यह सुनते ही सबिता का दिल जोरों से धड़कने लगा। "तुम्हारा सेनानी से रिश्ते का क्या?" सबिता ने पूछा। "तुम तोह नर्मदा सेनानी से शादी करने वाले थे ना?"
"नही। मैं उससे शादी नही कर रहा," देव ने जवाब दिया। "तुम्हे बिना और सहाना की इन्फॉर्मेशन देने के लिए जब मैने तुम्हे कॉल किया था, उससे पहले ही मैं अपना मन बना चुका था की उससे शादी नही करूंगा।"
एक उम्मीद सबिता के मन में जाग उठी। वोह किसी और के साथ कमिटेड नही है। उसने देव को अपनी बाहों में भर लिया। "ओह गॉड, आई लव यू, टू। आई लव यू सो मच एंड मिस्ड यू," सबिता ने कहा।
उसने अपने तड़पते होठों को देव के होंठों की तरफ बढ़ा दिए। और बड़ी शिद्दत से उसे चूमना शुरू कर दिया। देव ने भी उसे चूमने लगा। काफी देर बाद जब दोनो के होंठ एक दूसरे के होंठों से अलग हुए तोह देव उसे इमोशनली देखने लगा। "तुम्हारी शादी का क्या? क्या तुम अभी भी रेवन्थ सेनानी से शादी कर रही हो?" देव ने पूछा।
"नो," सबिता ने जवाब दिया। "मैं उससे कभी शादी नही करना चाहती थी। मैने कुछ दिन पहले ही उसे शादी करने के लिए मना कर दिया था।"
एक मुस्कुराहट खिल उठी देव के चेहरे पर और उसने सबिता पर पूरा हक जताते हुए उसे अपने करीब खीच लिया और वापिस चूमने लगा। वोह दोनो काफी देर तक किस करते रहे। वोह तब रुके जब देव ने नही चाहा। देव उससे अलग हो कर उसका चेहरा देखने लगा। "मैरी मी," देना ने कहा। "मैं अब हमारे बीच किसी को आने नही देना चाहता।"
सबिता थोड़ा हिचकिचाने लगी। उसे इस बात का तोह बिलकुल डाउट नही था की देव उससे प्यार नही करता या फिर वोह खुद उससे प्यार नही करती। पर शादी.... अगर देव की जगह कोई और इंसान होता तोह वोह इतना नही सोचती उससे शादी करने में क्योंकि तोह फिर उससे उसका कोई मतलब होता या वोह सेल्फिशंस में करती। एक बार को तोह वोह अभय सिंघम से भी शादी करना चाहती थी ताकि उसे सिंघम पावर मिल जाए और वोह अपनी बेटी को ढूंढ सके। पर वोह इस बात के लिए भी तैयार थी की सच्चाई पता लगने के बाद उसका हसबैंड क्या करेगा उसके साथ। और तोह और, जब एक सिंघम्स को सच्चाई का पता चलेगा उसके पास्ट के बारे में और उसकी बेटी के बारे में तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। क्योंकि सिंघम्स का एक रूल है वोह कभी डाइवोर्स नही देते। वोह डाइवोर्स जैसे चीजों में विश्वास नहीं रखते।
पर अब, जब उसके पास्ट के बारे में सिंघम्स को कुछ पता ही नही चलेगा क्योंकि उसका बच्चा रहा ही नहीं तोह भी वोह देव के साथ ऐसा नहीं कर सकती। उसे पता था की भविष्य में कभी जब सिंघम्स को सबिता के पास्ट के बारे में पता चलेगा तोह वोह उसे बाहर फेक देंगे। हां हो सकता है देव उसका साथ दे।
वोह देव का साथ चाहती थी लेकिन इस कॉस्ट पर नही की देव को उसके अपनो से अलग होना पड़े।
"देव... मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूं। पर हमें इसके लिए शाद......"
उसकी बातों का मतलब समझते ही देव की भौंहे सिकुड़ गई। "यह तुम क्या कह रही हो, सबिता?"
सबिता ने एक गहरी सांस ली जैसे ही उसे कुछ संदेह होने लगा की देव उस पर अब गुस्सा करने वाला है।
"हमारा ब्रेक अप होने से पहले, मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती थी। मैं तुम्हे अपने पास्ट और सहाना के बारे में भी बताना चाहती थी। और मैं यह भी जानती हूं की तुम मुझे इतना प्यार करते हो की मुझे मेरे पास्ट के साथ एक्सेप्ट कर लोगे। पर फिर भी मैं यह शादी नही चाहती।"
"क्यों?"
