Secret Admirer - Part 20 Poonam Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Secret Admirer - Part 20

"तब तोह तुम मुझे जानती ही नही हो, अभी तक। आओ किडडो, अपने रिच और हैंडसम हसबैंड को शो ऑफ करो।" कबीर ने आंख मारते हुए कहा और अपना हाथ अमायरा के कमर पर रख दिया और फिर उस ओर चल पड़ा जहां सब लोग थे।

अमायरा को यकीन ही नहीं हो रहा था की कबीर को सबसे मिलवाने पर उसे इतना अच्छा लगेगा, वोह भी वोह लोग जो कभी उसके अच्छे दोस्त हुआ करते थे और अब उस से जलते है। अमायरा के लिए कबीर को सिर्फ थैंक यू कहना काफी नही था, यहां उसके साथ होने के लिए। असल में उसे तोह कबीर पर गुमान हो रहा था। वोह तोह यह देख कर शॉक हो गई थी की फिर से एक बार अब उसके दोस्त उसके टच में रहना चाहते थे। सिर्फ एक वजह से की वोह अब रिच फेमस मैन की वाइफ है।
*हुंह! यह खुदगर्ज दुनिया और यहां के मतलबी लोग*

उसके कुछ फ्रेंड्स कबीर की माजूदगी की वजह से कुछ डरे हुए भी थे और उन्हें उससे जलन भी हो रही थी, वहीं कुछ उनके पास आने से भी घबरा रहे थे।

"तुम दोनो तोह एक हप्पीली मैरिड कपल लग रहे हो अमायरा। यह तुम्हारे लिए अच्छा है। एंड मिस्टर मैहरा, मैं तो कहूंगी की ऐसा लग रहा है आप इससे बहुत करते हैं।" उनमें से एक ने कॉमेंट किया।

"थैंक यू सो मच। हम सच में एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं।" कबीर ने सभ्यता से जवाब दिया।

"मैने कुछ महीनो पहले एक मैगज़ीन में पढ़ा था की आप महिमा की याद में शादी नही करना चाहते क्योंकि अभी भी आप उससे प्यार करते हैं। मुझे हैरानी हो रही है की आपने अचानक महिमा को भुला दिया।" एक लड़की ने कॉमेंट किया और अमायरा के गाल लाल होने लगे। उसे पक्का यकीन था की अब कबीर गुस्सा हो जायेगा या दुखी हो जायेगा। वोह हैरान हो गई जब उसने कबीर की शांत आवाज़ सुनी।

"यह तोह पुरानी खबर है। हमारी शादी से बहुत पहले की बात। हमारी शादी को लगभग छह महीने हो गए है। मैं महिमा को अभी भी प्यार करता हूं। वोह ऐसी नही है जिसे कभी भी भुलाया जा सके। पर मुझे खुशी है की अमायरा मेरे साथ है अब। वोह समझती है मुझे की भले ही महिमा मेरा पहला प्यार है, पर वोह मेरा अब पास्ट है। जिस सच्चाई से एक दिन मुझे मूव ऑन करना ही था। अमायरा मेरा फ्यूचर है और मुझे खुशी ही है अमायरा इतनी लविंग और केयरिंग है की महिमा अब मेरे सिर्फ अच्छी यादों में है। अमायरा ने कभी नही कहा मुझे की महिमा को भुल जाओ और यही उसकी सबसे अच्छी बात है। इस वजह से मैं उससे और भी ज्यादा प्यार करने लगा हूं।" कबीर यह कहते हुए पूरे दिल से अमायरा की तरफ देख रहा था। और ऐसा लग रहा था की वोह सच बोल रहा है। पर अमायरा तोह एक कदम आगे निकली, वोह समझ गई थी की यह कबीर की एक्टिंग है और इसके लिए वोह मन ही मन कबीर को थैंक यू कह रही थी।

"आह...डेट्स...डेट्स अमेजिंग। तोह इसमें भी कोई हैरानी की बात नही है की तुम इतनी आसानी से गौरव को भी भूल गई होगी। तुम्हे बहुत अमेजिंग हसबैंड मिला है। बेस्ट ऑफ़ लक। अब मैं चलती हूं।" वोह लड़की जान बूझ कर अमायरा को असहज कर गई। और कहीं ना कहीं अपने इरादे में कामयाब भी हो गई। अमायरा ने कबीर की तरफ देखा लेकिन उसे सिर्फ भरोसा और स्वीकृति दिखी। कबीर अमायरा को इशारा करने लगा स्टेज पर जाने के लिए क्योंकि उसका नाम पुकारा जा रहा था। और फिर अमायरा स्टेज पर जाने के लिए आगे बढ़ गई। जब अमायरा स्टेज पर पहुंची तोह उसने देखा कबीर उसे चीयर कर रहा था और वोह बहुत खुश दिख रहा था।

****

"थैंक यू, यहां आने के लिए। मुझे तो पता ही नही था की मुझे आपके ये सपोर्ट की कितनी जरूरत है।" अमायरा ने कहा जब वोह दोनो कार में आ कर बैठ गए।

"यू आर वैलकम।"

"और गौरव भी बस मेरा फ्रेंड था। और कुछ नही।" वोह खिड़की से बाहर देखती हुई बोली।

"ऐसा नहीं लग रहा था।" कबीर ने अमायरा की तरफ देखते हुए कहा। उसका इरादा अमायरा का अपनी तरफ ध्यान खींचना था। और वोह उसमे कामयाब भी हुई क्योंकि अमायरा सुनते ही पलट गई।

"क्या मतलब?"

"मेरा मतलब है की पक्का दोस्ती से बढ़ कर कुछ था।" कबीर उससे सीधी बात करना चाहता था।

ऐसा नहीं था की कबीर खुद से ही ऐसा सोच बैठा था। असल में सेरेमनी के आखरी में वोह उससे मिला था, गौरव से। वोह अमायरा का क्लास मेट था और बस ऐसे ही अमायरा और उसके हसबैंड से मिलने आया था। उसने दोनो को शादी के लिए कंग्रेटुलेशन भी किया था। उसकी बातों में ऐसा कुछ भी नही था जिसपर डाउट जाए लेकिन उसकी आंखें बहुत कुछ कह रही थी, वोही नज़रे, वोही चाहत। बिलकुल वोही जो कबीर महसूस करता था महिमा को खोने के बाद। और अभी भी करता है। कबीर ने अपने आप को याद किया। वोह अभी भी महिमा के लिए तरसता था, यह अलग बात है की उसकी चाहत अब इन बीते दिनों से कुछ फीकी पड़ने लगी थी। पर अभी उसकी और महिमा की बात नही हो रही थी। बात थी अमायरा और गौरव की। उसने देखा था, वोह दर्द, गौरव की आंखों में, उसके प्यार को खोने का। वोह अभी भी अमायरा से प्यार करता था। क्या अमायरा भी उसी प्यार करती है? उसे कोई अंदाजा नहीं था। ये लड़की अपने राज़ अपनी फीलिंग्स सब अपने अंदर लॉक कर के रखती है की कबीर को उसके बारे में कुछ पता नही। वोह तोह यह तक नही जानता था की ऐसा कोई लड़का एक्सिस्ट भी करता है। और इसी बात ने कबीर को परेशान कर दिया।
*और क्या है ऐसा जो मैं अभी तक नही जानता?*

"ऐसा कुछ नही है। वोह मेरा बस एक फ्रेंड था। उसने मुझे आप से इंगेज होने से एक दिन पहले प्रोपोज किया था। बस और कुछ नही। उससे आप जैलस मत होइए।"

"मैं जैलस नही हो रहा।" कबीर बोला।

"अच्छा है आपके लिए। आपको हक भी नही है जैलस होने का।"

"क्यों? मुझे क्यों हक नही है जैलस होने का? उसने इरिटेट होते हुए पूछा।

"क्योंकि हम फ्रेंड्स है। और फ्रेंड्स एक दूसरे से जैलस नही होते।"

"पर टेक्निकली अगर मैं जैलस हूं भी तोह उसी होंगा, तुमसे थोड़ी।"

"तोह फिर नही होइए। मैने यही तोह कहा। आपको उससे
जैलस होने की जरूरत नहीं है। वोह एक अच्छा लड़का है।

"मैं जैलस नही हूं। मैं बस ऐसे ही तुमसे कुछ पूछ रहा था, तो? तोह तुमने क्या जवाब दिया था? कबीर ने सड़क की तरफ देखते हुए कहा। उसकी क्यूरोसिटी उसे अंदर ही अंदर मार रही थी।

"मैने कहा था की पहले मुझे एक अमीर इंसान से शादी करने दे, फिर उसे डाइवोर्स देकर उसकी आधा पैसा लेकर हम दोनो सेंटिनल आइलैंड में बस जायेंगे। पर अब जब आपने मुझे कह दिया है की आप मुझे डाइवोर्स नही देंगे तोह मैं थोड़ी कन्फ्यूज्ड हो गई हूं की चूहे मरने वाली दवाई और सीढ़ियों से धक्का देने के बीच। उसके बात प्रॉपर्टी और मनी में बटवारा करने की जरूरत ही नही पड़ेगी।" अमायरा कबीर की सोच से इरिटेट होते हुए बोली।

