लावण्या - भाग 16 Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर र...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भ...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई...

  • अंगद - एक योद्धा। - 9

    अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था न...

श्रेणी
शेयर करे

लावण्या - भाग 16

दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बातें कर रहे थे सालों की कमी एक दिन में तो पूरी नहीं होती पर फिर भी वह हर एक पल को हर एक लम्हे को अभी जी रहे थे।
तभी लावण्या के दिमाग मैं कुछ आया उसने लक्ष की और देखा और कहा
लक्ष एक काम करते हैं,,,,,, वैसे भी मैं घर पर पूरा दिन बैठकर बोर हो जाती हुं।
वैसे भी कोई काम है नहीं तो क्यु ना मैं तुम्हारी सेक्रेटरी बन जाऊ।
इसी बहाने से मैं हर रोज तुम्हें देखभी पाऊंगी और पूरा दिन तुम्हारे साथ भी रहूंगी ,,,,,,!

लक्ष ने लावण्या को अपने करीब लाया और दोनो हाथ उसकी कमर पर लॉक करते हुए कहा.... ....... ओह्ह तो यह प्रॉब्लम है,,,,
इसमें क्यों परेशान होती हो एक काम करते हैं चलो शादी कर लेते है,,,,!
लावण्या ने कहा अभी नहीं ,,,,,,,

लक्ष____
क्यों तुम्हें मुझसे शादी नहीं करनी,,,,,,??

लावण्या___
करनी तो है,,,,!!

तो फिर क्या ,,,,,,
मुझसे अभी भी शिकायत है क्या,,,,????

लावण्या ने लक्ष के फोरहेड पर किस किया और कहा.......नही डार्लिंग 😘
मैं इस लिए मना कर रही हु ,,,,,क्यु की जब तक डिवोर्स नहीं हो जाता तब तक कुछ नहीं होगा...!!!

लक्ष इस बात पर उदास हो गया....... हां यार यह तो तुम सच कह रही हो पर,,,,,,,
वो चुप हो गया......

लावण्या ने लक्ष को अपनी और देखने को कहा और बोली ........
मेरी और देखो मैं हूं ,,,ना,,,!!!
इतने साल हम दोनों एक दूसरे के बिना जीए है और अब हमें कोई अलग नहीं कर सकता।
मैं जल्द ही विक्रांत से डिवोर्स के लिए बात करूंगी और उसे मुझे डिवोर्स देना ही पड़ेगा ,,,,,!!
नहीं दिया तो मेरे पास और तरीके हैं,,,,,!!

लक्ष ने कहा___
सही कहा कुछ ना कुछ रास्ता निकल ही जाएगा ।।। बाद की बात के लिए अभी हम दोनों अपना मूड क्यों खराब करें,,,,,,
चलो मेरे केबिन में तुम्हारे लिए सरप्राइस है,,,,,

लावण्या____
सरप्राइस और वह भी मेरे लिए ये कब प्लान की,,,???🤔🤔🤔

लक्ष ने लावण्या का हाथ खींचते हुए कहा ..........चलो तो सही.. !!

लावण्या_____
मैं चलना नहीं चाहती मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे है तुम मुझे उठा कर ले जाओ।

लक्ष ने कहा ______
यार ये मेरा ऑफिस है ,,,,,सब लोग हम दोनों को ही देखेंगे प्लीज चलो,,,,ना ,,!

थोड़ी देर पहले तो बडे प्यार से तुम मुझे यहा उठा कर लाये थे ना ,,,,,
अब क्या दिक्कत है
, अब तो मैं नहीं चलूंगी,,,,, ले जाना हो तो उठाकर ले जाओ,,,,,,!!!
वरना मुझे नहीं आना

लक्ष ने अपनी लावण्या की और देखकर कहा यार तुम मेरी जैसी हरकतें क्यों कर रही हो,,,,, सीधे से मान जाओ ना प्लीज.......!
तुम्हारा प्लीज गया भाड़ में,,,,,, मैं चलकर बाहर नहीं जाऊंगी,,,बस,,!
लक्ष ने हंसते हुए कहा_____
मेरी नखरेबाज,,,,तुम नहीं मानोगी,,,,,,,चलो अब क्या कर सकते है ,,,
और उसने लावण्या को उठा लिया ,,,।
वह लावण्या के अब हर एक नखरे उठाने के लिए तैयार था। वह उसे अपने केबिन में ले जाने लगा ,,,
उन्हे इस तरह जाते हुए ऑफिस का सारा स्टाफ देख रहा था,,,
पर वो दोनों तो एक दूसरे में ही लगे हुए थे,,,,,!
अब दो प्यार के पंछी को दुनियादारी की कोई फिक्र नहीं थी।

वो लक्ष के केबिन तक पहुंच गए,,,,,,,लक्ष ने पैरों से अपने ऑफिस के डॉर पर लात मारी और धीरे से लावण्या को अंदर ले गया ।
उसे अपने चैर पर बिठाया और आंखों पर पट्टी बांध दी,,,,,,,!!
लावण्या ____ ने थोड़ा कंफ्यूज होते हुए कहा
यह क्या कर रहे हो तुम,,,,,????

थोड़ी देर बाद लक्ष ने कहा अब पट्टी खोलो

जैसे ही लावण्या ने अपनी आंखों से पट्टी खोली वह थोड़ी शॉक्ड हो गई थी,,,,,,
उसके सामने ढेर सारे गिफ्ट बॉक्स पड़े थे ,,!
यह क्या है,,?
उसने सरप्राइज होते हुए कहा

लक्ष उसके सामने बैठे गया और कहा _______
यह तुम्हारे लिए सारे गिफ्ट है,,,, जो मेने तुम्हारे जाने के बाद खरीदे थे,,,,,,फिर उस सारे गिफ्ट यहाँ ऑफिस में लाकर रख देता था,,,,।
उस दिनो मे ना तुमसे कभी बोलने की हिम्मत हुई ना तुम्हें भेजने की,,,,,,
मुझे लगा था ,,,
शायद यह ऑफिस एक दिन तुम्हारे लिए खरीदे हुए गिफ्ट स ही भर जाएगा,,,,,,,,,
लावण्या____
सॉरी जान

सॉरी की कोई बात नहीं इसमें हम दोनों की ही गलती थी,,,,,तो तुम खुद को ही दोष मत दो और लक्ष ने उनमे से एक छोटा बॉक्स उसे दिया और कहा,,, खोलो अब,,,,,,,,,

लावण्या बहुत खुश थी, क्यु की आज उसका प्यार उसके साथ था,,,,,,
आज,,,,,,उसकी आंखों में खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी,,,,,
एक पल की भी देरी करे बीना लावण्या ने छोटा सा बॉक्स खोला
जैसे ही वो बॉक्स ऑपन किया उसमे एक खूबसूरत डायमंड रिंग थी,,,,,,सो ब्यूटीफुल ,,,,,लावण्या के मुंह से निकल गया,,,,
लक्ष ___
ने वो रिंग उसके हाथ से ले ले हुए कहा...... चलो आज हम सगाई कर लेते हैं,,,,

अभी
इतनी जल्दी हमारे साथ भी कोई नहीं है,,,,,,

लक्ष ने उसकी वेडिंग रिंग उसकी उंगली से उतारी और रिंग पहनाते हुए कहा
हमारी खुशी में हम दोनों हैं वही काफी है,,,, बहुत सालों से हम दोनों एक दूसरे के बिना जीए हैं,,,, अब नहीं चलो आज से
तुम ऑफिशल मेरी फियान्सी हो और उसने लावण्या के होठों पर किस कर दिया,,,,,,
अभी दोनों अपनी खुशी के पल एंजॉय कर ही रहे थे कि लावी का फोन बजा उसने देखा के मामु का फोन आ रहा है,,,
लावण्या ने लक्ष को अपने से दुर किया और फोन रिसीव करते हुए कहा हेलो मामु क्या हुआ अभी आपने क्यु कॉल किया,,,,?
सुधीर जी
सॉरी सॉरी बच्चे तुम दोनों को डिस्टर्ब करने के लिए,,,,, सिया ने बताया था तुम दोनों साथ में हो,,,,,,,, पर विक्रांत आया है,,,,,,
मैंने कोई बात नहीं की अभी उस्से वो बैठा है,,,, तुम चाहो तो मैं उसे घर से निकल सकता हूं ,,

नहीं मामू इसकी कोई जरूरत नहीं है आप उसके साथ नॉर्मल बिहेव करिए,,,,,,,
मैं बस 1 घंटे में आ जाऊंगी,,,,,,और उसने कॉल कट कर दिया,,,।

लक्ष गुस्साई हुई आवाज मैं,,,,,,,,,वो कमीना आया है क्या,,,,,?????

हां शायद मुझे लेने के लिए,,,,!

लक्ष____तुम्हें लेने के लिए और वह बोलते बोलते चुप हो गया.......
उसे लगा शायद वो फिर उसे खो देगा,,,,,!

लावण्या ने उससे हग करते हुए कहा जान तुम टेंशन मत लो मैं हूं ना,,,,,,
मैं सब कुछ संभाल लूंगी,,,,, अच्छा है ना वह यहां आ गया।।
वरना मुझे बुलाना पड़ता ,,,,,, मैं आज ही उससे डिवोर्स की बात कर दूंगी,,,,,!!

लक्ष ने उसे अपनी बांहों में भरते हुए कहा मुझे उसकी टेंशन नहीं है यार,,,,,,,
मुझे यह डर हैं की कहीं तुम उसके सामने कमजोर ना पड़ जाओ ,,,, !
टेंशन क्यों लेते हो अब तो तुम हो ना मेरे साथ,,,,,, भले ही वहा साथ नहीं होगे पर अब तुम मेरी स्ट्रेंथ हो समझे,,,,, और में भी तुम को खोना नहीं चाह्ती,,,,,

चलो अब मेरी सेक्रेटरी की जोब पक्की कर दो मुझे जॉइनिंग लेटर दे दो,,,,,,,!

पर यार जॉब करनी क्यों है,,,, तुम चाहो तब आ जाना पापा को भी इस मैं कोई दिक्कत नहीं होगी ,,,,,!!

यार मुझे काम करना है, तो करना है,,,!
अगर तुम मुझे जॉब नहीं दोगे तो मैं कहीं और अप्लाई कर दूंगी ,,,,
अगर तुम्हें चलता है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं,,,,!!

लक्ष ____मुझे ब्लैकमेल कर रही हो,,,???

लावण्या ने हंसते हुए कहा वही समझो,,,,,😉

यार तुम पूरा दिन मेरे सामने रहोगी तो मैं काम नहीं कर पाऊंगा,,,,,!

ओह्ह एसी बात है,,,,,,वो आपकी आपकी प्रॉब्लम है मिस्टर लक्ष ,,,,
चलो मैं चलती हूं ,,,,,बाय और वो घर जाने के लिए निकल गई,,,,,,!
*********

जब लावण्या घर पहुंची तो शाम होने आई थी,,,,,, उसने देखा कि गार्डन में मामा जी और विक्रांत दोनो बैठे हुए थे,,,,,,, उसने स्कूटी पार्क की और गार्डन में चली गई,,,,,!
मामा जी ने देखा कि लावण्या आ रही है ,,,,तो उन्होंने खड़े होते कहा
मुझे थोड़ा काम है मैं जा रहा हूं तुम दोनों शांति से बात कर लो,,,,,,!
मामा जी उन दोनों को अकेला छोड़ कर घर के अंदर चले गए ।
लावण्या और विक्रांत काफि देर तक चुपचाप बैठे रहे हैं,,,,,,,,,,
तभी लावण्या ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा आप यहाँ क्यों आए हो,,,,?

विक्रांत ___तुम्हें लेने के लिए,,,,,!

लावण्या_____
आप चले जाओ,,,, मैं वापस आपके साथ हरगिज नही आऊंगी

विक्रांत _____(उदास होते हुए)
प्लीज लावण्या ऐसी बातें मत करो
मैं तुमसे बस एक मौका चाहता हूं,,,,, प्लीज

विक्रांत अब मैं आप को मौका देते देते थक गई हूं ,,,अब मैं खुद को मौका देना चाहती हूं प्लीज,,,,,,
लाइफ में मैंने बहुत कुछ झेला है बहुत कुछ सफर किया है,,,,, अब नहीं,!
अब मैं खुद के लिए जीना चाहती हूं ,,,,जो मेरे पीछे छूट गया है,,,उसे मुड़कर नहीं देखना,,,,!
मुझे डिवोर्स देदो

विक्रांत __
अगर ना दूं तो

लावण्या ____
और भी तरीके हैं ,,,,, पर मैं नहीं चाहती की मैं उसे आजमाऊ,,,,,,

विक्रांत ने कहा तुम सच में मुझसे छुटकारा पाना चाहती
हो,,,,,,,

लावण्या ने कहा मैं अपने अतीत से छुटकारा पाना चाहती हूं और मुझ खेद है तुम भी उस अतीत का खास हिस्सा हो,,,,,,,,
अब मेरे मैं और सहनशक्ति नहीं है,,,,बस और वो वहाँ से जाने लगी,,,,!!!!

विक्रांत ने उसका हाथ पकड़कर कहा,,,,,, कुछ देर रुक नहीं सकती क्या,,,,?
बस कुछ पल

लावण्या पीछे मुडी उसके पास आकर बोली अब क्यु ,,,,,,??

विक्रांत लावण्या के करीब आया और लावण्या कुछ समझे उससे पहले उसने उसे गले लगा दिया,,,,,
लावण्या उसकी बाहो से निकलने के लिए छटपटा ने लगी पर विक्रांत की पक्कड मजबूत थी,,,,,,,,!!!
विक्रांत ने उसे कहा______
प्लीज कुछ देर ऐसे ही रहो,,,,,,, तुम टेंशन मत लो मैं तुम्हें डिवोर्स दे दूंगा,,,,,!!!
और आज से मैं तुम्हें आज़ाद कर रहा हूं,,, मेरे हर बंधन से,,,,,!
मेरा दोस्त लॉयर् वह सारे पेपर तैयार कर देगा,,,,,,, जब कोर्ट में पेशी हो तब तुम साइन करने के लिए आ जाना .........
मैंने बहुत हर्ट किया है ना तुम्हें,,,,,, अब नहीं,,!!

लावण्या क्या बोले उसे समझ ही नहीं आया,,,,,, जो इन्सान इतना कठोर बना फिरता था वो एसी बात करेगा उसने सोचा नही था।
पर अब वो उसकी बातो से थोड़ा रिलैक्स फिल कर रही थी,,,,,!

