबान से कहा- पर फिश को तो आदमी खा भी जाता है।मगर ने कहा- तभी तो हम चाहते हैं कि कोई पानी का जीव राजा बने तो मछलियों की हिफ़ाज़त हो सके।बात उलझ कर पेचीदा हो गई।आख़िर ये तय किया गया कि किसी छुट्टी के दिन कुत्तों और मछलियों के बीच कोई मुकाबला करा लिया जाए और जो जीते उसे ज़्यादा काबिल मान कर राजा पद दे दिया जाए।कुत्तों को भी ये चुनौती पसंद आई। इसका लाभ ये था कि मछलियों और कुत्तों के बीच कोई मुकाबला हुआ तो सभी जानवर देखने ज़रूर आयेंगे। और तब एक साथ सबको अपनी बात बता पाने का अवसर मिलेगा। डोर टू डोर कैंपेन से सबके पास पहुंचने में तो काफ़ी समय ख़र्च हो रहा था।लेकिन मछलियों से लोहा लेना भी कोई आसान काम नहीं था। मछलियों में भी व्हेल, शार्क आदि भीमकाय मछलियां थीं। दूसरे, मछलियों से कोई भी टक्कर या स्पर्धा पानी में ही करना अनिवार्य था। इसके लिए कुत्तों को भी अपने अच्छे तैराक नस्ल के ही सदस्य ढूंढने थे।- क्या करें? क्या वाटर पोलो जैसा कोई खेल रखें? एक डॉगी ने सुझाव दिया।- नहीं- नहीं, हमें योग्य राजा बन सकने वाले प्राणी का चुनाव करना है, कोई खिलाड़ी नहीं चुनना। एक दूसरे कुत्ते ने कहा। वह मुकाबले को पूरी गंभीरता से लेना चाहता था। कहीं ऐसा न हो कि खेल- खेल में कुत्ते मछलियों से हार जाएं और उनके राजा बनने के सपने पर पानी फिर जाए।एक छोटे से प्यारे डॉगी ने कहा- लेकिन राजा को बोलना तो आना चाहिए। ये सब मछलियां और मगरमच्छ तो गूंगे हैं। ये राजा बन कर काम कैसे करेंगे?ये सुनते ही पानी के किनारे बैठी एक मेंढकी ज़ोर से टर्राई - बोलने से कुछ नहीं होता, चुपचाप अपना काम करते रहना तो और भी अच्छा है।आख़िर ये तय हुआ कि मछलियों और कुत्तों के बीच पानी में एक रेस होगी जिसमें मछलियां तो तैरती हुई दौड़ेंगी और कुत्ते एक नाव चला कर नदी को पार करेंगे। जो दल पहले दूसरे किनारे को छुएगा वही विजेता माना जाएगा।दोनों टीमों को ये स्पर्धा पसंद आई।रेस की तैयारियां शुरू हो गईं। दोनों टीमों के समर्थक अपनी- अपनी टीम की हौसला अफजाई के लिए नदी किनारे जमा होने लगे।दौड़ने के चैंपियन माने जाने वाले घोड़ा और हिरण को रेफरी बनाया गया।सब जानवर अपने- अपने काम छोड़ कर आ गए और दिल थाम कर मुकाबला देखने लगे।बिल्लियों को मनाने की समस्या से निपटने के लिए कुत्तों ने एक नन्हे से पप्पी की अध्यक्षता में कुछ पिल्लों की एक समिति बना दी। ‹ पिछला प्रकरणडोर टू डोर कैंपेन - 5 › अगला प्रकरणडोर टू डोर कैंपेन - (अंतिम भाग) Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Prabodh Kumar Govil फॉलो उपन्यास Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी बाल कथाएँ कुल प्रकरण : 7 शेयर करे आपको पसंद आएंगी डोर टू डोर कैंपेन - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil डोर टू डोर कैंपेन - 2 द्वारा Prabodh Kumar Govil डोर टू डोर कैंपेन - 3 द्वारा Prabodh Kumar Govil डोर टू डोर कैंपेन - 4 द्वारा Prabodh Kumar Govil डोर टू डोर कैंपेन - 5 द्वारा Prabodh Kumar Govil डोर टू डोर कैंपेन - (अंतिम भाग) द्वारा Prabodh Kumar Govil NEW REALESED Horror Stories भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 29 Jaydeep Jhomte Motivational Stories सोने के कंगन - भाग - ७ Ratna Pandey Drama Shyambabu And SeX - 1 Swatigrover Fiction Stories अमावस्या में खिला चाँद - 7 Lajpat Rai Garg Fiction Stories साथिया - 81 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Fiction Stories सुरासुर Sorry zone Love Stories अरेंज मैरिज वाला प्यार - 5 Komal Patel Love Stories अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 1 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार Travel stories टोरंटो (कनाडा) यात्रा संस्मरण Manoj kumar shukla Moral Stories कंचन मृग - 26. उदय सिंह शय्या पर उठ बैठे Dr. Suryapal Singh