"मैने तुम्हे कहा था की वहां तुम बाहर की कोई भी करेंसी यूज नही कर सकती। और वैसे भी क्या तुम जानती हो की कुछ अमेरिकन लोग वहां घुसने की कोशिश कर रहे थे और फिर वहां के लोगों ने उन्हें मार दिया? मैं तो तुम्हे यह सजेस्ट करूंगा की सेंटिनल आइलैंड को छोड़ कर कोई और जगह चूस कर लो।" कबीर ने अमायरा को चिढ़ाते हुए कहा और वोह सच में चिढ़ कर गुस्सा होने लगी थी। "और अगर तुम मुझे मारने की कोशिश भी कर रही हो तोह भी मैं हमेशा तुम्हारा शुभचिंतक ही रहूंगा।"

"वैरी फनी। आपको कोई जोक पर बुक क्यों नही लिखते?" अमायरा ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा।

"मुझे लगा था की हूं फ्रेंड्स हैं। मैने अपने पास्ट के बारे में सब कुछ तुमसे शेयर किया। तुमने मुझे कभी उसके बारे में क्यों नही बताया?" कबीर ने सीधे पूछा।

"गौरव ने मुझे कुछ महीनो पहले मुझे प्रपोज किया था। बल्कि मेरा सुमित्रा आंटी और मेरी मॉम को रिश्ते के लिए जवाब देने से पहले। सब कुछ इतना जल्दी हुआ की उसके बारे में मैं तोह भूल ही गई थी। अमायरा ने जवाब दिया।

*और या तोह तुम मुझसे उसे छुपाना चाहती थी। उसे अपनी यादों में सुरक्षित रखना चाहती थी। ताकि कभी भी मुझे या किसी और को ये पता चले की तुम किसी और को अपनी जिंदगी में चाहती थी। शायद इससे तुम अनइमोशनल रह सको उसके बारे में। यही वजह की मैं अभी तक तुम्हे पूरी तरह से नही समझ पाया हूं। कहीं ऐसा तोह नही की यह सच में उसके साथ रहना चाहती थी? और मैं इसे उससे दूर किए हुए हूं? क्या मैने तुम्हारी खुशियों से इसे दूर कर दिया है? क्या यही था जो इन दोनो मैं मिस किया करता था?* कबीर मन ही मन सोच रहा था।

"पर उसे सब कुछ अभी तक याद है। तुम याद हो। वोह अभी भी तुम्हारा इंतजार कर रहा है।" कबीर ने उदास होते हुए कहा।

"वोह मेरा इंतजार नही कर रहा है।"

"मैं एक लड़का हूं। और दूसरे लड़कों को नज़रों को पढ़ लेता हूं। मेरा यकीन करो।" कबीर को हल्का गुस्सा आने लगा था।

"ओके, अगर वोह कर भी रहा है तोह मैं क्या करूं इसमें? यह उसकी प्रॉब्लम है।" अमायरा ने अपनी आंखों को बार बार झपकाते हुए कहा।

"तोह तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता की वोह तुम्हारा इंतजार कर रहा है अभी भी।"

"नही। मुझे क्यों फर्क पड़ेगा? अगर वोह ऐसा कर रहा है, तोह वोह पागल है। कोई किसिका क्यों इंतजार करेगा जबकि वोह कभी भी लौट कर नहीं आ सकता?"

"अगर तुम लौट सको तोह?" कबीर ने डरते हुए पूछा। वोह कन्फ्यूज्ड था की आखिर वोह सुनना क्या चाहता है।

"वोह मेरे लिए इंतजार नही कर रहा है। वोह अच्छे से जानता है की मेरी शादी हो चुकी है अब। उसने हम कांग्राटुलेट भी किया था। आप तोह थे ना वहां। और मैं जानती हूं उसे। वोह कभी भी सीरियस रहने वाला लड़का नही है। और क्या अब हम यह बात यहीं खत्म कर सकते हैं? मैं बोर हो गई हूं। और भूख भी लगी है। क्या हम इटालियन खाना खाए आपके फेवरेट रेस्टोरेंट में? वहां की ग्नोची मुझे बहुत पसंद है।"

*तुमने नही बताया की अगर तुम वापिस जा सकती तोह क्या होता? और तुम हमेशा मेरे फैवरोइट रेस्टोरेंट में ही क्यों जाती हो? मुझे अभी तक तुम्हारा फेवरेट रेस्टोरेंट क्यों नही पता? क्या यह इसलिए क्योंकि मैं हमेशा वहां जाना प्रेफर करता हूं इसलिए अपनी चॉइस तुम दूर रखती हो?*

"बिलकुल हम चल रहे हैं। वैसे भी काफी टाइम हो गया वहां गए हुए।" कबीर ने जवाब दिया।









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