Real Incidents - Incident 6: बेवफ़ा माँ Anil Patel_Bunny द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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Real Incidents - Incident 6: बेवफ़ा माँ

इंस्पेक्टर समशेर सिंह नाइट पेट्रोलिंग में थे कि तभी डिपार्टमेंट से कॉल आया, “हमें एक बच्चा मिला है, करीबन 5 महीने का है। कोई जंगल में फेंक गया था, आप तुरंत वहां रिपोर्टिंग करें।”
समशेर सिंह तुरंत दिए गए पते पर पहुंच गए। वहां पर उन्होंने देखा तो एक 5 महीने का बच्चा रो रहा था। उसे गोद में लिए कॉन्स्टेबल ने समशेर जी को बताया कि, “जंगल के पास ही एक गांव है, उसी गांव के कुछ बच्चे सुबह यहाँ मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे तभी उन लोगों को झाड़ियों में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखा तो छोटा सा बच्चा था। उन बच्चों में से एक ने अपने पिता को यहां बुलाया और उसके पिता ने पुलिस को यहां पर बुलाया।”
समशेर सिंह तुरंत उस बच्चे को लेकर अनाथाश्रम पहुंचे। वहां सारी औपचारिकता ख़त्म कर के उन्होंने थाने में जाकर अपने ऊपरी अधिकारी को रिपोर्टिंग की। उन्होंने समशेर सिंह को उस बच्चे की सारी डिटेल इकट्ठा करने का आदेश दिया। समशेर सिंह ने अनाथाश्रम के लोगों को अखबार एवं सोशियल मीडिया में उस बच्चे की तस्वीर जारी करने का आदेश दे दिया।
अखबार में उस बच्चे की फ़ोटो आने के बाद भी कोई उसे लेने नहीं आया। कुछ लोगों ने उसे गोद लेने की अर्जी की पर समशेर जी को उसके असली माँ-बाप की तलाश थी। एक दिन पुलिस स्टेशन में एक कॉल आया, उस शख्स के मुताबिक ये बच्चा जिस माँ की संतान है वो उसे जानता था। समशेर जी एक पल भी गंवाए बिना तुरंत उस शख्स के दिए गए पते पर पहुंचे।
“आप ही राशि है?” समशेर जी ने उस पते पर पहुंचकर एक औरत से पूछा।
“जी हां! मैं ही राशि हूँ।”
“ये बच्चा तुम्हारा है?” समशेर सिंह ने उस बच्चे की तस्वीर दिखाते हुए पूछा।
“जी नहीं! और आप है कौन?” राशि ने पूछा।
समशेर सिंह ने अपना परिचय दिया और आगे की पूछताछ की, “आप के पड़ोस के एक व्यक्ति ने इस बच्चे के साथ आपको देखा था।”
“हां देखा होगा, क्योंकि ये बच्चा 2 महीने मेरे घर ही रहा था। मैंने ही इसकी देखभाल की थी, पर ये बच्चा मेरा नहीं है।”
“तुम्हारा बच्चा नहीं है तो फिर 2 महीने तक ये बच्चा तुम्हारे पास क्यों था? क्या तुम इसके असली माँ-बाप को जानती हो?” समशेर जी ने पूछा।
“मैं इस बच्चे की माँ को जानती हूं पर इसका बाप कौन है ये मुझे नहीं पता!”
“कौन है इसकी माँ?’
“जी उसका नाम किंजल है। वो मेरी सहेली है। अभी 10 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है।”
“10 महीने पहले शादी हुई और 5 महीने का बच्चा हो गया उसे?” समशेर जी ने आश्चर्य के साथ पूछा।
“जी! पर मुझे उस बारे में ज्यादा नहीं पता। उसने मुझे इस बच्चे को संभालने के लिए दिया था, पर 2 महीने इसे संभालना मुझको भारी पड़ रहा था। लोग मुझको शक की निगाह से देख रहे थे। इस बच्चे के खर्चे देने भी बंद कर दिया था किंजल ने, इसलिए मैंने किंजल को ये बच्चा वापस कर दिया।”
“किंजल का पता मिलेगा?” समशेर जी ने पूछा, राशि ने किंजल का पता दिया और समशेर जी तुरंत किंजल के घर की ओर चल दिए।
किंजल के घर पर पहुँचने के बाद दरवाजे पर उन्होंने दस्तक दी। दरवाजा किसी आदमी ने खोला।
“जी मैं इंस्पेक्टर समशेर सिंह हूँ। किंजल जी यहीं पर रहती है?”
“जी नहीं, वो अपने मायके रहती है। मैंने उसे घर से निकाल दिया है।” उस शख़्स ने कहा।
“मतलब आप उनके पति है?”
“पति हूँ नहीं, पति था! मैंने उसे डिवोर्स देने का मन बना लिया है।”
“माफ करना पर क्या मैं पूछ सकता हूँ, ऐसा क्यों?”
“मैं कॉलेज के टाइम से ही उसे चाहता था, पर उसने मुझे ठुकराकर वो जिसे चाहती थी उससे शादी कर ली। कुछ महीनों तक तो सब ठीक रहा पर बाद में दोनों के बीच अनबन होने लगी। नतीजन किंजल ने उसे छोड़ दिया। उसने वो शादी अपने घरवालों के मर्जी के ख़िलाफ़ की थी, इसलिए उन लोगों ने भी उसे सहारा नहीं दिया। मेरा पहला प्यार होने के खातिर मैंने उसे अपना लिया। उसने मुझे बताया कि वो प्रेग्नेंट है तो मैंने उसे बच्चा गिराने को कहा। वो मान भी गई पर उसने ऐसा किया नहीं। कुछ महीनों पहले उसके मायके वाले उसे अपनाने को मान गए। उसने अपने मायके जाकर उस बच्चे को जन्म दिया और मुझे शक ना हो इसलिए उसने ये बच्चा उसकी सहेली राशि का है ऐसा मुझे बताया। कुछ दिनों पहले राशि ने भी उसे अपनाने से इनकार कर दिया इसलिए किंजल का भाँडा फुट गया। मैंने उसे 2 ऑप्शन दिए या तो वो इस बच्चे को अपनाए या फिर वो मेरे साथ रहे। उसने अपने बच्चे को चुना इसलिए मुझे उसे मजबूरन छोड़ना पड़ा। अब वो अपने मायके होंगी।”
समशेर जी को बहुत कुछ सुनाने को मन हुआ पर उन्होंने किंजल से मिलना ज़्यादा जरूरी समझा। किंजल के मायके जाकर उन्हें सारी कहानी समझ आ गई। किंजल उस बच्चे को अपनाना चाहती थी पर इस समाज में जीना भी चाहती थी इसलिए उसने अपने घरवालों की सुनकर उसके अपने बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया।
अफ़सोस इस कहानी का अंत सुखद नहीं है, कम से कम उस बच्चे के लिए नहीं। किंजल को कोई सजा नहीं हुई। वो अपने पति के पास चली गई, उसने अपने बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया। समशेर जी ने उस बच्चे को अनाथाश्रम वापस भेज दिया। उम्मीद है उस बच्चे को अपनाने के लिए और गोद लेने के लिए उसे कोई अच्छा परिवार मिल जाए।

सच्ची घटना पर आधारित।
Incident 6 समाप्त 🙏

✍ Anil Patel (Bunny)