फूल बना हथियार - 16 S Bhagyam Sharma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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फूल बना हथियार - 16

अध्याय 16

"आप क्या कह रहे हैं अंकल.... यामिनी के साथ तीनों लड़कियां गायब है....?" अक्षय के पूछते ही डरे हुए चेहरे से परशुराम ने सिर हिलाया।

"वॉचमैन ईश्वर का भी पता नहीं कह रहे हो..… उसी ने ही तीनों का अपहरण कर ले गया होगा। कल रात को ही उसकी एक्टिविटी ठीक नहीं थी..... हम इतने दिनों से एक गलत आदमी पर विश्वास करके नौकरी पर रखे हुए थे।"

"परशुराम अगल-बगल देखकर आवाज को नीची करके "अभी क्या करें अक्षय...? वह ईश्वर किस उद्देश्य से तीनों लड़कियों को लेकर गया है पता नहीं...?"

"और किस लिए.... रुपयों के लिए...! हम वैसे भी पुलिस में नहीं जाएंगे उसे मालूम है। डॉक्टर उत्तम रामन अंकल को फोन करके कह दिया?"

"अभी नहीं... उन्हें फोन किया। हॉस्पिटल की ड्यूटी डॉक्टर ने ही फोन अटेंड किया। डॉक्टर उत्तम रामन ऑपरेशन थिएटर में हैं तीन घंटे बाद ही फोन करने को कहा। परशुराम के बोलते वक्त ही उनके मोबाइल की घंटी बजी।

निकाल कर कौन है देखा।

फोन के डिस्प्ले में उत्तम रामन का नाम चमका। परशुराम घबराकर बोले।

"डॉक्टर! मैं ही आपको कोंटेक्ट करने की सोच रहा था... आप ही लाइन में आ गए..."

"ड्यूटी डॉक्टर अभी बताया आपने फोन किया था। क्या बात है परशुराम?"

धीमी आवाज में चारों तरफ देखकर बोले।

"पास में कोई खड़ा तो नहीं है?"

"नहीं.... क्यों.... क्या बात है... कोई समस्या?"

"समस्या हो तो कोई बात नहीं डॉक्टर। यह तो हमने सोचा नहीं ऐसा एक विपरीत बात हो गई। वह ईश्वर पड़पई पन्नई के घर से तीन लड़कियों को भगा ले गया।"

"क्या कह रहे हो परशुराम....?"

"सच ही कह रहा हूं.... आज सुबह पड़पई पन्नैई के घर पर गया था। वहां कोई नहीं था। वह बंगला खाली पड़ा था...."

डॉक्टर उत्तम रामन दूसरी तरफ बिल्कुल मौन रहे। परशुराम जी ने पूछा।

"क्या हुआ डॉक्टर...! बोल नहीं रहे हो"

"मुझे तो ऐसा लगता है कि यह ईश्वर का काम नहीं है।"

"फिर?"

"यामिनी का काम है..…"

"डॉक्टर! आप क्या कर रहे हैं...? यामिनी को दिया हुआ बेहोशी का इंजेक्शन साधारण नहीं था। न्यूरो-टी-एक्टिव इंजेक्शन था। उस इंजेक्शन को लगाओ तो 48 घंटे तक अपना होश नहीं होता है ऐसे आपने ही तो कहा था.... वैसे अपना होश आ भी जाएं तो उठ कर खड़े होकर चलने में ठीक एक दिन लगेगा आपने ही तो कहा था!"

"मे.. बी...! ऐसी स्थिति सब लोगों को होगा ऐसा बोल नहीं सकते। यामिनी जैसे दृढ मानसिकता वाले लड़कियों को ऐसे बेहोश करने वाले बातों को हजम करके विश्वरूप लेना भी संभव है…..!"

परशुराम चिड़चिड़े हुए। आपको बात करने दिया तो आप उसके लिए सम्मान का एक महोत्सव ही बना दोगे लगता है....?"

"यह देखो मिस्टर परशुराम... इस जमाने में हमें किसी को अंडरस्टीमेट नहीं करना चाहिए। एक समस्या के सभी कोणों से हमें विचार करके देखना चाहिए। सामान्यतया पत्रकारों में दबकर फिर झपट्टा मारने का गुण होता है......"

"स्थिति के सीरियस होकर हम फंस जाएं उसके पहले हमें कुछ करना चाहिए... डॉक्टर...."

"क्यों डर रहे हो परशुराम..? अक्षय के अप्पा अपने प्रोजेक्ट में जबतक हैं तब तक हमें डरने की जरूरत नहीं। वे आज दिल्ली से दोपहर के फ्लाइट से आ जाएंगे?"

"वह विश्वास मन के अंदर है इसीलिए कुछ हिम्मत से चल फिर पा रहा हूँ !" परशुराम मोबाइल से बात कर ही रहे थे अक्षय ने उनके कंधे को पकड़ा।

"अंकल!"

"क्या है?"

"डॉक्टर उमैयाल आ रही हैं...! मोबाइल को बंद कर दीजिए....!"

परशुराम ने मोबाइल को बंद किया। डॉक्टर उमैयाल सफेद कोट में दोनों हाथों को डाले हुए उनके सामने आकर खड़ी हुई।

"क्या बात है अक्षय.... बहुत देर से तुम दोनों बरामदे में खड़े होकर किसी के बारे में डिस्कस कर रहे हो.... क्या समस्या है?"

"आय्यो आंटी.... आप छोड़ोगी नहीं? परशुराम अंकल को फाइनेंस समस्या है उन्होंने एक बड़ी रकम मुझसे उधार मांगा। मैं अप्पा से पूछ कर बोलूंगा ऐसा उन्हें कन्वींस किया।"

"ठीक... ठीक.... पहले जाकर अम्मा को देखो....!"

"बिल्कुल...!" सिर को हिला कर अक्षय का मोबाइल बजा तो उमैयाल खड़ी हो गई।

"अक्षय...!"

"आंटी...!"

"उस प्रेस रिपोर्टर लड़की यामिनी का मैटर एक बड़ी समस्या में बदलेगा लग रहा है ।"

"क्या बोल रही हो आंटी…...?"

"पांच मिनट पहले मेरे रूम में जो टीवी है उसमें न्यूज़ देखा। लड़की गायब। पत्रिका संसार में उबाल ऐसा न्यूज़ आ रहा था।"

परशुराम और अक्षय डर से एक क्षण के कम समय में एक दूसरे को देखा।

"न्यूज़ में और क्या बोला आंटी....?"

"अन्याय के विरुद्ध साहस से कदम उठाने वाली लड़की है वह यामिनी। भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को निशाना बनाती थी। कल दोपहर को दो भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को देखने के लिए अपने स्कूटी से उनका पीछा किया.... उसको एस.एम.एस. के द्वारा अपनापन संस्था के प्रमुख को यामिनी ने बताया। उसके बाद यामिनी के पास से कोई सूचना नहीं मिली। यामिनी जिस को फॉलो कर के जा रही थी वह कौन है यह बात पता नहीं। पी.टी.जी. आठ संवाददाता अनशन करने वाले हैं....."

अक्षय अपनी भावनाओं को कंट्रोल करते हुए जबरदस्ती मुस्कराया।

"अहंकारी और घमंडी लड़कियों का ऐसा ही एक अंत होता है। मुझे कैसे उसने घृणा से विरोध किया....?"

"नो अक्षय...! यामिनी ने तुमसे जैसे व्यवहार किया उसमें उसकी कोई गलती नहीं थी। तुमने उससे शादी करने की इच्छा जाहिर की; उसने मना कर दिया। इतनी सी तो बात है?"

"क्या आंटी.... आप ने पाला बदल लिया...?"

"मैंने पाला नहीं बदला अक्षय.... कल उसने जैसे बात की उसका तरीका ठीक नहीं था। परंतु उसने जो शब्द उपयोग में लाए वह सही था। तुम भी थोड़ा धैर्य से सोच कर देखो...."

"डॉक्टर उमैयाल बोलते हुए चलकर जाने लगी तो अक्षय ने परशुराम को लाल आंखों से देखा। आवाज को नीची की।

"अंकल! हमने जो सोचा स्थिति उससे भी ज्यादा खराब हो रही है..... हमें तुरंत कुछ करके गायब हुए यामिनी और दूसरी दो लड़कियों को ढूंढना ही पड़ेगा।"

"क्या करें तुम ही बोलो!" परशुराम कह रहे थे उसी समय अक्षय का मोबाइल बजा।

निकालकर देखा।

व्हाट्सएप में मैसेज आया हुआ था वह चमक रहा था। अक्षय व्यू ऑब्जरवेशन में जाकर क्लिक किया तो एक फोटो आया।

अक्षय और परशुराम दोनों उस फोटो को देखकर बहुत ज्यादा अधीर होकर एक दूसरे को देखने लगे।

वह यामिनी की फोटो थी।

यामिनी एक कुर्सी पर थकी बैठी हुई थी हाथ में एक गिलास के साथ उसकी फोटो थी।

अक्षय घबरा गया।

"अंकल किसी ने यामिनी की फोटो को व्हाट्सएप में भेजा है. उसके नीचे रिकॉर्डिंग में मैसेज है..."

"उसे ऑन करो!"

अक्षय वॉइस रिकॉर्डिंग को प्ले किया। पड़पई पन्नैई के घर में कैद किए हुए यामिनी के साथ दो और लड़कियां गायब। ईश्वर वॉचमैन भी गायब है । समाचार को जानने के बाद परशुराम, अक्षय, डॉक्टर उत्तम रामन तीनों घबराए।

"अभी विस्तार से समाचार। आज सुबह पड़पई पन्नैई बंगले में हमेशा की तरह परशुराम वहां पर कैद किए यामिनी और दो लड़कियों के नाम मिलने से आश्चर्यचकित हुए। वॉचमैन ईश्वर से उसके बारे में पूछने के लिए देखा तो ईश्वर भी गायब था। घबराए हुए परशुराम, अक्षय डॉक्टर उत्तम रामन तो बताने के लिए चले गए। आगे क्या करना चाहिए ना मालूम होने से परेशान हो रहे थे। आज दोपहर को टेलीफोन से चेन्नई आने वाले कोदंडन का इंतजार कर रहे हैं।

आवाज बंद हो गई परशुराम कांपते हुए अक्षय के हाथ को पकड़ा।

"अक्षय....!"

"अंकल....! कोई चेहरा ना दिखाकर हमसे कोई खेल, खेल रहा हैं। वह किस नंबर से बात कर रहा है देखें....." अक्षय घबराते हुए, कोंटेक्ट के ऑप्शन पर जाकर कॉल सेंटर शब्द आए क्लिक किया दूसरी तरफ से रिंग जा रही थी और किसी ने उठाया।

अक्षय धीरे से बोला।

"हेलो...!"

दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज में हंसी सुनाई दी।

"क्यों अक्षय...! व्हाट्सएप फोटो को देखा क्या....?"

अक्षय आवाज को ध्यान से सुन कर पहचानने की कोशिश करने लगा, पर वह कभी न सुनने वाली नई आवाज थी।

मैं कौन हूं सोच रहे हो क्या....? तुम तीन शिफ्ट में काम करके 24 घंटे सोचोगे तो भी मैं कौन हूं तुमसे क्या तुम्हारे पार्टनर लोग भी नहीं ढूंढ सकते। तुम हाई सोफिस्टिकेटेड हो तो मैं कुछ लोकल पुलिस को पसंद नहीं आने वाला हूं!"

"ठीक है... क्यों चार लोगों को किडनैप किया?"

"धंधा किए बिना तीनो टाइम खाना कैसे खाएं?"

"धंधा?"

"हां.... किडनैप करना भी एक धंधा ही तो है? आप बड़े पैमाने पर करते हो..... मैं छोटे पैमाने पर करता हूं।"

"अभी तुम्हें क्या चाहिए?"

"अच्छे दाम चाहिए..."

"कितने रुपए चाहिए बोलो...?"

"फोन पर सौदा नहीं.... प्रत्यक्ष में आना पड़ेगा।"

"कहां आना पड़ेगा।"

"नंगवेलूर तिल्लैय गंगानगर मालूम है?"

"मालूम है!"

"वहां एक पुराना चर्च है.... वहां आना पड़ेगा। ठीक रात 11:00 बजे बातचीत शुरू। 11:05 के अंदर बातचीत खत्म.... उसके बाद एक क्षण भी ज्यादा हो तो मेरे पास जो चार जने हैं वे पुलिस स्टेशन में बैठकर बयान दे रहे होंगे....!"

अक्षय के रीड की हड्डी तक जमने लगी।