यहां... वहाँ... कहाँ ? - 9 S Bhagyam Sharma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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यहां... वहाँ... कहाँ ? - 9

अध्याय 9

                    
दिल्ली । सुबह 10:00 बजे।

कॉस्मिक रिसर्च सेंटर। आकाशीय सोच के मुखिया सर्वमयन अपने सहायकों के साथ एक लाइन में..... नासा के 12 वैज्ञानिक शोध के मुखिया बोथम अपने साथी वैज्ञानिकों के साथ एक लाइन में बैठे हुए थे.... धीमी आवाज में धीरे-धीरे अंग्रेजी में बात कर रहे थे।

श्रवण अपनी सेट दाढ़ी के साथ अपने उंगली को ऊंचा कर बोथम की ओर इशारा किया।

"हिक्स बोचान के नाम का सूक्ष्म अणु के संबंध में नासा से इंडिया आने वाले आपको और आपके ग्रुप के सभी वैज्ञानिकों को भारतीय आकाशीय काम में लगे, आप लोगों का भारत स्वागत करता है..... यह एक सम्माननीय बात है गर्व की बात!

"आपके इस विषय के बारे में सब लोगों के साथ खुशी मनाना चाहिए था। परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों, कुछ संस्थाओं के विरोध के कारण हम उसे नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए पहले हम आपसे माफी मांगते हैं।"

श्रवण के इस तरह की बात करने पर बोथम बीच में बोले। "आपको क्षमा मांगने की कोई जरूरत नहीं मिस्टर श्रवण! इस तरह की समस्याएं हमारे देश में भी आती है। हर देश के लोगों में कुछ ना समझ होते हैं। उसे दूसरे देशों को सम्मान देना चाहिए। हमारे लिए अच्छा है दूसरों के लिए बुरा है लग सकता है। ऐसे लोगों को हम कितना भी समझाए उन्हें समझ में नहीं आएगा।

"इंग्लैंड देश के हिक्स नामक वैज्ञानिक इस प्रपंच में.... 'उप अणु' ऐसी कुछ अन्य लोगों को पता लगाया तो उसके बारे में बहुत ही खराब समीक्षा की गई। हिक्स उसके बारे में फिकर नहीं करी। कुछ लोगों ने इस संसार में जितने अणु हैं उनको पोषण नाम का छोटा अणु ही है यह मालूम होने पर कॉस्मिक शोध करने वाले वैज्ञानिक लोगों का मुंह बंद हो गया। आज हिक्स की प्रशंसा हो रही है। उन्होंने जो पोषण नाम अणु को उनके नाम से ही देखा जा रहा है।

"अतः शोध के पहले विरोध तो होता है। वह आग जैसे जलता है। फिर वह एक काला कोयला जैसे ठंडा पड़ जाता है। नासा के द्वारा भेजे गए यह 12 वैज्ञानिक ग्रुप भारत आकर एक्सपो शान के शोध में आगे बढ़ाने वालों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं। किसी के साथ भी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए इसके लिए हम यात्रा के इरादे से आए हैं.....!" पुत्तन के बात बंद करते ही श्रवण शुरू हो गए।

"हम बात कर रहे हैं इस समय तक आपके आने के बारे में हमारे देशवासियों को पता नहीं। अतः आपको किसी तरह से डरने की जरूरत नहीं। हां आप और आपके ग्रुप के लोग कल छोड़कर परसों चेन्नई को  देखने के लिए रवाना हो वहां से दूसरे शहर जहां आपको जाना है पहले होटल में रुक कर कारेकुड़ी को जाएंगे।

"कारेकुड़ी के पास जो छोटा महल है मनैपुतुर नाम गांव में एक पुराने जमाने के म्यूजियम में नटराज की मूर्ति आपके शोध के काम में आएगी। शोध करते समय आपको किसी प्रकार की परेशानी किसी के द्वारा ना हो सरकार ने इसका बंदोबस्त कर दिया है।

