Dogi ka Prem - 5 books and stories free download online pdf in Hindi डोगी का प्रेम - 5 (9) 3.5k 6.5k 1 एक दिन बिटिया अपने काम से फोर व्हिलर लेकर बाजार में जा रही थी बाहर चेरी ने गाड़ी को पहचान लिया और गाड़ी के पीछे दौड़ती हुई पीछा करने लगी । पत्नी ने घर में आकर बताया कि चेरी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है हम आशंकाओं से घिर गये सोचने लगे ...कहीं सड़क पर दूसरे वाहनों से टकरा गयी तो ? कहीं आवारा डोगो ने काट लिया तो ? मैं झट से चेरी को लाने के लिए निकला ..लेकिन पीछे से पत्नी ने बिटिया को फोन किया कि.. चेरी तुम्हारी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है । बेटी ने पीछे देखा किन्तु चेरी नहीं दिखाई दी.. वह गाड़ी को वापस ले आई किन्तु चेरी नही आई थी किन्तु थोड़ी देर में चेरी भी गाड़ी जिधर से आई थी ..उधर से लंबे लंबे स्वास लेती हुई आ गयी । मैनें चेरी को डांटा ..गदहड़ी कहां गयी थी ? मेरी डांट सुन उसने मेरी ओर देखा..कोई असर नहीं फिर बार बार जीभ को अंदर लेती.. फिर बाहर निकाल कर ..लख..लख करने लगी ..पत्नी नकली डाँट में बोली ..रूक..तुझे मैं बताती हूँ जैसे ही पत्नी आगे बढ़ी चेरी गाड़ी के नीचे घुस गयी ..निकल बाहर ..निकल बाहर ..पत्नी ने हाथ में चप्पल ले रखी थी चेरी चप्पल को देख रही थी.. गाड़ी के नीचे करवट लिए लिए खिसक रही थी ...थोड़ी देर बाद पत्नी बोली आजा.. आजा ..नही पीटूंगी..बस यह सुनते ही चेरी गाड़ी से बाहर आगयी ..गाड़ी के नीचे घुसने से चेरी की गर्दन व कान काले हो गये थे ..पत्नी बोली गंदी हो गयी नहला दो इसे ..मैं बोला नहायेगी क्या चेरी ..चेरी ने अनसुना कर दिया ..मैने उसे पकड़ना चाहा विरोध मे गुर्राने लगी ..हम सब हंसने लगे ..मै बोला चेरी को ठंड लग जायेगी नही नहलाऊंगा। संभवतः चेरी समझ गयी और मेरे साथ साथ आ गयी मैने गिला कपड़ा कर उसकी कालुख मिटा दी चेरी ने आराम से सब करने दिया । मैने चेरी से पूछा पानी पीयेगी तो ..जीभ निकालना बंद कर दिया ..और मुंह बंद किए-किए एक दो बार जीभ बाहर निकाली..मै समझ गया ..पानी पीयेगी मैने कटोरे में पानी डाल दिया चेरी ने पानी पी लिया । चेरी थक गयी थी इस लिए किवाड़ के साथ पांव पसार कर लेट गयी, मै भी उसी के पास बैठ गया और उसके सिर को सहलाने लगा फिर, धीरे से बोला.. केला खाएगी ? यह सुन चेरी झट से उठकर बैठ गयी मै जानता था चेरी को केला बहुत पसंद है ..मैने अपने हाथ धोये और रसोई से एक केला ले आया ..चेरी मेरे चारों तरफ घूम रही है चेरी को केला दिया चेरी ने छिलका छोड़ दिया और केला खाकर फिर आ गयी जैसे कह रही हो मैने खा लिया है और खिलाना है तो मै ..तैयार हूँ । मैने कह दिया बस एक ही मिलेगा जाओ सो जाओ ..चेरी अपने स्थान पर जाकर बैठ गयी ..इतने में बेटा आगया चेरी का तकिया बना कर सो गया । हालाकि चेरी को यह.. अच्छा नही लग रहा था मैने बेटे को डांटा ..अरे ! इसको तकलीफ होती है छोड़ दे ..चेरी उससे खुद को छुड़ाकर मेरे पास आ गयी ..मै नीचे फर्स पर पलात्थी मारकर बैठा था ..धम से मेरी गोद में बैठ गयी मै हल्ला करता रहा पर एक लंबा श्वास छोड़ते हुए मेरी गोद में चेरी बैठ गयी । क्रमश-- ‹ पिछला प्रकरणडोगी का प्रेम - 4 - श्वानों के संकेत क्या बताते हैं ? › अगला प्रकरणडोगी का प्रेम - 6 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Captain Dharnidhar फॉलो उपन्यास Captain Dharnidhar द्वारा हिंदी जानवरों कुल प्रकरण : 8 शेयर करे आपको पसंद आएंगी डोगी का प्रेम - 1 - चेहरे के भाव पढ लेते है श्वान द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 2 - चेहरे का भाव पढ लेते हैं श्वान द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 3 - मन की बात कैसे प्रगट करते हैं? द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 4 - श्वानों के संकेत क्या बताते हैं ? द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 6 द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 7 द्वारा Captain Dharnidhar डोगी का प्रेम - 8 - चेरी का शत्रु भाव द्वारा Captain Dharnidhar NEW REALESED Fiction Stories फादर्स डे - 56 Praful Shah Moral Stories शोहरत का घमंड - 61 shama parveen Horror Stories भयानक यात्रा - 15 - मैला साधु । नंदी Love Stories लिविंग विथ डाइंग - 5 Makvana Bhavek Moral Stories कंचन मृग - 15. उद्विग्न नहीं, सन्नद्ध होने का समय है Dr. Suryapal Singh Love Stories सावन पूर्णिमा विधर्मी Women Focused लागा चुनरी में दाग--भाग(६) Saroj Verma Love Stories पागल - भाग 21 कामिनी त्रिवेदी Moral Stories प्यारी बेटी दिनेश कुमार कीर Fiction Stories आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 2 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव