Nafrat se bandha hua pyaar - 19 books and stories free download online pdf in Hindi

नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 19

"ऑर कंपनी इस वन ऑफ द बेस्ट व्हैन इट कम्स टू बिल्डिंग फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर, मिस्टर सिंघम। प्रीटी सून वी ऑर गोइंग टू बी लाइट ईयर्स अहेड ऑफ ऑर बिगेस्ट कंपटीटर्स।"

"आई नो," देव ने जवाब दिया। "डैट्स वाय आई हैव डिसाइड टू इन्वेस्ट।"

देव एक कंपनी के सीईओ और संस्थापक के साथ बात कर रहा था जो न केवल चेहरे की पहचान बताने वाले सॉफ्टवेयर को बनाने में विशेषज्ञता रखता था, बल्कि यह भी बता सकता था कि जब कोई व्यक्ति वृद्ध हो या भेस बदले तो वह कैसा दिखेगा। देव के इन्वेस्टिगेटर पहले से ही इसी तरह के सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे थे रायडू को ढूंढने में, पर वोह सॉफ्टवेयर इतना विकसित नही था अगर रायडू ने अच्छा भेस बदला हो तो पता लगा पाए।

"वी आर जेनुइनली एक्साइटेड टू हैव पैशनेट इन्वेस्टर्स सच एस यू फॉर ऑर कंपनी, मिस्टर सिंघम। आई नो यू हैव ऑलरेडी इदर परचेस्ड और इन्वेस्टेड इन अदर स्टार्टअप कॉर्पोरेशन सच एस आयर्स।" सीईओ ने अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी। उन्हे देव के बिजनेस के बारे में बहुत कुछ पता था।
कुछ लोगों के धारणा के विपरीत, देव केवल सिंघम इंडस्ट्रीज नही चला रहा था। बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन करने के बाद, उसने सिंघम्स के विरासत में मिले हुए पैसों का कुछ हिस्सा छोटे छोटे नई कंपनीज़ में निवेश कर रखा था। किस्मत से, उसके रिस्क के बदले उसने बहुत मुनाफा भी कमाया था। और उसी मुनाफे से वोह और ज्यादा निवेश करता था और ज्यादा मुनाफा कमाता बिना और सिंघम्स के पैसों को हाथ लगाए।

"डैट्स गुड टू हियर, बिकॉज आई लाइक बीइंग पर्सनली इंवॉल्व्ड इन ऑल ऑफ माय इन्वेस्टमेंट।" देव आगे भी कुछ बोलता उससे पहले उसने सुना की कोई उसका नाम पुकार रहा है।

"देव!" एक औरत की आवाज़ फिर सुनाई पड़ी।

देव के चेहरे पर झुंझलाहट छा गई जब उसने पीछे पलट कर देखा की कौन उसके जरूरी मीटिंग के बीच में परेशान करने आ गया। जब उसने देखा की आखिर में है कौन तोह उसके चेहरे के भाव और गहरा गए।
"टिया," देव ने अपने आप को नॉर्मल करते हुए कहा।

बाद में उसने यह महसूस किया की जहां भी देव जाता था टिया हर जगह उसके पीछे पीछे पहुंच जाती थी। उन दोनो के कुछ कॉमन फ्रेंड्स भी थे, लेकिन जिस तरह से उससे वोह उससे चिपकती थी हर बार और जो फोटोज़ मैगज़ीन में आए दिन उन दोनो की छपती थी, उससे ये अंदेशा होने लगा था लोगों को की दोनो कपल्स हैं जिससे उसे अब चिढ़ होने लगी थी।

"क्या मैं अभय को यहां से कुछ समय के लिए ले जा सकती हूं?" टिया ने उस आदमी से कहा जिससे अभी देव बात कर रहा था।

"श्योर," उस आदमी ने कहा, उस खूबसूरत लड़की की तरफ देख कर जो बार बार अपनी पलके झपका रही थी।
"जैसा हमने तै किया था में अगले हफ्ते आपके साथ मीटिंग अरेंज करता हूं, मिस्टर सिंघम।"

देव ने हां में सिर हिला दिया। उसे अब चिढ़ होने लगी थी टिया से क्योंकि जैसा टिया चाहा वो हो गया और देव की मीटिंग बीच में ही रुक गई।

उस आदमी के जाते ही टिया ने देव का हाथ पकड़ा और उसे ले जाने लगी उस मेन हॉल की तरफ जहां उस रात एक बड़ी पार्टी चल रही थी। देव पहले ही सब से मिल चुका था और दो डील्स भी पूरी कर चुका था। जिस वजह से वो यहां आया था वो काम हो गया था तो अब बस वोह यहां से जाने वाला था।

"मैं अपनी मीटिंग के बीच में था कुछ जरूरी डिसकशन हो रहा था और तुमने हमे डिस्टर्ब कर दिया, टिया।" देव ने कहा जब पार्टी के शोर से थोड़ा सा दूर हुआ।

"तुम इन दिनों हमेशा ही मैं मुझे इग्नोर करते हो, देव।" टिया ने मुंह बनाते हुए कहा।

देव चिड़चिड़ा सा उसकी तरफ देख रहा था जिसे उसकी बात सुनने में बिलकुल इंटरेस्ट नहीं था। "टिया, मैने तुम्हे कितनी बार कहा है। मैं बहुत बिज़ी हूं और मेरे पास टाइम नही......."

"मुझे पता है। मुझे पता है।" टिया ने देव की बात काटते हुए तुरंत जवाब दिया। "मैं तुमसे यह उम्मीद तो नही करती की तुम मुझे बाहर लेकर जाओ या कोई प्रोमिस करो। मैं बस तुम्हारी दोस्त बन कर रहना चाहती हूं और बस रहूं तुम्हारे पास जब भी तुम्हारा किसी से बात करने का मन करे।"

देव ने आह भरी उसे टिया की बातों पर बिलकुल भी विश्वास नहीं था। उसकी 'दोस्त' जो हर उस लड़की को दूर उससे दूर भगा देती थी जो भी उससे बात करने आती थी।

"मैं बस थोड़ी देर में निकलने वाला हूं। आज का बहुत लंबा शेड्यूल था मेरा और अब बहुत थक गया हूं। कल भी मेरा इसी तरह और भी व्यस्त जाने वाला है दिन।" देव ने कहा।

टिया उसे एक दृढ़ मुस्कान से देख रही थी। "मैं समझती हूं। मैने सुना है तुम्हारा कैनल का और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का काम शुरू हो चुका है और तुम ये सब काम संभाल रहे हो। मुझे भी मन है यह सब देखने का और इसके बारे में और जानने का। क्या तुम मुझे भी लेकर चलोगे वहां?" टिया ने झूठी इच्छा जताते हुए कहा।

"नही।"

देव का इंकार सुनते ही टिया की मुस्कान कम हो गई। देव के इस तरह डायरेक्ट मना करने की उम्मीद नही थी टिया को जिस वजह से उसे थोड़ा बुरा लगा लेकिन फिर अपने आप को नॉर्मल दिखाते हुए वोह वहीं खड़ी रही।

देव उसको पूरी तरह से इग्नोर करते हुए गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया। गेस्ट रूम का वाशरूम दिखते ही वोह अंदर चला गया। अपने चेहरे पर से थकान कुछ कम करने के लिए उसने अपने चेहरे पर पानी की कुछ छीटें मारी। उसे इस शहर में रात नही बितानी थी। वोह जल्द से जल्द वापिस सिंघम एस्टेट जाना चाहता था।

उसने जल्दी से अपने ड्राइवर को एक मैसेज टाइप कर भेज दिया की कुछ देर में उसे गेट पर लेने आ जाए। जैसे ही देव वाशरूम से बाहर आया उसने देखा उसकी 'दोस्त' निर्वस्त्र खड़ी थी गेस्ट बेडरूम में।

"यह क्या कर रही हो तुम, टिया?" देव ने टिया को इस तरह देखते ही अपने गुस्से पर नियंत्रण खो दिया।

"कम ऑन, देव। अब मज़ाक करना बंद करो। हम दोनो ही जानते हैं की तुम मुझे पाना चाहते हो और मैं तुम्हे।" टिया देव के नज़दीक आने लगी। "होल्ड मी, देव। मैं तुम्हारे प्यार को देखना चाहती हूं, महसूस करना चाहती हूं। जो भी मैने दूसरी लड़कियों के मुंह से सुना है तुम्हारे वाइल्ड लव के बारे में, मैं वोह महसूस करना चाहती हूं। मुझे भी अपने प्यार के रंग में रंग दो। दिखाओ मुझे की तुम मुझे कितना चाहते हो।"

"मैं तुम्हे नही चाहता।" देव ने ठंडे भाव से कहा। वोह उसके साथ बुरा बरताव नही करना चाहता था तोह उसने बड़ी शिष्टता से कहा था। कुछ महीने पहले तक, शायद उसका ऑफर देव बिना कुछ सोचे एक्सेप्ट कर लेता। लेकिन अब वोह बिलकुल भी उसका ऑफर एक्सेप्ट करने के मूड में नहीं था जिसके लिए उसे बिलकुल भी इंटरेस्ट न हो।

टिया उसके नज़दीक आई और अपने हाथों को उसके कंधे पर रख कर उसने उसे हल्का सा होंठों पर चूम लिया। "मैं तुम्हे कुछ ही समय में मुझे चाहने के लिए मजबूर कर दूंगी।" टिया ने मोहक स्वर में कहा।

देव बिलकुल भी उसके झांसे में आने के मूड में नहीं लग रहा था। लेकिन टिया भी हार मानने के मूड में नहीं लग रही थी।

टिया ने बिना वक्त गवाए देव के पैंट की ज़िप खोलने के लिए हाथ बढ़ा दिया।















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(स्टोरी पढ़ने के लिए धन्यवाद)










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