नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 46 Poonam Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 46

*"आप यह लैटर्स किसकी भेज रहें हैं, पापा?" सबिता ने पूछा।*
*"एक परी को जो यहां से बहुत दूर रहती है, गुड़िया।" हर्षवर्धन प्रजापति ने जवाब दिया।*
*"वोह कहां रहती है?"
*"एक ऐसी जगह जिसे लंदन कहते हैं?"*
*"क्या वोह सुंदर है?"*
*"हां। वोह सुंदर है।"*
*"मेरी मां से भी ज्यादा।"*
*"नही, गुड़िया। मैने आज तक तुम्हारी मां जितनी सुंदर औरत कभी नही देखी। और तुम बिलकुल उनकी ही तरह बहुत सुंदर हो।"*

सबिता नीलांबरी के कमरे में खड़ी थी, अपनी बुआ से रिलेटेड कोई क्लू ढूंढने के लिए। वोह दीवार पर लगी उन लैटर्स को देख रही थी। उन्हे देख कर उसे याद आया की उसके पाप भी किसी को लैटर लिखते थे। अब वोह जान गई थी की उसके पापा वोह लैटर्स लंदन भेजते थे, जहां सालों पहले अरुंधती सिंघम रहती थी। उसने तुरंत, देव को कॉल लगा दिया।
"सबिता," देव ने कहा। "क्या सब ठीक है?"
सबिता को कुछ शोर भी सुनाई दे रहा था फोन पर जैसे देव कहीं बाहर हो।
"हां, मैं ठीक हूं। मैने बस यह कहने के लिए फोन किया है की अनिका सही थी। मेरे पापा ने तुम्हारी मां को नही मारा। मुझे अभी याद आया की मेरे पापा उन्हे लंदन में लैटर्स लिखा करते थे। वोह जब भी उनके बारे में बात करते थे तोह बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए बात करते थे।"

देव कुछ पल चुप रहा। "मैं भी यही चाहता हूं की यही सच हो," देव ने कहा। "बहुत कुछ झूठ फैला हुआ है हमारे लोगों में और हम जल्दी ही उससे पर्दा हटा देंगे, बेबी।"
देव ने उसे बताया की उस पादरी ने उससे क्या कहा और अब देव और अभय को क्या लगता है।
सबिता तोह दंग ही रह गई थी सुन कर।
"अगर मेरे इन्वेस्टिगेटर से कुछ हेल्प चाहिए हो तोह मुझे बताना। मैं भी उसे ढूंढने में तुम्हारी पूरी मदद करूंगी।"

"थैंक्स, बेबी। पर अभी के लिए मैने और अभय ने सब संभाल लिया है। बस तुम अनिका का ध्यान रखना। क्योंकि नीलांबरी के बारे में हमें कुछ नही पता की वोह कहां है इसलिए हमें अनिका की सेफ्टी की चिंता हो रही है।"

"अनिका कहां है?"

"वोह इस वक्त अरुंधती हॉस्पिटल में है। वोह उन डॉक्टर्स के साथ है जो रायडू का केस देख रहे हैं।"

"मैं उसके पास जाती हूं और उसे अपने साथ ले आऊंगी। वोह तब तक मेरे साथ रहेगी जब तक तुम दोनो वापिस नही आ जाते।"

"थैंक यू। आई लव यू, बेबी।"

"आई लव यू, टू," सबिता ने प्यार से कहा और फोन कट कर दिया। सबिता को आज कल के न्यू कपल्स की तरह अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस करना नही आता था। वोह दिखावा करना भी नही जानती थी। लेकिन उसका प्यार देव के लिए इतना गहरा हो चुका था की उसके लिए आई लव यू अपने आप ही उसके मुंह से निकलता था।

उसने ध्रुव को फोन किया। "मैं चाहती हूं की तुम संजय की जगह लेलो जब तक की हमें कोई दूसरा रिप्लेसमेंट नही मिल जाता। संजय का काम नए आदमी के आने तक अब से तुम ही करोगे।"

ध्रुव ने हां कर दिया।

"मैं अपनी कजिन से मिलने जा रही हूं। उसे अपने साथ वापिस लेकर आऊंगी। मेरे लिए सिक्योरिटी और गाड़ी का इंतजाम करदो।"

****

सबिता अरुंधती हॉस्पिटल पहुंच चुकी थी जहां अनिका टेंपररी रह रही थी।

"मैं ठीक हूं, सबिता। अभय और देव मेरी कुछ ज्यादा ही चिंता करते हैं।"

"नीला चली गई है, अनिका।"

अनिका की भौंहे सिकुड़ गई। "चली गई? तुम क्या कहना चाहती हो?"

