लावण्या - भाग 21 Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग 21

अगर विक्रांत ना होता तो लावण्या नीचे गीर ही जाती ,,,,, लक्ष को यह अच्छा नहीं लगा जिस तरह से विक्रांत ने लावण्या को थामा था,,,,!
विक्रांत ने धीरे से उसे सामने पड़ी चैर पर बिठाया और उसका पैर देखने लगा,,,
जैसे ही विक्रांत लावण्या के पैर को छु ने गया लक्ष ने उसे रोकते हुए कहा_____ तुम उस के पैर को मत छुओ मैं डोक्टर को कोल करता हुं,,,,,!
ईशा और विक्रांत दोनों उसे देखने लगे,,,तो लक्ष ने बात संभालते हुए का अरे उसे "मोच आई है दर्द होगा"
इस लिए कहा,,,,,!
इस बात पर
ईशा _____ ने उसे टोकते हुए कहा
बेबी वो देख रहा है, देखनो दो ",, कही ज्यादा तो चोट नही आई ।

लक्ष ____ ने ईशा को देखे बिना ही कहा,,,,
उसे चोट नहीं आई उसका पैर मुड़ा है,,,,इसीलिए कहा,,,!

विक्रांत मन ही मन मुस्कुराने लगा,,,,, और उस ने लक्ष की और देखकर कहा _______
तो ठीक है ,मैं उसे डॉक्टर के पास लेकर जाता हूं,,, चलो लावण्या ,,,,!
जैसे ही लावण्या खड़ी हुई लक्ष ने विक्रांत को कहा तुम रहेने दो मैं जाता हुं,,,!
ईशा को लक्ष का यह बिहेवियर थोड़ा अजीब लगा वो उसे सवालिया नजरों से देखने लगी,,,,,
अब लक्ष फस चुका था,,!
उसने बात संभालते हुए कहाँ अरे अभी जो मिटिंग है,,उसमे विक्रांत का रहना जरूरी है,,,, क्योंकि यह एड इसकी वजह से मिली है,,,!
वैसे भी मुझे ऐड के लिए लोकेशन देखने जाना है,,,,,तो दोनो काम हो जाएंगे,,,,,

विक्रांत_____ ने कहा
पर वो चल नहीं सकती,,,,,

इस बात पर लक्ष ने फटाक से जवाब दिया____ तो कोई बात नहीं मे उसे अपनी चेयर पर बिठाकर ले जाऊंगा ,,बाद मैं तो उसे गाड़ी में ही बैठना है,,,और वो अपनी पहिये वाली चेयर लावी के पास लाया।
विक्रांत और ईशा रिएक्ट करते उस्से पहेले ही लक्ष ने लावण्या को बिठाया और चेयर को धक्का देते हुए केबिन के बाहर निकल गया,,,,,,!!
वो दोनो लिफ्ट के पास आये लावण्या खडी होती उस्से पहेले ही लक्ष ने उसे गोदी मे उठा लिया,,,,,!

लावण्या_____
चेयर को अंदर लाओ और मुझे नीचे उतारो,,,,!

लक्ष ____
क्यों अच्छा नहीं लग रहा,,, थैंक यू बोलने की जगह मुंह फुला रही हो,,,! जल्दी से लिफ्ट का बटन दबाओ""!

लावण्या____
खुद ही दबा लो,,,,

लक्ष ____
यार किस बात का इतना गुस्सा कर रही हो प्लीज यार जल्दी से ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाओ।

लावण्या गुस्से में बोली अगर मैं किस बात पर गुस्सा हुं वह पता ही नहीं है,, तो खुद ही दबा दो मुझे नहीं दबाना और जाना भी नहीं 😏

लक्ष को पता चल गया की यह जिद्दी लड़की नहीं मानेगी उसने बहुत मुश्किल से ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाया,,,,,,,,,,,,और लिफ्ट चालु हो गई।
दोनो नीचे आये लक्ष पार्किंग लोट में अपनी कार के पास आया लावण्या ने को धीरे से नीचे उतारा कारा का डॉर ऑपन किया और उसे बैठ ने मैं हेल्प की फिर वो बैठ गया और उसने कार दौड़ा दी,,,,,,,,!
वो बार-बार लावण्या की ओर देख रहा था पर वो दूसरी ओर मुंह करके बैठी हुई थी,,,, फिर उसने चिढ़कर लावी को कहा,,,,, क्यों मुंह फुला कर बैठी हुई हो और तुम्हारा ध्यान कहां रहता है,,,??