"तमिलनाडु पुलिस रेड क्यूब ऐसी एक सिक्योरिटी विंग बनाकर….. उसके चीफ ऑफिसर मिस्टर विवेक को बनाया है।

तमिल ग्रामीण स्पेशल ऑफिसर मिस्टर विवेक स्कॉटलैंड से ट्रेनिंग लेकर आए हैं। बहुत मुश्किल केस में फंसे लोगों को निकालकर सचमुच के दोषी को ढूंढ निकालते हैं। उनके नीचे आप एक सुरक्षित रेड अलर्ट सिक्योरिटी आपके लिए एक कवच जैसा है।"

"आपको बहुत धन्यवाद! इंडिया को आकर हिक्स पोषण अणु के शोध को शुरू करने का कारण है आपके देश से संबंधित..... हमारे ग्रुप में रहने वाले नासा वैज्ञानिक में से एक अग्निहोत्री एक समर्पित शोधकर्ता हैं ।

"इसके बारे में उन्होंने इंटरेस्टिंग विषय के बारे में बताया। वह विषय है सच होने पर इस प्रपंच के रहस्य के बारे में प्रश्नो के उत्तर मिल जाएंगे ।

इंडिया के मुख्य वैज्ञानिक सर्वमयंन बोले "ऐसी क्या इंटरेस्टिंग विषय है मिस्टर बोथम ?

"इसे आप अग्निहोत्री ही बताएंगे।"

सब लोगों की दृष्टि दो कुर्सियों के पीछे बैठे हुए अग्निहोत्री के ऊपर गई।

ऊंचे.... गोरे... बहुत सारी अमेरिकन बातों के लिए, थोड़ी से इंडियन जैसे रहने वाले अग्निहोत्री अमेरिकन उच्चारण में अंग्रेजी में बोले।

"मैं जन्म से एक भारतीय रहा हूं..... मैं पला-पढ़ा अमेरिका के न्यूजर्सी में। अंग्रेजी के सिवाय मुझे कोई भाषा-खासतौर से भारतीय भाषा मैं नहीं जानता । सिर्फ हिंदी में कुछ शब्द मुझे आते हैं। खाना, धन्यवाद, नमस्कार। सिर्फ यही शब्द मुझे इसी तरह के आते हैं।

"मुझे प्राकृतिक रूप से आकर्षित विंडो से प्रेम है। किसी के संबंधित पढ़ाई मैंने की। मैंने स्वयं अपने कुछ प्रोजेक्ट तैयार की... नासा के ध्यान में वह आए..... युवा वैज्ञानिकों के भर्ती में मुझे रखकर हमेशा के लिए बैठा दिया। पिछले 10 सालों से लगातार अणु आकाशीय प्रकाश के बारे में शोध कर रहे हैं। इक्स पोषण छोटी अणु सोच के विषय में अपना इंटरेस्ट समर्पित करा। यह सचमुच इंटरेस्टिंग है।

 

"ग्रुप में ब्रिटिश जॉब नाम के अणु़ वैज्ञानिक कश्मीर टोंस नाम के एक कांसेप्ट को नेट में बताया है। अर्थात आकाशीय पिंड में पुच्छल तारा मंडप में करोड़ों की संख्या में अणु हैं जो तुरंत के तुरंत बनते हैं और तुरंत के तुरंत गायब हो जाते हैं। एक क्षण में एक बनता है.... दूसरे क्षण में गायब हो जाता है। ऐसे करोड़ों अणु एक ही बार में बनते हैं और वे गायब हो जाते हैं। इस बारे में ब्रिटिश जॉब नामक वैज्ञानिक इसे प्रपंच नाच कहा। यह प्रपंच नाच के बारे में अपने हिंदू भगवान नटराज के नाच से संबंधित करते हैं।

"उन अणु के तीव्र गति को ध्यान में रखकर ही उस समय शिल्पी लोगों ने शिव तांडव के मूर्तियों का रूप दिया है।