विक्रांत ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए कहा______
एक बात कहूं,,,,,, बचपन में जब हम साथ में खेलते थे,,,, तब एक दोस्त के नाते तुम अच्छी लगती थी,,,,,
फिर पापा का ट्रांसफर हो गया और हम यहां से चले गए,,,,, स्कूल कॉलेज या मेरी ऑफिस में,,,,,सब जगह मेरा फ्रेंड सर्कल बना,,,,!
पर मुझे कोई ऐसी लड़की नहीं मिली जो मेरे दिल को छू पाए या जिसे मैं प्यार कर सकु,,,,,!
तुमको शालो बाद एक दोस्त की शादी में देखा था. ..... तब मैंने मां से कहा था की
क्या यह लावण्या है,,,,,,?
तब उन्होंने मुझे प्रॉमिस किया था कि,,,, पॉसिबल होगा तो तुम्हारी शादी तेरा दिल छुने वाली लड़की से ही करवाऊंगी।
मैं बहुत खुश था,,,
मैं तुम्हें सोशियल मीडिया पर स्टॉक करने लगा था,,,,, तुम्हारी प्रोफाइल को जूम करके देखता था,,,,,,,!
जब हमारी शादी हुई और तुम ने यह कहा कि तुम किसी और से प्यार करती हो और तुम्हारा ब्रेकअप हो गया,,,,,,, तब पता नहीं दिल बहुत दुखा था ,,,,,
और उसी चक्कर में मैंने तुम्हें बहुत ज्यादा हर्ट कर दिया था।
मेरे माफि मांग ने पर तुम्हारें दिल के घाव नहीं भरेंगे फिर भी तहेदिल से सॉरी
हर एक बात के लिए,,,,,,!
उसने लावी को अपने से दूर किया,,,,, उसके फोरहेड पर किस किया,,,,
और वहाँ से चला गया,,,,,!
विक्रांत के जाने के बाद लावण्या वहां स्टेच्यू की तरह खड़ी रह गई,,,,,
उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि विक्रांत उसे आसानी से जाने देगा या उसकी बात मान कर उसे डिवोर्स देगा..............
आज उसके हर शब्द में सच्चाई थी और प्यार भी गिल्टी भी,,,,!
अब
विक्रांत और लावण्या के तलाक की प्रोसेस शुरू हो गई,,,, एक वीक में दोनों के बीच सब कुछ खत्म हो गया........ विक्रांत उसे तलाक देकर आज वापस कनाडा चला गया ,,,,,,,!
एक वीक में लावी और लक्ष एक बार भी नहीं मिले थे,,,,,,,, लावण्या ने कहा था वह विक्रांत से अलग होकर ही वो लक्ष के सामने आएगी,,,,!
जैसे विक्रांत से सारे रिश्ते खत्म हो गए,,,,,,लावण्या ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और मामा मामी को कहा आज वो पुरा दिन लक्ष के साथ ही बिताएगी ,,,,
उन दोनो को कोई प्रॉब्लम नहीं थी,,,,वो घर के लिए निकल गए,,,,,
सिया ने लावण्या को कहा,,,,, आई नो अब तुम पूरी तरह से आजाद हो,,,, तुम को अपनी फ्रीडम मिल गई है ,,,,, !!
पर आज लक्ष की फॉरेन क्लाइंट के साथ मीटिंग है,,,, तो उसे एक बार कॉल करके इन्फोर्मे कर दो,,,,,, उस दिन की तरह धमक मत जाना,,,,,

लावण्या______ अभी अपनी खुशी को छुपा नहीं सकती थी,,,,,पर सिया की बात भी सही थी,,,,इस लिए उसने लक्ष को कोल कर दिया,,,,,,रिंग जा रही थी पर वो उठा नहीं रहा था,,,

सिया _____ ने उसके चहेरे पर आने वाली चिंता की सिकन देखी तो उसने पुछा क्या हुआ,,,,,??

यार वो मेरा कॉल रिसीव नहीं कर रहा,,,,,

सिया ___
यार प्लीज तू टेंशन मत ले वह कोई काम में होगा,, !

लावण्या ______
यार मेरा दिल बेचैन हो रहा है,,,, चलो में आंटी जी को फोन लगाती हूं और उसने अंजना जी को फोन लगा दिया,,,,,,,,!
उन्होंने भी फोन नहीं उठाया चंद्रशेखर जी ने भी फोन नहीं उठाया
अब उसके दिल की धड़कने डर की वजह से तेज हो गई थी उसने कांपते हुए हाथ से,,,,,,
घर के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगा दिया,,,,,,
सामने से
घर के सरवन्ट ने फोन उठाया,,,,,
उसने लक्ष के बारे में पूछा और उसके हाथ से फोन नीचे गिर गया,,,,,,,
सियानी उसे संभालते हुए कहा __
क्या हुआ लावी प्लीज तुम बताओ मेरा दिल बैठा जा रहा है,,,,,

लावण्या जल्दी खड़ी हुई और उसने सिया को कहा प्लीज़ सिया जल्दी से सिटी हॉस्पिटल ले चलो लक्ष की तबीयत खराब हो गई है,,,,,,
जल्दी यार उसे कुछ हो ना जाए प्लीज,,,,,

जैसे ही सिया ने सुना तुरंत ही उसने लावण्या को अपने पीछे बिठाया और स्कूटी को सिटी हॉस्पिटल की ओर दौड़ा दी ,,,,,!
वो लोग सिटी हॉस्पिटल पहुंच गए थे ,,,,चंद्रशेखर जी अंजना जी और अर्थ वहाँ हॉस्पिटल के कॉरिडोर मे खड़े हुए थे,,,,,,,,
लावण्या ने अंजना जी को देखा वो उनके पास जाकर उन्हें गले लगाकर फूट फूट कर रोने लगी सिया ने दोनो को संभाला,,,,,फिर उसने पूछा क्या हुआ अचानक से,,,,,!

अंजना जी मैं बोलने की हिम्मत नहीं थी,,,,,उन्हों ने अर्थ को इशारा किया,,,,
अर्थ ने उन दोनों को और देखकर कहा कि आज सुबह वह जब सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तब उसे चक्कर आए और वह सीढ़ियों से गिर गया उसे सिर पर भी काफी चोट आई हुई है,,,,,
और डॉक्टर ने कहा है कि उसकी दोनों किडनी अब फैल हो गई है,,,,
जल्द से जल्द डॉनर चाहिए वरना उसकी जान भी जा सकती हैं,,,,,!

जब लावण्या ने ये सुना तो उसके पैरों से जैसे धरती ही खिसक गई हो,,,,,,
वह वहाँ ढेर होकर बैठ गई ,,,,,,उसे आसपास का कुछ भी नजर नहीं आ रहा था ,,,,,सिर्फ लक्ष का चेहरा ही बार बार उसके सामने आ रहा था,,,!
उसे लगा की उसे पाकर फिर खो दिया
इतने में डॉक्टर आईसीयू रुम से बाहर आ गए,,,,,,!

डॉक्टर ने चंद्रशेखर जी के सामने देखकर कहाँ ______
उसकी हालत बहुत नाजुक है,,,अब डायलिसिस भी नहीं हो सकता ,,,,,,
जल्द से जल्द आपको डोनर ढूंढना होगा वरना उसकी जान जा सकती है,,,,
हम उसे वेंटिलेटर पर ज्यादा से ज्यादा 15 दिन रख सकते हैं,,,,,फिर कोई गारंटी नहीं,,,,

लावण्या,,,,,
खड़ी हुई और उसने कहा डॉक्टर क्या मेरी किडनी लक्ष के काम आ सकती हैं,,,,,,,!!

डॉक्टर थोड़ी देर लावण्या की ओर देख ते रहे और फिर कहा
हां आ सकती है ,,,,पर हमें कुछ टेस्ट करने पड़ेंगे और आपका ब्लड ग्रुप क्या है वह भी जानना होगा,,,,,,!

लावण्या_____
मेरा और लक्ष का ब्लड ग्रुप एक ही है इसीलिए मुझे नहीं लगता कि कुछ दिक्कत आएगी,,,,!

चंद्रशेखर जी ने लावण्या को रोकते हुए कहा
बेटा पर तुम क्यों ,,,,,?

लावण्या _____
क्यु मैं नहीं दे सकती ,,,,मैं अपने लक्ष से खुद से भी ज्यादा प्यार कर सरती हूं ,,,,,

चंद्रशेखर जी___
पर तुम्हें कोई प्रॉब्लम हुई तो ,,,,??

लावण्या ने
डॉक्टर से कहा,,,,,, डॉक्टर मेरे किडनी डोनेट करने के बाद,,,,, मुझे कोई ज्यादा परेशानी तो नही होगी ना,,,,??
मैं ठीक-ठाक से चल पाऊंगी ना,,,,,

डॉक्टर ____
हां चल पाओगे आप

लावण्या____
क्या इस के बाद मैं मां बन सकती हूं,,,,,

डॉक्टर ____
हा बन सकती हो ,,,,,,
बस तो फिर कोई प्रॉब्लम नहीं है और अगर होती फिर भी में यह करती।
चलो डॉक्टर जल्द से जल्द सारे टेस्ट ब्लड टेस्ट कर दो,,,,,,लक्ष को और में इस हालत में मै देखना नही चाह्ती,,,,,,
और वो डॉक्टर के साथ चली गई,,,,,

चंद्रशेखर जी और अंजना जी के पास कोई शब्द नहीं थे,,,,,, जैसे लावण्या उनके बेटे के लिए एक भगवान का रूप बन कर आई थी,,,,,!

सारे टेस्ट हो गए सारे सारे रिपोर्ट भी नॉर्मल आए और लक्ष का ऑपरेशन शुरू हुआ,,,,,!
और ऑपरेशन सक्सेसफुल भी हो गया ऑपरेशन के दो-तीन बाद लक्ष को होश आया,,,,,,!
डॉक्टर ने उस्से मिलने की परमिशन दि पर उस्से ज्यादा बात ना करने की हिदायत भी दी।
सब लोग बारी बारी करके के लक्ष से मिलने जाने लगे ज्यादा लोग अलाउड नहीं थे इसीलिए उसके कुछ दोस्त लावण्या और उसके मां-बाप ही उसे मिलने गए,,,,,,! वो अब बिल्कुल ठीक था,,,,,
चंद्रशेखर और अंजना जी दोनों जब उसको मिलकर बहार आए तो दोनों की खुशी का कोई ठीका ना नहीं था,,,, दोनो की आँखे नम थी उन्हों ने लावी को गले लगाकर कहा,,,,,,
तुम्हारा जितना भी शुक्रिया करें इतना कम है,,,,, तुमने एक नहीं तीन-तीन जिन्दगीया बचाई है,,,,, मेरे बच्चे तुम हमारे लिए तुम कोई फरिश्ते से कम नहीं हो,,,,,!

लावण्या____
ने दोनों का हाथ पकड़ते हुए कहा आज के बाद आपके मुंह से ऐसी बातें नहीं आनी चाहिए,,, वह आप दोनों का है,,, तो मेरा भी कुछ लगता है ना,,,,,!

अंजना जी ने कहा सॉरी बेटा नहीं कहुंगी बस ,, चलो जाओ उसे मिल कर आओ,,,,!!

नहीं आंटी पहले अर्थ _सिया और सचिन को जाने दो,,,, मैं लास्ट में जाऊंगी मुझे उसके साथ कुछ वक्त बिताना है उसे जी भर के देखना है,,,,

ओके कोई नहीं पहले इन तीनों के जाने दो बाद में तुम जाना आराम से,,,,,
फिर उन्होंने लावण्या के फोरहेड पर किस किया और कसकर गले लगाया क्योंकि आज उसकी वजह से उनका बेटा जिंदा था,,,,!

पहले अर्थ गया,,,जब वो वापस आया उसके चेहरे से लगा की कुछ हुआ है ,,, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया,,,,,

जब सिया और सचिन गए और वापस आये तो उनके चहेरे देख कर लावण्य ने कहा,,,,,, आप आप दोनों के चेहरे उतरे हुए क्यों

सिया ने कहा
उसकी बातें और उसे देख कर लग रहा है कि शायद वह हमें जैसे जानता ही नहीं,,,,,, कुछ इस तरह से बात करता था जैसे हम उसके इतने क्लोज है ही नहीं,,,,,,,,,

लावण्या_____
यार डरा क्यु रहे हो,,,,,,रुको में जाती हुं,,,और वो अंदर चली गई,,,,,,,!

वो जब अंदर गई तब वो सो चुका था,,,,,,,पर लावण्या के कदमों की आहट सुनकर वह बैठ गया, , कुछ पल के लिए वो उसे देखता रहा ,,,,,फिर उसने कहां तुम लावण्या हो ना,,,,?
लावण्या ने कंफ्यूज होते हुए कहा ,,,,,हा क्या तुम मुझे नहीं जानते ,,,,???

हा स्कूल में देखा था तब के बाद शायद अब देख रहा हूं,,,,,, तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रही हो,,,,!

लावण्या का गला रूंध गया था,,,,, उसने बहुत कोशिश की उसके बाद उसकी आवाज नीकली और उसने कहा ,,,,,,,,
क्या तुम्हें लक्ष कुछ भी याद नहीं,,,,,!

लक्ष ____
क्यु क्या मैं कुछ भुल रहा हूं,,,,!

लावण्या____
अपने आप को संभालते हुए कहा,,,, हां अभी अभी अभी अभी तुम्हारा ऑपरेशन हुआ है ,,,, डॉक्टर ने तुम्हें बोलने को मना किया है ,,,,,
तुम आराम करो मैं बाद में आती हूं,,,,,!!

और वो जाने लगी,,,,,,

लावण्या रुको,,,,,, हम दोनों में तो कभी पटती नहीं थी ना,,,,, तो हम दोनों दोस्त कब हुए,,,,???

हां हम दोनों की पटती नहीं थी,,, पर अभी अभी तुम्हारी कंपनी में मुझे जॉब मीली है तुम्हारी पर्सनल सेक्रेटरी की,,,,,,
अब तुम आराम करो और वो उसे बिना देखे ही चली गई,,,,,,!
जब वह बाहर आई सिया सामने खड़ी थी और वह सिया को लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगी
वह इतनी दर्द में थी की उसका दर्द सब महसूस कर पा रहे थे ,,,,,,
अंजना जी को कुछ समझ नहीं आया उन्होंने लावण्या को पूछा,,,
बेटा तुम ऐसे क्यों रो रहे हो,,,,???
क्या हुआ जल्दी बताओ मेरा दिल बैठा जा रहा है ,,,,,,,,,,,,

लावण्या ने रोते हुए कहा___आंटी वो लक्ष........ लक्ष मुझे नहीं पहचान रहा ,,,,,, !
उससे अभी का कुछ याद ही नहीं,,,,,,, उसे स्कूल के बाद का कुछ भी याद नहीं,,,,,!
और फिर वो रोने लगी,,,,,,,,

इतने में डॉक्टर भी आ गए,,,,,, उनके हाथ में रिपोर्ट थी उन्होंने कहा के लावण्या जो बोल रही है वह सच है,,,,,, वह अपनी लाइफ में बहुत पीछे चला गया है,,,,उसकी मेमरी लोस सो गई हैं,,,,।
उससे अपने कुछ करीबी दोस्त और मा पापा के अलावा कोई याद नहीं है,,,,,!
जब उसे चक्कर आए थे तब वह गिरा था और उसकी वजह से लक्ष के दिमाग पर गहरी चोट आई है,,, उसकी वजह से उसकी मेमोरी लॉस हो गई है ,,,,,!


क्रमश........जारी है