"मेरे पास्ट की वजह से, देव," सबिता ने दुबारा कहा। "मैं किसी और आदमी के साथ थी देव। मेरा एक बच्चा भी रह चुका है। और सिंघम्स....."
देव ने उसे करीब खीच लिया और आगे बोलने से रोक दिया। उसने अपने हाथों एस उसका चेहरा थाम लिया। "यू आर रॉन्ग। मैं तुम्हारा पास्ट इग्नोर नही कर सकता और ना ही कोशिश करूंगा," देव ने कहा। जिससे सबिता का मन मचलने लगा, उसे पेट में हल्की गुदगुदी जैसा महसूस होने लगा सुन कर।
और फिर एक मुस्कुराहट देव के चेहरे पर आ ठहरी जिसने सबिता की बेचैनी को दूर कर दिया।
"मैं तुम्हारे अतीत को तुमसे दूर कर के प्यार नही करता, सबिता। मैं तुम्हे तुम्हारे पास्ट के साथ प्यार करता हूं। मैं बस तुमसे प्यार करता हूं। जो भी तुमसे जुड़ा है वोह सब से प्यार करता हूं।" देव ने फिर पैशनैटली किस करना शुरू कर दिया। "मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की लोगों की नज़रों में बीवी बनने की क्राइटेरिया क्या होता है। मेरे लिए, मेरी नजर में, सिर्फ एक ही क्राइटेरिया है वोह तुम होनी चाहिए, सिर्फ तुम।"
सबिता मुस्कुरा दी लेकिन उसकी मुस्कुराहट में अभी वोह डाउट था। "सिर्फ एक यही वजह नही है, देव," सबिता ने कहा। "जब हम अलग हुए थे, मेरे पास बहुत समय होता था सोचने के लिए। मैने खुद से यह जानने की कोशिश की मैने ऐसा क्यों किया," सबिता ने कबूल करते हुए कहा। "हम जानते हैं की हम दोनो ही एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, पर मुझे नही पता की आगे यह रिश्ता कितना सफल होगा। तुम्हे एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो हर वक्त तुम्हारी साइड रहे। ऐसा कोई जिसके पास कोई दूसरी जिम्मेदारियां ना हो, जैसा मेरे पास है। मुझे अपने लोगों का साथ देना ही है और तुम्हे अपनी कंपनियां चलानी हैं। मुझे नही लग......"
"नही, सबिता," देव ने कहा। "मुझे कभी मत कहना तुम्हे दूर जाने देने के लिए। मैं नही कर सकता। मुझे नही लगता की मैं इतना स्ट्रॉन्ग हूं की यह काम दुबारा करूं।" देव ने उसका चेहरा अपने हाथों में भर कर कहा और उसकी आंखों में देखें लगा था। "मैने तुम्हे पहले भी कहा है की तुम हो मेरे लिए सब कुछ हो। एंड आई मीन इट।" देव ने उसे पावरफुली किस किया यह बताने के लिए की वोह उसके बारे में क्या महसूस करता है।
"पर कैसे, देव? हम हर समय तोह एक साथ नही रह सकते। कम से कम, फिजिकली तोह नही।"
"यह सच है की मैं तुम्हे अपने साथ हर समय देखना चाहता हूं। पर जहां से मैं देख रहा हूं, मैं तुम्हारे साथ रहूंगा जब भी तुम अपने लोगों से मिलोगी या अपनी कंपनी का काम करोगी। और तुम मुझे ज्वाइन कर सकती हो जब भी तुम कर पाओ, दूसरी जगहों पर, जब भी मैं अपना बिजनेस संभालने के लिए जाऊं।"
वोह जो कह रहा था वोह सेंसिबल तोह लग रहा था लेकिन प्रैक्टिकली कितना वर्क करेगा सबिता को नही पता था। "आर यू श्योर?" सबिता ने पूछा।
"हां।" देव ने जवाब दिया। और उसे ऐसे बाहों में भर लिया जैसे वोह डर गया हो की सबिता उससे दूर जाने की कोशिश कर रही हो या फिर एक साथ ना रहने के लिए मना रही हो।