सबिता ने उसे ब्रीफ में बताया की इन बीते दो दिनों में क्या क्या हुआ।

"आई सी," अनिका ने धीरे से कहा।

"नीला जानती थी की वोह एक दिन पकड़ी जायेगी। जब तक की उसे तुम्हारी प्रेगनेंसी के बारे में नही पता चला था, तब तक उसे तुमसे खतरा था। वोह जानती थी की तुम अतीत को कुरेद कर बाहर निकालोगी। और अब वोह यह भी जानती है की देव ने मेरी मदद की है बीना और सहाना को ढूंढने में। उसे हर पल की खबर मिलती रहती होगी और अब तक की भी सारी जानकारी उसे मिल चुकी होगी उसके इन्वेस्टिगेटर से।"

"मुझे ऐसा लग रहा है की उसे रायडू के बारे में सब पता होगा और उसने ही उसे मारने के लिए वोह प्रोफेशनल किलर भेजे होंगे।"

"नही। मैं श्योर हूं की उसे रायडू के बारे में कुछ भी नही पता होगा," सबिता ने कहा। "अगर उसे पता होता तोह वोह दुबारा अटैक करवाती रायडू पर। मैने अपने आदमियों से भी उसके बारे में कुछ कुछ सुना है।"

अनिका ने फिर अपनी भौंहे सिकोड़। "अगर नीलांबरी ने नही किया है, तोह फिर किसने किया है? तोह फिर रायडू को किसने मरवाने की कोशिश की होगी?"

"मुझे नही पता। पर मैं चाहती हूं की तुम मेरे साथ रहो जब तक की देव और तुम्हारा हसबैंड वापिस नही आ जाते।"

"मैं नही आ सकती, सबिता। मेरी एक दूसरी अपॉन्टमैंट है शहर में किसी दूसरे डॉक्टर के साथ। वोह दूसरे देशों में जाते रहते हैं पेशेंट को देखने और अब बीच में ही वापिस आ रहे हैं हमारी मदद के लिए ताकि रायडू की कंडीशन बता सकें। मुझे उनसे मिलना ही होगा। मेरी मीटिंग शाम को है।"

सबिता नही चाहती थी अनिका अकेली इतनी दूर शहर जाए। "फिर मैं तुम्हारे साथ चलूंगी," सबिता ने अनिका से कहा।

उसके बाद सबिता अनिका के साथ शहर चली गई। जब तक वोह वहां पहुंचे दुपहर लगभग बीत चुकी थी और शाम होने वाली थी।
"अभी दो घंटे लगेंगे डॉक्टर बत्रा की फ्लाइट लैंड होने में। तब तक हम दोनो लंच कर लेते हैं," अनिका ने सजेस्ट किया।
सबिता ने अपने आदमियों को सिंघम्स के बॉडी गार्ड के साथ अंदर रेस्टोरेंट में भेजा चैक करने की अंदर सब ठीक है की नही, वोह जगह उनके लिए सुरक्षित है की नही।
बीस मिनट बाद वोह वापिस आए और उनमें से एक ने कहा, "सब क्लियर है।"

लंच के दौरान भी अनिका उससे बाते करती रही। एक समय पर उसने एक बड़ा ही मुश्किल सा टॉपिक छेड़ दिया था।
"तुम्हे कैसे पता चला था की जो बच्चा मिला था वोह तुम्हारा नही है?"

