लावण्या - भाग 23 Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग 23

अर्थ का फिर से कोल आया,,,,,,,,

लक्ष _____
आज क्या तुमने ठान ली है कि मुझे परेशान करते ही रहोगे,,,,,?

अर्थ ______
अरे नहीं बाबा मुझे फिर याद आया की कहीं तुम भुल ना जाओ ,,,,,

लक्ष ______
क्या, ,,,,??

अर्थ _____
ने फिर उसकी खिंचाई करते हुए बोला......
ईशा को फोन कर ना,,,,,,याद से फोन कर देना भुल मत जाना।
अपना रोमांस बाद में शुरू कर लेना ,,,,और उसने हसते हुए फोन रख दिया,,,,,!

लक्ष ने गुस्से में कहा इस अर्थ के बच्चे को तो छोडूंगा नहीं मैं,,,,,,!

लावण्या ने लक्ष की और देख कर कहा तुम ईशा को फोन करोगे क्या,,,??

हा यार सुबह से शायद वह परेशान हो गई होगी,,,, अभी हमारे बारे में उसे कुछ पता नहीं है, और अभी उसे पता ना चले वही अच्छा है,, खामख्वाह हंगामा कर देगी,,!
इस लिए कॉल करके मैं उसे अपनी खैर खबर दे देता हुं,,,,और लक्ष ने ईशा को फोन लगा दिया,,,,,!

एक ही रिंग मे ईशा ने कोल रिसीव कर दिया और सामने से ईशा की परेशानी भरी आवाज आई,,,,, क्या यार यहां सुबह से फोन लगा रही हूं ,,,,तुम्हारा फ़ोन अनरीचेबल आ रहा है,,!
और जब फोन लगा तो तुम उठा नहीं रहे हो,,,,, कहां हो तुम,,???
कहां लोकेशन देखने गए हो,,,, एक बार फोन करके बता देते कितनी टेंशन मैं थी मैं,,,,!

लक्ष ने उसे प्यार से कहा सॉरी बेबी मैं काम में भूल गया था प्लीज माफ कर दो,,,,! जैसे ही लक्ष ने सॉरी बेबी कहा लावण्या उसे घुर ने लगी
लक्ष ने उसकी और आइ विंक की और ईशा से बाते करना लगा,,,,!
दोनों के बीच सब कुछ ठीक हो गया था। पर कुछ अधूरा सा लग रहा था।
लक्ष ईशा का कोल खत्म करके उसके पास आया,,, उसने पीछे से हग करते हुए कहा ,,,,,,,,
क्या हुआ,,,??

कुछ नहीं,,,,!

बुरा लगा क्या,,,???

लावण्या ने उदास होते हुए कहा ,,,,,थोड़ा-थोड़ा,,,,!!

लक्ष ने उसे पीछे से टाइट हग करते हुए कहा ,,,बस कुछ ही दिन की तो बात है,,,, फिर तो हम साथ में ही होंगे,,,,
ना कोई ईशा ना कोई ओर।

लावण्या ने कहा पर कुछ डर सा लग रहा है,,,, मेरी लाइफ में जितना जल्दी सब कुछ अच्छा होता है ,उतनी ही जल्दी सब बिगड़ जाता है।
इस बार ऐसा कुछ नहीं करना ना लक्ष,,,!

लक्ष ने उसे माथे पर किस करते हुए कहा कभी भी नहीं,,,, चलो अब ज्यादा मत सोचो,,,सो जाते हैं ,,!
कल सुबह जल्दी उठकर जाना है ना अर्थ के सरप्राइज के लिए।
दोनों एक दूसरे को देखते देखते सो गए। सुबह 5:00 बजे का अलार्म रखा था।
जैसे अलार्म बजा दोनो उठ गए,,,लावी के कपड़े भी सूख चुके थे।
दोनों नहाकर तैयार होकर जल्दी से दिल्ही के लिए निकल गए ।

पूरे रास्ते में लावी उलझी सी रही उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके दिल में सब कुछ ठीक हो जाने के बावजूद भी डर क्यों है,,
पूरे रास्ते में लक्ष कुछ ना कुछ बोलता रहा और उससे अच्छा लगे इसके लिए लावी भी उससे बात करती रही,,, फाइनली 12:00 बजे वो दिल्ली पहुंच गए ,,!
वह सीधे ही लक्ष के पुराने वाले बंगले पर गए,,,,, वहाँ सचिन रवीश _आनंदी और अर्थ पहले से मौजूद थे,,,
सिया नही आई थी,,,,,
काफी दिनों बाद वो रवीश और आनंदी से मिले थे,,,,, !

उनसे बातें करने के बाद लक्ष और लावी का ध्यान गया कि पूरा हॉल बहुत खूबसूरती से सजाया हुआ था बीच में बडे से टेबल पर केक रखी गई थी,,,,, वह दोनों अर्थ से कुछ पूछते उससे पहले ही सिया की एंट्री हुई।
जैसे ही सिया एंटर हुई उसके उपर फूलों की बरसात होने लगी,,,,,
बेग्राउंड में फिल्मी म्यूजिक बज रहा था । सिया एक कदम बढ़ाती उसे पहले ही अर्थ घुटनों पर उसके सामने बैठ गया और उसे प्रपोज करते हुए बोला,,,,,

आई लव यू सिया,,,,, पहले मैंने सोचा था कि मैं कभी भी शादी नहीं करूंगा।
पर जब से मैं तुमसे मिला हूं, तुम को देखा है और इतने सालों में जाना है,,,,,बस तुझसे अच्छी कोई और लगी ही नहीं ।
मां पापा शादी के लिए फोर्स करने लगे तब मैंने सोचा कि क्यों ना तुम्हें पूछ कर देखु ,,,,,,,,क्या तुम मेरे मां पापा की एकलौती बहू बनोगी,,,,,?

इस अलग अंदाज में प्रपोज करने की वजह से सिया पहले हंसने लगी और फिर बोलो पर मैंने ना कर दी तो,,,,?

अर्थ ने अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहा ____तो यह दिल टूट जाएगा,,,,
फिर तुम्हारे अर्थ का अनर्थ हो जाएगा,,,,,, प्लीज प्लीज यार वैसे भी तुम्हें शादी करनी ही है ,,,तो मुझे ही चुन लो,,,, किसी अनजान से शादी करने से अच्छा है अपने दोस्त को ही अपना दूल्हा बना लो प्लीज ।

सिया ने कहा मैं सोचती हूं फिर बाद मैं बताऊंगी,,,,,,! वैसे तुमसे शादी करने के बेनिफिट क्या है,,,,??

अर्थ में हंसते हुए कहा बहुत सारे है ,,,,तुम मेरी सारी कमजोरियां जानती हो,,,,,, इसलिए मुझे बाटली में कैसे उतारना है वह तुम्हें अच्छी तरह से पता है,,,,,,!

सिया ने कहां ह्म्म्म्म सोचती हू,,,,!

अर्थ ने उदास होते हुए कहा पता नहीं,,, तुम कितना सोचोगी और कब सोचोगी।
मेरी शादी की उम्र ना निकल जाए ,,,,,,,!

कुछ देर सिया ने कोई जवाब नहीं दिया अर्थ बेचारा वही घुटनों पर बैठा रहा उदास होकर।

सिया ने उसकी ओर देखा तो उसकी हंसी निकल गई ,,,,,फिर उसने ने कहा चलो मेरे बच्चों के होने वाले पापा तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट कर दिया है,,,,,!

अर्थ ने यह बात सुनी नहीं थी वह अभी भी मुंह लटकाए हुए बैठा था,,,
लावण्या ने कहा ओ हीरो क्या हुआ ,,,,?? उसने हां बोली है अब तो अपना मूड ठीक कर,,,,,!

अर्थ ने खुश होते हुए कहा,,,,,सच्ची

सिया अर्थ के पास आई और उसे गले लगते हुए कहा अभी भी कोई शक है,,,!

अर्थ खुश हो गया, मानो लाइफ की सारी खुशियां उसे मिल गई हो ,,,,,,उसने सिया को उठा लिया फिर गोल गोल घुमाने लगा,,,,,
सिया को चक्कर आने लगे उसने डरते हुए______ बस बस बस यार,,,,,
क्या अभी से ही ऊपर पहुंचा दोगे,,,,,अभी मुझे तुम से शादी करनी है और बच्चे भी पैदा करने है उतारो नीचे,,,,!

सब लोग खुश थे इन दोनों के नए रिश्ते से ।

दोनों ने मिलकर केक काटा सब दोस्तों को खिलाया और शाम तक सब ने पार्टी की,,,,,,!
फिर सब अपने अपने घर के लिए निकल गए,,,,!

लक्ष लावण्या को छोड़ने नही जा पाया क्यु की ईशा को उसे मिलने जाना था,,,,!
लावी सिया के साथ उसकी स्कूटी मैं चली गई,,,,, सिया स्कूटी चलाते हुए लावण्या को कहा________ लावी एक बात कहूं,,,,,

हां बोलो तुम कब से मुझ से इजाजत लेने लगी,,,,,,??

सिया ______
अरे इसलिए पूछा कि लक्ष अब तुम्हारे साथ है फिर भी तुम उदास क्यों हो,,,??

लावण्या ने पीछे से उसकी पीठ पर अपना सर रखते हुए कहा.....
पता नहीं यार एक डर सा लगा रहता है,,,,!!

और वह क्यों,,,,!

वो मुझे नहीं पता पर अंदर से पूरी वाली फीलिंग आ रही है अभी,,,!

चिल यार लक्ष ईशा के साथ गया है इसीलिए तुम्हें ऐसा लग रहा है,,,,!

लावण्या______
नहीं यार इस तरह से नहीं ,,,,, मुझे लगता है कि यह लड़का फिर से मेरा दिल ना तोड़ दे,,,मैंने उस पर भरोसा कर कर कहीं जल्दी नहीं करदी ना,,,,,?

सिया ने स्कूटी रोकी और उसके सामने देखकर कहा______
सपोज़ सपोज़ प्लीज माइंड मत करना,,,, मान ले गर लक्ष ने इस बार नादानी मैं तुम्हारा दिल तोड़ दिया तो,,,,????

लावण्या_____
कुछ देर चुप रही,,फिर उसने कहा
अगर इस बार उसने दिल तोड़ दिया ना,,, तो फिर मैं उससे दूर चली जाऊंगी,,,,!
फिर भले ही उसकी याददाश्त वापस आ जाए,,, वो रोए,,,,माफी मांगे गिड़गिड़ातये कुछ भी करे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा,,,!

इस बात पर सिया ने उसके माथे पर थपाट मारते हुए कहा____
इस बार मुझे छोड़कर गई ना तो मार डालूंगी ,,,,छोड़ूंगी नहीं तुझे,,,,!

लावण्या ने उसे गले लगाते हुए कहा पागल है क्या,,,, मैं आप सब को छोड़कर थोड़ी ना जाऊंगी।
मैं उससे दूर जाऊंगी।

सिया ने भी उसे टाइट हग करते हुए कहा लक्ष अब तुम्हारी लाइफ से कहीं भी नहीं जाएगा,,,,!

लावण्या ______
होप सो,,,,,!
चल यार गोलगप्पे खाते हैं भूख लगी है वैसे भी जाते जाते शाम हो जाएगी।

सिया ने खुश होते हुए कहा ______ यार तूने मेरे पेट की बात छीन ली मैंने कितने दिनों से गोलगप्पे नहीं खाये,,,,,,!
चल सामने मंदिर के पास लारी खड़ी है गोलगप्पे की ,,,वहां जाते हैं,,,,!
वहाँ बहुत भीड़ थी तो लावण्या ने कहा चलो दर्शन करके आते हैं,,,,
थोड़ा मन भी शांत हो जाएगा और तब तक की भीड़ भी कम हो जाएगी,,,,,!

सिया ने कहा ________
क्या यार जब देखो तब पूजा-पाठ पूजा-पाठ तुम जितना भी माथा टेक लो भगवान ने जो देना है वही देना है कुछ ज्यादा नहीं देंगे,,,,!

लावण्या ने _______
उसका हाथ खींच कर ले जाते हुए कहा,,,,, शुक्रिया करने भी जाते है,,,,,,तुम भी कर लो अर्थ जैसा लड़का दिया है तुम्हें।

हा हा हा चल अब ज्यादा ज्ञान मत दे आती हुं,,,

और दोनों सहेलियां माता रानी के दर्शन के लिए चली गई ,,,,,दोनो ने माता रानी ओर पंडित जी से आशीर्वाद लिए,,,परिक्रमा की और मंदिर के परिसर में बैठ गई,,,,,,,,,,,,,,!

तभी सिया की नजर बरगद के पेड़ के नीचे बैठे एक पंडित पर गई,,,,,जो किसी आदमी का हाथ देख रहे थे,,,, सिया ने लावण्या को कहा लावी चल वहां जाते हैं हाथ दिखाते है,,,,,!!!

लावण्या ने उसे हाथ जोड़कर कहा मैं सिर्फ भगवान मैं मानती हूं ,,,ज्योतिष में नहीं समझी।
मुझे कोई हाथ वाथ नहीं दिखाना,,,,!

सिया ने_______
उसे ब्लैकमेल करते हुए कहा मैं तुम्हारे कहने पर ऊपर आई ना।
अब तुम मेरे कहने पर वहां आओगी चलो चुपचाप और वह उसे खींच कर ले गई।

उसे पता था कि लावी अपना हाथ नहीं देगी तो उसने पंडित जी को अपना हाथ देते हुए कहा देखो पंडित जी मेरे भाग्य में क्या लिखा है,,,,,????

पंडित जी ने सिया का हाथ देखा और कहा बच्चे बहुत जल्द तुम्हारी शादी होने वाली है,,,,,!"" और तुम्हें बहुत प्यार करने वाला जीवन साथी मिलने वाला है,,,""
शायद मिल भी गया हो,,,,,!

पंडित जी की बात सुनकर सिया बहुत खुश हो गई,,,, उसने पंडित जी के चरण छुए और दक्षिणा देते हुए कहा,,,, थैंक यू पंडित जी बस आप आशीर्वाद दीजिए,,,,!

पंडित जी ने कहा______ आयुष्यमान भव सदा खुश रहो,,,,!!

फिर जबरदस्ती से लावण्या का हाथ पकड़कर पंडित जी को दिखाते हुए कहा ______देखो पंडित जी इस झल्ली के नसीब में क्या लिखा है,,,,?

पंडित जी ने लावण्या का हाथ देखा उस की रेखाओ को देखकर वो थोड़े चिंतित हुए,,,,,,, उन्होंने कहा सालों बाद तुम्हें अपना प्यार वापस मिला है,,,,,पर वो बहुत जल्दी तुम से बिछड़ने वाला है,,,,, !!! इस बार बुरी तरह से तुम्हारा दिल टूटने वाला है,,,!
पर वो आगे बोलने ही जा रहे थे की लावण्या वहा से भाग गई।

सिया पंडित जी से माफी मांग कर लावण्या के पीछे दौडी और उसे आवाज देते हुए बोली _____लावी लावी रूक ना क्यों भाग रही हो,,,,,पहेले तुम उनकी बात तो सुन लेती,,,,,!

लावण्या ने ______
गुस्से में कहा क्यों यार तुम इस पंडितों के चक्कर में पडती हो और मुझे भी घसीटती हो बस उनका काम ही यही होता है दिमाग खराब करना।

सिया ने उसके सामने जाकर कान पकड़ते हुए का सॉरी बाबा मुझे थोड़ी ना पता था कि यह सब बोलेंगे,,,,, उन्होंने गलत तो नहीं कहा ना तुम दोनों काफी सालों बाद मिले हो ना,,,,!

लावण्या _____
चिढ़कर
अच्छा इसका मतलब कि अब हम दोनों अलग हो जाएंगे यही कहना चाहती होना,,,,?

सिया _____
नहीं रे मेरी जान,,,, तुमने उनकी पूरी बात नहीं सुनी बाद में वह खुश होकर बोलने जा ही रहे थे कि तुम वहां से भाग आई,,,,
इसलिए मुझे लगता है कि तुम दोनों कभी भी अलग नहीं होंगे समझी।
सारा मूड खराब कर दिया गोल गोल गप्पे खाने का,,,!

लावण्या ने कहा ______
सॉरी यार,,, आज सुबह से परेशान थी तो गुस्सा निकल गया,,
"चल अब खाता है,,!
सिया ______
मुझे नहीं खाने,,,,

लावण्या_____
चल ना मेरी जान,,,, कुछ दिन मैं शादी हो जाएगी तेरी,,,,
फिर हम ऐसे कब मिल पाएंगे ,,,,!

सिया ____
शादी मेरी दिल्ली में होने वाली है समझी ,,,,रोज धमक पडुंगी तुम्हारे घर।।।

इस बात पर दोनों सहेलियां हंसने लगी फिर उन्होंने ढेर सारे गोलगप्पे खाए ,,,,और घर के लिए निकल गई।

*******
देखते ही देखते हैं कुछ महीने ऐसे ही बीत गए आज सिया और अर्थ की हल्दी थी,,,, लावण्या अपने कमरे में सोई हुई थी,,,, उसका फोन बार-बार रिंग कर रहा था उसने नींद में ही फोन उठाते हुए कहा हेलो यार सोने भी दो मुझे,,,, सुबह-सुबह क्यों परेशान कर रहे हो आज तो संडे है ना,,,,!

सामने से सिया ने गुस्से में कहा______ लावण्या की बच्ची छोडूंगी नहीं तुझे,,,,,,! 9:00 बजने आए
"तुने कहा था तु सबसे पहले आएगी,,,, एक तो मेरे घर नहीं रुकी और अभी भी सो रही है,,,,""'
आधे घंटे में मेरे घर नहीं आई तो कभी बात नहीं करूंगी,,,,!

लावण्या फटाक से अपने बेड पर बैठ गई और कहा सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी प्लीज प्लीज प्लीज गुस्सा मत करो मैं अभी तैयार होकर आती हुं,,,!
यार देर से सोने की वजह से आंख ही नहीं खुली।

सिया______
सब बहाने हैं तेरे,,, घंटों लक्ष से बात करती रहती है फिर आंखे कैसे खुलेगी
अब जल्दी आना

हां बाबा आती हूं फोन तो रख ,,,,,,

सिया______
विक्रांत को भी इनविटेशन दिया है ,,,उसे भी साथ लेकर आना,,!

लावण्या ने चिढ़कर कहा _____बाबा सबको लेकर आऊंगी पहले फोन रख अब मैं जा रही हूं,,,,शावर लेने,,,,,!
लावण्या फटाफट बाथरुम में गई ,, तैयार होकर नीचे आ गई उसने देखा तो विक्रांत तैयार होकर नीचे बैठा हुआ था,,,

विक्रांत उसे देखकर खड़ा हो गया और कहा ब्यूटीफुल आज बहुत सुंदर लग रही हो ,,,,,!

थैंक्यू तुम भी अच्छे लग रहे हो,,,!

विक्रांत _____
सिर्फ अच्छा

लावण्या
इतने अच्छे लग रहे हो कि शादी में कोई लड़की देखेगी ना तो शादी के लिए प्रपोज कर देगी ,,,,अब तुम ही समझ जाओ ,,,, अब चलें

विक्रांत _______
हां हां हां,,,,, ज्यादा ताने मत मारो तुम्हारे लक्ष जितना हैंडसम नहीं हूं मैं ,,,,,
और मैं कब से तैयार होकर ही बैठा हूं आपकी राह देखी जा रही थी मोहतरमा,,,!

लावण्या ने हंसकर कहा धन्यवाद मेरी राह देखने के लिए चलो तो फिर
और वो दोनो सिया के घर जाने के लिए निकल गए,,,,,,

(दरअसल विक्रांत लावण्या के घर रेंट पर रह रहा था। वैसे भी इतना बड़ा घर खाली था।
और उस एरिया में सबको पता था कि लावण्या और विक्रांत की शादी हो चुकी है
उनके डिवोर्स के बारे में ज्यादा किसी को पता नहीं था,,,, दिल्ली जैसे शहर में सेफ्टी बहुत जरूरी थी इसलिए लावण्या ने विक्रांत को अपने घरमैं जगह दि थी वैसे भी उन दोनों के बीच अब अच्छा वाला रिश्ता था दोस्ती वाला,)

क्रमश.......जारी है।