लावण्या_____
तुम पर,,, (मन मै बोली)

लक्ष _____
क्या क्या क्या क्या कहा,,, मन मैं मत बोलो """

लावण्या____
अगर समझ गये हो तो पुछ ने की कोशिश मत करो,,,!

लक्ष ___अपनी आइब्रो रेज करते हुए कहा
ओके पर संभलकर तो चल सकती थी ना,,,?

लावण्या ने उसकी ओर गुस्से में देखा हुआ और कहा तुम संभल ने का मौका ही कब देते हो,,,?

इस बात पर लक्ष चुप रहा...... उसे क्या जवाब दे उसे समझा नहीं आया,,,फिर थोड़ी देर बाद वह बोला तुम विक्रांत से दूर रहो,,,,!

क्यु,,,,??

क्योंकि वह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है,,,,,!

लावण्या ने कहा तुम्हें कैसे पता,,,,,??

लक्ष ने उसकी ओर देखे बिना ही कहा पता चल जाता है,,,,,,,,!

लावण्या ने कहा बिना जाने तुम किसी इंसान को कैसे जज कर सकते हो,,,??

इस बात पर लक्ष ने कहा___मेरा मतलब है वह अच्छा है पर तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है,,,,,,,!

लावण्या ने कहा ऑके बोस मेरे लिए कौन अच्छा है,,,??

लक्ष मन बोला "मैं "क्योंकि वह उसके मुंह पर तो बोल नहीं सकता था।

जैसे ही लावण्या ने लक्ष की मन में कही हुई बात फिल की तो वो फिका मुस्कुराई और बोली _______सच में "तुम" मेरे लिए परफेक्ट ओर सही हो,,,वो कैसे,,,?? तुम तो ऑलरेडी किसी और के लिए बुक हो चुके हो ना,,,,!

लक्ष ने जोर से ब्रेक मारी और उसकी तरफ बडी बडी आँखे करके बोला _____तुम्हें कैसे पता मैं मन में क्या सोच रहा हूं,,,,,?
लावण्या ने कहा जैसे तुम्हें पता चला,,,,! फिर वह उसके करीब आई और आंखों में आंखें डाल कर बोली तुम अपने आप को नहीं जानते उससे भी ज्यादा मैं तुम्हें जानती हूं ।
तुम कब क्या सोचते हो वह भी मुझे पता चल जाता है,,,!!!!!!
अब फालतू के सवाल पूछना बंद करो ,,पिछले 3 घंटों से यहां वहां वहाँ घुमा रहे हो,,,, अब तो पैर भी ज्यादा दर्द कर रहे है,,,, मुझे यह बताओ तुम को जाना कहां है,,,,!

लक्ष ____
पता नहीं,,,,

व्हाट् ____पता नहीं यह जवाब हुआ क्या,,,, अगर मंजिल का पता ही ना हो तो उस पर नहीं जाना चाहिए,,,!
और मुझे भूख लग रही है ।
यार सुबह से कुछ नहीं खाया है,,,तुमने तो इंगेजमेंट की खुशी में बहुत सारा ठुसा होगा,,,!

अच्छा तुमने नहीं खाया था,,,,,??

मैंने अपने मामा मामी का मन रखने के लिए घर जाके थोड़ा खाया था समझे ।
सुबह नाश्ता भी नहीं किया,,,😏

लक्ष ने गाड़ी चलाते हुए इधर उधर देखते हुए फिर कहा यहाँ कुछ नहीं दिखाई दे रहा,,,,तूने सच मैं सुबह से कुछ नही खाया,,,,,??

नहीं बोस मैंने नाश्ता नहीं किया प्लीज कहीं गाड़ी को रोककर मुझे खिला दो और पैसे सैलरी में से कट कर देना......!

यार मैंने नजर घुमाई यहां कुछ भी नहीं दिख रहा,,,,,!
जैसे ही कुछ नजर आता है ,,मै गाड़ी रोकता हुं।

लावण्या ने परेशान होकर कहा प्लीज यार एक काम करो तुम मुझे यही कहीं छोड़ दो मैं घर चली जाऊंगी और वहां से डॉक्टर के पास भी।
पता नहीं तुम्हारा काम कब खत्म होगा और हम कब घर जाएंगे,,!

यार तुम्हारा पैर दर्द हो रहा है तुम अकेले कैसे जाओगी,,,,,???

लावण्या__
तो,,,?

लक्ष ने उसकी ओर देखकर कहा प्लीज यार मैं अपना काम पुरा करके तुमको छोड़ दूंगा प्लीज जिद मत करो",,!

इस बात पर लावण्या ने कुछ रिएक्ट नहीं किया,,, लावण्या भूख और दर्द से परेशान हो गई थी।
पर वह इतने आगे आ गए थे की अब उसके हाथ में भी कुछ नहीं था।
वह लोग दिल्ली से काफी दूर आ गए थे,,, 2:30 बजे ने आए थे लक्ष ने देखा रोड के साइड पर एक चाय की टपरी की थी,,,,
उसने गाड़ी को वहां जाकर रोका और लावण्या को अपना हाथ दिया,,!
काफी देर बैठे रहने की वजह से वह चल नहीं पा रही थी,,, उसने जमीन पर जैसे ही पाँव रखे उसकी आह निकल गई ,,,,
लक्ष___ने उसका हाथ पकड़कर उसे धीरे से कार से उतरने मैं मदद की,,,,,,!
चाय की टपरी पर पचास_साठ साल के चाचा चाय बना रहे थे,,,,,!
लक्ष ने चाचा को आवज देखकर कहा,,,, चाचा दो कप चाय और कुछ नाश्ता मिलेगा,,,??

बेटा जी नाश्ते में तो बिस्कुट के अलावा कुछ नहीं है,,,,!
चाचा कि बात सुनकर लावण्या ने कहा चाचा कुछ भी चलेगा बस कुछ खाने को दे दो बहुत भूख लगी है,,,!
चाचा ने कहा बस 5 मिनट रुको और बिस्कुट खाओ तब तक चाय बन जाएगी और चाचा चाय बनाने चले गए,,,,

लावण्या के हाथ में जैसे ही बिस्किट आये वह इस तरह से खाने लगी जैसे 6 महीने से कुछ खाया ही नहीं हो,,,,,,!
लक्ष _____
ने ताने देते हुए कहा
बच्चे ये आपके ही है, आराम से खाओ "बिस्किट के पैर नहीं है,, वह भाग कर कहीं नहीं जायेंगे ,,,,!

लावण्या ने अपनी आंखें छोटी की और लक्ष की ओर गुस्से में देख ने लगी ,,,,,!

लक्ष लावी को प्यार सा देखने लगा,,,,,उसे ये लावी बहुत क्यूट लग रही थी और प्यारी भी ,,,,!
लावण्या को देखकर वो मन मैं सोच रहा था ,,,,काश यह पल यहीं ठहर जाए और उसे लावी को छोड़कर कहीं भी जाना ना पड़े,,!

पता नहीं अभी हमारे बीच कुछ ज्यादा ही
दूरियां है,,,,,
पर अभी तुमसे करीब मेरे शायद कोई
भी नहीं ।।।
5 मिनट बाद चाचा ने कुल्हड़ में चाय दि और साथ मैं फिर से बिस्किट ,,,,
दोनों चाय और बिस्किट खा रहे थे,,, तभी लक्ष ने चाचा को कहाँ यहां नजदीक में कोई हॉस्पिटल होगी,,,??
चाचा जी ने कहा यहाँ दूर तक तो कोई अस्पताल नहीं है पर आपको हुआ क्या है,,,,अगर आप बताओ तो मैं कोई वैध का पता बता सकता हुं,,,,!

लक्ष ने कहा इनके पैर में मोच आ गई है इसीलिए,,,,!

चाचा ने कहा यह बात है यह तो मैं बो ठीक कर सकता हूं,,,,,,, लाओ अपना पैर और चाचा लावण्या के पास नीचे बैठ गए।
फिर उन्हों ने लावण्या को कहा...... कोन सा पैर है ,,,,,,,,,?
तो लावी ने अपना दाहिना पैर आगे किया,,,,,,! चाचा ने पैर को कुछ देर मसाज किया और जोर आगे पीछे हिलाकर पैर को खिंचा"
जैसे ही पैर को जोर से खिंचा लावण्या चिल्लाई उसने लक्ष का हाथ पकड़कर रखा था, लावण्या के नाखुन लक्ष हाथ के साइड मैं घुस गए,,,,,
लक्ष उसे बोलने गया पर उसको दर्द मैं देखकर कुछ बोल नहीं पाया,,,,!
लक्ष ने अपना फोन ऑन किया मेप चालू किया और आसपास रिसोर्ट या होटल सर्च करने लगा ,,,कुछ 2 घंटे की दूरी पर एक रिसोर्ट था,,,,उसने चाचा को थैंक यू बोला और लावण्या को कार में बैठने के लिए कहा,,,, लक्ष को खुद नहीं पता था कि वह क्या कर रहा है,,, क्योंकि उस ने झूठ बोला था की उसे ऐड लोकेशन देखने जाना था,,,,,!

वो लोग अपनी मंजिल की ओर चल पड़े,,, लावण्या ने सीट पर अपना सिर टिका दिया ,,,और आंखें बंद करदी,,,,!
कुछ देर बाद लक्ष बोर होने लगा लावण्या का एसे चुप रहेना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ,,,!
उसने लावण्या को आवाज देते हुए कहा एक बात पूछूं,,,,,,,,??

लावण्या ने सोते हुए कहा पूछो,,,,,!

सच बताना मैं तुम्हारी लाइफ में क्या मायने रखता हुं,,,,?

लावण्या ने कहा तुम जानकर क्या करोगे,,,,??

बताओ ना,,,,

लावण्या____ "सबकुछ" पर तुम नहीं समझोगे ,,,,! फिर उसने कहाँ
एक बात कहु,,, मेरी मोहब्बत का हाल कैसा होगा,,,"
तुम जिस तरह से बिहेव करते हो ना,,इस लिए मैं कभी नहीं बता पाऊंगी, कि तुमसे कितनी मोहब्बत करती हुं,,,,!!
और तुम अपने पास्ट के चक्कर मैं ,,,चाहकर भी मुझसे बया नहीं कर पाओगे, की मुझे देखकर तुम को सच मैं प्यार वाली फीलिंग आती है,,,,,,
थोड़ा इगो प्रॉब्लम है ना,,,, फिर उसने गुनगुना दिया

जाहिर हुई तुमसे और ना ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत..हमारी।।

पर कोई बात नहीं तुम खुश हो बस मेरे लिए वहीं काफी है ,,! वैसे अब मैं अकेली ही काफी हूं,!!मुझे खुद के साथ जीना है,, ओर एक बात
कड़वा हैं लेकिन सच हैं, कि इंसान सबसे
ज्यादा जलील अपनी पसंद के
लोगों से ही होता हैं,,,,!

जैसे तुम मुझे करते हो,,,, हर वक्त हर कदम पर कोई भी मौका नही छोडते,,,,,!!
पता है,, गलती मेरी है,,,जिस दिन तुमने मुझे पहचानने से इंकार कर दिया था ना बस उसी दिन मुझे तुमसे दूर चला जाना चाहिए था,,,, पर मैं नहीं कर पाई,,,!
"एनीवे तुम्हें यह सब बातें समझ नहीं आएगी तुम अपने ही मस्त रहो"
और वो गाड़ी के कांच नीचे करके उन पर अपने दोनों हाथ रख कर बाहर की ओर देखने लगी,,,,!

लक्ष,,,,,गाड़ी चला रहा था,,,उसकी आँखो से पता नही आंसु निकल गए .......
आज लावण्या का दर्द उसे अपना दर्द लग रहा था,,,।

क्रमश........जारी है,,,,

सॉरी शादी के दौड़धाम में लेट हो गया है,,,,और एडिट नहीं किया है पार्ट को तो आप चले लेना मैं बाद में एडिट कर दूंगी,,,।