सबिता ने एक गहरी सांस ली। "मुझे बस पता था की बीना मुझसे सच बोल रही है। और फिर डीएनए रिपोर्ट ने कन्फर्म कर दिया।"

"आई एम सॉरी," अनिका ने आराम से कहा।

सबिता ने बस सिर हिला दिया।

अनिका ने अपनी बातें आगे भी जारी रखी। सबिता को थोड़ा अजीब लगता था की अपनी पर्सनल बातें किसी से शेयर करने में। जब तक की उसने देव से नही की थी लेकिन वोह भी काफी लंबे समय तक नही। क्योंकि देव जल्द ही टॉपिक बदल देता था। वोह समझने लगा था सबिता को, उसकी पसंद को, उसके स्वभाव को।

"देव तुमसे बहुत प्यार करता है, सबिता। मैने देखा था उसे वोह पागल जैसा हो गया था, वोह पूरी तरह से बिखर गया था जब उसे पता चला था की तुम किसी और से शादी कर रही हो।"

"मुझे पता है।"

"मैं तोह और भी ज्यादा डर गई थी जब उसने सेनानी से रिश्ता जोड़ने के लिए उनका प्रपोजल कंसीडर करने का सोच लिया था। क्या तुमने कभी नर्मदा सेनानी से बात की है?" अनिका ने पूछा।

"नही।" जब भी उसकी बुआ उसे लेकर नर्मदा से बात करने के लिए ले जाती थी तोह हमेशा ही नर्मदा कोई न कोई बहाना बना कर इधर उधर चली जाती थी, और अक्सर बाथरूम जाने का बहाना होता था। उसने कभी किसी और सेनानी से कोई खास बात ही नही की थी सिवाय रेवन्थ सेनानी के जो की सिर्फ और सिर्फ एक बतामीज इंसान था।

"मुझे तोह वोह लड़की ड्रग्ड लगती थी।" अनिका ने सीधे कहा। "मैं पूरी तरह से श्योर नही हूं क्योंकि मैं उससे काफी दूर बैठी थी। पर मैं इतना श्योर हूं की उसने किसी न किसी तरह की मेडिसिन तोह ले रखी थी।"

सबिता ने अपनी भौंहे सिकोड़ कर उसे देखा। "ओह अच्छा!"
वैसे यह सच भी हो सकता था। क्योंकि जिस तरह का आदमी रेवन्थ सेनानी और उसका पिता था वोह अपनी बेटी और बहनों को उनकी मर्जी से शादी के लिए फोर्स करते होंगे।

"आह!"

"क्या हुआ?" सबिता ने पूछा। वोह अनिका के चिल्लाने से एकदम अलर्ट हो गई थी।

"कुछ नही। बस एक स्ट्रॉन्ग किक पड़ा मुझे।" अनिका ने पेट पर प्यार से हाथ रखते हुए मुस्कुराहट से कहा। फिर एक दम से वोह घबरा सी गई।
"आई... आई एम सॉरी," अनिका ने कहा। "मैं भी कितनी बेवकूफ हूं। तुमने अभी अपना बच....."

"मैं ठीक हूं, अनिका।" सबिता ने अनिका से कहा। "तुम्हे इतना नर्वस होने की जरूरत नहीं है और मेरे सामने इतना कॉयशस होने की भी जरूरत नही है की तुम्हे सोचना पड़े बोलने से पहले। मैं समझती हूं। मैं सिर्फ इसलिए नही टूट जाऊंगी की कोई होने वाली मां अपने बच्चे के बारे में इतनी एक्साइटेड हो कर मेरे सामने बात करे।"
सबिता ने एक जुड़ाव महसूस किया था जब अनिका ने उसे उसके बेबी के किक के बारे में बताया था। उसने याद किया की जब उसका बेबी उसे पेट के अंदर किक मरता था तो कितनी एक्साइटेड हो जाती थी वोह। जबकि उसकी जिंदगी उस वक्त अंधेरे में थी, उसकी बुआ ने उसको कमरे में बंद रखा हुआ था। फिर भी अपने बच्चे के बारे में सोच कर उसके किक और मूवमेंट को महसूस कर वोह शांत हो जाया करती थी।
पर अब सबिता अपने पास्ट में फस कर रहना नही चाहती थी। वोह उन यादों को भूलना चाहती थी। उसके लोगों को अब भी उसकी जरूरत थी। उसने सोच लिया था की नीलांबरी को हर हाल में ढूंढ कर रहेगी। वोह सिंघम्स की भी मदद करना चाहती थी, उस मंदिर हत्याकांड का असली सच जानने में।

अनिका अपनी कुर्सी से खड़ी हो गई। "मुझे वाशरूम जाना है। मैं अभी आती हूं," अनिका ने कहा।

"मैं भी तुम्हारे साथ आती हूं।"

"इसकी जरूरत नही है।"








_______________________
(पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏)