लावण्या - भाग 14 Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग 14

लावण्या आज बहुत दिनों के बाद खा रही थी,,,,, और उसे खाता हुए देख लक्ष सुकून से देख रहा था,,,, लावण्या ने प्लेट मैं रखा खाना फिनिश कर दिया,,, !
लक्ष ने कहा कुछ लाऊ और ,,,,????

लावण्या___ने
ना में गर्दन हिला दी,, !

लक्ष ___
अब तुम आराम करो कुछ भी चाहिए कुछ भी जरूरत हो तो मुझे मिस कॉल करना, मेरा फोन नंबर तो है ना तुम्हारे पास,,,,,?
लावण्या ने फिर से हा मे गर्दन हिलाई ,,

लक्ष____
ओके तो मैं चलता हूं और वो कमरे से बाहर आ गया,,,,!

उसने देखा कि नीचे सब उसकी राह देख रहे थे उसने सबको कहा लावण्या ने खाना खा लिया है,,,,, और वह अब आराम कर रही है,,!
मामा जी बोले____ उसने कुछ बात की तुम से,,,,???

लक्ष_____
नहीं अभी वह कुछ नहीं बोली,,,,पर मुझे उम्मीद है वो जल्द बात करेगी,,,,!
मामु एक बात कहूं,,,,, मेरी लावी सच में ऐसी नहीं थी,,,,!
ना झूठ पसंद था ,,,,ना झूठे लोग ,,,,!!
वह 3 साल से आप लोगों से झूठ बोलती रही और आप लोगों को पता भी नहीं,,,,,!!
मैंने सिया से पूछा था कि अचानक से उन लोगों से उसने बातें करने क्यों बंद कर दी तो उसने बताया वो बदल गई है,,,मुझे सच मे यकीन नहीं हुआ था।
अगर नानु की डेथ ना हुई होती तो शायद हम जान ही नहीं पाते,,,,,,!
सुधीर जी ने ____
अफसोस जताते हुए,,,,,, सही कहा, मेने ध्यान ही नहीं दिया, क्युंकी ज्यादातर फोन से ही बाते होती थी,,,,और,वीडियो कॉल में इतना नेटवर्क प्रॉब्लम होता था तो मुझे पता ही नहीं चला की वो जानबूझकर कर रही है।
मुझे मेरी बेटी की आवाज सुननी है,,, कैसे भी,,!
लक्ष यह काम तू ही कर सकता है,,
और जब वह हम सब से बात करेगी तभी तो हमें पता चलेगा कि उसकी लाइफ में क्या चल रहा है,,, उसकी परेशानी के बारे मैं
लक्ष ने कहा में पुरी कोशिश करूंगा,,,,, मामु

___________

उस और विक्रांत अपने घर आया उसने देखा कि श्रुति सोफे पर बैठी हुई थी ,,,,,,उसकी राही देख रही थी ,,,!
विक्रांत ने अपना बेग साइड में रखते हुए कहा लावण्या कैसी है ,,, ??
श्रुति ने कहा _____
वह इंडिया चली गई,,,

विक्रांत ______ व्हाट,,,,,,, पर क्यों ,,,,??

श्रुति ने सारी बात बता दी,,,, विक्रांत गुस्से में ,,,, श्रुति की और देखकर बोला,,,,,,
तुमने मुझे कॉल क्यु नहीं किया,,,,,,

उसने मुझे मना किया था इसलिए,,,,,

विक्रांत ______ गुस्साई हुई आवाज में बोला
उसने तुम्हें मना किया और तुमने मुझे कॉल नहीं किया तुम ऐसे कैसे जाने दे सकती हो उसे,,,,,!

श्रुति ने भी गुस्से में कहा_____
उसने मुझे मना किया था और कहा था अगर मैं तुम्हें बताऊंगी तो वह तुम्हारे मॉम डैड को बता देगी कि तूने उसका अबॉर्शन करवाया है ,,,, उसको पुछे बिना,,,,!
और यार तुम कैसे इंसान बन गए हो ,,,,यार ऐसा कौन करता है ,,,!
तुम्हें क्या लगता है कि वह तुम्हारे साथ 3 साल से क्यों थी,,,,कमजोर थी इसलिए,,,,,
वह इसलिए नहीं थी कि वह तुम से डरती थी,,,,या फिर कमजोर थी,,,,
वो तुम्हारे साथ थी क्योंकि वह अपने आप से भाग रही थी, और आज तूने उसके साथ जो किया है,,
इसके लिए उसने खुद से तुमको अगल कर दिया है,,,,
तुम ने उसको सच में हमेशा के लिए दूर कर दिया ,,,,,,,,,!
उस मैं कितनी हिम्मत थी वो मैंने तब देखी जब शेखर ने उस पर उंगली उठाई थी,,, तुमने भी देखा था ना,,,,,!
मैंने तभी महसूस किया था यह लड़की बहुत ज्यादा स्ट्रांग है और तुम्हारे साथ इसलिए है क्यों की वो अपने अतीत से भाग रही थी। और एक बात उसने सख्ती से कहा है की
तुम उसके पीछे ना जाओ ,,,,, वो भी कहा है अगर गए तो तुम्हारे मॉम डैड को बता देगी कि तुमने आज क्या किया है,,,,!
वो लोग बात कर ही रहे थे की उन्हों ने देखा की विक्रांत के मॉम डैड वहा दरवाज़े पर खड़े थे,,,,! दोनो चौंक गए थे
विक्रांत ने उन्हें अंदर बुलाते हुए कहा,,,,,
आप अचानक कैसे ,,,,,

दोनो ने साथ मे ही कहा____
अचानक नहीं हम पिछले 1 महीने से सोच रहे थे यहा आने की ।
सोचा आप दोनों को सरप्राइज दे,, पर हमारी लावण्या है कहां,,,,??
विक्रांत ____
लावण्या इंडिया गई है ,,,,,,

शीला____क्यों

क्योंकि उसके नाना-नानी की डेथ हो गई है,,,

विक्रांत की मॉम ने अफसोस जताते हुए कहा अब तो हम यहां से जा भी नहीं सकते हैं ,,,,,कोई नहीं चलो कॉल कर देंगे पर तू क्यों नहीं गया,,,,???

श्रुति ने उसका पक्ष लेते हुए कहा लावण्या ने उसे मना किया था आंटी
क्योंकि उसका बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है ,,,,,और बहुत ज्यादा पैसे लगे हुए हैं ,,!
अगर वहां आता है तो उसे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है,,,, इसलिए ,,,!!

उन लोगों को कुछ पता नहीं था उन्होंने यह बात सच मान ली।।।
थोड़ी देर बाद उन्होंने इंडिया फोन लगाया सुधीर जी से सुधा जी से बात की
फिर ना आने का दुख जताया ,,,,,
मामा जी ने अभी लावी से बात नही की थी तो उन्होने भी और कुछ नही कहा।
_______
_______

यहां सब लोग लावण्या से बात करने के लिए तरस गए थे पर वह किसी से बात नहीं करती ,,,,, कोई और खाना लेकर जाता तो वह शाम तक एसे ही रहता ,, पर लक्ष लेकर जाता तो वो फिनिश कर देती।
अब यह रूटीन बन गया था वह नीचे तो आती नहीं थी,,,पर लक्ष ऊपर जाता ,,,,,खाना खिलाता थोड़ी देर उसके पास में बैठकर नीचे आ जाता ,,,,,
ऐसे ही करते कब दिन बीत गए पता ही नहीं चला,,,,,,आज नाना-नानी की तेरवी थी,,,,
आज लावण्या पूरे 12 दिन बाद अपने कमरे से बाहर आई थी,,,,,
सारी विधि हो चुकी थी ,,,,दोनो अस्थि कलश को विधि के बाद सुधीर जी को सौंपा और उनकी अस्थियां गंगा जी में प्रवाहित करने को कहा गया,,,
ब्राह्मणों को दान दिया,, जो करीबी रिश्तेदार थे,,,,वो भी आज चले गए थे,,,,
अब सिर्फ घर मे घर के सदस्य और लावण्या के दोस्त थे ,,,,,अंजना जी और चंद्रशेखर जी भी हाथ जोड़कर कहां की कुछ भी जरूरत हो तो बेझिझक बताइएगा और वो भी वहां से चले गए।
विधि के बाद लावण्या गार्डन में चली गई,,,,वो नीचे तो आई पर अभी भी सब से कटी कटी रहती थी।
मामी जी ने कहा मरी बच्ची ने क्या हाल बना रखा है,,, पर चलो ये खुशी बात है,,,, कि उसने अपने आपको चार दीवारों से बाहर तो निकाला,,,,
वो लोग बात कर ही रहे थे कि किसी ने दरवाजे पर नॉक किया,,,,
वो श्रुति थी उसने कहा मैं अंदर आ सकती हूं,,,,,

मामाजी उसे कंफ्यूज हो कर देखने लगे,,, क्योंकि उन्हो ने पहले कभी भी श्रुति को देखा नहीं था,,,,,
वह कुछ बोलते हैं उससे पहले ही लक्ष ने कहा श्रुति........ तुम कब आई केनेडा से और यहाँ,,,,
वो भी लक्ष को यहाँ देख कर थोडी चौंकी उसने लक्ष को हग किया और कहा पांच दिन हो गए भाई और आप कैसे हो,,और घर पर सब,,,,
में भी ठीक हुं और घर पर भी सब ठीक है,,,पर तु यहाँ,,,,,,,,????
श्रुति ने देखा के बाकी सारे भी उसकी और सवालिया नजरो से देख रहे थे तो
श्रुति ने मामा जी मामी जी को नमस्ते किया
और सिया _सचिन को हाय बोला,,,,,,फिर सोफे पर बैठते हुए कहा
मैं लावण्या की दोस्त हुं,,, यहा मे दिल्ली में मेरी बुआ जी यानी लक्ष भाई की मॉम से मिल ने आई थी,,,,,तो सोचा की एक बार लावण्या से मिलती चलु,,,,,,,वो कैसी है,,,?

सिया ____
उस दिन मैंने क्या आप से बात की थी,,,,

श्रुति ने कहा हां ,,,और कहा
की मैं कैनेडा में लावण्या की एकलौती दोस्त थी।

कोई और श्रुति से कुछ पूछता उससे पहले ही लक्ष ने उसे कहा छोटी मुझे यह बता कि विक्रांत और लावण्या का रिश्ता कैसा था,,,या कैसा है,,,,???

श्रुति ने कहा वह आप लावण्या से ही पूछ सकते हो मैं उसका जवाब नहीं दे सकती,,,,

लक्ष ने कहा अगर वह बात करती तो हम पूछ ही लेते,,,,,, वह जब से आई है तब से उसने एक शब्द अपने मुंह से नहीं निकाला ,,,,,
ना किसी से बात की है,, !!!
वह जब से आई है तब से अपने आप को कमरे में बंद कर कर रखा है,,,,,,,
और मुझे पता है वह कभी नहीं बताएगी की उसके साथ क्या हुआ,,,,
तुझे मेरी कसम है,,,, वहा क्या हुआ सब कुछ तु हमें बताएगी,,,,,!!
श्रुति ने कहा ______
पर पहले आप मुझे मेरे सवालों का जवाब दो आप लावण्या को कैसे जानते हो,,,, फिर वो बोलते बोलते चुप हो गई,,,,,
उसे समझ आ गया की उसका भाई ही उसकी दोस्त का बॉयफ्रेंड है,,,!
पहले तो श्रुति कीसको कुछ भी बताना नही चाहती थी,,,, पर अब उसके भाई का सवाल था ।
और उसकी कसम का,,,, भी
श्रुति ने बोलना शुरू
उसने शादी से लेकर अभी हालही मैं जो भी कुछ हुआ उसके अबॉर्शन तक की सारी बातें बताईं ।
जब श्रुति बोल रही थी,, सब लोग ध्यान से सुन रहे थे,,,, सबकी आंखों में नमी सी छा गई थी,,,,,
और सारे के सारे एकदम शोक्ड में थे,,,,,,, फिर उस ने अपनी बात कंप्लीट करते हुए कहा,,,,,,
सच कहु ,,,भाई
सिर्फ विक्रांत को ही नहीं पर मुझे भी उसकी आंखों में आपके लिए प्यार दिखता था ,,,,,,!!
वह कभी जताती नहीं थी पर आप उसकी जान थे और वो आपको चाहकर भी भुलना नहीं चाह्ती थी,,,,!!
आप दोनो के बिच क्या हुआ वो पता नही पर वो खुद को जानबूझकर तकलीफ दे रही थी।
यहां आने से पहले ही उसका जबरन अबॉर्शन करवाया क्योंकि विक्रम का कहना था कि जब,,,,,
जब तक लावण्या की आंखों में आपके लिए प्यार दिखना बंद नहीं हो जाता तब तक वो लावण्या को नातो अपना सकता है
ना बच्चे को इस दुनिया में ला सकते है,,,!
क्योंकि उसे पता है कि लावण्या आजतक आपको भूली नहीं है।
श्रुति की सारी बातें सुनकर लक्ष को अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था
लक्ष ने दिवाल पर जोर से मुक्का मारा,,,,, उसके हाथ से खून भी निकलने लगा था,,,,,
वह अपने आप को ब्लेम करने लगा था कि यह सब कुछ मेरी वजह से हुआ है,,,,!!

मामा जी ने जब यह सारी बातें सुनी तो वह भी गुस्सा हो गए उन्होंने कहा
मैं अभी विक्रांत से बात करूंगा और डिवोर्स के लिए बोलूंगा,,,,!
श्रुति ने मामा जी को शांत करते हुए कहा नहीं अंकल अभी वह स्टेबल नहीं है,,,,
पहले आप सब उसे एहसास कराओ कि वह कुछ है,,,, उसे एहसास कराओ की उसकी कोई गलती नहीं है,,
खास करके भाई आप,,,,,
उसका खोया हुआ विश्वास और प्यार दोनों वापस लाने की कोशिश करो।
अभी मैं भी उसे मिलने नहीं जाऊंगी और आप लोग भी मत बताना कि ,,,,,,
आप लोगों को सब पता है ,,,
उसे अपने लिए स्टैंड खुद लेने दो,,,,,

सबको श्रुति की बात सही लगी ,,,,उसने थोड़ी देर,,, सबसे बातें की,, फिर जाते हुए लक्ष से कहा मैं बुआ जी से मिलने जा रही हूं , कल रात मेरी फ्लाइट है ,,!
आप यहा लावण्या के पास रुको ,,,,,,उसने सबको बाय बोला और मुस्कुराते हुए वहां से चली गई,,,,
उसका मन था पर वो नहीं मिली लावण्या से ।

सब लोग बैठे थे,,, लक्ष खड़ा हुआ और गार्डन की और चला गया,,,,लावण्या से मिल ने,,

लावण्या गार्डन में एक बेंच पर धूप में बैठी हुई थी,,,,लक्ष ठीक उसके सामने नीचे जाकर बैठ गया,,,,, वो लावण्या को देखता रहा,,,,,,लावी ने उसकी और देखा फिर अपनी नज़रे फेर ली।
अपने प्यार को इस तरह देख कर लक्ष की आह निकल गई.......
इस मायूस चेहरे में बहुत राज छुपा रखे हैं,,
बदन पर दिखते नहीं जो जख्म,,,,,
वो उसने अंदर छुपा रखे हैं ,,,,,,,,!!!!

काफी देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रहे,,,,,,फिर लावण्या ने बात शुरू करते हुए कहा ,,,,,,,,
बोलो क्या बोलना चाहते हो,,,,,,,,

लक्ष ने______
इतने साल बाद अपनी लावण्या से यह सुना था कि बोलो क्या पूछना चाहते हो,,,,

लक्ष के लिए ये आवाज किसी बांसुरी से कम नहीं थी,,,,
,लक्ष ने कहा कैसी हो तुम ,,,???
लावण्या______
जैसा छोड़ कर गए थे वैसे ही,,,,,,

लक्ष _____
दर्द भरी आवाज मैं
यार क्या हाल बना रखा है,,,, तुम ने,,

लावण्या फीका मुस्कुराई और कहा,,, तुमको तो खुश होना चाहिए
मेरी जैसी घटिया के साथ ऐसा ही होना चाहिए था ,,,,कुछ ज्यादा ही बद्दुआ दी थी,,,,,, तुमने,,,??
देखो लग गई,,,,!

लक्ष के पास कोई शब्द नहीं थे,,,,, लावी का हर एक शब्द से कांटे की तरह चुभ रहा था,,,,,,
उसका गला रुंध गया
उसके गले से सिर्फ सॉरी ही निकला,,,,,

लावण्या ने कहा सॉरी किस लिए ,,,????

लक्ष ______
वो हर बात के लिए जो मैंने तुम्हारे साथ की ,,,,,??
लावण्या____
ज्यादा सॉरी मत बोलो,,,,,, तुम्हारी गर्लफ्रेंड बुरा मान जाएगी ,,,,,
कही उसने सुन लिया तो,,,,!

लक्ष की थोड़ी हंसी निकल गई ,,,,,उसने लावण्या की ओर देखकर कहा,,,,
सीधा क्यों पूछ नहीं लेती कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड है या नहीं,,,,,, !!!
मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं,,,,,,, तुम्हारे बाद तुमसा कोई मिला ही नहीं मुझे,,,,

लावण्या_____
बड़े अजीब हो यार तुम,,,,, मेरे जैसी घटिया से अपना पीछा छुड़ाकर मेरी जैसी चाहिए थी,,,,,,!!

प्लीज लावण्या ऐसे शब्दों मत बोलो बहुत चुभते
है,,,,,,,,,,!!

मैं कहां बोल रही हूं ,,,,तुम्हारे शब्द है तुम्हें ही वापस दे रही हुं,,,,
लावी मैं तुम्हें कैसे बताऊं,,, मेरी लाइफ में तुम्हारे सिवा ना कोई था ना कोई आएगा ना मैं आने दूंगा,,,!!

लावण्या_____
इतना अपनापन मत जताई जनाब बाद में बहुत दर्द देता है,,,,,
अब फर्क नहीं पड़ता,
किसी भी बात से,,,,,!!!
तेरी मौजूदगी का असर
अब बेअसर हो गया!!
मैं कितना भी चाहूं ,,,
कि सब ठीक हो जाए,
पर मेरी
हर कोशिशों का नतीज़ा
आंसुओं के साथ बह गया ,,!!

दोनो के बिच एक ख़ामोशी पसर गई,,,,,,लक्ष को लावण्या के हर एक शब्द घाव की तरह चुभ रहे थे।

प्यार के लिए चार पल कम नहीं थे
कभी तुम नहीं थे कभी हम नहीं थे
प्यार के हसीं कब ये मौसम नहीं थे
कभी तुम नहीं थे ...

ये दिन बरसों के बाद आया
कुछ तुम्हें कुछ हमें याद आया
कसक फिर ये दिल में उठी है
होंठों पे बात आके रुकी है
कभी इतने मजबूर तो हम नहीं थे
प्यार के लिए ...
अगर तुम ये दिल मांग लेते
जान-ए-मन हम तुम्हें जान देते
ये कैसे हम भूल जाते
मर के भी तुम हमें याद आते
तुम्हें है पता बेवफ़ा हम नहीं थे
प्यार के लिए ...

लावण्या खड़ी हुई,,,,,, लक्ष की और देखे बिना ही वह वहां से चली।
जब वो अंदर आई तो सिया सचिन मामा मामी और उसका कजीन लिविंग एरिया में बैठे हुए थे,,,, उसके पीछे पीछे लक्ष भी आ गया था।
लावण्या ने सब से पहले अपने मामा को कस के गले लगाया और उनके माथे को चूमते हुए कहा ,,,,,,,,
सॉरी मामु आपको बहुत तकलीफ दि ना,,,,,,

अरे नहीं बच्चे आप एसा मत सोचो,,,,,, आपने मुझे आज खुश कर दिया आपकी आवाज सुना कर,, ,,!!
तरस गए थे हम सच मैं,,,,!
सॉरी अब एसा नही होगा।
फिर उसने अपनी मामी को अपने छोटे से कजिन को और अपने दोस्तों को गले लगाते हुए सॉरी बोला,,,,,

वहा दुर खड़ा हुआ लक्ष सब देख रहा था.........
लक्ष खुश था चाहे वो उस्से बात करे या ना करे पर कम से कम वो उसे देख सकता है
अब वो उसके करीब तो रहेगी,,,,,,उसने मन में ठान ली थी की अब जितनी भी सांस बची है,,,
वो हर एक पल अपनी लावी के साथ जिएगा,,,,,,,!

क्रमश _______जारी है

आज का पार्ट कैसे लगा वह कमेंट में जरूर बताइएगा,,,,,, आप सब की रेटिंग और कमेंट मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤🍫🍫🍫🍫🍫