"इसमें सबसे पुरानी मूर्ति कौनसी है देखें...... कारेकेकुड़ी के पास छोटा महल अरनमनई पुधीर नाम के गांव के म्यूजियम में रखा हुआ 12 फीट ऊंचा नटराज की प्रतिमा है मालूम हुआ। वह मूर्ति 2000 साल पहले की है ऐसा..... उस जमाने में 72 प्रकार के पांच वस्तुओं से बनाया गया भौतिक विज्ञानी सर्चिंग पार्टिकल्स नाम के पुस्तक में लिखा हुआ है।

"इस हिक्स पोषण हिंदू धर्म, एक नई बात वैज्ञानिकों के पास आने से.... चैनल की बात को सच है कि नहीं इसको जानने के लिए ही हम यहां आए हैं।"

"वेरी इंटरेस्टिंग?" धीरे से ताली बजाकर... अपनी भौंहों को ऊंचा कर उन्होंने पूछा "कॉस्मिक डांसिंग, नटराज के नाच भी एक है ऐसा मालूम होने पर ,आपके नासा वाले इसे कैसे लेंगे?"

"मुझे आपका प्रश्न समझ में नहीं आया...."

"अपने बुद्धि से लेंगे हिंदू सभ्यताओं से लेंगे?"

"उसका फैसला करने वाले तो अणु वैज्ञानिक ही होंगे। हमें उस नटराज मूर्ति को पता लगा कर... उसकी अंदर जो मूल बात को उठाना है उनके बारे में मालूम करना है।"

"सर्वमयन हंसे। "सफलता पाने के लिए बुद्धि या धर्म ये कब पता चलेगा?"

"कुछ महीने तो लगेंगे ही!"-अग्निहोत्री के बोलते समय ही सरवन का सेलफोन बजा।

"सेलफोन को उठा कर किसका फोन है देखा। उनके सहायक का था। उन्होंने उसे कान में लगाया।

"बोलिए पांडे!"

"सर! अपने ऑफिस से एक अर्जेंट मैसेज है। उसे आपको सूचित करना पड़ रहा है...."

"क्या सूचना है।"

"कारैकुड़ी छोटा महल के म्यूजियम में रखें पुराने जमाने के नटराज मूर्ति को शोध करने के लिए वैज्ञानिक ग्रुप जो दिल्ली से निकल रहा है यह बात..... चेन्नई आते समय उनका विरोध होने वाला है ऐसी सूचना मिली है..…"

"और कुछ बताया क्या?"

"नहीं। वी शुड वी अलर्ट इस बात को याद दिलाया।"

"ठीक है! मैं अभी आधे घंटे में हैं वहां पहुंच रहा हूं....."-सेल फोन को बंद कर श्रवण का चेहरा हल्का सा काला पड़ा।

"बोथम उन्हें फिक्र से देखा।"

"एनीथिंग सीरियस?"

श्रवण ने विषय को बताया। पूरा नासा ग्रुप आघात में आ गया।

बोथम ने गहरी सांस लिया। "हम लोग जैसे जल्दी अमेरिका से आए वैसे ही वापस जाना पड़ेगा।

"जल्दबाजी मत करो मिस्टर बोथम! उस नटराज की मूर्ति के लिए हमने सब इंतजाम कर दिया है। आपका ग्रुप चेन्नई में चला जाएगा तो फिर मिस्टर विवेक रेड अलर्ट सिक्योरिटी आपको देंगे शोध के लिए सही रहेगा। एक सफलता के लिए जाते समय..... ऐसे छोटे-छोटे रुकावटों को हम नहीं रोक सकते।"

"ऐसा है तो हम चेन्नई जा सकते हैं आप कह रहे हैं क्या?"

"जरूर...!" श्रवण हंसते हुए बोले..... उनके हृदय में एक तरफ डर समाया था।