The Author Captain Dharnidhar फॉलो Current Read डोगी का प्रेम - 5 By Captain Dharnidhar हिंदी जानवरों Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ऑफ्टर लव - 27 विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्... जिंदगी के रंग हजार - 14 आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160... गृहलक्ष्मी 1. गृहलक्ष्मी एक बार मुझे दोस्त के बेटे के विवाह के रिसे... बुजुर्गो का आशिष - 11 पटारा मैं अभी तो पूरी एक नोट बुक निकली जिसमे क्रमांनुसार कहा... नफ़रत-ए-इश्क - 5 विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते ह... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Captain Dharnidhar द्वारा हिंदी जानवरों कुल प्रकरण : 8 शेयर करे डोगी का प्रेम - 5 (9) 4k 7.7k 1 एक दिन बिटिया अपने काम से फोर व्हिलर लेकर बाजार में जा रही थी बाहर चेरी ने गाड़ी को पहचान लिया और गाड़ी के पीछे दौड़ती हुई पीछा करने लगी । पत्नी ने घर में आकर बताया कि चेरी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है हम आशंकाओं से घिर गये सोचने लगे ...कहीं सड़क पर दूसरे वाहनों से टकरा गयी तो ? कहीं आवारा डोगो ने काट लिया तो ? मैं झट से चेरी को लाने के लिए निकला ..लेकिन पीछे से पत्नी ने बिटिया को फोन किया कि.. चेरी तुम्हारी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है । बेटी ने पीछे देखा किन्तु चेरी नहीं दिखाई दी.. वह गाड़ी को वापस ले आई किन्तु चेरी नही आई थी किन्तु थोड़ी देर में चेरी भी गाड़ी जिधर से आई थी ..उधर से लंबे लंबे स्वास लेती हुई आ गयी । मैनें चेरी को डांटा ..गदहड़ी कहां गयी थी ? मेरी डांट सुन उसने मेरी ओर देखा..कोई असर नहीं फिर बार बार जीभ को अंदर लेती.. फिर बाहर निकाल कर ..लख..लख करने लगी ..पत्नी नकली डाँट में बोली ..रूक..तुझे मैं बताती हूँ जैसे ही पत्नी आगे बढ़ी चेरी गाड़ी के नीचे घुस गयी ..निकल बाहर ..निकल बाहर ..पत्नी ने हाथ में चप्पल ले रखी थी चेरी चप्पल को देख रही थी.. गाड़ी के नीचे करवट लिए लिए खिसक रही थी ...थोड़ी देर बाद पत्नी बोली आजा.. आजा ..नही पीटूंगी..बस यह सुनते ही चेरी गाड़ी से बाहर आगयी ..गाड़ी के नीचे घुसने से चेरी की गर्दन व कान काले हो गये थे ..पत्नी बोली गंदी हो गयी नहला दो इसे ..मैं बोला नहायेगी क्या चेरी ..चेरी ने अनसुना कर दिया ..मैने उसे पकड़ना चाहा विरोध मे गुर्राने लगी ..हम सब हंसने लगे ..मै बोला चेरी को ठंड लग जायेगी नही नहलाऊंगा। संभवतः चेरी समझ गयी और मेरे साथ साथ आ गयी मैने गिला कपड़ा कर उसकी कालुख मिटा दी चेरी ने आराम से सब करने दिया । मैने चेरी से पूछा पानी पीयेगी तो ..जीभ निकालना बंद कर दिया ..और मुंह बंद किए-किए एक दो बार जीभ बाहर निकाली..मै समझ गया ..पानी पीयेगी मैने कटोरे में पानी डाल दिया चेरी ने पानी पी लिया । चेरी थक गयी थी इस लिए किवाड़ के साथ पांव पसार कर लेट गयी, मै भी उसी के पास बैठ गया और उसके सिर को सहलाने लगा फिर, धीरे से बोला.. केला खाएगी ? यह सुन चेरी झट से उठकर बैठ गयी मै जानता था चेरी को केला बहुत पसंद है ..मैने अपने हाथ धोये और रसोई से एक केला ले आया ..चेरी मेरे चारों तरफ घूम रही है चेरी को केला दिया चेरी ने छिलका छोड़ दिया और केला खाकर फिर आ गयी जैसे कह रही हो मैने खा लिया है और खिलाना है तो मै ..तैयार हूँ । मैने कह दिया बस एक ही मिलेगा जाओ सो जाओ ..चेरी अपने स्थान पर जाकर बैठ गयी ..इतने में बेटा आगया चेरी का तकिया बना कर सो गया । हालाकि चेरी को यह.. अच्छा नही लग रहा था मैने बेटे को डांटा ..अरे ! इसको तकलीफ होती है छोड़ दे ..चेरी उससे खुद को छुड़ाकर मेरे पास आ गयी ..मै नीचे फर्स पर पलात्थी मारकर बैठा था ..धम से मेरी गोद में बैठ गयी मै हल्ला करता रहा पर एक लंबा श्वास छोड़ते हुए मेरी गोद में चेरी बैठ गयी । क्रमश-- ‹ पिछला प्रकरणडोगी का प्रेम - 4 - श्वानों के संकेत क्या बताते हैं ? › अगला प्रकरण डोगी का प्रेम - 6 Download Our App