लावण्या - भाग 19 Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग 19

लावी अभी आकर बैठी ही थी कि उसका डोर नॉक हुआ,, वो कुछ रिएक्ट करती हूं उससे पहले ही लक्ष ने उसे कहा ,,,,
मैडम आप टाइम से आ जाना अभी मैं जा रहा हूं बाकी का काम आप संभाल लेना,,,,,,, आज मेरी इंगेजमेंट है,,,,,,,,,
तो बहुत सारी तैयारी करनी है मुझे,,,,,,,,,चलो शाम को मिलते हैं,,,!
बाय और वह वहां से चला गया।।।।

लावण्या उसे जाते हुए देखती रही ,,,,,,वह मन ही मन सोच रही थी ,,की इस पागल को सच में नहीं पता कि वह मुझसे कितना प्यार करता था,,,,,,,!! जैसे अभी ताना मारने आया हो,,,,,,क्यु की
लक्ष के हर शब्द उसे तोड़ रहे थे,,,,, वो जितना संभल ने की कोशिश करती लक्ष कुछ ना कुछ बोल कर उसे हर्ट कर देता।
लावण्या आज सच मैं टूट ही गई थी,,,,,उसने अपने आप को संभाला........
वह सोचने लगी,,,,,,, बस यार बहुत हो गया,,,, कब तक औरों के लिए जिएगी,,,,,, कब तक उसके पीछे भागेगी जो खुद उस्से दुर कर रहा है,,,,,
अब बस
उस ने अपना आप को कहा
यार खुद को एक मौका दें,,,,,,,,और कीसी के लिए ना सही वही पुराने लक्ष के लिए, जब उसकी याददाश्त वापस आए शायद तो मैं वही पुरानी लावण्या मीलु,,,,!
यही सोचते सोच ते
वो अब काम मैं लग गई थी.........अर्थ _ईशा और लक्ष तीनों गायब थे ऑफिस से ,,,,,
क्योंकि तीनों इंगेजमेंट की तैयारी कर रहे थे,,,,!
पूरा दिन लावण्या काम करती रही,,,,, काम में पुरा दिन कैसे निकल गया उसे पता ही नहीं चला,,,,,,!

सारे स्टाफ को 5:00 बजे ही छुट्टी दे दी गई थी,,,,! क्योंकि वह लोग भी इनवाइटेड थे।

लावण्या अपनी चैर पर बैठी हुई थी............ वह काफी देर से लक्ष ने जो गिफ्ट बॉक्स दिया था वह देख रही थी पहले तो उसे जाने की इच्छा ही नहीं थी ,,,,,,पर फिर उसके दिमाग में कुछ आया और उसने वो बॉक्स खोल दिया,,,,,,,,,,!!!
इसमें बहुत ही खूबसूरत वाइट कलर की फेदर स्टाइल साड़ी थी.........
उसने उस साड़ी को हाथ मैं लिया और सिने से लगाकर
मन में मुस्कुराई..........
और अपने आपसे कहने लगी..........दिमाग में नहीं हूं,,,,,,,,, !!
दिल में नहीं हुं,,,,,,, फिर भी मुझे क्या पसंद है, वह उसे अच्छी तरह से पता है,,,,,,,!!! खुद ही अपने आप से दूर कर रहे हो और खुद के पास रहने का रीजन भी दे रहे हो,,,,,,,
क्या करूंगी तुम्हारे बिना मैं,,,,,, कैसे जिऊंगी पता नहीं।।।।।।।
वह जल्दी से ऑफिस के वॉशरूम में गई और कपड़े चेंज किए.........और वो लक्ष का घर जाने के लिए निकल गई,,,,,,,!

उसने अपनी स्कूटी नहीं लि ऑनलाइन टैक्सी बुक करा कर उसी में बैठकर निकल गई थी,,,,,,,,
आज वो सालो बाद लक्ष के घर जा रही थी,,,,,,,,, कभी वहाँ सारे दोस्तो का डेरा हुआ करता था,,,,,पर जब से दोनो बिछड़े थे,,,,वो शायद ही गई होगी,,,,,,,,!

वो अपने ही अतित के विचारो मैं गुम थी,,,,,,,,उसे लक्ष का विला कब आया पता ही नही चला,,,,,,!!!
उसने टैक्सी ड्राइवर को पैसे दिए और अंदर की ओर जाने लगी,,,,,,,,उसके पाव जैसे भारी हो गए थे,,,,,वो खुद को संभाले धीरे धीरे कर के आगे बढ़ रही थी, आज उसका लक्ष एक कदम उस्से दूर जाने के लिए बढ़ा रहा था.........
आसान तो नहीं था पर बस यही अपनी किस्मत है वो लावी ना मान लिया था,,,,,,,!!

जैसे ही वो विला मै एंटर हुई उसकी नजर होल के बीचो बीच खड़े ईशा और लक्ष पर गई,,,,,,, उनके आसपास काफी लोग थे और दोनों काफी लोगों से घिरे हुए थे,,,,,
उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी,,,,,,,,,,,,!!!!

उसने उन पर से नजर हटा दी और अपने दोस्तों को ढूंढ ने लगी क्योंकि सिया और सचिन को भी लक्ष ने इनवाइट किया था,,,,,!
भरी महफिल में आज वो अकेली थी............

लो चले आये तेरी महफिल मैं
फिर से अजनबी
बनकर,,,,,,,,,,
बस ये दिल ही जानता है,
किस तरह आए है तेरे महमान बनकर।।।।

जैसी लावण्या एंटर हुई सब लोगों की नजर उस पर पड़ी,,,,,,,,और लक्ष की भी
जैसे उसके कदमो की आहट से उसका दिल जोर से धड़क ने लगा हो, उसके दिलो-दिमाग से कोसों दूर लावण्या फिर भी जैसे पास हो,,,,,,!
लक्ष सोच ने लगा कि उसने सही जूस किया,,,,,,ये साड़ी सच मैं लावी के लिए ही बनी थी,,,,,अभी तुम एक एंजल ही दिख रही हो,,,,,,,

सब उसे देख रहे थे,,,,वह सिंपली ब्यूटी थी,,,
सगाई उन दोनो की थी पर ध्यान सब का वो केन्द्रित कर रही थी,,,,,,
वाइट कलर की फेदर स्टाइल जो साड़ी पहनी थी उसमें लावण्या निहायती खूबसूरत लग रही थी ,,, उसका ब्लाउज ऑफ शोल्डर था,,,,,,,और लावी ने अपने बाल खुले ही रखे थे,,,,, जो बार बार उसके चहेरे पर आके अटखेलियाँ कर रहे थे
उसमे चार चांद लगा ने का काम उसने पहेनी हुई पर्ल ईयररिंग्स कर रही थी,,,,,
उस के एक हाथ में वॉच थी और दूसरे हाथ मैं ब्लैक धागा,,,,,, सिंपल पर स्टनिंग लुक था आज उसका,,,,!
वहा खड़े काफि लोगो के मुंह से..........उसके लिए ब्यूटीफुल........ वर्ड निकल रहा था।

लक्ष की नज़र तो हट ही नही रही थी,,,,, लावण्या इधर उधर देख रही थी तभी पीछे से अर्थ ने आकर जोर से भाऊं करा,,,,
लावण्या डरते हुए यार अब बड़े हो जाओ,,,,,,,,,

अर्थ ___
छोटे रहेने मैं ही मजा है,,,, वैसे आज बहुत बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो ,,, आज तो कोई भी लड़का तुम्हें प्रपोज कर देगा,,,,!

लावण्या ने दो हाथ जोड़ते हुए का बस अब मुझ में शक्ति नहीं है,,,,,,
फिर उसने कहा वो दोनो आ गए ,,,,,,,??

अर्थ ____
हा चलो उनके पास ले जाता हुं ,इतना कहकर लक्ष ने लावी के कंधे पर अपना हाथ रख दिया और जहा सिया और सचिन खड़े थे,,,,,वहाँ ले जाने लगा,,,,,,!

[दूर खड़ा हुआ लक्ष यह देखकर उसके मन ही मन गुस्सा आ रहा था,,,,,
पर वो सोचने लगा कि किस हक से मुझे ऐसा फील हो रहा है,,, हम दोनों के बीच कोई रिश्ता ही नहीं,,,,!
और उसने अपनी नजर ईशा पर गड़ा दी,,,,, पर ईशा मैं भी लावण्या को ढूंढता रहा है जो उसे मिली ही नहीं।]

लावण्या ___ ने अर्थ से कहा
वैसे तुम भी बहुत ज्यादा हैंडसम लग रहे हो आज,,,,, कीसे पटाने का इरादा है,,,,???

अर्थ कुछ बोलता उससे पहले ही सचिन उसके करीब आकर बोला,,,,,
मोहतरमा,,,,,, हमें प्यार और शादी दोनो पर से भरोसा उठ गया है,,,,,,
तुम्हारी शादी देख ली और तुम्हारा प्यार भी देख लिया,,,,,,,,,,
हम तीनों ने तो सोच लिया है कि ता-उम्र कवारें पन का टैग लेकर घुमेंगे पर शादी नहीं ,,, !

लावण्या____
यार सबकी किस्मत मेरे जैसे नहीं होती समझे,,,,,!

इस बात पर सिया ने कहा _______सही कहा,,,, पर मुझे तो अब किसी की जैसे किस्मत नहीं बनानी,,,,,
खुद की किस्मत खुद लिखनी है,,,,,वो भी अकेले,,,,,!
हाँ अगर कभी कोई अच्छा लगा तो लिविंग में रह लेंगे और नहीं पटी तो अलग,,,!
अगर बच्चे की चाह हुई तो अडॉप्ट कर लेंगे...........

सिया की इस बात पर बाकी दोने भी अपनी सहमति दी,,,,,,,!

लावी कुछ नहीं बोली,,,,,,,बस वो चुप रही,,,,,!
वैसे भी यहाँ आना उसके लिए टॉर्च जैसा था,,,,,,,,,
अर्थ ____
उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा सॉरी ......

लावण्या_____
वो क्यु,,,,???

अर्थ ____
मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं कर पाया,,,,,!

लावण्या____
उसके माथे पर थपाट मारते हुए
पागल हो,,,,?
उसमे तुम क्या कर सकते थे
वैसे भी

आप किसीसे मोहब्बत करते हो तो
यह उम्मीद मत रखो कि सामने वाला भी आपसे करेगा,,,,!!!
आपका किसी से प्यार करना आपके हाथ में है,,,,,
पर वह भी प्यार करेगा या नहीं ,,,,,?
वह आपके हाथ में नहीं है,,,,!!!!
हम किसी भी बात के लिए किसी के साथ कोई भी जबरदस्ती नहीं कर सकते।।।।

इतना बोलते बोलते उसकी आंखों में नमी छा गई थी उसने अपने दोनों हाथ की उंगलियों से आंसू हटाते हुए कहा चिल🍻 यार अब में जीना सीख रही हूं,,,!
और प्लीज अब मुझ से कोई बात मत करना वरना रो दूंगी,,,,,मैं,,,,,!

तीनो लावी को इस हाल मैं देख कर दुखी थे पर कुछ भी नहीं कर सकते थे,,,,,!

**********
लक्ष ईशा को बाकी सारे मेहमानों से मिलवा रहा था,,,,,,, तभी अंजना जी ने उसे ईशारा किया अपने पास आने के लिए,,,,,,
लक्ष ने ईशा के कान में कहा,,,,,मैं आता हुं और इतना कहकर वो अंजना जी के पास चला गया,,,,,,,,!

अंजना जी ने बेडरूम का दरवाजा बंद किया और उसे बेड पर बैठने का इशारा किया और वह सामने चेयर पर बैठे हुए बोली यह सब क्या है,,,,,???

लक्ष ____
क्या मॉम,,,??

अंजना जी____
हम दोनों सुबह से तुमसे बात करना चाहते हैं,,,,,, एक बार भी तुम मुझसे मिलने नहीं आया,,,, ऊपर से वो ईशा तुम्हें अकेला नहीं छोड़ रहीं,,,,,,!
अब तो तुमसे मिलने के लिए भी मुझे अपॉइंटमेंट लेनी पड़ेगी,,,,
उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा,,,,!

लक्ष खड़ा हुआ और उन्हें गले लगाते हुए कहा_______ क्या मॉम आप भी,,,,,,,
आप मेरी मां हो और मुझसे मिलने के लिए आपको किसी की भी इजाजत लेने की जरूरत नहीं है, समझे

अंजना जी______
ओह्ह तो तुमने अचानक से यह डिसीजन क्यों लिया वह मुझे बताओ ,,,,,
लक्ष ____
इंगेजमेंट का
वो तो मैं और ईशा साथ में काम करने वाले हैं,,,, वह अच्छी लड़की है ,,,!
तो सोचा सगाई कर लेता हूं 1 साल बाद शादी,,,,
वैसे भी हो मेरे साथ ही काम करेगी तो कहीं और मिलने जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

अंजना जी_____
बड़े आगे की सोच है ,,,पर लावण्या का क्या????

लक्ष ____
व्हाट लावण्या मामा

अंजना जी______
वह भी अच्छी लड़की है,,, तुम्हारी दोस्त है और तुमसे प्यार भी करती है,,,,,!

लक्ष _____
हंसते हुए वो और मुझसे प्यार,,,,,?

अंजना जी_____
तुम इतने नादान नहीं हो लक्ष कि तुम्हें कुछ समझ ना आए ,,,,!
और वह सच में अच्छी लड़की है,,,, तुम्हारा हर कदम पे उसने साथ दिया है,,,,,,
तुम ऐसे ही उसे छोड़ दोगे क्या,,,,,,,???

लक्ष ____ चिढ़कर
आपने जब मुझे अकेले में बुलाया मुझे पता चल गया आप क्या कहना चाहती हो ,,,,,???
पर मोम मेरे दिल में उसके लिए कोई फीलिंग्स नहीं है ,,,,,,,,,,मैं क्या करूं,,,,,??
मैं जब आंखें बंद करता हूं तो एक धुंधली सी तस्वीर भी उसकी मेरे सामने नहीं आती ,
मैं क्या करूं ,,,,???
मैं उसको याद करने की कोशिश करता हूं तो सिर में दर्द होने लगता है,,,,??
आप कहते हो ,,,,,वह कहती हैं ,,,,,,और अर्थ भी कहता है,,,,,
कि हम करीब थे ,,,,!
अगर हम इतने ही करीब थे तो उन करीबियों की कुछ याद तो मेरे दिल में होती ना,,,,,,???

अंजना जी ____
खड़ी हुई,,,,,, और कहा तुम्हारे दिल में आज भी वही है,,,,,, बस तुम फील करना नहीं चाहता हो,,,, ,! बस वही अपने पुराने राग को अलाप रहे हो .........
उनमें से निकलोगे तो तुम्हें लावण्या दिखाई देगी ,,,,,वरना तुम चाह कर भी उसे नही पा सकोगे,,,,।
और कभी ऐसा ना हो कि तुम्हारी याददाश्त वापस आने पर तुम्हें अफसोस हो अपने किये पर,,,,,,,

लक्ष ____
नही होगा,,,,,,
इतने दिनों में एक याद भी उसकी आई होती ना तो मैं सगाई नहीं करता,,,,!

अंजना जी___
ऐसा भी कर सकते है ना की हम पुरानी यादों से बाहर आके नइ यादें बनाये,,, (आह भरके) पर तुम बनाना ही नहीं चाहते ,,,,!!! अफसोस
इतना कहकर वो बाहर निकल गई,,,,,,

लक्ष को उनकी कही गई हर एक बात चुभ रही थी उसे लगा कि आज वो जो कर रहा है,,,, सच में गलत तो नहीं,,,,,,, कोई जल्दबाजी तो नहीं की ना उसने,,,,,,!!!
वो स्टेचू बन गया था सारी बाते सुनकर,,,,
तभी ईशा का फोन आया और उसकी तंद्रा तुटी,,,, हां बोलो इशा,,,??

यार कहां हो,,,,???
सब नीचे है,,,,और तुम गायब...... पंडित जी आ गए हैं सगाई का मुहूर्त होने आया है जल्दी नीचे आओ,,,,,!

उसने फोन रखते हुए कहा आता हुं......और वो नीचे चला गया,,,,,,,,,,
सब लोग बेसब्री से रिंग सेरेमनी की राह देख रहे थे तभी लक्ष ने कहा........
मैं मेरी इंगेजमेंट से पहले मे आप सबको किसी से मिलवा ना चाहता हूं ,,,,,,,!
वो मेरा दोस्त है ,,,,,,वैसे तो वह मेरी कजिन का दोस्त है पर अब मेरा भी दोस्त है,,,,,,,
वो आज का स्पेशल गेस्ट है , क्यु की दोस्त के साथ साथ अबसे वो मेरा बिजनेस पार्टनर बनने वाला है ,,,,,,!!

तभी किसी की आवाज आई सब लोग दुर से आते हुए आदमी को देखने लगे,,,,,,, और वो लक्ष से गले मिलकर बोला,,,,,,,,,
यार बिजनेस पार्टनर बनने वाले नहीं बन गए हैं ऐसे बोलो,,,,,,,
सब लोग उसी की और देख रहे थे,,,,,तभी लावण्या की नजर लक्ष के पास खड़े हुए विक्रांत पर गई,,,,,,वो शोक्ड थी,,,,,,
वहा लक्ष अपने दोस्तो से और रिलेटिव्स से विक्रांत की पहचान करवा रहा था उसका इंट्रोडक्शन दे रहा था......पर लावण्या को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था,,,,,,,वो सोच भी नही सकती थी की लक्ष और विक्रांत साथ मैं,,,,,,,
सिया अर्थ और सचिन भी पूरी तरह से शोक्ड में थे,,,,,,,,,,,,,,,
लावण्या अभी बूत बनकर वही खड़ी थी ,,,,,,,वो अपने विचारों में से सोच में से बाहर आती उससे पहले ही लक्ष
विक्रांत को उसके पास लेकर आया और कहा,,,,,,,,,,
यह है मिस लावण्या मेरी सेक्रेटरी और लावण्या ये हमारे कंपनी के नए पार्टनर मिस्टर विक्रांत,,,,,,,,

विक्रांत ने अपना हाथ उसकी और बढ़ाकर कहा हेल्लो मिस लावण्या आपसे मिलकर खुशी हुई,,,,,!

लावण्या ने बिना कोई भाव से दो हाथ जोड़कर कहा मुझे भी सर,,,,,,,!

इस बात पर विक्रांत हंसने लगा,,,,,, लक्ष विक्रांत को वहाँ से लेजाते हुए बोला,,,,,,, यह थोड़ी उल्टी खोपड़ी की है बच कर रहना,,,,,
विक्रांत ने इस बात पर सिर्फ स्माइल दि,,,,,,,,!

रिंग सेरेमनी शुरू हुई दोनों ने एक दूसरे को अंगूठियां पहनाई अंजना जी ने कपड़े गहने और ढेर सारे तोहफे उसकी झोली में रखें शगुन का श्रीफल दिया ,, और सगाई की चुन्नी ओढ़ाकर ढेर सारा आशीर्वाद दिए,,,,,, दोनों ओर से सगाई की रस्में शुरू हुई,,,,,,!
बारी बारी से सब लोग दोनों को बधाई देने के लिए स्टेज पर आये,,,,,
लावण्या ने अपने आप को मजबूत किया और वो भी उनके पास चली गई,,,,,,
उसने ईशा को शिव पार्वती की छोटी सी मूर्ति देकर कहा,,,,,,,
तुम्हारा जीवन भी इनकी तरह हो ,,,,,उसमे बहुत-बहुत प्यार रहे।।
और आने वाला हर लम्हा खूबसूरती से बिते,,,,,,,,
इतनी अच्छी शुभकामनाएं सुनकर ईशा ने उसे गले लगा दिया,,,,,,और थैंक्यू बोला
लावण्या ने लक्ष को बिना हाथ मिलाये कांग्रेचुलेशन कहा और वहां से चली,,,,,,,
लक्ष उसे जाते हुए देखता रहा,,,,,,उसका यू जाना उसे बहुत खल रहा था,,,,,पर वो कुछ नही कर पाया ।

वहां से चलकर लावी खिड़की के पास आकर खड़ी रह गई ,,,,,,
तभी उसे जानी पहचानी किसी की आवाज सुनाई दी,,,,!
लावण्या..........

क्रमश........जारी है।