सबिता जानती थी की दोनो का साथ रहना कोई आसान काम नही था। पर उसकी जिंदगी में ऐसा कुछ नही था जो देव से बढ़ के था। मुश्किल भरी जिंदगी की एक अच्छी बात होती है की अगर हम मुश्किलों को खतम ना कर पाए तोह वोह कम से कम उन मुश्किलों को कम करना सीखा देती हैं।
सबिता उसके चेहरे को ध्यान से देख रही थी जिस चेहरे पर उसे डर, चिंता और प्यार, तीनो ही एक साथ नज़र आ रहे थे। सबिता ने अपना एक हाथ देव के सीने पर, दिल की जगह पर, रखा।
"ओके। आई विल मैरी यू। नाउ, मेक लव टू मी," सबिता ने प्यार से उससे डिमांड किया।
देव की दिल की धड़कन तेज़ हो गई सबिता के हाथ के नीचे। उसके दिल को अब जाके सुकून मिला था। उसे अब जाके कुछ तसल्ली हुई थी की सबिता उसकी है। और साथ ही साथ उसकी आंखों में एक अलग सा एहसास भी उमड़ पड़ा था। "विद द ग्रेटेस्ट प्लेजर, माई लव," देव ने कहा।
बीना वक्त बर्बाद किए देव उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा। देव के होंठ सबिता के होंठो को छोड़ ही नही रहे थे। जब वोह उसके कपड़े उतार रहा था तब भी नही। हां लेकिन उसने उसके होठों को तब छोड़ दिया जब वोह खुद के कपड़े उतार रहा था। सबिता उसके अलग होते ही तड़प उठी और उसे पास बुलाने के लिए झटपटाने लगी। और फिर उसने वापिस देव की गरमाहट को महसूस किया क्योंकि देव जल्दी से वापिस उसके ऊपर आ गया था।
"अभी," सबिता ने अपनी कर्कश भरी आवाज़ में फुसफुसाते हुए कहा। वोह उसे अब अपने अंदर तक महसूस करना चाहती थी।
देव उसके होंठों को वापिस चूमने लगा और अपने हाथों से उसकी कमर पकड़ ली। दोनो के ही शरीर में इस वक्त आग लगी हुई थी। वोह धीरे से उसके अंदर आया। सबिता ने उसकी पीठ पर अपने हाथ कस दिए। उसकी आंखों से आंसू की एक धारा बह गई। इस मोमेंट पर उसे सब कुछ सही लग रहा था जबकि रियलिटी में कुछ भी सही नही था।
"मुझे ऐसा लग रहा है की फाइनली मैं अपने घर पर आ गया," देव ने फुसफुसाते हुए कहा और सबिता की गर्दन में अपना चेहरा छुपा लिया। वोह अब मूव करने लगा, बहुत हार्ड। जल्द ही सबिता उस आदमी में खो गई जिसे वोह बहुत प्यार करती थी।
उन दोनो को ही आनंद की अनुभूति हो रही थी जैसे जैसे देव हार्ड और फास्ट मूव कर रहा था।
"लुक एट मी, बेबी," देव ने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा। जैसे ही सबिता ने अपनी आंखे खोली सामने देव को पोसिसिव एक्सप्रेशन के साथ पाया।
"से यू आर माइन," देव ने प्यार से डिमांड किया। और साथ ही अपना कार्यक्रम भी जारी रखा हुआ था जिससे सबिता की बार बार आंखें बंद हो रही थी और वो बार बार जन बूझ कर खोलने की कोशिश भी कर रही थी।
जब कभी भी वोह साथ होते थे देव हमेशा ही उससे पूछता था की वोह उसकी है। और हर बार वोह इनकार कर देती थी। पर अब नही।
"आई एम योर्स," सबिता ने लंबी लंबी सांसे लेते हुए कहा। सबिता ने देव को उसके होठों को अपने होंठों एस पकड़ लिया और किस करना शुरू कर दिया।
"तुम बताओ, क्या तुम मेरे हो?" सबिता ने भी उससे वापिस सवाल किया।
"मैं तुम्हारा ही हूं। हमेशा से, हमेशा के लिए," देव ने जवाब दिया और अपनी अंतिम सीमा पर पहुंच कर दोनो ही हांफने लगे।
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(पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏)